मेरी माँ की उम्र 38 साल है और शरीर को अच्छे से मेन्टेन कर के रखा है रोज़ योग करती है, जिम जाती है और देखने मैं मुझ से एक दो साल ही बड़ी ही है
हमारे पिता जी का देहांत हो चुका है कुछ लोग कहते हैं उनकी मौत एक्सीडेंट मैं हुयी कुछ कहते हैं उन्होंने आत्महत्या कर ली थी मगर उन के एक्सीडेंट का हर्ज़ाना और बीमा से हमें एक मोटी रकम मिली जिस मैं हम दोनों खूब मजे से जी सकते हैं। मेरे मामा हमारे साथ रहते हैं और प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हैं
मामा का बदन भी खूब कसरती टाइप का है कोई भी लड़की उन को देख कर उन पे फ़िदा हो इस लिए मेरी माँ और मेरी कोई गलती नहीं, हम दोनों के उन से चुदाई के सम्बन्ध हैं
मम्मी और मामा के सेक्स सम्बन्ध कब से हैं यह उन दोनों को छोड़ कर कोई नहीं जानता मुझे इस का तब पता चला जब पापा की मौत के बाद मम्मी और मैं साथ साथ सोते थे और मम्मी रात को बिस्तर से गायब हो जाती थी। तब मैं बड़ी भी होने लगी थी और आदमी औरत के बीच इस तरह सम्बन्धों का थोड़ा ज्ञान मुझे अपनी सहलिओं से मिलने लगा था
मैं ने देखा की माँ मेरे सो जाने के बाद कमरे से निकल कर जाती है और सुबह होने से पहले वापिस भी आ जाती है यह रोज़ ही होता था इस लिए मैं जानना चाहती थी की मम्मी जाती कहाँ है इस लिए एक दिन मैं ने सोने का बहाना किया और आँखें बंद करके लेटी रही थोड़ी देर मैं माँ उठी और उन्होंने मुझे हिला कर देखा जब उन्हें विस्वास हो गया की मैं गहरी नींद मैं सो गयी हूँ तब वह बाथरूम मैं गयी और वहाँ से एक सेक्सी सी नाइटी पहन कर निकली और कमरे से बाहर चली गयी फिर मैं भी बिस्तर से निकल कर दरवाजे के पास आ गयी और देखा की माँ मामा के कमरे मैं चली गयी और दरवाजा बंद कर लिया साथ ही मुझे अंदर से चिटखनी चढ़ा देने की आवाज भी आयी यह देख कर मेरी उत्सुकता और बढ गयी मैं जान लेना चाहती थी यह दोनों कमरा बंद करके रोज़ रोज़ क्या करते हैं
मामा के कमरे से लगा घर का गेस्टरूम था और गेस्टरूम से एक दरवाजा मामा के कमरे मैं भी खुलता था मगर वह दरवाजा हमेशा बंद ही रहता था और उस के ऊपर गेस्टरूम साइड मैं पर्दा पड़ा रहता था. मेरी सारी उम्मीद उसी दरवाजे से थी मैं चुपचाप जा कर गेस्टरूम मैं घुस गयी उस दरवाजे से लगा हुआ एक बेड बिछा था मैं उस बेड पर जा कर परदे को हटाया और दरवाजे को ध्यान से देखा तो उस मैं एक दो जगह नन्हे से छेद थे मैं ने उन मैं से एक पर आँख लगा थी अब मुझे मामा के कमरे का एक हिस्सा दिख रहा था मगर मम्मी और मामा उस हिस्से मैं नहीं थे तब मैं ने दरवाजे से कान लगा कर उन की बातें सुन ने की कोशिश की
“ओह जान - कितना इंतज़ार करना पड़ता है तेरा ? कुछ करो न जान जिस से पहले की तरह कभी भी मिल सकें” यह मामा की आवाज थी
“जरूर करूंगी जानू, मुझे भी तेरे पास आने का इंतज़ार रहता है यह तो तुम्हे मालूम ही है” मम्मी ने जवाब दिया
“हाँ वह तो है जान, मगर सुमन को अकेले कमरे मैं सोने की आदत डालो न “ मामा बोले
“हाँ वही करना पड़ेगा “ मम्मी ने जवाब दिया
उस के बाद माँ और मामा की आह आह यह सस सस्स की आवाजें आने लगी
मैं समझ गयी की यह दोनों सेक्स का रिश्ता बनाये हुए है और मुझे उन को सेक्स करते देखने की इच्छा तीव्र होने लगी
कुछ दिन मैं सोचती रही कैसे इन लोगों की रास लीला देखी जाए , फिर एक दिन दिन मैं मैं ने तेज चाकू ले कर दरवाजे मैं दो तीन छोटे छोटे सुराख़ बना दिए जिन से मैं कमरे का हर हिस्सा देख सकती थी
