Thursday, November 22, 2018

मेरे रंगीन समधी जी

मेरा कौशल्या है, मैं 38 साल की हूँ बलिया की रहने वाली हूँ जो हिन्दी स्टोरी मैं आप लोगों को बताने जा रही हूँ वो मेरे साथ हुई सच्ची घटना है।

मेरी एक बेटी उसका नाम चाँदनी है, वो 18 साल की है. हमारे यहाँ बेटियों की शादी जल्दी ही कर दी जाती है तो हम अपनी बेटी के लिए रिश्ते की तलाश में थे। कुछ लोगों से बात बनी नहीं, कुछ की दहेज़ की मांग बहुत थी।
मेरे पति किसान हैं, वो खेती करते हैं.
मैं अपने बारे में बता दूँ… मैं लम्बी चौड़ी महिला हूँ, कामुक बदन और मेरे स्तन बहुत बड़े हैं जो आजाद होने को बेकरार रहते हैं।
मेरी उम्र के साथ मेरी तन की आग यानि कामवासना और बढ़ती जा रही है मगर मेरे पति मुझे कुछ ख़ास मजा नहीं देते है। कभी कभी ही मुझे चोदते हैं, और जब कभी चोदते हैं तो 2-3 मिनट का खेल खेल कर निबट कर एक तरफ होकर सो जाते हैं. मेरी चूत की आग बुझ नहीं पाती और मैं तड़प कर रह जाती हूँ और खुद को तो कभी पति को कोसने लगती हूँ कि ये मेरे साथ हो क्या रहा है.
जब मैं अपने खेतों की तरफ जाती हूँ तो गाँव का हर कोई मर्द, युवा या प्रौढ़… मुझे ऐसे देखता है जैसे अभी सरे आम मुझे चोद कर रख देगा सड़क पे या खेतों में!
एक दिन हमारी रिश्तेदारी में से एक जन एक रिश्ता लेकर आये। रिश्ता बहुत बड़े घर से था और उनकी कोई मांग भी नहीं थी तो हमने अपनी बेटी की शादी उस घर में तय करने की सोच ली।
मैं बहुत खुश थी कि मेरी लड़की का रिश्ता इतने बड़े घर में होने जा रहा है।
कुछ दिन बाद लड़का और उसके पिता जी माता जी सब मेरी बेटी को देखने आये। लंडके का नाम केशव था, मेरे होने वाले समधी जी का नाम गोपाल था. समधन जी का नाम सरिता था।
सारी बातें तय होने के बाद रिश्ता पक्का हो गया।
लेकिन इस सब के दौरान मैंने गौर किया कि मेरे होने वाले मेरे समधी मुझे बहुत कातिल निगाह से देख रहे थे। मुझे अजीब सा तो लगा लेकिन कहीं अंतर्मन में कुछ खुशी सी भी हुई कि समधी जी को मैं अच्छी लग रही थी. मैं अपने मन में सोचने लगी कि काश मेरे समधी जी मुझे चोद दें!
कुछ महीनों बाद मेरी बेटी की शादी उसी घर में हो गयी।
शादी के 3 महीने बाद मेरी बेटी हमारे घर में कुछ दिन के लिए रहने आई, वो बहुत खुश थी। उसने सबके बारे में मुझे बताया, ये भी बताया कि समधी जी ने मुझे भी बुलाया है।
फिर कुछ दिनों बाद मेरी बेटी चली गयी।
एक दिन अचानक मेरे समधी जी मेरे घर आ गए। उस वक़्त घर मेरे पति नहीं थे, समाधी जी को अपने घर में देख कर मैं बहुत खुश हुई, मेरी चूत में कुछ कुछ होने लगा. मैंने समधी जी को नाश्ता दिया और उनके बगल में बैठ गयी, उनसे बातें करने लगी।
वो मुझसे बोले- समधन जी, आप तो आज भी जवान हो!
मैंने खुश होकर उनसे कहा- क्यों आप जवान नहीं हो अब क्या?
वो हँसने लगे. हम दोनों ने काफी बातें की जिनका रुख थोड़ा थोड़ा अश्लीलता की ओर मुड़ने लगा था.
इसी तरह रात हो गयी। मेरे पति खेतों से आ गए. रात को खाना वगैरा खाकर हम सब घर के आंगन में 3 खटिया डाल कर लेट गए, एक पे मेरे पति दूसरी पे समधी जी एक पे मैं!
रात को अचानक मौसम खराब होने लगा, मेरे पति मुझसे बोले- बारिश हुई तो खेत में पानी भर जाएगा, इसलिए नाली बनानी जरूरी है!
और वो रात को ही चले गए।
अब सिर्फ मैं और समधी जी लेटे थे। मैंने अपनी खटिया उनकी खटिया से जोड़ दी।
आँधी चल रही थी, बिजली भी कड़क रही थी।
समधी जी पूरी नींद में थे, मैंने कामुकता वश उनके हाथ को उठा कर अपने ब्लाऊज में डाल दिया और उनके करीब होकर लेट गयी। अपने होंठों को उनके होंठों के करीब रख दिया, उनकी गर्म सांस मेरे होंठों में लग रही थी।
अचानक बिजली कड़की और वो हिल कर जग गये।
मैं सोने का नाटक करने लगी।
उन्होंने पहले तो अपने हाथ को मेरे ब्लाऊज से निकाल लिया। फिर कुछ पल बाद कुछ सोच कर वो अपने हाथ से मेरी चुचियों को ब्लाऊज के ऊपर से दबाने लगे.
मुझे अच्छा लग रहा था पर मैं सोने का नाटक कर रही थी।
फिर वो मेरे पूरे बदन पे हाथ फिराने लगे। उन्होंने मेरी नाभि में भी अपनी उंगली घुमायी तब मेरे मुख से आआह की आवाज निकल गयी।
वो मेरे कान में बोले- समधन जी, अब ये नाटक बंद करो सोने का… अब जग भी जाओ।
मैंने आँख खोली… उनकी आँखों में देखा और उनसे लिपट गयी।
उन्होंने पहले तो मेरे होंठों को अपने जुबान से चाटा, फिर मेरे होंठों पर अपने दांतों से काट लिया, मेरे मुख से आआह की आवाज निकल गयी।
अब वो धीरे धीरे मेरे ब्लाऊज के हूक को खोलने लगे।
मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी मेरे दोनों चुचियों के निप्पल को अपने उंगली से मसलने लगे।
मैं बोल रही थी- आआआह… धीरे दबाओ…
वो पूरी ताकत से मेरी चुची दबा रहे थे।
फिर उन्होंने मेरी साड़ी को अलग किया मेरे पेटीकोट के नाड़े को खोलने लगे, नाड़ा टाइट था खुल नहीं रहा था तो उन्होंने एक झटके में मेरे पेटीकोट का नाड़ा तोड़ दिया और पेटीकोट नीचे कर दिया। मैंने उनकी लुंगी के ऊपर से उनके लंड को पकड़ लिया, उनका लंड एकदम रॉड जैसा था।
वो मेरी नंगी चूत के ऊपर हाथ फिरा रहे थे, मेरी चूत पर काफी बाल थे. मैंने उनकी लुंगी को खोल दिया, उनके लंड को हाथ में थाम लिया. उनका लंड मोटा बहुत था, एकदम गर्म गर्म था।
वो मुझसे बोले- तुम अपनी चूत के बाल क्यों नहीं बनाती?
मैंने कहा- कोई मुझे चोदता ही नहीं है।
फिर उन्होंने मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़ गए। अपने लंड को मेरी चूत के द्वार पे रख कर एक दमदार धक्का मारा उनके लंड का मोटा सुपारा मेरी चूत में घुस गया। मेरे मुख से निकला- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआह… मर गयी समधी जी…
वो मेरी चूत में अपने लंड के धक्के लगाने लगे बड़ी जोर जोर से… पट पट की आवाज के साथ उनका लंड मेरी चूत में पिल रहा था। मुझे भी खूब आनंद आने लगा।
मैं बड़बड़ाने लगी- आआह… ओह्ह… सस्स… ऐसे ही चोदो ना आह… कितना जालिम लंड है तुम्हारा… मजा आ…उआआ… गया आआआ…
वो भी बोले- कितनी रसीली चूत है आआह… आपकी! समधन जी मुझे भी मजा आ गया अपनी बहू की मां चोद कर!
मैं बोलने लगी- और तेज चोदो… फाड़ डालो मेरी चूत को! वाह सस्स… हाहा… हां हाँ!
मैंने अपना पानी छोड़ दिया।
वो भी आआह उम्म्हा की आवाज के साथ मेरे नंगे बदन पर गिर गए, उनका माल मेरी चूत से बाहर बह रहा था।
हम दोनों सो गए, सुबह हो गयी, सुबह ही मेरे पति आये।
समधी जी मुझसे कुछ नहीं बोले।
सुबह को नहा धोकर नाश्ता करके समधी जी अपने घर लौट गए, मुझे अपने घर भी आने को कह गए।
एक महीना बीत गया, मेरी भी चूत में खुजली होने लगी, मैंने अपने पति से बोला- बेटी की याद आ रही है।
फिर वो बोले- तुम जाकर मिल आओ, मुझे तो खेतों में बहुत काम है।
मैं अपनी बेटी के घर पहुँच गई. वहाँ पर सब मुझे दिखे पर समधी जी नहीं दिख रहे थे।
रात को समधी जी आये तो मुझे देख कर बहुत खुश हुए।
मैं जानबूझ कर बाथरूम करने जाने लगी कि वो मेरे पीछे आये और मुझे कुछ मजा दें… ऐसा ही हुआ, वे मेरे उठाने के कुछ देर बाद हाथ मुंह धोने के बहाने से मेरे पास आये, तभी उन्होंने मुझे पकड़ लिया और पागलों की तरह मेरी चुचियों पर टूट पड़े।
उनकी खींचा तानी में मेरा ब्लाऊज भी फट गया। फिर मैंने मना किया।
फिर उन्होंने मुझे चुपके से समधन जी का ब्लाऊज लाके दिया लेकिन उनका ब्लाऊज छोटा था मेरी आधी चुचियों को ही ढक पा रहा था, क्योंकि मेरी चूचियां बहुत बड़ी बड़ी हैं. मैंने जैसे तैसे साड़ी से फटे ब्लाउज को ढका।
रात को सब सोने लगे, मैं समधन जी के साथ सो रही थी।
समधन जी के बगल में समधी जी भी लेट गए। कमरे में हल्की रोशनी थी।
समधी जी समधन की यानी अपनी पत्नी का ब्लाऊज खोलने लगे, धीरे धीरे उन्होंने समधन जी की चुचियों को नंगी कर दिया और मसलने लगे।
उन्हें देख कर मुझे भी गर्मी चढ़ गयी, मैं अपने हाथ से अपनी चुचियों को मसलने लगी.
तभी समधन जी ने अपना एक हाथ मेरे ब्लाऊज पे रख दिया और मेरे ब्लाऊज के हूक को खोलने लगी।
मैं कुछ समझ पाती, इससे पहले उन्होंने मेरे बूब्स को नंगा कर दिया, एकदम से मेरे ऊपर आ गयी और अपने होंठों को मेरे होंठों से जोड़ दिया.
तब तक समधी जी ने लाइट चालू कर दी। तब तक मैं घबरा गयी.
फिर समधन जी मुझ से बोली- अपने समधी जी से ही चुदवा लोगी, मुझे मजे नहीं दोगी?
मैं समझ गयी कि मेरे समधी जी ने हम दोनों की चुदाई के बारे में सब कुछ बता दिया है अपनी पत्नी यानि मेरी बेटी की सास को!
मैं कुछ बोलती, इससे पहले उन्होंने मेरी एक चूची को अपने मुख में ले लिया और जोर से चूसने लगी। फिर वो अपनी चुचियों को मेरी चुचियों के ऊपर रख कर मसलने लगी।
मुझे भी मजा आ रहा था।
फिर वो बोली- समधन जी, मैं तुम्हें अपने पति से चुदती हुई देखना चाहती हूँ।
फिर उन्होंने मेरे पेटीकोट को उतारा और मुझे नंगी कर दिया। समधन जी मुझसे बोली- पहले तुम मेरी चूत को चाटो!
