सुबह जब मेरी आँख खुली तो क्या टाइम हुआ है पता नहीं चल पा रहा था
खिड़कियों मैं लगे भारी पर्दों की वजह से बाहर की रोशनी पूरी तरह रुकी हुयी थी और एक की वजह से कमरे मैं रात जैसी हल्की सर्दी बनी हुयी थी
मुझे हल्की सी ठण्ड लग रही थी और थोड़ी सु सु आ रही थी इस लिए मैं बिस्तर से निकली और एक बंद करने के लिए खड़ी हुयी ऐसा करते ही ढेर सार वीर्य मेरी चूत मैं से निकल कर मेरी जाँघों पर बह निकला यह रोहन का वीर्य था, रोहन १०-१५ दिन बाद मेरे पास आता था और रात भर मैं और इतना वीर्य निकालता की मुझे लगता उस के अंदर सफ़ेद पानी की झील बनी हुयी है
मैं उसी हालत मैं बाथरूम मैं गयी। बाथरूम गीला था, यहीं हमने पहले मूत्र स्नान का खेल खेला था और फिर साथ साथ नहाए थे
सु सु कर के मैं वापिस बिस्तर मैं आ घुसी। उठने की कोई जल्दी नहीं थी। पूरा दिन अपने पास था क्यूंकि अगला ग्राहक रात ९ बजे से पहले तो आने वाला नहीं था
लेटे हुए मैं सोचने लगी पिछले दो साल मैं सब कुछ कितना बदल गया तब हम रेलवे लाइन के किनारे एक झुग्गी मैं रहते थे पिता जी एक फैक्ट्री मैं काम करते थे और माँ घरों मैं जा कर बर्तन झाड़ू का काम करती थी हम दोनों भाई बहन पढ़ाई के नाम पर सरकारी स्कूल मैं नाम लिखवाया हुआ था स्कूल जाते तो जरूर थे मगर वहाँ पढ़ाई काम मार पीट ऊधम ज्यादा होता था स्कूल के गेट पर ही आवारा लड़के खड़े रहते थे जो आती जाती लड़कियों को घूरते थे और गंदे इशारे भी करते थे क्यों की हम लोग गरीब थे इस लिए यह सब चुप चाप सहना पड़ता था
फिर अचानक पिता जी का फैक्ट्री मैं एक एक्सीडेंट मैं देहांत हो गया फैक्ट्री के मालिक ने झूठा केस बन दिया की पिताजी ने शराब पी और शराब के नशे मैं एक्सीडेंट हुआ इस लिए उन की मौत का कोई हर्ज़ाना नहीं मिला बुआ और कुछ रिश्तेदारों ने पैसे दिए जिस से पिता जी की अंतिम क्रिया वगैरह हो गयी मगर उस के बाद हमारे पास माँ की आमदनी को छोड़ कुछ नहीं था। माँ ने हमें स्कूल से निकलवा लिया मगर खर्चों की बहुत तंगी थी
तब बुआ का हमारे घर आना जाना बढ़ गया। मम्मी से बहुत बहुत देर उन की बात हुयी। उस के कुछ दिन बाद हम एक अच्छी कॉलोनी मैं एक अच्छे फ्लैट मैं शिफ्ट हो गए मम्मी ने बताया की यह फ्लैट बुआ का है और हमें रहने के लिए दिया है
नए घर मैं आते ही हम लोगों की हालत अच्छी होती चली गयी पहले मम्मी के पास मोबाइल आया फिर उन्होंने अच्छे कपडे पहनने शुरू कर दिए और घर मैं कोई कमी होती तो बुआ उस को पूरा कर देती। यहां मम्मी से मिलने कई लोग आते थे मम्मी उन के साथ कमरा बंद करके कुछ काम करती थी और उस वक़्त हमें बिलकुल चुपचाप रहना होता था, मुझे उस वक़्त मम्मी का मोबाइल फ़ोन भी मिल जाता जिस पर मैं गेम्स खेलती रहती। भैया थोड़ा ज्यादा व्यस्त रहता वह मम्मी के गेस्ट्स को लेने छोड़ने भी और मम्मी के पैसे वगरह का हिसाब रखता मैं देख रही थी कई बार मम्मी के गेस्ट्स उस को ही पैसे दे कर चले जाते थे , कई बार बुआ भी उस को पैसे देती . मम्मी से हम जो मांग करते ज्यादातर पूरी कर देती यह देख कर मुझे थोड़ा लगा था पहले तो हम लोग हर छोटी चीज़ के लिए तरसते थे और घर मैं झगडे होते थे पर अब सब ठीक हो गया था