उस रात जैसे ही मम्मी अपने कमरे से निकल कर मामा के कमरे मैं घुसी मैं भी गेस्ट रूम मैं जा कर दरवाजे का पर्दा हटा कर दरवाजे के छेद से अंदर का सीने देखने लगी। मम्मी मामा की बाहों मैं थी और मामा उन के होंठों को चूसे जा रहे थे. मामा के हाथ मम्मी के बदन पर चल रहे थे और मम्मी मामा से चिपके जा रही थी यह देख आकर मेरे बदन मैं सनसनी फेल गयी और मेरी साँसे तेज चलने लगी
धीरे धीरे मामा ने मम्मी के बदन से सारे कपडे उतार डाले और मम्मी के बड़े बड़े स्तनों से खेलने लगे, मम्मी के स्तन मेरी चूचियों से बड़े थे उन के शरीर पर कहीं भी ज्यादा चर्बी नहीं थी उन की काँखों और चूत पर एक भी बाल नहीं था, मैं सोचने लगी की हर औरत को अपने आप को मम्मी की तरह मेन्टेन कर के रखना चाहिए (मेरी चूत तब झांटों से भरी हुयी थी)
मामा ने मम्मी के नंगे बदन को अपनी मजबूत बाहों मैं उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया, मम्मी को जैसे पता था की अब आगे क्या होगा इस उन्होंने अपनी टाँगे फैला दी फिर मामा मम्मी की चूत पर अपना मुंह रख दिया मम्मी और मैं दोनों के मुंह से सिसकारी निकल गयी मामा मम्मी की चूत को चाटने लगे और मैं ने अभी अपनी छूट मैं एक उंगली घुसा दी
:जान बड़ी अच्छी सुगंध है तेरी चूत की “ कौन सी खुशबू लगाई है
“सारे दिन तुझे चुदाई मैं कैसे अच्छा लगेगा सारे दिन यही सोचती रहती हूँ
उफ़ जान
अतः अतः आह अतः। ..उफ़
मामा मम्मी की चूत का सारा रस पिए जा रहे थे मेरा भी मन होने लगा कोई मेरी चूत को भी ऐसे ही चाटे
फिर मम्मी खड़ी हो गयीं और मामा की जॉकी उतार डाली और मामा का लंड अपने हाथों मैं ले लिया जैसे जैसे मम्मी लुंड को ऊपर नीचे मसल रही थी मामा ने अपनी आँखें बंद कर ली फिर मम्मी ने मामा का लुंड अपने मुंह मैं घुस कर लोल्लयपोप चूसने लगी अब माँ माँ आह अतः अतः करने लगे , मम्मी एक एक्सपर्ट की तरह लण्ड चूस रही थी और माँ माँ पूरी मस्ती मैं आह अतः अतः अतः करते हुए उनको बालों से लकड कर उन के मुंह को चोद रहे थे
थोड़ी देर मैं मामा ने पाना लुंड मम्मी के मुंह से निकाल और उसी पिचकारी उन के लुंड से निकल कर मम्मी ने मुंह पर जा गिरी कुछ रस मम्मी ने पी लिया कुछ जो होंठो पर गिरा था वह चाट डाला और बाकी को मामा के मम्मी के मुंह पर और बूब्स पर मॉल दिया मम्मी के चेहरे को देख कर लग रहा था को यह सब बहुत अच्छा गया
उस के बाद दोनों फिर बिस्तर पर लेट कर एक दुसरे को चूमने लगे। उन की चूमा चाटी हर क्षण तेज होती जा रही थी
ओह राकेश कितनी मस्ती भरी है तेरे बदन मैं रोज़ चुदती हूँ पर फिर रोज़ भूख बढ़ती जाती है
ओह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह
अचानक माँ माँ ने मम्मी को पलट कर अपने ऊपर ले लिए और मम्मी मामा के ऊपर बैठ गयी
उन्होंने अपने चूतड़ ऊपर कर ले मामा का लण्ड अपने हाथ मैं पकड़ा और अपनी चूत मैं सरका लिया
अब मम्मी कूद कूद कर मामा से चुद रही थी और उन के पपीते जैसे बूब्स उछल रहे थे
मामा ने मोम्मे पकड़ लिए और उन्हें दबाते रहे
इधर दरवाजे के दूसरी तरफ मैं अपनी चूत मैं तेज़ी से उंगली कर रही थी
फिर मम्मी बहुत ज़ोर आह आह आह करती रही, उन के हाथ कास के मामा की छाती को दबाये हुए थे और थोड़ी शांत हुयी
तुम्हारा नहीं हुआ अभी ?