मैंने उनको लिटाया और उनकी चूत पर अपने मुँह को रख दिया. वो वासना के सैलाब से उछल पड़ी और मैं तेजी से उनकी चूत को चाटने लगी।
वो बोलने लगी- आआह… हां…! चाटो मेरी चूत आआह… बहुत गरम है ये! इसे रोज लंड चाहिए… बहुत पानी छोड़ती है ये!
फिर मेरे चाटने से उन्होंने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया और उनकी वासना शांत हो गई।
मेरी बेटी की सास की चूत का पानी मेरे मुँह पर भी लग गया था जिसे मैंने जीभ से चाट चाट कर गटक लिया.
फिर समधी जी ने मुझे लिटाया और अपनी बीवी की चूत का पानी मेरे लबों पर से चाटने लगे.
इसी बीच समधन जी ने अपने पति के लंड को चूस कर और सख्त कर दिया तो समधी जी मेरी चूत में लंड डालने लगे, समधन जी ने अपने पति का लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिकाया, तभी उनका लंड मेरी चूत में घुस गया.
मैंने आआह की आवाज की और इसके साथ ही समधी जी मुझे चोदने लगे समधन जी अपनी चूत में उंगली करने लगी।
हम दोनों औरटें तेजी से आआह आआह रही थी।
समधन जी बोलने लगी- चोद दे साली को… बहुत गरम है ये!
मैंने भी कहा- आआह चोदो मुझे समधी जी!
वे पूरी ताकत से मुझे चोद रहे थे।
कुछ देर बाद मेरी चूत ने परम आनन्द प्राप्त किया और मैंने अपनी धार छोड़ दी, समधी जी भी कुछ पल बाद ही मेरी चूत में झड़ कर रह गए।
कुछ देर बात करने पर पता चला कि मेरी समधन जी ने ही समधी को मेरे पास भेजा था।
मैंने उसने पूछा- आपको पता था कि समधी जी मुझे चोद रहे हैं, फिर भी आप ने कुछ नहीं कहा?
वो बोली- कुछ साल पहले मेरे पति ने मुझे एक आदमी से चुदवाते पकड़ लिया था, तब से हम दोनों के बीच खुला सेक्स हो गया है। मैं इनकी मदद करती हूँ इनको नई नई चूतें दिलवाने में… और ये भी मुझे नहीं रोकते किसी गैर मर्द से चुदाई करवाने से

गाँव में ससुर जी के लंड के मजे

पिछले महीने ही मेरे सास और ससुर जी ने बोला कि तुम दोनों भी एक बार खेत ओर गांव देखने चलो.. तो मैंने भी बोल दिया कि हाँ मैंने तो गांव भी नहीं देखा, प्लीज चलते हैं.
इस पर मेरे पति ने ये कह कर मना कर दिया कि उन्हें आफिस में बहुत काम है, अगर तुमको जाना हो, तो तुम जा सकती हो.
उनसे अनुमति मिलने के बाद मैं गाँव जाने के लिए तैयार हो गई. उसी दिन शाम की ट्रेन थी, मैंने खाना बनाया और सब खाना खाकर हम लोग निकल गए. रात में ही गांव पहुंच गए और कोई काम नहीं था, सो सब सो गए.
सुबह हम खेत देखने निकले, खेत देख कर बहुत अच्छा लगा. सारा दिन यूं ही टहलते रहे.. पेड़ों की छांव में दोपहर काटी, वहीं जो खाना साथ ले गए थे, सबने बैठ कर खाया और प्रकृति का आनन्द लिया. फिर शाम को सब लोग घर आ गए. वहां सबने बातें की हंस बोल कर अपने अपने अनुभव शेयर किए. इस तरह एक दिन निकल गया.
अगली सुबह मैं नहाने गई. वहां स्नानघर कच्चा बना हुआ है, तो मुझे पता नहीं, लग रहा था कि कोई मुझे नहाते हुए देख रहा है. मैंने चारों तरफ देखा.. लेकिन मुझे कोई नहीं दिखाई दिया, तो किसी तरह मैंने स्नान किया और तैयार हो गई.
फिर उस दिन कई लोग हम सभी से मिलने आए थे, सो सबसे मिले. मैंने देखा कि मेरे ससुर जी के छोटे भाई खड़े थे. वे अभी थोड़े जवान हैं और गांव में रहने से उनकी कद काठी भी बहुत अच्छी बनी हुई थी. उनकी वाइफ 5 साल पहले ही चल बसी थीं. वे मुझे बहुत घूर रहे थे, पहले मुझे बहुत अजीब सा लगा.. लेकिन मैंने सर झुका कर उनसे नमस्ते की. उनसे कोई बातचीत नहीं हुई, बस मेरे ससुर उनको मेरे बारे में बताते रहे.
शाम में जब मैं बाहर फोन पर बात करती करती बाहर चली गई, तो मैंने देखा एक दीवार के पीछे कोपचे जैसी जगह में वो अपना दस इंच लंबा हथियार बाहर निकाल कर सहला रहे हैं. मैं उधर बनी एक कच्ची झोपड़ी के पीछे छिप गई और उनको लंड हिलाते हुए देखने लगी. मैंने देखा कि वो मेरा नाम लेकर ही अपना मूसल लंड सहला रहे थे. उनका बड़ा लंड देख कर मेरी नीयत भी खराब हो गई, मैं बहुत खुश हो गई कि अब ये लंड मुझे चोदेगा.
उस रात में बार बार मैं उनके पास जाती और बहाने से उन्हें छू लेती. मैं देख रही थी कि उनका लंड फुंकार मार रहा था. मैं समझ गई कि आज रात मैं फिर बुरी तरह चुदने वाली हूँ. एक दो बार मैंने उनकी तरफ देखा तो मुझे उनकी आँखों में मेरे लिए वासना दिखी. मैंने भी एक बार उनके सामने झुक कर अपने चूचे उनको दिखा दिए और हल्के से होंठ काट कर उनको हरी झंडी दे दी.
फिर रात में चाय देने के लिए मैं उनके कमरे में गई, तो उन्होंने मुझे पकड़ लिया और बोले- आज रात जब सब सो जाएं तो मेरी प्यास बुझाने तुझे आना ही है. तू चुपचाप आ जाना, मैं तेरा इन्तजार करूँगा.
मैंने भी एक मीठी मुस्कान दे दी और उनके लंड पर हाथ फेर कर बाहर जाने लगी तो उन्होंने मेरे दूध पकड़ कर मसल दिए. मैं उनसे खुद को छुड़ा कर चली गई.
चूंकि गांव में सब जल्दी सो जाते हैं, तो मुझे ज्यादा इंतज़ार भी नहीं करना पड़ा. सबके सोने के एक घंटे बाद मैंने अपनी बिस्तर में तकिया फंसाया और ऊपर से चादर डाल दी ताकि किसी को मेरे न होने का शक न हो.
अब मैं सबकी तरफ देखते हुए दबे पाँव अपने बड़े लंड के पास उनके कमरे में चली गई. वो मुझे आता देख कर बहुत खुश हो गए. उन्होंने झट से दरवाजा बंद किया और मुझे अपनी ओर खींचते हुए बोले- मेरी रानी मैं तो कब से तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था.
वे मुझ पर झपट पड़े, मुझे चूमने लगे. मैं भी उनका साथ देने लगी.
फिर मैं नीचे झुक गई और उनका दस इंच का मूसल लंड बाहर निकाल कर उसे सहला कर अपने मुँह में भर लिया.
मेरे चचिया ससुर मस्त होकर बोले- अह… हाँ मेरी रानी बहुत अच्छे.. तुम तो बड़ी संस्कारी बहू हो.. चूसो लंड..
वे मेरा सर पकड़ जोर जोर से मेरे मुँह में धक्के देने लगे और एक बार मेरे मुँह में ही झड़ गए. उनके लंड ने इतना अधिक वीर्य निकाला था कि मेरा पूरा मुँह भर गया और मुँह से बाहर निकल कर आने लगा.
मैंने उनके स्वादिष्ट नमकीन शहद की एक बूंद भी बर्बाद नहीं होने दी और पूरा रस अपनी उंगलियों से उठा उठा कर चाट लिया.
फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरे सारे कपड़े खोल दिए. साथ ही अपने भी कपड़े भी खोल दिए. मेरी नंगी मदमस्त जवानी मेरे विधुर चचिया ससुर के सामने अंगड़ाई लेने लगी थी.
चाचा जी ने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गए. मैं जोर जोर से सांसें ले रही थी. उन्होंने किसी पहलवान की तरफ मेरा फूल सा कोमल शरीर खींचा और मेरी टांगें फैला कर मेरी चुत पर थूक लगा दिया. मेरी गुलाबी पकौड़े से फूली चुत देख कर उनका लंड फिर से खड़ा होकर हिनहिनाने लगा.
चाचा जी ने अपनी बहू की चुत पे अपना मूसल लंड रखा और जोर से अन्दर धकेल दिया. उनका लंड बड़ी तेजी से मेरी चुत में घुस गया, मुझे दर्द होने लगा. मैं चिल्लाने को हुई तो उन्होंने मेरे मुँह पर हाथ रखा और बोले- रानी पहली बार चुद रही हो क्या.. जो इतना चिल्ला रही हो?
मैं कुछ नहीं बोली, मेरी चूत ने पहली बार इतना भयंकर लंड लिया था. चूत के चीथड़े उड़ना तय थे. मैं दर्द से बिलख रही थी, पर उनके हाथ मेरे मुँह से निकलने वाली आवाज को रोके हुए थे.
उन्होंने बिना रुके आठ दस कड़क धक्के मेरी चूत में लगा दिए. मेरे मुँह से लंबी लंबी सांसें निकल रही थीं और वो बेरहमी से बुरी तरह मुझे चोदे जा रहे थे.
थोड़ी देर बाद जब मुझे नॉर्मल लगने लगा, तब उन्होंने मेरे मुँह से हाथ हटा दिया और मेरे मम्मों को मसलने लगे.
अब मैं चाचा ससुर के लम्बे लंड को अपनी चुत में लेकर पूरे मजे ले रही थी. इस वक्त मेरे मजे की कोई सीमा नहीं थी, उनका लंड मेरी चुत का भोसड़ा बना रहा था. मैं समय बहुत खुश थी.
वो बहुत तक चुदाई करने के बाद जब बाद थक से गए तो वे रुक गए. अब तक मैं दो बार झड़ चुकी थी. मेरी चूत लिसलिसी हुई पड़ी थी, जिससे उनका लंड मुझे धकापेल चोद रहा था.
करीब 25 मिनट तक मेरे विधुर चचिया ससुर मुझे चोदते रहे. फिर उन्होंने मेरी तरफ झड़ जाने को लेकर देखा, तो मैंने उनको हां में इशारा कर दिया. वे आठ दस तगड़े धक्कों के बाद मेरी चुत में ही झड़ गए.
हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेट गए. कुछ देर बाद मैं उनसे और चुदने को तैयार हो गई थी. इसलिए थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने बैठ कर चाचा जी का हलब्बी लंड अपने मुँह में फिर से ले लिया और मस्ती से लंड चूसने लगी.
कुछ ही पलों में उनका लंड फिर से खड़ा हो गया. अब की बार मैं औंधी हो गई और चाचा ने मेरी गांड में अपना लंड घुसा दिया और लम्बे लम्बे धक्के लगाने लगे.
चाचा जी बोले- वाह रे मेरी बहू रानी, तेरी तो गांड तो और भी कमाल की है.. ऐसी गांड तो मैंने आज तक नहीं अपने पूरे गांव में देखी.. आज तो तेरी गांड मारने के पूरे मजे लूंगा.
मेरे चचिया ससुर मेरी जोर जोर से गांड मारने लगे. मैं भी उछल उछल कर उनके लम्बे लंड से गांड चुदाई के मजे ले रही थी और कामुक सिसकारियां निकाल रही थी ‘आहहह हहह.. और चोदो..’
वो और जोश से धक्के लगा रहे थे. फिर उन्होंने मुझे सीधा किया और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया. काफी देर बाद वो फिर मुँह में झड़ गए और मेरे ऊपर गिर गए. मैं भी आनन्द में थी.