इसी उत्सुकता ने मुझे सोचने पर मज़बूर किया की मम्मी क्या काम करती हैं ? और इस लिए मैं उन पर थोड़ा नज़र रखने लगी
एक दिन मैं ने छुप कर माँ के कमरे मैं देखा, मैं तो देखते ही हैरान रह गई , माँ उस आदमी की गोद मैं पूरी नंगी हो कर बैठी हुयी थी और वह भी पूरा नंगा था , उस ने माँ के बड़े बड़े पपीते जैसे ढूढ़ अपने मुंह मैं डाला हुआ था मेरे शरीर मैं झुर झूरी होने लगी और मुझे उन का ये खेल अच्छा लग रहा था मैं समझ गयी की हमारे घर के हालात कैसे बदले माँ अपना शरीर बेचना शुरू कर दिया था मुझे इस मैं कोई बुरा नहीं लगा पिताजी के रहते हम लोगों के जो हाल थे उन के और भी जाते और उस सब से क्या मिलता ? माँ जवान थी देखने मैं सुन्दर भी थी अगर इस सब से कुछ फायदा कमा सकते हैं तो क्या बुरा है
मैं उन के खेल को छुप कर देखने लगी दोनों सेक्स के एक्सपर्ट खिलाड़ी की तरह लगे हुए थे माँ ने उस का लण्ड चूसा और फिर उस ने माँ की चूत चाटी मैं देख रही थी इस मैं माँ को खूब मजा भी आ रहा था इधर मैं भी खूब गरम हो चली थी और अपनी स्कर्ट उठा कर अपनी चूत मैं उंगली करने लगी थी जब माँ ने अपनी टाँगे फैला कर उस मेहमान का लण्ड अपनी चूत मैं उतारा तब तो मेरी जान ही निकल गयी उन दोनों ने कई आसान बदल कर चुदाई की
अगले दिन भी मैं ने माँ के कमरे मैं छुप कर देखा आज ग्राहक दूसरा था माँ उस मैं उतनी दिलचस्पी नहीं ले रही थी और थोड़ी चूमा चाटी के बाद मान नीचे लेट गयी और उस का लण्ड अपने अंदर ले लिया इस ग्राहक ने माँ को थोड़ी देर पेला इस बीच ऐसा लग रहा था माँ इस चुदाई का पूरा मजा ले रही हैं वह चूतड़ उचका उचका कर ग्राहक को और तेजी से पेलने के लिए उत्साहित कर यही थी थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा और फिर वह ग्राहक शांत हो गया माँ ने उठ कर अपने अंग साफ़ किये, दोनों ने कपडे पहन लिए फिर वह ग्राहक भी वहाँ से चला गया और जाते जाते माँ को हज़ार हज़ार के दो नोट दे गया
अब मुझे समझ आ गया , मेरी माँ ने शरीर बेचने शुरू कर दिया था। मुझे यह बिलकुल बुरा नहें लगा गरीबी मैं जीने से अच्छा है जो चीज़ अपने पास है उस को बेच कर आराम की ज़िंदगी जी ली जाए
फिर एक दिन जब मैं माँ और जगन अंकल की चुदाई देख देख कर अपनी चूत मैं उंगली कर रही थी तब मैं ने अपनी कमर पर किसी के हाथ महसूस किये यह भाई के हाथ थे यानी भाई ने मुझे यह देखते हुए देख लिया पर कोई नाराज़ नहीं हुआ भाई ने मुझे अपने कमरे मैं ले जा कर बताया की बुआ के कहने पर माँ ने यह धंधा शुरू किया था और अब सब ठीक चलने लगा है माँ के लिए ग्राहक लाना और ऐसे वसूल करना भाई का काम है भाई सब ग्राहकों के नंबर वगैरह होते हैं
यह सब सुन सुन कर मैं गरम हो गयी और भाई के लण्ड को रगड़ रही थी और भाई से चिपक रही थी भाई भी इस का पूरा मजा ले रहा था