थोड़ी देर और जान
उस के बाद मामा ने मम्मी को पलट दिया और मम्मी नीचे आगयीं और मामा उन के ऊपर चढ़े हुए थे यह देख कर मेरे बदन मैं झुरझुरी होने लगी मैं सोचने लगी काश कोई मेरे साथ भी यह सब करे तो कितना मजा आएगा
फिर मामा ने १०-१५ झटके दिए और शांत हो कर मम्मी के ऊपर लेट गए
फिर मम्मी उठ कर बैठी और उन्होंने अपनी चूत को मामा के कच्छे से साफ़ किया , राकेश कितना माल भर दिया है यार तेरे अंदर सफ़ेद पानी की झील है क्या ? कह कर मम्मी ने मामा के लण्ड को चूमा और अपनी जीभ से उस को साफ़ कर दिया
मैं समझ गयी अभी के लिए इन दोनों का खेल ख़तम हो गया है और मैं अपने कमरे मैं आ गयी वहाँ आ कर मैं बे अपनी चूत मैं तेजी से उंगली करी और मैं भी बहुत मस्त हो कर झाड़ गयी उस रात मुझे बहुत अची नींद आयी
फिर तो यह रोज़ ही होने लगा मैं उन दोनों की चुदाई देखती और अपनी छूट मैं जंगली कर के अपने आप को शांत करती फिर मुझे यह भी पता चला की मम्मी और मामा सुबह पर आ कर एक बार और चुदाई करते हैं और दिन मैं भी मौका मिलें पर
मम्मी और मामा तरह की पोजीशन मैं सेक्स करते थे और मुझे वह सब देखने को मिल रहा था
कभी कभी मामा मम्मी को सोफे से सटा कर खड़ी कर देते थे और फिर पीछे से अपना लण्ड उन की चूत मैं घुसा देते , मम्मी के घुटने कारपेट पर होते और हाथ सोफे पर और मामा खड़े खड़े उन की चूत को पेलते
कभी मामा जब ज्यादा मस्ती मैं होते तो उन्होंने अपनी मजबूत बाजूओं मैं उठा लेते और ऐसे लटका कर चोद्ते
मम्मी या तो मामा का वीर्य अपनी चूत मैं लेती या फिर उन का वीर्य पी जाती थी
कभी दोनों बाथरूम मैं जा कर एक दुसरे को मूत्र स्नान भी करवाते थे
माहवारी के दिनों मैं मामा मम्मी की गांड मार कर एक दुसरे की प्यास बुझाते थे
इन दोनों की मस्त मस्त चुदाई देख कर मेरा मन भी चुदाई लिए तडपने लगा, मगर मेरे पास मामा जैसा हैंडसम लड़का नहीं था और मैं जब भी आँखें बंद कर के चुदाई का ख्याल करती मुझे मामा ही नज़र आते थे एक दो बार तो मुझे मामा के साथ चुदाई के सपने भी आ चुके थे
तब मैं ने तय कर लिया की मैं मामा को पटा कर उन से ही चुदूँगी
फिर मैं मामा के सामने छोटे और टाइट कपडे पहनने लगी और उन के ज्यादा से ज्यादा पास जाने लगी मैं देख रही थी की इस सब से मामा का लण्ड तन जाता है
फिर एक दिन शाम को मम्मी घर पर नहीं थी मेरी माहवारी उसी दिन ख़तम हुयी थी और मैं पिछले तीन दिन से उंगली से प्यास नहीं बुझा पायी थी मेरा बदन सेक्स के लिए जल रहा था मुझे यह मौका अच्छा लगा मैं ने बाथरूम मैं जा कर अपनी पैंटी उतार कर एक छोटा सा निकर पहन लिया और ऊपर सिर्फ एक टॉप ब्रा नहीं पहनी थी इस लिए मेरे बूब्स उस मैं खूब झूल रहे थे
मामा टी वी देख रहे थे मैं उन के सामने जा कर बैठ गयी और टी वी देखने का नाटक करने लगी निगाहोंके कोने मामा पर भी नजर बनाये हुए थी , मैं ने देखा की जैसे ही मेरी नजर टी वी पर जाती मामा अपने लण्ड को रगड़ने लगते मैं उठ कर किचन मैं गयी और वापिस आ कर मामा के पास जा कर बैठ गयी, मामा का लण्ड पूरे तनाव पर था। मगर वह कुछ कर नहीं रहे थे तब मैं ने ही अपने हाथ उनके लण्ड वाली जगह पर रख दिया मामा का मुंह खुला का खुला रह गया
मामा ने समझने मैं देर नहीं की की उनकी अपनी भांजी उन से चुदने को बेताब है उन्होंने मेरे बूब्स को मसलन शुरू कर दिया और जल्दी ही मैं उन की गोद मैं बैठ चुकी थी और हम एक दुसरे के मुंह मैं जीभ घुसा कर फ्रेंच किस कर रहे थे
मामा के मजबूत बाहों मैं समा जाने से मैं बहुत मस्त हो रही थी और उन की बालों से भरी छाती पर चूमे जा रही थी फिर मामा ने मेरा टॉप उतार दिया और मेरे बूब्स चूसने लगे