हम वैसे ही नंगे चिपक कर सो गए.
रात में मैं फिर से जगी और उन्हें भी जगाया.
वो बोले- रानी क्या आज ही सब मजे करोगी?
मैं उनसे नाराज़ होकर बैठ गई. वो मेरे पास आए और उन्होंने मेरे मुँह खोल अपना लंड दे दिया. मैं चाचा जी का लंड फिर से चूसने लगी.
इस बार उन्होंने मुझे गोद में उठाया. मैंने अपनी मेरी टांगें उनकी कमर से लपेट दीं. चाचा जी ने खड़े खड़े ही मेरी चुत में अपना लंड डाल दिया और मैं ऊपर नीचे होकर उनका साथ देने लगी. इस वक्त मेरे मम्मे चाचा जी की मर्दाना छाती से रगड़ कर सुख ले रही थी.
फिर उन्होंने मुझे उतारा और उल्टा करके कुतिया जैसा बना कर दीवार के सहारे मेरी गांड में लंड पेल कर मेरी गांड मारने लगे.
मैं बहुत जोश में आ गई थी, मैंने कहा- चाचा चूत की खाज मिटाओ न.
यह सुनते ही उन्होंने मुझे बेड पे पटक दिया और अपना लंड मेरी चुत में डाल दिया. कुछ देर मिशनरी पोज में मेरी चूत में धक्के लगाने के बाद उनका गर्म गर्म माल मेरी चुत में उतर गया.
मैं फिर से आनन्द में आकर उन्हें चूमने चाटने लगी. मैं काफी देर बाद उनके नीचे दबी रही. फिर उठी और उनके लंड को किस करके अपनी जगह सोने चली गई.
सुबह हम लोग गाँव में फिर घूमने निकल गए और रात में मैं फिर उनके कमरे में आ गई. मैंने चाचा जी लंड के खूब मजे लिए.
इस तरह 6 दिन तक मैं रोज़ रात में चाचा के तूफानी लंड से चुदती रही और अपनी चुत का भोसड़ा बनवा कर अपने घर लौट आ

पूजा


पिछले साल मैं महाबलेश्वर में होटल लेक व्यू में रुका हुआ था. ये होटल एक सुनसान जगह पर बहुत आलीशान तरीके से बनाया हुआ है और इस होटल के चारों तरफ काफ़ी जंगल भी है.
उस दिन शाम को थोड़ी हल्की बूंदा बूँदी हुई थी और इसलिए मौसम सुहाना था. मैं होटल के स्विमिंग पूल में नहाने के लिए गया था. इसलिए मैं अपने कपड़े उतारकर स्विमिंग कास्टयूम पहन कर एक बड़ा पैग ब्लडी मेरी लेकर स्विमिंग पूल पर पहुँच गया. मैंने स्विमिंग पूल पर जाकर पहले अपना ड्रिंक एक टेबल पर रखा. फिर स्विमिंग पूल में डुबकी लगाकर हल्के हल्के स्ट्रोक के साथ तैरने लगा.
थोड़ी देर तैरने के बाद मैंने एक बहुत खूबसूरत औरत को, जिसकी उम्र अंदाज़न करीब 30-31 साल रही होगी, स्विमिंग पूल के तरफ आते देखा. उस औरत के हाथ में एक इंग्लिश की किताब थी. थोड़ी देर तक तैरने के बाद मैं पूल से बाहर निकल कर अपनी टेबल पर आकर बैठ गया और अपने ड्रिंक की चुस्की लगाने लगा. वो औरत भी मेरी टेबल के पास बैठी हुई अपनी किताब पढ़ रही थी.
मैं उस औरत की खूबसूरती से बहुत ही प्रभावित हो गया था और आंखें फाड़ फाड़ कर उसको देख रहा था. वो औरत एक जींस और टॉप पहने हुई थी. उसके जींस और टॉप इतना टाइट थे कि उसका हर अंग बाहर झलक रहा था. मैंने अपने ड्रिंक से एक लम्बा घूँट लिया और फिर से पूल के तरफ बढ़ गया. लेकिन जाने से पहले मैंने उस औरत को एक बार फिर से घूर कर देखा. मैं पूल पर जाकर छलाँग लगा और तैरने लगा. तैरते समय मैं बार बार उस औरत को देख रहा था और थोड़ी देर के बाद देखा कि वो औरत भी मुझे देख रही है और हल्की हल्की मुस्कुरा रही है.
मैं भी तब उसको देख कर मुस्कुरा दिया और पूल से बाहर आकर उसके पास जाकर उसको हल्के से हैलो बोला.
वो भी जवाब में हैलो बोली. फिर धीरे से बोली- आप बहुत अच्छा तैरना जानते हैं और आपका बदन भी काफ़ी गठीला है.
मैंने धीरे से उसको थैंक्स बोला और खुद का उससे परिचय कराया. उसने भी तब अपना परिचय दिया और बोली- मेरा नाम पूजा है और मैं अपने पति के साथ महाबलेश्वर आई हुई हूँ.
बातचीत में मालूम हुआ कि इस समय उसके पति पूना, जो कि महाबलेश्वर से करीब 150 किलोमीटर दूर है, अपने कारोबार के सिलसिले में गए हुए हैं. वो अपने कमरे में अकेले बैठ बैठ कर बहुत बोर हो चुकी थी और इसीलिए वो इस समय स्विमिंग पूल के किनारे बैठी हुई है.
मैंने उससे पूछा- आप क्या पीना पसंद करेंगी?
उसने पलट कर मुझसे पूछा कि मैं क्या पी रहा हूँ?
मैंने बोला- मैं ब्लडी मेरी पी रहा हूँ.
तो पूजा बोली- ठीक है मैं भी ब्लडी मेरी ले लूँगी.
तब मैंने फोन पर दो ब्लडी मेरी का ऑर्डर दे दिया.
अभी बातचीत चल ही रही थी कि तभी अचानक से एक वेटर कॉर्डलेस फोन ले करके हम लोगों के पास दौड़ा आया और बोला- मैडम, आपका फोन है.
पूजा ने फोन वेटर से ले कर, फोन पर बात करने लगी. अचानक उसकी आवाज़ बदल गयी और वो फोन पर बोल रही थी- ओह गॉड ओह गॉड.. हां ओके.. नहीं मैं बिल्कुल ठीक हूँ.. हां मैं होटल में ही रहूंगी.
और फिर उसने फोन काट दिया. पूजा के चेहरे पर परेशानी मुझे साफ साफ दिखलाई दे रही थी.
मैंने पूजा से पूछा- क्या हुआ?
पूजा बोली- रोड में एक टैंकर के साथ एक बस और एक ट्रक का एक्सिडेंट हो गया है और इसलिए पुलिस ने रोड ब्लॉक कर दिया है. जब तक रोड ब्लॉक खत्म नहीं होगा, कोई भी गाड़ी आ या जा नहीं सकेगी और ये रोड ब्लॉक कल सुबह तक ही साफ होगा.
मुझे अभी भी माजरा समझ नहीं आया था.
फिर कुछ रुक कर पूजा बोली- अब मेरे पति कल सुबह तक ही आ पाएंगे.
यह सुन कर मैंने मन में भगवान को लाख लाख शुक्रिया बोला, क्योंकि ये मेरे लिए एक बहुत सुनहरा अवसर था.
मैं पूजा को सांत्वना देते हुए बोला- अरे पूजा जी आप मत घबराइए. आपके पति बिल्कुल ठीक हैं और कल सुबह वो सही सलामत लौट आएंगे.
तब पूजा धीरे से बोली- मुझे अपने पति से ज़्यादा अपने लिए फिक्र है. अब पूरे दिन भर के लिए इस होटल में क़ैद हो गयी.
मैं मुस्कुरा कर बोला- आप ज़्यादा फ़िक्र मत कीजिए.. मैं आपको वादा करता हूँ कि आप बोर नहीं होंगी.
अब पूजा ने हंसते हुए मुझसे पूछा- आप कैसे मुझे बोर नहीं होने देंगे?
मैंने पूजा से बोला- मैं आपको अच्छे अच्छे किस्से सुनाऊंगा, जोक सुनाऊंगा, और इसके अलावा आप जो भी कहेंगी मैं वो भी करूँगा.
तब तक वेटर हम लोगों के लिए ड्रिंक्स ले आया और मैंने पूजा को एक ग्लास ब्लडी मेरी पकड़ा दिया.
पूजा ने बड़ी अदा से ब्लडी मेरी का गिलास मेरे हाथों से लिया और फिर मुस्कुराकर थैंक्स बोली.
मैंने भी अपना गिलास उठा लिया और पूजा से बोला- चियर्स.
पूजा भी मुझसे इठला कर बोली- चियर्स.. तुम्हारे गठीले बदन के लिए.
जब पूजा ने मेरे बदन के लिए कॉमेंट किया तो मैंने बोला- नहीं पूजा डियर तुम तो किसी भी फिल्म एक्ट्रेस से बहुत ज़्यादा सुंदर हो. तुम्हारा बदन भी तो बिल्कुल तराशा हुआ है.
मेरी बातों को सुनकर पूजा बहुत झेंप गयी और फिर शर्मा कर बोली- धत, तुम बहुत ही शैतान हो.
हम लोग अपने अपने ड्रिंक्स में चुस्की लगाते रहे और बातें करते रहे. हम लोग ऐसे बातें कर रहे थे कि जैसे हम लोगों की जान पहचान बहुत पुरानी है. पूजा ने मुझसे मेरी पर्सनल लाइफ के बारे में कुछ सवाल किए और अपनी जिंदगी की बहुत सारी बातें मुझसे शेयर की.
पूजा तो यहां तक बोली कि उसका पति गुज्जू गान्डू है और वो सेक्स से ज्यादा लगाव नहीं रखता.
मैं पूजा की बातों को सुनकर बहुत ही हैरान हो गया. पूजा मुझसे मेरी लव लाइफ के बारे में भी कुछ सवाल किए.
मैंने पूजा से बोला- मैं सेक्स और औरतों को बहुत पसंद करता हूँ.. मैं तो सेक्स का पूजारी हूँ. मुझे बिस्तर पर औरतों के साथ तरह तरह के एक्सपेरिमेंट करने में बहुत मज़ा आता है.
मेरी बातों को सुन कर पूजा कुछ देर तक चुपचाप बैठी रही. ऐसा लग रहा था कि वो कुछ गहरी सोच में हो.
हम लोगों ने एक एक ग्लास और ब्लडी मेरी पिया और बातें करते रहे. तभी एकाएक जोरों की बारिश शुरू हो गयी. स्विमिंग पूल के आसपास कोई सर छुपाने की जगह नहीं थी और इसलिए हम दोनों कमरे की तरफ भागे. कमरे तक पहुँचते पहुँचते पूजा बुरी तरफ से भीग गयी और उसकी गोल गोल चूचियां भीगे टॉप के ऊपर से ही साफ साफ दिखने लगीं.
मैंने आंखें फाड़ फाड़कर देखा कि पूजा की गोल गोल और तनी हुए चुचियां उसकी लाल रंग की ब्रा में क़ैद देख रही थीं. मैं जितना पूजा की चूचों को देख रहा था, वैसे वैसे मेरा लंड खड़ा हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड भी बाहर निकलकर पूजा की सुंदरता को सलाम करना चाह रहा हो.
जब पूजा ने मेरी तरफ देखा. वो मेरी हालत को समझ गई और खिलखिला कर हंस पड़ी.
हम लोग अपने अपने कमरे तक पहुँच गए. संयोग से पूजा और मेरा कमरा बिल्कुल अगल बगल था. जब मैं अपने कमरे में घुस रहा था, तो पूजा मुझसे बोली- कपड़े बदल कर मेरे कमरे में आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी कपड़े बदल कर आता हूँ. लेकिन हो सकता है आपके साथ अकेले कमरे में होने से मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊँगा.
तब पूजा हंस कर बोली- कोई बात नहीं. मैं भी तो देखूं कि आप मेरे साथ अकेले कमरे में क्या क्या कर सकते हैं?
