मेरा नाम संगीता है और मैं एक आर्मी अफसर की बीवी हूँ.
मर्दों की आँखों मैं रहना मुझे हमेशा से अच्छा लगता था, शादी ब्याह के समय एक साथ कई मर्दों को रिझाने का मौका मिल जाता है इस लिए इन अवसरों की अच्छे से तैयारी करती हूँ. शादी के हर फंक्शन के लिए कपडे लेटेस्ट फैशन के होने चाहिये और उस से मैचिंग झुमके, बिंदी, लिपस्टिक आई शेड , चप्पल वगेरह वगेरह, सही हे हेयर कलर और वैक्सिंग कर के शर्रेर के हर हिस्से के अनचाहे बाल हटवाती थी जिस से चिकनी चिकनी पर मर्दों की नजर फिसले
फंक्शन से पहले खूब समय लगा कर तैयार होती हूँ, साड़ी खूब नीचे बाँध्ती हूँ जिस से मेरी कमर और सपाट पेट सब को दिखे। स्लीवलेस और बैकलेस ब्लाउज होने के कारण ब्लाउज शरीर को ढांकता कम और दिखाता ज्यादा था
अभिषेक (असली नाम बदला हुआ ) की शादी मैं भी सब वैसा ही था। अभिषेक मेरे पति के दोस्त का बेटा था । संगीत का दिन था हमेशा की तरह सभी मर्दों की नज़र मेरे ऊपर थी। हर मर्द जीभ लपलपा रहा था और लपलपाती निगाहें मेरे चूचियों नजरें रुक जाती . मेरे चूतड़ों को देख कर थी न जाने कितने लण्ड फनफना रहे थे और पैंट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहे थे
मुझे यह सब अच्छा लगा रहा था और मेरी चूत भी थोड़ी गीली गीली सी होने लगी थी
दूल्हे के जीजा तो मेरे आगे पीछे ही डोल रहे थे। मुझे मजा आ रहा था। काफी बांका सजीला मर्द था, लंबी काली मूंछे चौडी छाती ऊंचा कद । पराये मर्द से सेक्स मेरे लिए कोई नयी बात नहीं थी , मैं और मेरे पति सेक्स को मामले मैं खुले विचारों के थे। मैं अगर किसी मर्द के साथ जाती तो उन को पूरा किस्सा सुना देती और वह भी अपने सारे काण्ड मुझे डिटेल से बताते इस से हमारी अपने सेक्स लाइफ मैं और ज्यादा रंगीनी आ जाती थी
दूल्हे के जीजा को देख कर मुझे लग रहा था इस शादी का असली मजा इस के साथ लिया जा सकता है
इन्ही ख्यालों के बीच मेरी चूत और ज्यादा गीली होती चली गयी और मुझे लगने लगा कुछ समय और बीता तो मुझे पेंटी बदलने जाना पड सकता है
तभी अचानक दूल्हे के जीजा ने सब की नज़र बचा कर एक पर्ची मेरे हाथ मैं थमा दी
मैं ने कोने मैं जा कर उस को पढ़ा तो उस पर लिखा था “प्लीज कमर नंबर 103 मैं आइये न थोड़ी देर को”
मैं कोई बच्ची तो थी नहीं, समझ गयी की उस की तरफ से सेक्स का निमंत्रण था और मुझे मौके का फायदा उठा कर मजा लेना था इस लिए मैं चल दी
कमरे पर पहुँच कर मैं ने हलके से दस्तक दी। “आ जाइए दरवाजा खुला है” अंदर से आवाज आयी”
मैं धड़कते दिल ने अंदर घुसी और मेरे पीछे दरवाजा बंद हो गया
मेरे दिल धड़कने लगा , पराये मर्द से सेक्स पहली बार नहीं थी और मेरे पति को भी मेरे कई संबंधों के बारे मैं पता था और मैं भी उन के लिए कई बार हसीं औरतेँ उन के चुदने के लिए इंतज़ाम कर चुकी थी, मगर मेरे दिल मैं यह चल रहा था की इस बन्दे का मूसल कैसा होगा, उस की चौड़ी छाती और बड़ी बड़ी मूंछों से तो लग रहा था की मस्त मर्द होगा फिर भी दिल सोच रहा था कैसी चुदाई करता होगा वगेरह वगेरह
मगर यह क्या ? कमरे मैं इधर उधर से चार और लोग निकल आये, इस मैं होने वाला दूल्हा भी शामिल था और दो उस के दोस्त होंगे