उस के बाद मेरी और भई की आपस की शर्म खत्म हो गयी दुसरे के सामने पूरा नंगा भी घुमते रहते और एक दुसरे के अंगों से खेल कर खूब मजे लेते भाई ने मुझे मर्द के लैंड को रगड कर मूठ मारना और चूस कर माल निकालना सिखाया उन्होंने चुदाई की कई फोटो भी देखाई मैं उन से कई बार बोली के वह मुझे चुदाई का मजा दें मगर वह मुझे सब कुछ कर लेता पर चुदाई नहीं की जब मैं ज्यादा ज़िद करने लगी तो उस ने बताया की वह मुझे चोदेगा जरूर मगर पहली चुदाई किसी और से होगी क्यों की इस बाजार मैं पहली चुदाई (जिस को लड़की की नथ उतारना बोला जाता है खूब पैसे मिलते हैं ) और माँ, बुआ और वह खुद भी इतना नुक्सान नहीं होने देना चाहते इस से मुझे थोड़ी निराशा जरूर हुयी पर मैं ने अपने आप को समझा लिए की इस परिवार के लिए इतना करना पड़ेगा मैं भाई का लण्ड से अपनी सील तुड़वाना चाहती थी मगर एक लाख का नुक्सान भी नहीं होने देना चाहती थी
भाई ने मुझे बताया की माँ और बुआ दोनों उस से चुदाई करवा लेती हैं और जब मैं धंधे पर आ जाऊंगी तब उस के पास चोदने के लिए एक और चूत हो जाएगी और उस को कभी शादी नहीं करनी है तभी मैं ने भी सोच लिया मुझे भी शादी नहीं करनी है
इस सब माहौल मैं मेरे शरीर की गर्मी बढ़ती जा रही थी भाई कभी कभी मेरी चूत चाट कर मुझे शांत करता था और कभी कभी मैं उंगली से या बाथरूम के नल के पानी की धार से अपने आप को मजा देती थी मगर भाई को डर था की मैं अपनी चूत मैं कुछ गलत चीज़ न घुसा लूँ जिस से मेरी झिल्ली फैट सकती थी उस ने मुझे ऐसा करने के लिए मना किया हुआ था। भाई ने यह बात माँ और बुआ को बता रखी थी इस लिए इन तीनों ने मेरी नाथ उतारने के लिए ग्राहक तलाशना तेज कर दिया
फिर एक दिन भाई ने बताया की उन्हें इस काम के लिए एक अच्छा ग्राहक मिल गया है वह मेरी नाथ उतारने के एक लाख रुपये देने को तैयार था मगर शर्त यह थी की मैं पूरी तरह कोरी होनी चाहिए और अगर चुदाई मैं मेरी चूत से खून नहीं निकला तो वह कुछ भी नहीं देगा मैं अब और सावधान हो गयी मेरी जरा सी गलती से एक लाख रुपये का नुक्सान हो सकता था
फिर मुझे धन्धे मैं उतारने की पूरी तयारी की गयी मेरी चूत , टांगों और बाहों से बाल हटाए गए और हल्दी से उबटन की गयी , बुआ ने मुझे चुदाई के सभी गुर सिख दिए जिस से मर्द खुश होते हैं एक कमरा अच्छे से सजाया गया मैं एक सेक्सी सी नाइटी मैं उस कमरे मैं बैठा दी गयी उस के बाद भाई उस सेठ को कमरे मैं ले कर आया उस ने खूब शराब पी रखी थी
सेठ ने मेरे कपडे उतार डाले मैं ने उस की लुंगी खोल कर कच्चा उतारा और लुंड को सहलाती रही फिर सेठ मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गया और उस का काला लण्ड मेरी चूत की तरफ बढ़ चला मगर तभी उस के लण्ड मैं हरकत हुयी और पिचकारी की तरह माल बहने लगा और लण्ड ढीला पड़ने लगा थोड़ी देर मैं सेठ ने एक गोली खाई तब उस के लण्ड मैं फिर से थोड़ा तनाव आया मैं उस को खींच कर अपनी टांगों मैं लिया और उहहह आह करने लगी। सेठ थोड़ी देर अपने लण्ड को मेरी योनी के होंठों पर रगड़ता रहा मैं इसी बीच रोने का नाटक करने लगी जिस से सेठ को लगे की उस का लण्ड मेरी चूत मैं प्रवेश कर चुका है। फिर दुबारा वही हुआ सेठ खलास हो गया और मुझे जकड कर सो गया
थोड़ी देर मैं भाई बुआ और माँ चुपके से कमरे मैं आये मैं ने उन को धीरे से बता दिया की
बुआ ने भाई को बोला वह मेरे साथ सेक्स करे और मेरी छूट फाड़ डाले