फिर मैं हंस कर अपने कमरे में चला गया और जब कपड़े बदल कर मैं पूजा के कमरे में गया तो देखा पूजा अपने कपड़े बदल चुकी है और वो अब चाइनीज किमोना टाइप का गाउन पहन कर बिस्तर पर बैठी हुई है. पूजा ने कुछ मस्त सा सेंट लगा रखा था और उसकी खुशबू पूरे कमरे में फैल रही थी.
मैं पूजा के कमरे में जाकर एक लो चेयर पर बैठ गया. तब पूजा अपनी जगह से उठकर मेरे पास आई और मेरे घुटनों पर बैठ गयी और उसने अपने हाथों को उठाकर मेरे गले में डाल दिया.
वो मुझसे बोलने लगी- ओह माय डियर, ये तो बहुत ही अच्छा हुआ कि आज इस समय तुम मेरे साथ हो और हम दोनों के दिल में जो भी आए, हम कर सकते हैं. इस समय हमें कोई रोकने वाला नहीं है.
इतना कह कर पूजा ने मुझे चूम लिया. मैंने भी पूजा को अपनी बांहों में भरते हुए उसको चूम लिया और धीरे से पूछा- मेरे प्यारी पूजा, हम लोग अभी क्या करने वाले हैं?
पूजा फिर से मुझको चूमते हुए मेरी आंखों में आंखें डाल कर बोली- हम लोग अब कुछ शरारत करने वाले हैं. हम लोग अभी जो शरारत करेंगे, उसमें तुम्हें और मुझे दोनों को बहुत मज़ा आएगा.
इतना कह कर पूजा का चेहरा शरम से लाल हो गया.
थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद पूजा फिर बोली- मुझे आज बहुत शरारत करनी है.
मुझे लग रहा था कि अकेले कमरे मेरे साथ रहना और ऊपर से मौसम भी रंगीन और इन सबसे पूजा का मिज़ाज़ भी कुछ ज़्यादा ही रंगीन हो गया है. मैं अब इस अवसर को खोना नहीं चाहता था और मैं चाह रहा था कि मैं अब पूजा को समझा दूं कि चुदाई का असली मज़ा क्या होता है.
मैं अब पूजा से बोला- डार्लिंग पूजा, लगता है कि अब हम लोगों को ज़्यादा वक़्त बर्बाद नहीं करना चाहिए. मैं अब तुमको तब तक नहीं छोडूंगा, जब तक ना तुम मेरे लव जूस का आख़िरी कतरा निचोड़ ना लो. अब तुम्हें शरारती होने का पूरा मौका मिलेगा.
पूजा मेरी बातों को सुनकर बेहद खुश हो गयी और मुझको अपने बांहों में भरकर मुझे तीन-चार चुम्बन मेरे होंठों में दे दिए.
फिर पूजा मेरे घुटने पर से उठकर खड़ी हो गयी और अपने सर को नीचा करके, जैसे कि वो मुझे ये बताना चाहती हो कि अब वो मेरे हुकुम की गुलाम है और उसका जो भी चाहूं कर सकता हूँ, मेरे बगल में खड़ी हो गयी.
तब पूजा की देखा देखी मैं भी अपने सीट पर से उठकर खड़ा हो गया और उसके सामने अपने बदन से अपना गाउन उतार कर पूजा के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया. अब तक मेरा लंड आधा खड़ा हो गया था और धीरे धीरे झूल रहा था. पूजा ये देख कर पहले तो शर्मा गयी, उसका चेहरा लाल हो गया और फिर वो ललचाई आंखों से मेरे खड़े लंड को देखने लगी. अब तक मेरा लंड पूजा की आंखों के सामने धीरे धीरे और खड़ा होकर काफ़ी सख़्त हो गया था.
मैंने अपना हाथ बढ़ा कर पूजा की कमर में डाल दिया और उसे खींचकर कमरे में लगी हुई ड्रेसिंग टेबल के सामने ले गया.
मैं पूजा से बोला- देखो तो सही.. हम लोग कैसे लग रहे हैं?
शीशे में मुझे नंगा और उसमें मेरा खड़ा हुआ लंड और अपने आप को पूरे कपड़े पहना देखकर पूजा पहले बहुत शरमाई, फिर हंसकर वो मुझे कसकर अपने बांहों में भींच कर मुझे चूमने लगी.
थोड़ी देर तक मुझे चूमने के बाद पूजा फिर से ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखने लगी. मैं अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चूचियों से खेलने लगा और वो भी अपने हाथों को बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी.
अब मैं पूजा को अपने बांहों में भरकर उसके कान में बोला- डार्लिंग, अब मुझे तुम्हारे कपड़े उतारने हैं.
उसने मुझे चूमते हुए अपनी मौन स्वीकृति दे दी.
मैंने पूजा की गाउन की कमर वाली डोरी को हल्के से खींच दिया. पूजा मेरे काम में सहयोग कर रही थी, लेकिन बहुत शर्मा भी रही थी.
थोड़ी देर के बाद पूजा मेरे सामने सिर्फ़ अपने लाल रंग की ब्रा और लाल रंग की पेंटी पहने खड़ी थी. मैं अपनी आंखों के सामने एक अप्सरा को देख रहा था.
मैंने धीरे से पूजा को घुमा दिया, जिससे मुझको उसके साइड और आगे और पीछे का रूप दिख सके. पूजा अपने होंठों को अपने दांतों से दबा कर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और मेरी तरफ नशे में डूबी हुई आंखों से देख रही थी. थोड़ी देर में मैंने पूजा की ब्रा को खोलना शुरू कर दिया. पहले मैंने ब्रा के हुक को खोला और फिर सामने आकर पूजा की ब्रा के अन्दर क़ैद दोनों चुचियों को देखने लगा. फिर मैंने पूजा की बांहों से ब्रा के दोनों स्ट्रेप को धीरे धीरे उतार दिया और ब्रा पूजा की बांहों से फिसल कर ज़मीन पे जा गिरी.
अब पूजा मेरे सामने सिर्फ़ एक लाल रंग की पेंटी पहनकर खड़ी थी. मैंने तब पूजा को फिर से पकड़कर ड्रेसिंग टेबल के सामने ले जा करके खड़ा कर दिया और बोला- देख न.. अब कैसी लग रही हो?
पूजा मेरे तरफ शरमाती हुए हंस करके बोली- मैं बहुत ही गंदी लग रही हूँ.
मैं अब पूजा के पीछे खड़ा हुआ था. मेरे हाथों ने उसकी पतली कमर को पकड़ रखा था. मैं पूजा की गरदन पर और कंधों पर धीरे धीरे चुम्मा दे रहा था. पूजा मेरे चुम्मों के साथ साथ वासना में काँप सी रही थी. थोड़ी देर के बाद पूजा मुझसे बोली- मेरे राजा, मैं इससे ज़्यादा और भी गंदी हो सकती हूँ.
मैं पूजा की बातों को सुनकर समझ गया और हंस पड़ा. फिर पूजा के पीछे फर्श पर बैठकर पूजा की कमर पर चुम्मा देने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखते हुए एकाएक पूजा की पेंटी खींचकर उसके पैरों के पास ले गया. पूजा जैसे ही ड्रेसिंग टेबल के शीशे में अपनी नंगी चूत को देखा तो झट से अपने हाथों से अपनी चूत को ढक लिया और बोली- ओह डार्लिंग, क्या कर रहे हो? मुझे शरम आ रही है.
मैं तब पूजा के नंगे चूतड़ों पर अपने हाथों को फेरता हुआ पूजा से बोला- डार्लिंग पूजा, तुम अपने पैरों को धीरे धीरे एक के बाद एक करके ऊपर उठाओ. पूजा ने मेरी बातों को मानते हुए अपने पैरों को धीरे धीरे से ऊपर उठाए और मैंने उसकी पेंटी को पैरों से निकाल कर दूर पड़ी कुर्सी पर फेंक दिया.
मैं फिर से अपनी जगह पर उठ खड़ा हो गया और पूजा के कंधों के ऊपर से देखते हुए उसकी दोनों कलाइयों को पकड़ते हुए उसके हाथों को उसके चूत पर से हटाया और उन हाथों को पीछे खींच लिया.
अब पूजा की झांटों से भरी चूत शीशे से दिखते हुए मेरे आंखों के सामने थी. मुझे पूजा की झांटों से भरी चूत बहुत ही प्यारी लग रही थी.
मैंने पूजा के कान के पास अपना मुँह ले जाकर धीरे से बोला- डार्लिंग, अब तुम वाकयी में गंदी और शरारती लग रही हो.
पूजा अपने आपको शीशे में बिल्कुल नंगी देखकर शरम के मारे लाल हो गयी. फिर उसकी आंखें अपनी नग्नी सुन्दरता को देखकर चमक उठीं और वो शरमाना छोड़ धीरे धीरे मुस्कुराने लगी.
अब मैंने पूजा को धीरे धीरे मेरी तरफ घुमा लिया और उसके नारंगी के फांकों वाले खूबसूरत होंठों को चूमने लगा. पूजा के होंठों को चूमते ही मुझे लगा कि मैं शहद पी रहा हूँ. पूजा भी मेरे गले में अपनी बांहों को रखकर मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी. हम दोनों में से कोई भी चुम्मा बंद नहीं करना चाह रहा था और दोनों एक दूसरे को जकड़े हुए अपनी पूरी ताक़त से चूम रहे थे. पूजा मुझे इस कदर लिपटी थी कि मुझे अपने छाती में पूजा के निप्पल के गड़ने का अहसास हो रहा था. उसकी चूचियां भी अब सेक्स की गर्मी से फूल गयी थीं. मेरा लंड भी अब बुरी तरह से अकड़ गया था और मुझे लंड की जड़ में हल्का हल्का सा दर्द होने लगा था.
मैंने पूजा को चूमते हुए उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड से लगा दिया. मेरे लंड पर पूजा का हाथ छूते ही पूजा ने गप से मेरा लंड पकड़ लिया. वो खुश हो कर मुझसे बोली- ओह डियर, तुम्हारा हथियार तो बहुत ही तगड़ा है. मेरे ख़याल से इसकी लंबाई 8 इंच है और मोटाई करीब 3 या 3. 5 है.. ये बहुत ही प्यारा है.
तब मैंने पूजा के गालों को चूमते हुए पूजा से बोला- पूजा डार्लिंग, मेरा लंड प्यारा है कि नहीं है.. मुझे नहीं मालूम. लेकिन तुम्हारी चिकनी जाँघों के बीच और घनी काली झांटों के पीछे छुपी तुम्हारी चूत बहुत ही रसीली और प्यारी है. मेरा ये लंड तुम्हारे चूत से मिलने को बहुत ही बेताब है बेचारा.. और हां, मेरे लंड की लंबाई और मोटाई को मत नापो, ये आज तुम्हें इतना मज़ा देगा, जिसकी तुमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी.
फिर मैं पूजा को धीरे धीरे बिस्तर के करीब ले आया और मैं खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और मैंने अपने चूतड़ों के नीचे दो तकिया भी लगा लिए.
पूजा मुझे फटी फटी आंखों से देख रही थी और कुछ सोच रही थी. मैं पूजा से बोला- आओ पूजा डार्लिंग, मेरे ऊपर बैठकर सवारी करो.. आ जाओ पूजा मेरे ऊपर बैठकर मेरा ये लंड अपनी चूत में भर लो और चुदाई करो.
थोड़ी देर के बाद पूजा को मेरी बातों का असर हुआ और वो झट से बिस्तर पर चढ़ कर मेरी कमर के दोनों तरफ अपने पैरों को करके, पूजा मेरे ऊपर बैठ गयी. बैठने के बाद थोड़ा सा अपने चूतड़ों को उठाया और अपने हाथों से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत से लगा दिया और फिर कुछ शर्मा कर अपनी कमर चलाकर मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ लिया. उसको बहुत अधिक पीड़ा हुई लेकिन उसने धीरे धीरे पूरा लंड अपनी चूत में ले ही लिया.