“वाह जीजा जी खूब चिड़िया फांसी आज तो, मजा आ जाएगा, साली को सारी रात चोदेंगे” यह बबलू की आवाज थी , साला अपनी माँ की उम्र की औरत के लिए लार टपका रहा था
मेरे तो कान लाल हो चले। मैं ने पलट कर वापिस जाने की सोची मगर थी दरवाजे मैं एक तगड़ा वाला दोस्त खड़ा था
“न न , खाली चूत वापिस कैसे जाने देंगे ? पहले अपनी चूत और गांड हमारे माल से भर लो फिर आन्नद से जहां जाना हो जाइये “ कह कर बबलू के दोस्त ने मुझ वापिस धकेल दिया
फिर चारों मेरे मेरे पास आ कर घेरा बना कर खड़े हो गए आये और मेरी साड़ी खींच कर मेरे बदन से अलग कर दी,
“चल रंडी दिखा अपना माल, वहाँ तो बहुत रीझ रही थी अब असली मर्दों को देख कर गांड फटने लगी क्या ?” यह दूल्हे के जीजा जी के शब्द थे . यह कह कर उन्होंने मेरे ब्लाउज मैं हाथ डाला और उस को फाड़ते हुए हटा दिया, अब मैं ब्रा और पेटीकोट मैं थी
हाँ रांड चल हो जा नंगी फ़टाफ़ट “ जिंदगी मैं पहली बार कोई मेरे लिए इस तरह के शब्द का प्रयोग कर रहा था
मैं ने थोड़ी सी झिझक दिखाई तो चटाक से एक थप्पड़ गाल पर पड़ा “कुतिया जल्दी कर हमें ड्रामा नहीं चाहिए”
मेरी आँखों मैं आंसू आ गए
मैं ने जल्दी से ब्रा हटाई। मेरी बाहें मेरी चूचियों पर थी
तभी उन मैं से एक ने मेरे पेटीकोट का नाडा तोड़ कर उस को नीचे गिर जाने दिया
अगले ही क्षण दो तीन हाथ मेरी पैंटी मैं घुस गए और पैंटी नीचे को जाने लगी अब मुझे मजबूर हो कर अपनी चूत को इन चार चार निगाहों से बचाना था इस लिए मेरे हाथ स्वतः ही चूत को ढांकने के लिए नीचे गए पर मैं कब तक बच सकती थी
फिर चटाक से एक थप्पड़ चूतड़ों पर पड़ा और वहाँ लाल निशाँ पड़ गया
“अब जरा ठुमके लगा साली” मैं ने थोड़ा हाथ उठा कर नाचने की कोशिश की। फिर चटाक चटाक दो तीन थप्पड़ मेरे चूतड़ों पर लगे। “गांड भी हिला रंडी “
मुझे समझ नहीं आ रहा था था क्या करून। धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाये जिस से इस मार से बच सकूं मगर इतने से उन्हें मजा नहीं आया और फिर बबलू ने अपनी चप्पल ले कर “चटाक चटाक चूतड़ों पर दे मारी बाकी सब इस को देख देख कर हंस रहे थे
अब दूल्हा मेरी चूत के पास मुंह ले आया और बोला “जीजू इस ने तो चूत चुदने के लिए पूर्री तैयार कर रखीं है, बड़ा मजा आएगा “ और अपना मुंह मेरी छूट के होंठों से सटा दिया और चाटने लगा एक जवान लड़के से चूत चटवाने मैं मुझे अच्छा लग रहा था
बाकी लोग भी रुके नहीं और मेरे ऊपर टूट पड़े
कोई गांड मैं उंगली कर रहा था कोई चूतड़ मसल रहा था किसी को मोम्मे नोचने मैं मजा आरहा था
जीजू माल सच मैं गरम है , “पहले कौन करेगा ? बबलू बोला
“जीजू आप ने फांसी है आप का ही हक़ बनता है पहला तो ! एक दोस्त ने अपनी राय दी
“नहीं आज रात तो पहला चांस दूल्हे मियाँ को मिलना चाहिए अनुभव मिलेगा न “
“हां हां हां। … है है है” सब ताली बजा कर हंसने लगे
दूल्हा आगे बढ़ा और मुझे कारपेट पर पटक दिया
उस ने मेरी टाँगे फैलाई और मुझ पर टूट पड़ा, वहशी की तरह मेरे बूब्स, जांगों पर किसिंग कर रहा था, नोच रहा था और काट रहा था