उफ़ आ रहा था जब वह मेरे निप्पल चूस रहे थे और कभी कभी काट भी लेते थे
फिर उन्होंने मेरा निकर उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दिया और सोफे पर ही मेरी टाँगे फैला कर मेरी चूत को चूमने लगे मैं सातवें आसमान पर थी और उन के बालों मैं उंगलियां फिर कर उन्हें आगे को धकेल रही थी मामा ने मेरी कोरी चूत को कुत्ते की तरह चाटने शुरू कर दिया और कभी वह अपनी झीभ मेरी चूत के होंठों मैं घुसा कर अपनी जीभ से मेरी छोटा के दाने को छेड़ देते थे जिस से मैं उछाल सी जाती थी और मेरी चूत उन की नाक से टकरा जाती
मामा जिस तरह से मेरी चूत चाट रहे थे उस से मेरी चूत से रस की नदी सी बहे जा रही थी और यह सब मामा चाट जाते थे कुछ रस उन की मूंछो मैं भी चिपक गया था मैं देख रही थी की जैसे जैसे वह रस पी रहे थे उन के शरीर मैं जोश बढ़ता जा रहा था
फिर अचानक मैं झड़ने लगी और मैं ने मामा के बाल पकड़ कर उन का मुंह अपनी चूत के साथ दबा डाला
जब तक मैं अपनी साँसों पर नियंत्रण वापिस ला पाती मामा ने अपने बरमूडा उतार दिए थे और उन का प्यारा सा लंड मेरे सामने था मैं कारपेट पर बैठ कर उस को पकड़ लिया और मुंह की तरफ ले जाने लगी
“क्या कर रही है ? “ मामा ने पूछा
“मुझे इस को चूसने नहीं दोगे क्या ? “
“ओह अपनी माँ जैसी रंडी है तू भी” “आ चूस ले” कह कर मामा ने अपना लंड मेरे होंठों से सटा दिया
कुछ देर बाद ही मुझे और मामा को समझ आ गया की मैं लण्ड चूसने मैं अनाड़ी हूँ
तब मामा ने मुझे सोफे पर लिटा दिया और पूछा “सुमन पहली बार है या पहले चुद चुकी है तू”
“नहीं मामा पहले कभी नहीं , तुम ही पहले हो “
यह सुन कर मामा अंदर कमरे मैं गए और एक क्रीम की ट्यूब ले आये, फिर उन्होंने मेरी चूत और अपने लण्ड को क्रीम लगा कर खूब चिकना कर दिया इस के बाद उन्होंने मुझे गोदी मैं बैठाया और अपने लण्ड का गुलाबी वाला हिस्सा मेरी चूत से सटा दिया
“सुमन तू सच मैं अपनी कुंवारी चूत मुझ से फटवाना चाहती है ? “ मामा ने आखिरी बार पूछा
ओह तो तू सब देख चुकी है
हाँ मामा अब रहा नहीं जाता , प्लीज मुझे अपनी रंडी बना लो
ले बेटी अभी अब तेरी सारी हसरतें पूरी कर दूंगा
यह कह कर मामा ने मुझे पाने लण्ड पर दबा दिया जिस से उनका औजार मेरी छूट फाड़ता हुआ अदंर चला गया , एक तीखी सी दर्द हुयी मगर मुझे अहसास था इस के बाद बहुत मस्ती आएगी इस लिए वह दर्द बहुत कम लगा
थोड़ी देर वैसे ही गोदी मैं बैठा कर छोड़ने के बाद मामा ने मुझे सोफ्रे पर लिटा दिया मेरी टाँगे चौड़ी करी और अपना लंड चूत मैं घुसा दिया। इस पोजीशन मैं उन का लण्ड मेरी चूत मैं और अंदर तक जा रहा था जिस से दोनों को थी और मामा मुझे तेजी से चोद रहे थे, मैं चुदाई का पूरा मजा ले रही थी और जैसे जैसे मस्ती बढ़ रही थी उन की पीठ को सहला रही थी
मामा तो चुदाई के एक्सपर्ट थे अर अब मैं भी उन की ताल से ताल मिला कर अपने चूतड़ ऊपर नीचे कर रही थी और कमर छाप छाप की सेक्सी आवाजों से भर रहा था बीच बीच मैं हम दोनों मैं से कोई आह अतः या स ससस ..ससस कर के उस मस्ती को और बढ़ा देता था
फिर मैं अपनी अंतिम सीमा पर पहुँच गयी, मेरे अंदर एक भूचाल सा आया अपने नाखून मामा की पीठ मैं गढ़ा दिए और झड़ने लगी , थोड़ी ही देर मैं मामा ने भी अपने माल की पिचकारी मेरी चूत मैं छोड़ दी और हम दोनों एक दुसरे के ऊपर ढेर हो गए
फिर मामा मुझे गोदी मैं उठा कर बाथरूम ले गए और मेरी चूत को गरम पानी से धोया जिस से मुझे बहुत आराम मिला , हम दोनों ने कपडे पहन लिए और मामा ने ड्राइंग रूम मैं एयर फ्रेशनर छिड़क दिया जिस से चुदाई की खुशबू जो वहाँ फ़ैली हुयी थी गायब हो जाए
सुमन कोई खतरा तो नहीं ना ?