मैंने पूजा के चूतड़ों को पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और उसने फिर से एक धक्के के साथ मेरा लंड अपनी चूत में भर लिया. थोड़ी देर के बाद पूजा मेरे ऊपर झुक गयी और मेरे होंठों को चूमते हुए और मेरे सीने से अपनी भारी भारी चूचियों को दबाते हुए मुझे हल्के हल्के धक्के के साथ चोदने लगी.
थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद पूजा मेरे ऊपर लेट गयी. मैं तब नीचे से उसकी नंगे चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए उसके कान पर धीरे से बोला- डार्लिंग, अब तुम्हारी चूत को मज़ा दिलवाना तुम्हारे हाथों में है. मैं तो बस चुपचाप नीचे लेटा लेटा तुम्हारी चूत के धक्के ख़ाता रहूँगा. अब तुम मुझे अपने हिसाब से चोदती रहो और अपनी चूत को मेरा लंड खिलाती रहो.
इतना कह कर अपने हाथों को बढ़ाकर पूजा की चूचियों को अपने हाथों में लेकर कसकर मसल दिया और अपनी कमर नीचे से उचकाकर पूजा की चूत में तीन-चार धक्के मार दिए.
मेरी बातों को सुन कर पूजा की आंख एक बार चमक गयी और मुझे चूमते हुए बोली- मेरे चोदू राजा, मैं चाहे तुम्हें ऊपर से चोदूँ या तुम मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदो.. दोनों में कोई फर्क नहीं है. हर हाल में मेरी चूत ही तुम्हारे लंड से चुदेगी.
उसके बाद पूजा मुझे फिर से जकड़कर पकड़ते हुए अपनी पतली कमर उठा उठाकर मुझे चोदने लगी. पूजा मुझे फिर से अपनी बांहों में भरती हुई मुझे चूम कर बोली- ओह डार्लिंग, बहुत मज़ा आ रहा है. हाय क्या मस्त लंड है तुम्हारा, मेरी चुत तो अन्दर तक भर गयी है. आह.. मैं तो आज रात भर तुम्हारा लंड अपनी चूत के अन्दर ही रखूँगी. तुम्हारा लंड मेरी चूत के लिए ही बनाया गया है.
फिर मेरे ऊपर पूजा तनकर बैठ गयी. मेरी आंखों में देखते हुए वो अपनी कमर को कसकर मेरी कमर पर दबा करके बैठ गयी. पूजा की झांटें और मेरी झांटें एक दूसरे से मिल गईं.
अब पूजा की सांसें फूलने लगी थीं और उसकी आंखें बंद होने लगी थीं. उसकी चूचियां भी फूल गयी थीं. वो मेरे लंड पर जोरों से उठ बैठ रही थी और उसके उठने बैठने के साथ साथ पूजा की दोनों चूचियां भी उछल रही थीं. मुझे लग रहा था कि पूजा की चूत और ज़्यादा देर तक मुझे चोद नहीं पाएगी और जल्दी ही अपना पानी छोड़ देगी.
कुछ ही देर में वो बहुत जोर जोर से उछल रही थी और बोल रही थी- लो मेरे चोदू राजा, लो मेरी चूत के धक्के खाओ अपने लंड पर.. आह लो.. अब मैं अपनी चूत का पानी छोड़ने वाली हूँ.. अह.. लो संभालो अपने लंड को.. नहीं तो मेरी चूत के धक्कों से तुम्हारा लंड टूट जाएगा. क्या मज़ा आ रहा है. तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले. अब तक मैं तुमको और कितनी बार चोद डालती.
इतना कहने के बाद पूजा मुझे कसकर जकड़ लिया और बहुत जोरों के साथ कांप उठी और शांत हो गयी. उसकी चूत के पानी से मेरा लंड, झांटें और जांघ पूरा का पूरा भीग गया. मैं फिर भी पूजा के नीचे चुपचाप लेटा रहा और पूजा को पूरी तरह से झड़ने दिया.
थोड़ी देर के बाद पूजा ने अपनी आंखें खोल दीं. वो मुझे देखकर पहले शर्मा गयी और मुस्कुरा दी.
तब मैंने अपने हाथों को पूजा के पीठ पर ले जाकर पहले उसकी पीठ को सहलाया और उसके चूतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया. मैं पूजा के चूतड़ों को सहलाते हुए कभी कभी उसकी गांड के छेद को भी सहलाता रहा.
पूजा धीरे से मेरे कंधों पर से अपना सर उठाया और मुझे अपनी आधी बंद आंखों से देखते हुए मुझे तीन-चार चुम्मे दिए. मैंने पूजा के चूतड़ों को सहलाते हुए धीरे से कहा- रुकना मत, अभी तुम चालू रहो.
मेरी बातों को सुनते ही पूजा की आंख चमक उठी और मुझसे बोली- क्या फिर से करोगे.. मतलब क्या फिर से हम लोग चुदाई करेंगे?
मैंने अपनी गरदन हिलाकर पूजा से हां कहा.
ओह डार्लिंग..कहकर पूजा मुझसे लिपट पड़ी और अपनी चूत से लंड को भींच लिया और फिर से मेरे लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत को ऊपर नीचे करने लगी. अबकी बार मैंने पूजा को कोई सहारा नहीं दिया और पूजा बड़े आराम से मेरे लंड को अपनी चूत से कभी धीरे धीरे और कभी जोर जोर से चोदने लगी.
मैं अपने हाथों से पूजा की चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा और कभी कभी जोर जोर मसलने लगा.
थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई के बाद पूजा फिर से झड़ने की कगार पर पहुँच गयी.
अब वो जोर जोर से मेरे लंड पर उछलते हुए बोली- हाय राजा.. क्या मज़ा मिल रहा है.. लगता है कि आज मैं पागल हो जाऊंगी. तुमने आज मुझे पूरा का पूरा स्वर्ग का मज़ा दिया है. आज मैं अपनी चूत तुम से चुदवाकर धन्य हो गयी और अब मुझे एक औरत होने का गर्व हो रहा है.. ओह ओह हाय मैं झड़ रही हूऊऊऊं.. आह आह और जोररररर से मेरीरीई चूचीईईई मसलोओओओ.. ओह ओह हाआआअ मेंएए.. गईईई
पूजा मेरे लंड के ऊपर फिर से शांत होकर पड़ी रही. थोड़ी देर के बाद जब पूजा की सांसें वापस शांत हुई, तो उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया और अपनी चूत के झड़ने का अहसास अपने अन्दर लेने लगी. ऐसे ही थोड़ी देर के बाद पूजा फिर से मेरे लंड को अपनी चूत से जोरदार झटकों के साथ चोदना शुरू कर दिया. इस बार की चुदाई बहुत ही जोर से शुरू हुई. पूजा अबकी बार बहुत जोर जोर से मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर उछल रही थी. उसकी दोनों चूचियां उसके उछलने के साथ झूल रही थीं. मैंने तब पूजा की दोनों चूचियों को छोड़कर के उसकी पतली कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और नीचे से मैं भी अपनी कमर उठा उठाकर पूजा की चूत के अन्दर अपना लंड पेलने लगा.
इस समय हम दोनों को दुनिया से कोई मतलब नहीं था और बस एक दूसरे को कसकर पकड़ कर लंड और चूत से एक दूसरे के साथ लड़ाई कर रहे थे.
थोड़ी देर में मैंने नीचे से अपनी कमर उठाकर पूजा की चूत में अपना सारा का सारा लंड अन्दर कर पूजा को कसकर पकड़ लिया और बोला- ओह ओह पूजा डार्लिंग, ले लो.. लो अपनी चूत को अपने हाथों से खोलो. मैं अब तुम्हारी प्यारी चूत को अपने लंड के पानी से पूरी की पूरी भरने वाला हूँ.. ले.. ले.. चुदक्क्ड़ पूजा.. ले मेरा लंड का पानी अपनी चूत से पी ले.
इतना कहने के बाद मैं पूजा की चूत के अन्दर झड़ गया और पूजा की चूत ने भी मेरे साथ साथ अपना पानी छोड़ दिया. पूजा की चूत अब तीसरी या चौथी बार झड़ी थी और अबकी बार पानी बहुत ज़्यादा छोड़ा था.
जब पूजा की सांस कुछ ठीक हुई तो वो मेरे लंड के ऊपर से उठ गयी और मुझसे बोली- वाह मेरे राजा, तुमने तो आज मुझे पूरा का पूरा स्वर्ग का आनन्द दिया. अब तुम चुपचाप लेटे रहो और मैं अभी आती हूँ.
इतना बोलकर पूजा गाउन डाल कर कमरे के बाहर चली गयी.
मैं पूजा का कहा मान कर चुपचाप बिस्तर पर ही लेटा रहा और आज शाम से जो जो घटनाएं हुई थीं, उसके बारे में सोचने लगा. मैं जितना सोचता, उतना ही लगता कि आज की रात कभी खत्म ना हो और मैं जी भर के पूजा को चोदता रहूं. मैं यह भी सोच रहा था कि अब आगे क्या करना चाहिए.
मैं यही सब सोच रहा था कि पूजा वापस आ गयी. पूजा के हाथ में गरम पानी और तौलिया था और चेहरे पर एक अनोखी मुस्कान थी.
पूजा मेरे पास बिस्तर पर आकर बैठ गयी. फिर उसने तौलिए को गरम पानी में भिगाकर पहले पूरे बदन को पौंछा और फिर मेरे लंड को रगड़ रगड़कर गरम पानी से भीगा हुए तौलिए फेरा. खूब अच्छी तरफ से लंड को साफ किया और फिर पानी और तौलिया नीचे एक तरफ रखकर मेरे बगल में आकर लेट गयी.
इसके बाद पूजा ने मुझे अपनी बांहों में लपेट लिया और अपना एक पैर मेरी कमर पर चढ़ा दिया.
मैंने पूजा से पूछा- रानी अब तो तुमने अच्छी तरफ से साफ सुथरा कर दिया, अब क्या इरादा है?
पूजा मुझे अपनी बांहों मे लपेट कर हंसते हुए बोली- राजा, आज तो तुमने मुझे स्वर्ग का पूरा आनन्द दे दिया.
मैंने उसे चूम लिया.
फिर वो शर्मा कर मेरे कान में बोली- राजा, तुम्हारी चुदाई से आज मैं पहली बार एक साथ तीन तीन बार लगातार झड़ी. शादी के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ था. पता नहीं तुममें या तो तुम्हारे लंड में कोई जादू है.
मैं पूजा की बातों को सुनकर हॅंस दिया और फिर उसको चूमते हुए बोला- मुझे पता है कि यह तुम्हारा पहली बार किसी मर्द के ऊपर चढ़कर चुदाई करना नहीं था, क्योंकि तुम बहुत ही सधे हुए तरीके से अपनी चूत से मेरे लंड पर धक्का मार रही थीं.. और हां, अभी तुमने बोला कि शादी बाद तुम लगातार तीन तीन बार नहीं झड़ीं, इसका मतलब तुम शादी के पहले एक साथ तीन तीन बार झड़ी हो?
मेरी बातों को सुनकर पूजा शरम से लाल हो गयी और बोली- छोड़ो ना ये बात.. फिर कभी सुनना मेरी शादी के पहले वाली बातें.
इतना बोल के पूजा ने मेरे सीने में अपना चेहरा छुपा लिया.
मैंने फिर से मुस्कुराते हुए पूजा से बोला- ठीक है, लेकिन अब यह बताओ कि तुम्हारे पास अब और कोई शरारत बची है कि नहीं?
पूजा तब मेरे सीने पर से अपना चेहरा उठाते हुए कुछ हिचकिचाते बोली- राजा, क्या मैं तुम्हारे इसको धीरे धीरे खड़ा होना देख सकती हूँ? मुझे इसका धीरे धीरे खड़ा होना देखना बहुत अच्छा लगता है.
मैंने तब पूजा की नंगी पीठ और चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए बोला- ज़रूर मेरी रानी.. आज के लिए मेरा लंड तुम्हारा है. तुम इसे जैसे चाहो खेल सकती हो. तुम चाहो तो इसको अपने हाथों से खड़ा कर सकती हो या फिर इसे अपने मुँह में लेकर चूस चूसकर खड़ा कर सकती हो.