जीजू बहुत दिनों बाद घरेलू माल मिला है कितने दिन से बस रंडियां ही मिल रही थी, देखो न कितनी चिकनी है साली की जांघें और चूतड़, लगता है माखन से ही नहाती है, चूत को तो चुदाई के लिए पूरा तैयार किया है आज सब मिल कर इस की हसरत पूरी करेंगी
हाँ हाँ जब तक चाहो रगड़ो, कोई पता भी नहीं कर पायेगा कहाँ चुद रही है
फिर उन लोगों ने मेरा मोबाइल ऑफ़ कर दिया
थैंक यू जीजू , जिस तरह इस की चूत रस फेंक रही है उस से तो लगता है यह रंडी भी मजे ले रही है
ठीक है बेटे तू भी मजा ले, कल से तो घर की दाल खानी पड़ेगी
यह सुन कर बबलू मुझे बहुत तेजी से चोदने लगा, उस ने मेरी टाँगे हवा मैं उठा रखी थी और उन्हें पूरी तरह फैला कर अपना लंड मेरी चूत मैं घचा घच पेल रहा था मेरे ऊंची हील के सैंडल अभी भी मेरे पैरों मैं ही थे
लड़का जल्दी ही झड़ने की तरफ जा रहा था “जीजू माल ? कहाँ डालूँ ? “
भर दे साली की भोसड़ी अपने माल से , हो सकता है तेरा बच्चा ले कर जाए यहां से
नहीं जीजू बेटा तो आप का ही होना हचैए इस को कितनी इच्छाएं ले के आप के पीछे आयी थी कुछ तो इनाम बनता है न
सब लोग फिर से हंसने लगे “हाँ यह तो है, जीजू आप के जैसा बेटा मिलेगा तो इस को बाहर जा कर नहीं चुदवाना पड़ेगा , आप का सुपुत्र ही इस की सब इच्छाएं पूरी कर देगा
फिर बबलू ने अपना माल मेरे मुंह पर छिडक दिया , कुछ माल बालों मैं भी भर गया
आओ से समय बचाने के लिए दो दो मिल कर पेलते हैं इस को “बबलू के दोनों दोस्तों ने बोला
उफ़ , मैं तो गांड फाड़ूंगा इस की “ तू चूत पेल
फिर उन दोनों ने मुझे अपने बीच ले लिया और एक ने बड़ी बेरहमी से अपना लंड मेरी गांड के छेद मैं घुस दिया “
आआआह्ह्ह्ह , जैसे ही लुंड के सुपारे ने मेरे छल्ले को पार किया मैं दर्द के मारे तड़फड़ा उठी
और चिल्ला ले रंडी , कोई दया करने वाला नहीं यहां पर
दूल्हे का जीजा मोबाइल पर सब का सब रिकॉर्ड करते जा रहे थे
एक लंड मेरी चूत मैं था और एक गांड मैं , मैं उन दोनों के बीच फांसी हुयी थी और उन्होंने मेरी टाँगे इस तरह उठा राखी थी जिस से रिकॉर्डिंग करते वक्त मेरी दोनों छेदों मैं लैंड आते जाते रिकॉर्ड हो जाएँ
थोड़ी देर ऐसे ही पेलने के बाद दोनों ने अपनी अपनी जगह बदल ली तभी बबलू ने अपना लैंड मेरी मुंह मैं घुस दिया
फिर दोनों ने मुझे कारपेट पर लिटा कर अपना अपना वीर्य मेरे ऊपर छिड़क दिया मेरे सारे शरीर पर अब वीर्य ही वीर्य था इस सब की रिकॉर्डिंग हो रही थी
इन सब के बाद दूल्हे के जीजा ने मुझे अपने बलिष्ठ बाहों मैं उठाया और बिस्तर पर पटक दिया
मुझे बिस्तर पर दाल कर उस ने अपने कपडे उतारने शुरू किये , सब से पहले सीरत और बयान उतारी, उस के पूरी छाती घने बालों से ढकी थी पन्त उतारते ही अंदाज़ हो गया के ससुरे का लंड कितना बड़ा होगा और कच्छ उतरने के बाद मेरी तो सांस ही रुक गयी , आदमी का का लंड था या घोड़े का ? काम से काम 10 इंच लंबा होगाऔर 2 इंच मोटा , “संगीता आज तेरी खैर नहीं” मैं ने सोचा और अगले आधे घंटे मैं वह पूरी तरह सिद्ध हो गया
दूल्हे ने जीजा ने नंगे हो कर आगे बढ़ा और मेरी टाँगे पकड़ कर पूरी फैला दी और अपने कन्धों पर रख ली उस के बाद मुझे चूतड़ों से खींच कर अपने लुंड को मेरी चूत के होंठों से सता दिया और फिर एक ही धक्के मैं पूरा १० इंच का लंड मेरी चूत मैं पेल दिया