कैसा खतरा मामा
अरे गुड़िया रानी बच्चे वच्चे वाला यार ! तेरी मम्मी अभी नानी बन कर खुश नहीं होगी, हां हां हां है “
नहीं मामा आज तो नहीं क्यों की आज ही मेरा पीरियड ख़तम हुआ है पर अब आगे के लिए इस का कुछ करना पड़ेगा
वह तू मेरे ऊपर छोड़ दे
मामा ने मुझे अगले दिन ही गर्भ निरोधक गोलियां ला दी जिस को दिन मैं एक बार खाने से बच्चा नहीं होगा, फिर हम इस निश्चिन्त हो गए, मामा ने मुझे बताया तेरी मम्मी भी यही करती है
इस के इस के बाद मैं और मामा वह सब हरकतें करने लगे जो एक बॉय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड करते हैं हम दोनों खूब सेक्सी सेक्सी चुटकले मोबाइल पर एक दुसरे को भेजते और गंदे गंदे मैसेज देते, दिन मैं मामा को ऑफिस मैं ज्यादा काम तो होता नहीं था तब हम एक दुसरे से गंदी वाली चैटिंग करते और कैमरा ऑन करके चूत और लण्ड एक दुसरे को दिखाते। मैं मामा का नाम ले ले कर अपनी चूत मैं उंगली करती और इस को देख देख मामा वहाँ मूठ मारते
घर मैं तो सेक्स का मौका कम ही मिलता था क्योंकि मम्मी ज्यादा तार घर मैं भी रहती थी पर हम लोग मामा के ऑफिस मैं, मामा की गाड़ी मैं, पार्क या फिर सिनेमा हाल मैं जा कर मस्ती करते
मामा और मैं अक्सर बाहर मिलते, वही खाना खाते और फिर किसी सुनसान जगह पर गाड़ी खड़ी करके सेक्स करते थे
फिर मेरा मन किया की थोड़ा और खुल कर चुदाई की जाए, यह बात मैं ने मामा को बतायी तब मामा ने एक प्लान बना डाला , मैं ने मम्मी को बहाना बनाया की एक कंपनी मैं नौकरी के लिए मुझे बम्बई बुलाया है , मम्मी ने मामा को मेरे साथ भेज दिया तब हम दो रात बम्बई मैं होटल मैं रहे इस बीच मैं ने मामा ने साथ वह सब किया जो मम्मी उर मामा करते थे जैसे हर पोजीशन मैं चुदाई, साथ साथ नहाना , मूत्र स्नान। यहीं मैं ने भी अपनी गांड मामा ने फड़वायी दो दिन एक रात मामा ने मुझे कपडे ही नहीं पहनने दिए और मैं पूरे समय उन के सामने नंगी रही , रात मैं मम्मी ने एक बार मामा से फ़ोन सेक्स की मम्मी फ़ोन पर थी और मामा असल मैं वही सब मेरे साथ कर रहे थे , बाद मैं मम्मी ने कहा भी की “राकेश आज की फ़ोन सेक्स सब से अच्छी फ़ोन सेक्स थी. उन्हने क्या पता उन की प्यारी गुड़िया उन के यार के साथ क्या क्या खेल खेल रही थी
एक बार बारिश का मौसम चल रहा था मैं दो तीन दिन से बाहर नहीं निकल पायी थी और चुदाई नहीं हुयी थी, मामा तो मम्मी को चोद लेते थे पर मैं चुदने के बेकरार थी
रात को मैं गेस्ट रूम ने मम्मी और मामा का कार्यक्रम देख रही थी , सेक्स पूरा होने के बाद जब कमरे मैं अँधेरा हो गया तब थोड़ी देर बाद मैं ने मामा को एस एम् एस किया “सो गए क्या”
“नहीं डार्लिंग” मामा का जवाब तुरंत आया
और मेरी सौत ? वह भी जाग रही है क्या “
नहीं वह तो सो गयी
तो प्लीज आ जाओ न, बड़ा मन कर रहा है
ओके स्वीटी अभी आता हूँ
थोड़ी देर मैं मामा मेरे कमरे मैं थे, मामा तो लगभग नंगे ही थे मैं ने भी जल्दी से कपडे उतारे मैं मामा की गोदी मैं जा बैठी , मामा बड़े प्यार से मुझे सहला रहे थे और मेरे बूब्स से खेल रहे थे। बीच बीच मैं उनकी उंगली मेरी चूत मैं घुस जाती थी मैं तो तीन दिन से चुदी नहीं थी इस लिए मामा की हर एक हरकत से मजा आ रहा था
मामा आज मुझे कुतिया या बना कर चोदो न प्लीज “ मैं ने एक बच्चे की तरह जिद की