पूजा मेरी बातों को सुनकर अपने आपको उठाकर मुझसे बोली- हां मेरे राजा, तुमने अभी अभी जो कुछ भी बोला, मैं वो सब का सब करना चाहती हूँ.
फिर वो थोड़ी सी नीचे झुककर मेरे लंड को गौर से देखने लगी.
थोड़ी देर देखने के बाद बोली- मैंने अब तुम्हारे लंड को ठीक से देखा. पहले तो ठीक से देखने के लिए मौका ही नहीं मिला था.
इतना बोलकर पूजा जोर से हंस पड़ी. फिर मेरे लंड को देखते हुए पूजा मुझसे बोली- लगता है कि तुम्हारे लंड में अभी काफ़ी दमखम है और तुम अभी भी शरारत करने के लिए तैयार हो. चलो अब तुम ठीक तरीके से लेट जाओ.
इतना बोलकर पूजा ने मुझे हाथ से पकड़ कर बिस्तर के ठीक बीचों बीच लेटा दिया. फिर पूजा एक झटके के साथ मेरे ऊपर आकर मेरी छाती पर बैठ गयी. अब उसका मुँह मेरे पैरों की तरफ था. मेरे ऊपर बैठ कर पूजा कुछ देर तक मेरे लंड से खेलती रही और फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी. अब पूजा का मुँह मेरे लंड पर था और मेरे मुँह के पास उसकी चूत थी.
मेरे ऊपर लेट कर पूजा थोड़ी देर और मेरे लंड और मेरे अंडों के साथ खेलती रही और फिर मुझसे बोली- राजा, अब तुम मेरी चूत को और मैं तुम्हारे लंड को अच्छी तरह से देख लूँगी और उसका स्वाद भी ले लूँगी.. ठीक है ना?
मैं पूजा के नंगे चूतड़ों को सहलाते हुए बोला- मेरी रानी, तुमने तो मेरे मन की बात बोल दी. मैं सोच ही रहा था कि जिस चूत को चोदने में इतना मज़ा आया, उसका रस कितना मीठा होगा.
मैं तो कब से तुम्हारी रसीली चूत का रस का स्वाद लेना चाहता हूँ. पूजा मेरी बातों को सुनकर बहुत खुश हो गयी और उसने अपने आपको मेरी ऊपर ठीक से सैट करने के बाद मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया.
थोड़ी देर तक पूजा मेरे लंड के सुपारे को खोलती और बंद करके खेलती रही. बीच बीच में वो सुपारे को चूम भी रही थी. थोड़ी देर में पूजा ने अपना मुँह खोलकर मेरे सुपारे को मुँह के अन्दर कर लिया और हल्के हल्के चूसना शुरू कर दिया. उसे मजा आया तो उसने मेरे लंड को अन्दर तक लंड लेकर जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया. कभी कभी वो मेरे लंड को अपने मुँह से निकालकर अपनी जीभ से चाटने भी लगी. पूजा कभी कभी मेरे सुपारे को अपने आंखों से लगाती या फिर उसे अपने मुँह से निकालकर अपने गालों पर रगड़ती.
मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे पूजा को कोई अच्छा सा खिलौना मिल गया हो. कभी कभी पूजा मेरी झांटों से खेल रही थी.
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि पूजा के सारे बदन में कम्पकपी सी होने लगी है. मैंने पलंग के पैरों के पास शीशे में देखा तो पाया कि पूजा मेरे लंड अपने आंखों के सामने रखकर मंद मंद मुस्कुरा रही है. ऐसा लग रहा था कि जैसे पूजा के दिमाग़ के अन्दर कुछ हलचल मची हुई हो. लेकिन पूजा मेरे लंड को पकड़कर मुस्कुराती रही.
थोड़ी देर बाद फिर से मेरे लंड को पकड़कर अपने मुँह में घुसेड़ लिया और जोर जोर से चूसने लगी. पूजा जैसे जैसे मेरे लंड को चूस रही थी, उसके मुँह से घुटी घुटी आवाज़ निकल रही थी.
तब मैंने अपने हाथों से पूजा की चूत को खोलकर उसकी खुली चूत पर एक लंबा चुम्मा जड़ दिया. मेरे चुम्मे के साथ ही पूजा का शरीर एक बार फिर से कांप उठा. मैंने तब अपनी जीभ निकालकर पूजा की चूत को ऊपर से चाटना शुरू किया और धीरे धीरे अपनी जीभ को पूजा की चूत के अन्दर डालना चालू किया.
मेरी जीभ जैसे ही पूजा की चूत के छेद के अन्दर गयी, तो पूजा उम्म्हअहहहययाह…’ कर उठी और वो बोलने लगी- हाय मेरे राजा, चूसो चूसो मेरी चूत को.. आज से पहले किसी ने मेरी चूत को ना तो चाटा है और न ही चूसा है. बहुत अच्छा लग रहा है. औरत के कैसे खुश किया जाता है, तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो.. आह मुझे एक नशा सा छा रहा है.
इतना बोल कर पूजा फिर से मेरे लंड को अपने मुँह में डालकर चूसने लगी. अब तक की चुसाई से पूजा की चूत ने मीठा मीठा पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और मैं अपनी जीभ से पूजा की चूत खूब जोर जोर से चाट रहा था और चूस रहा था.
अब मेरा लंड का सुपारा बहुत फूल गया था और उसको पूजा अपने मुँह के अन्दर डालने में कुछ दिक्कत महसूस कर रही थी. इसलिए वो लंड को अपने हाथ से पकड़कर चाट रही थी. मुझसे अब नहीं रहा गया और मैंने पूजा की चूत को अपने होंठों से चूमने के बाद उसको धीरे धीरे चाटना शुरू किया. जैसे ही मेरी जीभ पूजा की चूत के छेद को छुई तो पूजा मानो पगला गयी और जोर जोर से मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगी.
वो मादक स्वर में बोली- हाय मेरे चोदू राजा, क्या कर रहे हो.. इतना धीरे धीरे क्यों चाट रहे हो मेरी चूत को? जोर जोर से चाटो ना मेरी चूत. देखो उसमें से कितना ढेर सारा रस रिस रिस कर निकल रहा है. मेरी चूत के छेद में अपनी जीभ घुसा कर चूसो मेरी चूत को.
अब मैं भी ज्यादा गर्म हो गया था और पूजा से बोला- हाय, मेरी चुदक्कड़ रानी, क्या चूत है तुम्हारी. मन करता है जैसे इसको कच्चा ही चबा जाऊं.. आह बहुत ही रसीली चूत है तेरी. इतना रस कहां छुपा रखती है अपनी चूत के अन्दर? मुझे तेरी चूत देखकर लग रहा है कि अब तक तू ठीक तरीके से चुदी ही नहीं. तेरी चूत का छेद अभी पूरा का पूरा खुला ही नहीं है.
मेरी बातों को सुनकर पूजा अपने मुँह से मेरे लंड को निकालते हुए बोली- हाय मेरे चोदू राजा, तुमने ठीक ही कहा है.. मैं शादी के बाद से अभी तक ठीक से नहीं चुदी हूँ. क्या करूँ मेरे पति का लंड बहुत छोटा है और वो चूत में घुसते ही झड़ जाता है. आज तू मेरी चूत को चोद चोदकर उसका भुर्ता बना दे. मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से भोसड़ा बना दे. आह.. क्या मस्त कर दिया है तूने मुझे. तेरी बीवी तुमसे बहुत खुश रहती होगी और क्यों ना हो.. रोज रात को तेरे लंड से उसकी चूत खूब चुदती है.
इतना बोलने के बाद पूजा ने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया. अब मेरा लंड इतना तनकर अकड़ रहा था कि मेरे लंड में दर्द सा होने लगा.
मैं तब पूजा से बोला- ओह मेरी रानी, तुम्हारा खेल खत्म हो गया हो तो अब में तुम्हें फिर चोदना चाहता हूँ. अब चलो मेरी बगल में अपने पैरों को फैलाकर लेट जाओ, मैं तुम्हारे ऊपर चढ़कर तुम्हें चोदता हूँ.
पूजा मुझसे बोली- नहीं अभी नहीं, मुझे अभी और थोड़ी देर तक तुम्हारा लंड चूसना है. मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज़ थोड़ी देर और रूको ना?
मैं तब पूजा से बोला- अरे मेरी चुदासी रानी, मान जाओ.. नहीं तो मैं तुम्हारे मुँह में ही झड़ जाउंगा और तुम्हारी चूत प्यासी रह जाएगी. चलो अब उठो और मुझे तुम्हारी चूत के अन्दर अपना लंड डालकर चोदने दो.
तब पूजा मेरी ऊपर से उठते हुए बोली- ठीक है, अभी तुम मुझे चोद लो.. लेकिन अगली बार मैं तुम्हारे लंड को खूब चूसूंगी और तुम्हारे लंड का पानी भी पियूंगी, समझे मेरे राजा?
अब पूजा मेरी बगल में अपनी पीठ के बल चित्त लेट गयी और अपने पैरों को फैलाकर अपने हाथों से पकड़ कर बोली- अब आओ ना, क्यों देर लगा रहे हो? अभी तो बहुत चुदास चढ़ी थी.. अब क्या हो गया है? देखो मैं अपनी चूत खोलकर लेटी हुई हूँ, अब आओ और मुझे रगड़कर एक रंडी के तरह चोदो.
पूजा की चुदासी चुत को देखकर मेरी वासना सीमा लांघ रही थी, मैं पूजा से बोला- रूको मेरी छिनाल रानी, अभी मैं तेरी चूत को मेरे लंड से चोद चोदकर भोसड़ा बनाता हूँ. आज तुम्हारी चूत की खैर नहीं. आज तुम्हारी चूत इतनी चुदेगी कि कल सुबह तुम ठीक से चल नहीं पाओगी और तब तुम्हें देखकर सारे के सारे लोग समझ जाएंगे कि तुम्हारी चूत में कोई लम्बा और मोटा लंड खूब पेला गया है.
चुदाई की प्यासी पूजा मेरी बातों को सुनकर बोली- अरे यार कल का कल देखा जाएगा, आज तो मुझे जी भरकर अपनी चूत चुदवाने दो. चलो अब ज़्यादा बातें नहीं, अब जो भी बात करनी है मेरे ऊपर चढ़कर अपने लंड से मेरी चूत से कहो.
इतना सुनने के बाद मैं झट से पूजा के ऊपर चढ़ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को पकड़कर मसलते हुए पूजा से बोला- अरे मेरे लंड की रानी, ज़रा अपने नाजुक हाथों से मेरे लंड को अपनी चुत के छेद से लगा दो, प्लीज़.
मेरी बात सुनकर पूजा ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ अपनी चूत के छेद से लगा दिया और बोली- लो मेरी चूत के राजा, अभी तुम जो भी बोलोगे मुझे सब मंजूर है, बस जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड पेलकर मुझे रगड़ रगड़कर चोदो.. और खूब चोदो.. तब तक चोदो.. जब तक मैं चिल्ला चिल्ला कर रुकने के लिए ना कहूँ.. तुम मुझे बस चोद दो.


अब मैं भी चुप ना रहा और जैसे ही पूजा ने मेरे लंड को अपनी चूत से लगाया, मैंने अपनी कमर को एक झटके के साथ हिलाकर उसकी चूत में अपना लंड पूरा जड़ तक पेल दिया.
पूजा एकाएक चिल्ला उठी- हाय मार डाला तुमने.. ये क्या कोई रंडी की चूत है साले.. जो एक साथ पूरा का पूरा लंड घुसेड़ दिया, ज़रा धीरे धीरे चोदो ना, मैं कोई भागी जा रही हूँ क्या?
मैंने तब धीरे धीरे धक्के मारते हुए कहा- माना कि ये कोई रंडी की चूत नहीं है, लेकिन ये एक छिनाल की चूत तो है, जो अपने पति के अलावा दूसरे मर्द से अपनी चूत चुदवा रही है.