फिर भाई ने माँ और बुआ के वहीं रहते भाई ने मुझे चोदा। भाई का लण्ड खूब मोटा था मुझे खूब दर्द हुयी पर माँ और बुआ पास मैं थी इस लिए हिम्मत बंधी रही और हम दोनों ने पूरी चुदाई की। मुझे यह भी संतोष तह की मेरी इच्छा के अनुसार मेरी पहली चुदाई भाई से ही हुयी जिस के साथ मैं ज़िंदगी भर रहने वाली हूँ मेरी चूत फटने से खून निकला और चादर पर बड़ा सा खून का धब्बा बन गया
सुबह वह चादर सेठ को दिखा दी जिस से वह बहुत खुश हुआ और खुशी खुशी एक लाख रूपए माँ को दे गया
अगले दिन मैं ने और भाई ने बुआ और माँ को बता दिया की हम दोनों जीवन भर एक दुसरे के हो कर रहना चाहते हैं और शादी नहीं करेंगे बुआ इस पर दोनों बहुत खुश हुईं और मेरे कहने पर उसी रात भाई से मेरी सुहाग रात मनाने के लिए तैयार हो गयीं
फिर मेरा कमरा फूलों से सजाया गया मुझे शादी का जोड़ा पहनाया गया भाई ने भी शादी की शेरवानी पहनी और बुआ और माँ के सामने मेरी मांग भरी उस के बाद हम ने हँसते हँसते माँ और बुआ को कमरे से बहार किया और कमरे मैं बस मैं और मेरा भाई ही थे और हमें पूरी आज़ादी थी
कमरा बंद होते ही भाई ने मुझे अपनी बाहों मैं ले लिया और हम दोनों एक दुसरे को चूमने लगे धीरे धीरे हम दोनों की जीभें एक दुसरे की जीभों को टटोल रही थी और भाई के हाथ मेरी चूत को सहला रहे थे भाई ने मुझ से पूछा की क्या मैं इस हसीं रात की कुछ यादगार फोटो रखना चऊँगी ? मैं खुश हो गयी और हम ने कई सारी फोटो खींची जिन मैं हम पूरी तरह नंगे थे उस रात हम दोनों ने छह बार चुदाई करी मैं ने भाई को और उस ने मुझे पूरे मजे करवाए
इस सब के बाद हम लोग और खुश रहने लगे। रात को देर तक काम वजह से सब देर से उठते, नहाने और सफाई के बाद सब मिल बैठ कर लंच करते उस के बाद एक ही कमरे मैं आराम करते इस समय जिस का मन होता भाई से चुदाई करवाती और फिर चाय तक भाई हमें बता देता की आज कौन ग्राहक किस के लिए बुलाया जा रहा है ज्यादातर ग्राहक पुराने और रेगुलर ग्राहक थे जिन की आदतें और जरूरतें हमें पता ही थी इस लिए कोई मुश्किल नहीं आती थी कभी कभी मुझे वी आयी पी ग्राहक जैसे मंत्री या नेता के पास भेजा जाता था जिस के लिए ख़ास तयारी होती थी और ज्यादा ध्यान रखना पड़ता था इन सब मैं भाई मेरे साथ ही जाता और पूरा ध्यान रखता
मंत्री लोग तो लण्ड चूत की चुदाई से ज्यादा नयी हरकतों से खुश होते थी जैसे उन का लण्ड को चूसना और माल पी जाना उन के मूत्र से स्नान, नंगे हो के डांस करना , गांड मरवाना वगैरह वगरैह एक मंत्री जी ने मुझ से अपनी झाँटें शेव करवाते हैं कुछ लोगों को चूत को अच्छे से देखने की इच्छा रहते हैं ऐसे लोगों के लिए हम जैसी रंडियाँ बहुत सही हैं और पूरे मजे से चूत को दिखा देती हैं और समझा भी देती हैं की क्या कहाँ होता। बहुत से लोगों को यह अपनी बीवी से नसीब नहीं होता