“अरे रानी तू ने तो मेरे मन की बात सुन ली” आज मेरा मन भी इसी का था, गाड़ी या पार्क मैं इस का मजा नहीं मिल पाता
फिर मामा के सामने अपने हाथों और पैरों पर झुक गयी
मामा ने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ कर चूत मैं घुसाया औरफिर घच घच पेलने लगे , उन्होंने मेरे लटके हुए बूब्स पीछे से हाथ डाल कर पकड़ लिए और उन्हें मसलते हुए तेजी से चुदाई करने लगे इस पोजीशन मैं मामा लंबी चुदाई करते थे और उस दिन भी यही हुआ खूब देर छोड़ने के बाद जब मामा का वीर्य मेरी चूत को भर दिया तब कमरे के द्वारवाजे से ताली बजने की आवाज आ रही थी ,
ओह मस्ती मैं हम दरवाजा बंद करना भूल गए थे उर मम्मी वहाँ खड़ी सब तमाशा देख रही थी
जैसे ही मम्मी और मेरी मज़ारें मिली वह भाग कर मेरी पास आयी और मेरे बाल पकड़ कर दो तेन चाट लगा दिए और गंदी गंदी गालियां देने लगी
“रंडी , कुतिया ! मेरा ही भाई मिला था तुझे अपनी चूत की खुजली मिटाने को ?” मम्मी ज़ोर से चिल्लाई
“मम्मी आप कैसे सती सावित्री बन सकती हो जब आप रोज़ अपने ही भाई का बिस्तर गरम करती रही हो ?” मैं ने पलट कर जवाब दिया
“छिनाल चुप हो जा वरना ! “मम्मी गुस्से से पागल हो गयी थी
“वरना क्या ? क्या कर लोगी आप” मैं ने पूरी दृढ़ता से पूछा
साली, रंडी, अगर मेरे प्यार को छीना तो जैसे तेरे बाप को मरवाया तुझे भी ठिकाने लगवा दूंगी समझी, मेरे और राकेश के बीच आने की गलती मत करना और राकेश तू भी समझ ले , कौड़ी कौड़ी को तरस दूंगी अगर मुझे छोड़ कर किसी और जगह मुंह मारा
अब मुझे समझ आ गया लोग क्यों कहते थे मेरे बाप ने आत्मा हत्या की थी
उस दिन तो हम शांत हो कर अपने अपने कमरे मैं चले गए , क्योंकि सारा बैंक बैलेंस और प्रॉपर्टी मम्मी के नाम पर थी इस लिए मामा भी मम्मी को नाराज़ नहीं कर सकते थी
इस के बाद मेरे और मामा की चुदाई बहुत ही काम हो गयी मगर मामा ने कसम खाई की हम अलग नहीं होंगे और जब भी मौका मिलेगा एक दुसरे को प्यार देंगे
फिर मम्मी ने मेरे लिए एक लड़का देख कर मेरी शादी तय कर दी
शादी के बाद मैं ससुराल आ गयी. सुहाग रात के लिए मुझे सजे धजे बेड रूम मैं बैठा दिया गया और मैं अपने पति का इंतज़ार करने लगी। घड़ी आगे बढ़ती जा रही थी और मुझे नीँद आने लगी थी, करीब १२ बजे यह कमरे मैं आये उन्होंने खूब शराब पी हुयी थी कमरे मैं आ कर उन्होंने एक एक करके मेरे कपडे उतारे। एक मर्द की इस हकतों से मेरी चूत मैं फिर से एक बार फिर से आग लग गयी वह जब नंगे हुए तो उन का लंड देख कर बड़ी निराश हुयी , पतला सा छोटा सा लंड था , यह किसी को मजा कैसे दे सकता है ? फिर भी मैं ने उस को पकड़ा और मलना शुरू किया , दो चार बार खाल को ऊपर नीचे करते ही उन के लंड से पिचकारी निकल गयी और वह ढीला पड़ गया
साली छिनाल पहले से चुद कर आयी है, सब जानती है मर्दों के साथ क्या करना है , कह कर वह लुढ़क कर सो गए , मुझे बहुत गुस्सा तो आ रहा था पर क्या कर सकती थी, मुझे लगा दारू के नशे मैं आज कर एक दो ठीक हो जाएगा , मगर ऐसा नहीं हुआ, वह रोज़ मुझे नंगा करते , अपने कपडे उतारते और फिर उन के लंड से पानी निकल जाता
तब एक दिन सासू मान ने बताया कि मेरी कोई गलती नहीं है, बहुत ज्यादा मुठ मारते रहने से वह ऐसा हो गया है
मेरा तो दिल ही बैठ गया , क्या अब ज़िंदगी रहना पड़ेगा ?