मेरी बातों को सुनकर पूजा तिलमिला उठी और मुझसे बोली- अरे अगर मैं छिनाल हूँ तो साले तुम क्या हो? तुम भी तो अपनी बीवी की चूत छोड़कर दूसरी औरत की चूत में मुँह दिए पड़े हो? अच्छा चलो.. हम दोनों ही गंदे हैं और हम लोगों को अपना गंदा काम भी पूरा कर लेना चाहिए.
तब मैं भी पूजा की बातों को मान कर उसको अपनी कमर चला चला कर चोदने लगा और अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलने लगा. मेरी चुदाई से पूजा की चूत और गीली हो गयी और वो ओह ओह आह आह करने लगी और नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर अपनी चूत को मेरे लंड से चुदवाने लगी.
थोड़ी देर नीचे लेट कर चूत चुदवाने के बाद पूजा बोली- हाय मेरी चूत के राजा, बड़ा मज़ा आ रहा है. ज़रा और थोड़ा तेज तेज धक्के मारो, नहीं तो मेरी चूत की चींटियां नहीं जाएंगी.. ओह ओह हां हां उईईईई आहह.. ऐसे ही आने दो तुम्हारे लंड को मेरी चूत के अन्दर तक.. जब तक ना लंड अन्दर जा कर बच्चेदानी पर ठोकर ना मारे, तब तक चूत चुदवाने वाली को पूरा मज़ा नहीं आता.
मैं भी पूजा की बातों को मानकर अपना लंड थोड़ा ऊपर खींच कर अब जोर से धक्कों के साथ चोदने लगा.
थोड़ी देर ऐसे तेज़ी के साथ चोदने के बाद मैंने पूजा से पूछा- क्यों मेरी जानेमन, अच्छे लग रहे है मेरे लंड के धक्के.. कैसा लग रहा है तुम्हारी चूत को? क्या तुम्हारा पति भी तुम्हें ऐसे ही चोदता है रोज रात और दिन को?
मेरी बातों को सुनकर पूजा मुस्कुरा दी और बोली- हाय मेरे चोदू राजा, बहुत मज़ा आ रहा है. सच पूछो तो आज मेरी चूत पूरे तरीके से और क़ायदे से चुदी है. हां तुमने मेरे आदमी के बारे में पूछा, तो वो साला बिल्कुल गांडू है. वो तो साला बीवी की चूत छोड़कर नौकरों से अपनी गांड मरवाता है या उनकी गांड में अपना लंड पेलता है. उस साले मादरचोद को क्या मालूम कि चूत क्या होती है और उसकी चुदाई कैसे की जाती है. अच्छा अब बहुत बातें हो गयी हैं, अब ज़रा मन लगा कर मेरी चूत में अपना लंड जोर जोर से पेलो. मैं झड़ने वाली हूँ.
मैं अब जोर जोर से पूजा की चुत में अपना लंड पेलने लगा और फिर पूजा को चूम कर मैंने उससे पूछा- मेरी जान, मुझे एक बात समझ में नहीं आयी.. वो यह कि जितनी तुम्हारी चूत शानदार है उतनी तुम्हारी जबान गंदी है. कहां से सीखी इतनी गंदी गंदी गालियां?
पूजा तब नीचे से अपनी कमर उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चुत में पिलवाते हुए बोली- अरे.. अब ये सब बातें छोड़ो भी, बाद में सुनना.. अभी तो बस थोड़ी देर मेरी चूत को रगड़ कर चोदो. बस अभी और कोई बात नहीं, मैं झड़ने वाली हूँ.
मैं- ठीक है, फिर संभालो अपनी चूत को और देखो मैं तुम्हारी चूत का क्या हाल बनाता हूँ.
बस मैं जोरों से पूजा की चुत में लंड पेलने लगा.
थोड़ी देर के बाद मुझे भी लगा कि अब ज़्यादा देर रुक नहीं सकता और इसलिए मैंने अपना लंड एक बार जड़ तक पूजा की चुत में पेलकर उसकी एक चूची अपने मुँह में भर कर चुपचाप लेट गया.
तब पूजा बोली- क्या हुआ रुक क्यों गए? 5-6 धक्के और मार देते तो मेरी चूत झड़ जाती. क्या तुम मुझे चोदते चोदते थक गए क्या?
मैं तब पूजा की चूची को अपने मुँह से निकालते हुए बोला- अरे यार समझती नहीं क्या? मुझे लगा कि मेरा लंड अपना पानी छोड़ने वाला है और इसीलिए मैंने तुम्हारी चूत की चुदाई थोड़ी देर के लिए रोक दी ताकि लंड का जोश थोड़ा ठंडा हो जाए और मैं तुम्हें देर तक चोद सकूँ.
तब पूजा मेरे होंठों को चूमते हुए बोली- वाह मेरे चोदू राजा, औरतों को चोदना कोई तुमसे सीखे. किसी औरत को कैसे चुदाई से ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा मिले, वो तुम्हें सब पता है. काश मेरे गांडू पति को भी ये सब मालूम होता तो मेरी चूत की आज ये हालत नहीं होती.
मैंने फिर से पूजा को चोदते हुए पूछा- क्यों क्या हुआ तुम्हारी चूत को. तुम्हारी चूत बहुत ही मस्त है और देखो ना कैसे अपना मुँह खोल कर मेरा लंड गपा गप खा रही है.
पूजा नीचे से अपनी गांड उचकाते हुए बोली- हां मेरे चोदू राजा, जब तुम अपना लंड मेरी चूत को खिला रहे तो मेरी चूत को तुम्हारा लंड खाने में क्या एतराज़ है? वैसे तुम चोदने में बहुत ही माहिर हो. तुम्हारा लंड खा खा कर मेरी चूत इस समय बहुत ही मस्त हो गयी है और मैं खुद बहुत हल्की हल्की महसूस कर रही हूँ. वाह क्या धक्के मार रहे हो, तुम्हारा लंड बिल्कुल मेरी चूत की जड़ तक पहुँच रहा है और मुझे दीवानी बना रहा है. हां ऐसे ही चोदते रहो, रूको मत, रात भर चोदो मुझे. पता नहीं कल ऐसा चुदाई का मौका मिले या ना मिले.
मैंने तब पूजा को जोर के धक्कों से चोदते चोदते कहा- यार मेरी जान, तुम हो तो बहुत सेक्सी और मुझे लग रहा है कि दिन में कम से कम एक बार बिना चुदवाए तुम्हें रात को नींद नहीं आती होगी. बताओ ना तुम और कितने लंड अपनी चुत में पिलवा चुकी हो? वैसे जब तुम्हारे पति को गांड मरवाने और मारने का शौक है.. तब तुम भी क्यों नहीं अपनी गांड में अपने पति का लंड लेती हो. उससे कम से कम तुम्हारे पति गांड मारने के लिए घर के बाहर नहीं जाएंगे.
मेरी बातों को सुनकर पूजा पहले तो मुस्कुरा दी और फिर बोली- वाह रे मेरी चूत के राजा, अगर मैं भी अपनी गांड मरवाती तो क्या तुम मुझे ऐसे अपने कमरे में नंगी लिटा कर अपने लंड से मेरी चूत चोद पाते? मैं भी इस समय अपने पति का या अपने घर के किसी नौकर का लंड अपनी गांड में लेकर सो रही होती. वैसे मुझे गांड मरवाने की कोई शौक नहीं है, मुझे गांड मरवाने में घिन सी लगती है.. और जब मेरे पास मरवाने के लिए लिए चूत है तो मैं क्यों गांड में लंड डलवाऊं? असल में बात यह है कि तुम सब मर्द एक जैसे हो. जो चीज़ मिल रही है, उसकी कोई कदर नहीं और जो चीज़ नहीं मिलती तो उसके लिए दीवाने रहते हो. चलो हटो मेरे ऊपर से मुझे अब नहीं चुदवाना तुमसे. निकालो अपना लंड मेरी चूत से और मुझे जाने दो.
मैंने तब पूजा को अपनी बांहों में समाते हुए उसकी चूची पर चुम्मा देते हुए 5-6 जोरदार धक्के मारे और बोला- अरे पूजा रानी, क्यों नाराज़ हो रही हो? मैं तुमसे मज़ाक कर रहा था. अरे तुम्हारी अपनी चूत और गांड है.. तुम जिसमें चाहो लंड डलवाओ, मुझे तो बस इस समय तुम्हें चोदने दो. मुझको इस समय रोको मत!
तब पूजा अपनी कमर उचकते हुए बोली- अरे चोदो ना राजा, मैं कब मना कर रही हूँ. बस तुम मुझसे गांड मरवाने की बात मत करो, चुत में चाहे जितनी मर्ज़ी लंड पेलो, रात भर चुत में लंड डालकर पड़े रहो.. मुझे कोई एतराज़ नहीं. वैसे अब ज़रा जोर जोर से धक्के मारो.. मैं झड़ने वाली हूँ.
मैं अब पूजा की चूचियों को अपने हाथों में पकड़कर अपनी कमर झटकों के साथ हिला हिला कर पूजा को चोदने लगा.
पूजा भी अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर डालकर अपनी गांड को उछाल उछाल कर मेरे लंड के धक्कों का जवाब देने लगी और बोली- चोदो, चोदो मेरे चोदू राजा, और जोर से पेलो मेरी चुत में अपना लंड.. आज मेरी चुत को फाड़ डालो, चुत के चिथड़े उड़ा दो, लेकिन मेरी चुत की कसम अभी रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रहो मुझे.. आह बहुत मज़ा आ रहा हैक्या मस्त चोदते हो. तुम धक्के मेरी चुत में मार रहे हो और चूत मेरे दिल तक पहुँच रही है. हाय हाय मैं झड़ रही हूँऊऊ.. पेएएएलो.. और तेएएज़ तेएएज़ पेएएलो अपना लन्न्न्न्ड हाययय मैंएएए गईईई.. उई हायय.. चोओदो, रुउउऊकना नहींईईई.. ओह ओह हां हां वाह वाह मेरी चूउउत को फ़ाआड़ डाआलोओ..
और पूजा झड़ गयी.
मैंने करीब दस मिनट तक और तेज़ तेज़ धक्के मार कर अपना लंड पूरा का पूरा पूजा की चुत में डालकर अपने लंड के पानी से पूजा की चुत को भर दिया. मेरे झड़ने के साथ साथ पूजा एक बार फिर से झड़ गयी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी.
मैं तब पूजा के ऊपर से नीचे उतरा और पूजा की चूचियों से खेलने लगा. पूजा मुझे रोकते हुए बोली- रूको मेरे राजा, मुझे टॉयलेट जाना है.
क्यों टॉयलेट क्यों जाना है?’ मैंने पूजा की चूची को दबाते हुए पूछा.
पूजा तब मेरे मुरझाए हुए लंड को पकड़कर हिलाते हुए बोली- टॉयलेट क्यों जाया जाता है.. ये भी नहीं मालूम?
मैंने भी मज़ाक मज़ाक में बोला- नहीं मालूम कि तुम क्यों टॉयलेट जाना चाहती हो.
पूजा बोली- अरे मुझे पेशाब लगी है और मुझे टॉयलेट में जाकर पेशाब करनी है. समझे मेरे भोले राजा?
तब मैंने पूजा की चूचियों को जोर से दबाते हुए कहा- तो ऐसे बोलो ना कि तुम्हें टॉयलेट जा कर अपनी चूत से सीटी बजानी है. मुझे चुत की सीटी सुनना बहुत अच्छा लगता है. मैं जब छोटा था तो अक्सर बाथरूम के बाहर छुप कर अपनी माँ और बहन की चुत की सीटी सुनता था. चलो आज मैं तुम्हारे सामने बैठ कर तुम्हारी चुत की सीटी सुनूँगा.
पूजा मेरी बातों को सुन कर खिलखिला कर हॅंस दी और बोली- धत्त ऐसा भी कहीं होता है? मुझे तुम्हारे सामने बैठ कर पेशाब करने में बहुत शर्म आएगी और फिर तुम मेरे सामने बैठोगे तो मुझे पेशाब ही नहीं होगी. तुम्हें मेरी चुत की सीटी सुननी है तो टॉयलेट के बाहर खड़े हो कर सुनो.