आया आआआआ आआआ ओओओओओएईए कर के मैं चिल्ला पडी , दर्द से मैं चटपटा रही थी और शायद एक दो बूँद खून भी मेरी चूत से निकल आया था
इस सब से उस पर बिलकुल भी असर नहीं हुआ और वह घकै घच मेरी चूत पेलने लगा करीब 10 मिनट बाद उस ने पूरी तरह अपनी बाहों मैं उठा लिया और कमरे मैं खड़े हो कर मुझे ऊपर नीचे करके मुझे चोद रहा था , ऐसी चुदाई न मेरी हुयी थी और न कभी सूनी थी करीब 20 मिनट बाद उस ने अपना लंड निकाला और मुझे पलट कर पीठ के बल कर दिया , अब उस का लंड मेरी गांड के छेद पर था पूरा ज़ोर लगाते हुए उस ने अपना मूसल मेरी गांड मैं घुस दिया
दर्द इतनी तीखी थी की मैं चाहने लगी की मैं बेहोश हो जाऊं पर मुझे ऐसी कोई राहत नहीं मिली
जैसे जैसे समय बीत रहा था दर्द थोड़ा कम हुआ , पर यह साफ़ था मेरी गाँड़ और चूत दोनों ही फट चुकी थी
क्यों बच्चो ? कर दें इस को गर्भवती ?
हाँ हाँ जीजू ? आप की निशानी इस के पेट मैं जानी चाहिए
पर वह नहीं जानते थे इस सब के लिए मैं तैयार थी और मेरी गर्भ निरोधल गोलियों की वजह से ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला था , आज के दिन की निशानी बस मेरी फटी छूट और गांड ही होने वालाई थी
फिर उस ने अपने माल की धाराएं मेरी चूत मैं छोड़ दी , माल इतना ज्यादा था था के चूत के बाहर निकल निकल कर बहने लगा
आओ इस को मूत्र स्नान करवाया जाए” यह दूल्हे के जीजू का नया आईडिया था
तब फिर से मुझे गोदी मैं उठाया और बाथरूम मैं ले आये मैं बाथरूम के फर्श पर थी और सब अपना लंड हाथ मैं पकड़ कर मेरे चारों तरफ खड़े हो गए और एक साथ मूतने लगे, मूत्र की चार चार धाराएं मेरे बदन पर गिर रही थी
इस सब के बाद मुझे कपडे पहनने का टाइम दिया, क्यों की मेरे पेटीकोट का नाडा टूट चुका था इस लिए मैं पेटीकेट तो पहन ही नहीं सकती थी जैसे तैसे मैं ने साड़ी लपेटी और भाग कर अपने कमरे मैं आ गयी , मेरे पति कमरे मैं ही थे और बहुत देर से मेरा इंतज़ार कर रहे थे , मेरे मोबाइल मैं उन की १०० मिस्ड कॉल थी
मुझे अपने पति को बताना पड़ा की मेरे साथ क्या हुआ
इतनी बुरी तरह मेरे साथ यह सब करने की वजह से से मेरे पति बहुत नाराज़ हुए और बदला लेने की ठान ली
दूल्हे की बहन का नाम निशा था और वह हम सब से काफी घुल मिल गयी थी। शादी के दिन दूल्हे की बहन पार्लर गयी थी. मेरे पति ने उस को पार्लर ले जाने और वापिस लाने का ज़िम्मा ले लिया
जब वह उस को पार्लर से वापिस ला रहे थे तो उस को होटल मैं अपने कमरे मैं ले गए
शादी की सारी रात मेरे पति ने निशा को चोदा, साली बड़ी चुदकड़ निकली और मेरे पति से मजे ले ले कर कुल मिला कर पांच बार चूत और गांड मरवाई और पूरा नंगी हो कर बड़ा ही सेक्सी डांस किया जिस मैं वह मस्त मस्त चूतड़ हिला रही थी और फिर अपनी दोनों टाँगे फैला कर चूत के छेद को दिखा रही थी और फिर दोनों साथ साथ नहाये और नहाते मैं सेक्स किया। इस से पहले निशा ने मेरे पति का मूत्र गटक गटक कर पिया।
निशा ने यह भी बताया की वह अपने मामा से शादी से पहले से चुद्वाती है और आज कल भी चुदवा रही है और उस की मम्मी यानी दूल्हे की माँ भी अपने भाई से फंसी हुयी है
इस सब का वेडिओ बना कर हमने दूल्हे और उस के जीजू को भेज दिया