पग फेरे की रसम पर मामा के आने का प्रोग्राम था पर मम्मी फिर उन के साथ आईं और मैं कुछ न कर सकी
ऐसे ही एक महीना बिना चुदाई के निकल गया मैं परेशान थी और अपने शरीर की गर्मी मिटाने के लिए उंगली का सहारा लेती थी
एक दिन जब मैं अपना पेट्टी कोट उठा कर मैं उगली कर रही थी और मेरी आँखें बंद थी, मेरे ससुर जी मेरे कमरे मैं आ गए और मेरे साथ बलत्कार किया
जब मैं ने सासू माँ को बताय की बाबू जी ने क्या किया है तब वह बोली अब तू इन से ही मजे ले लिया कर और मुझे अपने वंश का वारिस चाहिए। जाहिर था वह कुछ भी करने वाली नहीं थी
फिर यह रोज़ रोज़ ही होने लगा रोज़ दोपहर को मेरे ससुर मेरे कमरे मैं आते और मेरे साथ ज़बरदस्ती करते
कुछ दिन बाद मैं ने इस को अपनी नियती मान लिया और ससुर के साथ सेक्स मैं सहयोग करने लगी, इस से मेरे ससुर जी की हिम्मत और बढ़ गयी और वह अपने दो दोस्तों को भी मुझे चोदने के लिए ले आये ,इन मैं एक तिवारी अंकल थे और एक रिज़वान अंकल थे
चार मर्दों की बन कर रहने की वजह से मेरा पूरा दिन ही इन लोगों के साथ बीत जाता, न तो मैं ढँग से कपडे पहनती थी और न ठीक से तैयार होती थी क्यों की कोई भी कभी भी आ कर मुझे बिस्तर पर ले जा कर ठोकने लगता था, लगभग सारे दिन मेरी चूत और बदन इन के वीर्य से भरी रहती थी, वह तो मैं अपनी गर्भ निरोधक गोलियां चुपके से खा लेती थी वरना अभी तक किसी की भी नाज़ायज़ औलाद मेरे पेट मैं पल रही होती
मेरे ससुर की उम्र काफी थी मगर दिल जवान था, मेरी सास बीमारी के कारन उन को शारीरिक सुख नहीं दे पाती थी इस लिए वह मुझे से अपने शरीर की भूख मिटा लेते थे. वह शिलाजीत वगेरह की गोली खा कर आते और वह तो बस मेरे शरीर को नोच नोच कर अपना पानी निकाल कर अलग हो जाते थे. मुझे पूर्री तृप्ती देने मैं न तो वह सफल थे और न कोशिश करते थे, सास को बस यह इंतज़ार की मैं जल्दी से जल्दी पेट से हो जाऊं जिस से उन के परिवार का वारिस मिल जाए वह हर महीने मेरी माहवाई न आने का इंतज़ार करती और जब महीना आ जाता तो बुरे बुरे मुंह बनाती
तिवारी अंकल का लंड तो मोटा था और वह किसी भी औरत को संतुष्ट कर सकता था मगर तिवारी बहुत बदसूरत और मोटा था , उस का मोटा सा पेट निकल हुआ था और पूरे शरीर पर घने बाल थे इस लिए मेरा मन उस से सेक्स को बिलकुल नहीं करता था मैं उस के नीचे पत्थर की तरह लेती रहती और वह मुझे खूब देर तक चोद कर पानी निकाल कर चला जाता था, तिवारी को शायद इसी मैं मजा आता था
रिज़वान अंकल खूब हट्टे कट्टे और कसरती बदन के मालिक थे, बिस्तर पर वह भरपूर मर्द की तरह सेक्स करते थे , उन के लण्ड से मुसलमान होने की वजह से सुपारे के ऊपर चमड़ी कटी हुयी थी, जिस से मुझे उस को चूसने मैं विशेष मजा आता था उन के इस हलब्बी लण्ड से मुझे पूरी तृप्ती मिलती थी, मगर उन के साथ खुल कर सेक्स तभी करती थी जब वह अकेले आते थे. धीरे धीरे वह भी इस बात को जान गए और ज्यादा से ज्यादा अकेले चुदाई करने की कोशिश करते थे
इस सब के बीच रिज़वान अंकल ही मेरे जीवन मैं थोड़ी सी ठंडी हवा के झोंके जैसे थे, उन की बीवी नहीं थी और एक ही बेटी थी जो दुबई मैं रहती थी। धीरे धीरे रिज़वान अंकल भी समझने लगे की मैं उन को ज्यादा महत्व देती हूँ और उन से खुश रहती हूँ , वह भी मुझ से अपने दिल की बातें कहने सुनने लगे, वह अपनी मरहूम बीवी को बहुत मिस करते थे और उन्होंने माना की मेरा साथ उन के दुख पर मरहम का काम करने लगा था