कभी कभी विदेशी ग्राहक भी होते हैं इन मैं पैसा तो बहुत अच्छा मिलता है पर इन के साथ विशेष सावधानी रखनी पड़ती थे क्यों की इन लोगों के पास तरह तरह की दवाइयां होती हैं जिन को खा कर यह घंटों चुदाई कर सकते हैं और इन मैं से कुछ को गांड मारना या फिर कष्ट दे कर सेक्स करना ही अच्छा लगता है, भाई खुद तो विदेशी ग्राहक लेता ही नहीं पर कभी कभी किसी बड़े सौदे मैं विदेशी पार्टी को को खुश करे के लिए जाना पड़ता है। मेरी गांड की पहली चुदाई ऐसे ही एक जर्मन ग्राहक से हुयी। मुझे उस के साथ दो रात के लिए आगरा जाना था और उस ने मेरी चूत को हाथ तक नहीं लगाया मगर अपने मोटे और लम्बे लण्ड से मेरी गांड फाड़ डाली दो दिन मेरे साथ बिता कर वह इतना खुश हुआ की अभी भी स्काइप पर मुझ से चैटिंग करता है (पूरा नंगी हो कर ) और इस चैटिंग के हर मिनट का बीस रुपया ईमानदारी से देता हैसुबह जब मेरी आँख खुली तो क्या टाइम हुआ है पता नहीं चल पा रहा था
कमरा बंद होते ही भाई ने मुझे अपनी बाहों मैं ले लिया और हम दोनों एक दुसरे को चूमने लगे धीरे धीरे हम दोनों की जीभें एक दुसरे की जीभों को टटोल रही थी और भाई के हाथ मेरी चूत को सहला रहे थे भाई ने मुझ से पूछा की क्या मैं इस हसीं रात की कुछ यादगार फोटो रखना चऊँगी ? मैं खुश हो गयी और हम ने कई सारी फोटो खींची जिन मैं हम पूरी तरह नंगे थे उस रात हम दोनों ने छह बार चुदाई करी मैं ने भाई को और उस ने मुझे पूरे मजे करवाए
इस सब के बाद हम लोग और खुश रहने लगे। रात को देर तक काम वजह से सब देर से उठते, नहाने और सफाई के बाद सब मिल बैठ कर लंच करते उस के बाद एक ही कमरे मैं आराम करते इस समय जिस का मन होता भाई से चुदाई करवाती और फिर चाय तक भाई हमें बता देता की आज कौन ग्राहक किस के लिए बुलाया जा रहा है ज्यादातर ग्राहक पुराने और रेगुलर ग्राहक थे जिन की आदतें और जरूरतें हमें पता ही थी इस लिए कोई मुश्किल नहीं आती थी कभी कभी मुझे वी आयी पी ग्राहक जैसे मंत्री या नेता के पास भेजा जाता था जिस के लिए ख़ास तयारी होती थी और ज्यादा ध्यान रखना पड़ता था इन सब मैं भाई मेरे साथ ही जाता और पूरा ध्यान रखता
मंत्री लोग तो लण्ड चूत की चुदाई से ज्यादा नयी हरकतों से खुश होते थी जैसे उन का लण्ड को चूसना और माल पी जाना उन के मूत्र से स्नान, नंगे हो के डांस करना , गांड मरवाना वगैरह वगरैह एक मंत्री जी ने मुझ से अपनी झाँटें शेव करवाते हैं कुछ लोगों को चूत को अच्छे से देखने की इच्छा रहते हैं ऐसे लोगों के लिए हम जैसी रंडियाँ बहुत सही हैं और पूरे मजे से चूत को दिखा देती हैं और समझा भी देती हैं की क्या कहाँ होता। बहुत से लोगों को यह अपनी बीवी से नसीब नहीं होता
कभी कभी विदेशी ग्राहक भी होते हैं इन मैं पैसा तो बहुत अच्छा मिलता है पर इन के साथ विशेष सावधानी रखनी पड़ती थे क्यों की इन लोगों के पास तरह तरह की दवाइयां होती हैं जिन को खा कर यह घंटों चुदाई कर सकते हैं और इन मैं से कुछ को गांड मारना या फिर कष्ट दे कर सेक्स करना ही अच्छा लगता है, भाई खुद तो विदेशी ग्राहक लेता ही नहीं पर कभी कभी किसी बड़े सौदे मैं विदेशी पार्टी को को खुश करे के लिए जाना पड़ता है। मेरी गांड की पहली चुदाई ऐसे ही एक जर्मन ग्राहक से हुयी। मुझे उस के साथ दो रात के लिए आगरा जाना था और उस ने मेरी चूत को हाथ तक नहीं लगाया मगर अपने मोटे और लम्बे लण्ड से मेरी गांड फाड़ डाली दो दिन मेरे साथ बिता कर वह इतना खुश हुआ की अभी भी स्काइप पर मुझ से चैटिंग करता है (पूरा नंगी हो कर ) और इस चैटिंग के हर मिनट का बीस रुपया ईमानदारी से देता है