फिर एक दिन उन्होंने मुझे सब से छुपा कर एक मोबाइल गिफ्ट मैं दिया। उस से हम और भी ज्यादा बातें शेयर करने लगे, मैं उन को खुल कर “i love you” “ i need you darling” वगेरह बोलती वह काफी सच्चे इंसान थे और उन्होंने मेरी बात अपनी बिटिया से भी बात करवाई, अब मैं रिज़वान अंकल की हर खुशी पूरा करना चाहती थी वह भी मेरे साथ जुड़ते जा रहे थे
मेरी शादी को एक साल होने को आ रहा था, सासू माँ मुझे डॉक्टर के पास जाने को कहती रहती पर मैं उस बात को टाल देती थी, तभी रिज़वान अंकल ने बताया की उन की बेटी शाजिया कुछ दिन के लिए हिंदुस्तान आ रही थी, उन्होंने शाजिया को मेरे और अपने बारे मैं सब बता दिया , शाजिया थोड़ी परेशान जरूर थी पर अपने अब्बू के खुशी की वजह से कुछ नहीं बोली
जब शाजिया दिल्ली आयी तो वह मुझसे मिली और मिलने के बाद वह एक दम मेरी दोस्त बन गयी. उस ने मेरे घर वालों को कहा की वह मुझे दो तीन दिन के लिए रिज़वान अंकल के घर रहने दें जिस से शाजिया को मदद मिल जाएगी, मेरे घर वाले मान गए और मैं ३ दिन के लिए रिज़वान अंकल के घर आ गयी
उन के घर मैं पहली ही रात को शाजिया ने मुझे अपनी मम्मी का शरारा पहनाया और सजा धजा कर रिज़वान अंकल के कमरे मैं भेजा, जाते जाते उसने मेरे कान के पीछे एक काला टीका लगा कर आँख मारी और मुस्कुराते हुए वहाँ से चली गयी। मुझे उस रूप मैं देख कर रिज़वान बहुत खुश हुए खुशी मैं उन का लंड और मोटा और बड़ा हो गया था और हम ने रात भर मैं चार बार मस्त मस्त चुदाई करी, हर बार हम दोनों को नाव विवाहित पति पत्नी जैसा मजा आया
सुबह जब शाजिया को रात का पता चला वह बहुत खुश हुयी, तीन दिन यही चलता रहा , मैं और शाज़िया दिन भरखूब बातें करते शाजिया पूरी खुली हुयी थी वह रिज़वान अंकल के लण्ड और चुदाई की तकनीक के बार मैं खुल कर बात करती इन बातों से मेरी मस्ती बढ़ जाती और रात को मैं और रिज़वान अंकल खूब मस्त चुदाई करते, इन दोनों के साथ मैं थोड़ी देर के लिए ही सही मगर अपने दुःख भूल गयी थी
आखिरी दिन शाजिया के शोहर दिल्ली आये और अगले दिन ही उन दोनों को हैदराबाद मैं अपने रिश्तेदारों से मिलने चले जाना था, शाज़िया ने अपने शोहर को भी सब बात बता दी तब उन्होंने कहा की रिज़वान अंकल और मुझे भाग कर शादी कर लेनी चाहिए
फिर शाजिया और उन के शौहर ने सब इंतज़ाम कर दिए। रिज़वान अंकल ने अपनी दिल्ली की सभी प्रोपेर्टी बेच कर दुबई मैं सेटल होने का निर्णय लिया। जब यह सब इंतज़ाम हो रहे थे तब मेरे लिए भी दुबई का वीसा ले लिया गया फिर एक दिन मैं और रिज़वान अंकल दिली से दुबई आ गए, उस के बाद मेरा रिज़वान अंकल से निकाह हुआ और मैं उन की हो गयी
अब मैं मस्त ज़िदंगी जी रही हूँ हम खूब हैं और खूब सेक्स करते हैं। हम दोनों का एक प्यारा सा बेटा है, शाजिया अपने नन्हे से भाई को प् कर बहुत खुश है . शाजिया और मैं अपनी अपनी सेक्स लाइफ के बार मैं एक दुसरे से सभी कुछ शेयर करते हैं और उस को और ज्यादा रंगीन बनाने की टिप्स देते रहते हैं , इस से शाजिया के शौहर भी उस से और खुश रहने लगे हैं
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ReplyDeleteKi chut ho sex k leya mare ko chut ko giv she Chatna or chut ko chuos na pasnd ha koi chut ha Delhi y NCR mai Jo real sex karna cahti muje mail kar sakti hai mera personal email id rajrahnedo@gmail.com