मैं तब ज़िद करते हुए बोला- क्यों नहीं हो सकता है? तुम जब शाम से अब तक मेरे सामने नंगी लेट कर अपनी चूत मेरे लंड से चुदवा सकती हो तो अब तुम्हें मेरे सामने बैठ कर अपनी नंगी चूत से पेशाब करने में शर्म आएगी? तुम मेरे सामने बैठ कर पेशाब क्यों नहीं कर सकतीं? नहींआज तो मैं तुम्हारे सामने बैठ कर तुम्हारी चूत से पेशाब निकलते देखना ही चाहता हूँ.
मेरी बातों को सुन कर पूजा बोली- तुम बहुत ज़िद्दी हो.. चलो आज मैं तुम्हें अपनी चूत से पेशाब निकलते हुए दिखलाती हूँ और साथ साथ अपनी चूत से निकलती हुई पेशाब भी पिलाती हूँ. चलो मेरे साथ टॉयलेट चलो.
इतना कह कर पूजा पलंग से उठ कर नीचे खड़ी हो गयी और नंगी ही टॉयलेट की तरफ चलने लगी. मैं भी तब पूजा के गोल गोल चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए पूजा के पीछे पीछे टॉयलेट चला गया.
टॉयलेट में पहुँच कर पहले पूजा ने अपना चेहरा धोया और एक तौलिया भिगो कर अपने पूरे बदन को पौंछा. फिर उसने मेरी तरफ देखकर बोला- हां अब बोलो, क्या तुम्हें मेरी चुत की सीटी सुननी है और क्या तुम्हें मेरी चूत से पेशाब निकलते हुए देखना है?
मैंने जब हां किया तो पूजा बोली- चलो टॉयलेट के फर्श पर लेट जाओ. मैं चुपचाप टॉयलेट के फर्श पर लेट गया


तब पूजा मेरे मुँह के पास अपनी चूत रख कर मेरे सीने के ऊपर अपनी चूतड़ रख कर बैठ गयी. बैठने के बाद पूजा ने एक बार झुक कर मुझे चूमा और फिर मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत से पेशाब की धार छोड़ दी. पूजा की चूत से निकलती धार ठीक मेरे मुँह पर गिर रही थी और पूजा ने मेरे सर को पकड़ रखा था. इसलिए मैं अपना मुँह खोल कर पूजा की चूत से निकलते पेशाब की धार को पीने लगा.
कुछ 3-4 मिनट तक पेशाब की धार लगातार चल रही थी और फिर रुक रुक कर मेरे मुँह पर गिरने लगी. मैं समझ गया कि पूजा की पेशाब की थैली खाली हो गयी है. तब मैं अपना हाथ उठा कर पूजा की दोनों चूचियों को पकड़कर मसलने लगा.
पेशाब खत्म होते ही पूजा मुझसे बोली- कैसा लगा मेरी चूत से निकलती पेशाब की धार पीकर? मज़ा आया या नहीं?
मैं पूजा से बोला- यार मज़ा आ गया. मैंने तो कहीं एक किताब में पढ़ा था कि हसीन औरतों की पेशाब का टेस्ट भी बहुत अच्छा होता है. आज तुमने अपनी पेशाब पिला कर वो बात साबित कर दी. सही मैं तुम्हारी इतनी सुंदर चूत से निकलते पेशाब की धार देख कर आज मैं धन्य हो गया.
वो मुझे मुग्ध होकर देखने लगी.
मैंने पूजा से पूछा- अब क्या प्रोग्राम है?
तब पूजा बोली- अरे अभी तो रात बहुत बाकी है और इसका पूरा का पूरा फ़ायदा मुझे उठाना ही है.
मैं बोला- ठीक है.
तब पूजा मेरे ऊपर से उठ कर खड़ी हो गई और बोली- क्या तुम्हें पेशाब नहीं करना? चलो अभी तुम भी पेशाब कर लो, फिर हम लोग फिर से पलंग पर चलते हैं.
मैं तब उठ कर अपना लंड अपने हाथ से तान कर पेशाब करने की तैयारी करने लगा. तभी पूजा ने आगे बढ़ कर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली- अरे मैं हूँ ना? तुम खुद क्यों पकड़ते हो अपना लंड. लाओ मुझे पकड़ने दो तुम्हारा लंड.
इतना कह कर पूजा ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली- चलो मेरे राजा, अब मुझे भी दिखलाओ तुम्हारे लंड से निकलते पेशाब की धार को.
मैं पूजा की चूचियों को पकड़ कर पेशाब करने लगा. मुझे पेशाब करते हुए अभी सिर्फ़ 10-15 सेकेंड्स ही हुए थे कि पूजा झुक कर मेरा लंड जिसमें से अभी भी पेशाब निकल रहा था, अपने मुँह में भर लिया और मेरी तरफ देख कर मुझे आंख मार दी.
पूजा मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर मेरे पेशाब को गटगट पीने लगी और जब मेरा पेशाब निकालना बंद हो गया तो मेरे लंड को मुँह से निकाल कर जीभ से अपने होंठों को साफ करते हुए बोली- मज़ा आ गया. मुझे बहुत दिनों से इच्छा थी कि मैं किसी जवान मर्द के तगड़े लंड से निकलता हुआ पेशाब पी लूँ.. और आज मेरी इच्छा पूरी हुई. थैंक्स.
मैंने आगे बढ़ कर पूजा को चूम लिया और हम लोग वापस कमरे में आ कर पलंग पर बैठ गए. पूजा झट से लेट गयी और मेरे सीने में अपना एक हाथ फेरती रही.
थोड़ी देर के बाद मैं पूजा से बोला- यार, तू बहुत ही सेक्सी चीज़ है. मुझे तो लगता है कि तूने अब तक बहुत से लंड अपने चुत को खिलाए होंगे. बोल ना कितने लंड खाए अब तक?
पूजा मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा दी और बोली- मुझे तो अब याद भी नहीं कि मैं अब तक कितने लंड खा चुकी हूँ अपनी चूत से. छोड़ो ये सब बातें और चलो हम लोग फिर से अपनी चुदाई की गाथा शुरू करें.
मैं अपने एक हाथ से पूजा की गांड को सहलाता हुआ बोला- यार मेरी जान, तुम उस समय इतना बिदक गयी जिसका कोई इन्तेहा नहीं.. मुझे तो ऐसा लगा कि सचमुच मुझे अपने ऊपर से हटा कर तुम अपने कमरे में सोने के लिए चली जाओगी और मैं अपने लंड पर मुठ मारता सो जाउंगा.
पूजा बोली- और क्या.. मुझे बहुत गुस्सा आ गया था.. तुम बात ही ऐसी कर रहे थे. जब औरतों को मरवाने के लिए भगवान ने चूत दी है तो गांड क्यों मरवाई जाए?
तब मैंने पूजा से बोला- अच्छा छोड़ो और एक छोटी सी कहानी सुनो.
पूजा बोली- इरशाद, इरशाद.
हां तो एक शहर में तुम्हारे पति जैसे मेरा मतलब जिनको सिर्फ़ गांड मारने या मरवाने में ही मज़ा आता है, वैसे लोग बहुत हो गए और उनकी संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही थी. कुछ दिनों के बाद उस शहर की रंडियों ने जाकर अदालत का दरवाजा खटखटाया. जब मजिस्ट्रेट साहब अपनी कुर्सी पर बैठ गए और बोले कि क्या बात है? तब रंडियों ने अपनी फरियाद सुनाई और वो भी ऐसे:
ए हुज़ूरे जानेमन
चार चार महीने हो गए खोले इजारबंद*
लड़के मरवायें गांड
और अपनी दुकान बंद!
*नाड़ा
मजिस्ट्रेट साहब ने उनकी बात सुन ली और थोड़ी देर सोचने के बाद बोले:
ये गुलबदन जाने चमन
सुन फरियाद तुम्हारी हम
बात मानो मेरी
तुम भी मरवावो गांड और
अपनी चूत करो बंद!
मेरे कहानी सुन कर पूजा खिलखिला कर हंस दी और बोली- तुम बहुत शैतान हो, औरतों को कैसे काबू किया जाता है, वो तुम्हें सब मालूम है. अच्छा अब बहुत हो गया है और थोड़ी देर में सुबह भी हो जाएगी. लाओ तुम्हारा लंड मेरे मुँह के पास कर दो, मुझे तुम्हारा लंड का रस चूस चूस कर पीना है.
अभी लो पूजा रानी, और मुझे एक बार फिर से तुम्हारी चूत को चाट चाट उसका रस पीना है.
मैंने पूजा के मुँह के पास अपना लंड रख कर ये कहा. पूजा ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़कर अपने मुँह में भर लिया और मैं भी पूजा की चूत से अपना मुँह लगा दिया. मैं पूजा की चूत अपने उंगलियों से खोल कर जीभ डालने लगा. मेरी जीभ जितनी अन्दर जा सकती थी, उतनी अन्दर डाल कर उसके रस को चाट चाट कर पीने लगा. पूजा भी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी और कभी चाटने लगी. मैं पूजा की चूत चाटते हुए कभी कभी उसकी गांड में अपनी उंगली फेर रहा था और जब जब मैं गांड में उंगली फेर रहा था, तब तब पूजा अपनी गांड को भींच रही थी.
थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा. फिर पूजा मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर बोली- क्यों मेरी गांड के पीछे पड़े हो? तुम्हें चूत का मजा चाहिए था और तुम्हें चूत का मजा मिला. अब मेरी गांड पर से अपनी नज़रें हटा लो और चलो अब मुझे आगे से चोदो. मैं अब फिर से अपनी चूत से तुम्हारा मोटा लंड खाने के लिए तैयार हूँ.
तब मैंने पूजा की चूत से अपना मुँह हटाते हुए कहा- अरे पूजा रानी, क्यों नाराज़ हो रही हो. तुम्हें गांड नहीं मरवानी है, मत मरवाओ. लेकिन मुझे कम से कम अपनी गांड से खेलने तो दो?
तब पूजा बोली- ठीक है, लेकिन मेरी गांड में ना तो उंगली करना और ना ही अपना लंड पेलना.
इतना कह कर पूजा ने अपनी पीठ के बल लेट कर अपने पैरों को ऊपर उठा दिया और बोली- चलो पेलो अपना लंड मेरी चुत में.. और फाड़ दो मेरी चूत अपने लंड के धक्के से.
मैंने तब पूजा की चूची दबाते हुए बोला- पूजा रानी, मैं अब तुम्हें कुत्ते की तरह पीछे से चोदना चाहता हूँ. चलो अब तुम कुतिया बन जाओ.
पूजा मेरी बातों को सुन कर बोली- अरे मैं तो कुतिया पहले से ही बन गयी हूँ और तभी तो तुम्हारे मोटे लम्बे लंड से अपनी चूत चुदवा चुकी हूँ. चलो तुम कहते हो तो मैं तुम्हारे लिए कुतिया बन जाती हूँ और तुम मुझे एक कुत्ते की तरह से चोदो.
इतना कहकर पूजा अपने घुटनों के बल बिस्तर पर उल्टी हो गयी और उसने अपने हाथों को बिस्तर पर रख दिया. मैं झट से उठ कर पूजा के पीछे आ गया और जैसा कुत्ता कुतिया की चूत सूंघता है.. वैसे मैं भी पूजा की चूत सूंघने लगा. मेरी हरकतों को देख पूजा हंस पड़ी. मैं अपनी जीभ निकाल कर पूजा की चुत को पीछे से चाटने लगा और पूजा भी अपनी कमर को हिला हिला कर और घुमा घुमा कर अपनी चूत मुझसे चटवाती रही.
थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा, फिर मैंने अपना मुँह उठा कर पूजा की गांड को चूम लिया और उसकी गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी. पूजा चिहुंक उठी, लेकिन कुछ नहीं बोली. मैंने फिर पूजा की गांड के छेद से अपनी जीभ लगा दी और फिर उसकी गांड को चाटने लगा. पूजा तब भी चुप रही.
फिर मैंने अपनी एक उंगली पूजा की गांड से लगायी, तो पूजा उछल पड़ी और बोली- साले भड़वे, क्या तेरे को मेरी चूत पसंद नहीं है? कब से तू मेरी गांड के पीछे पड़ा हुआ है. मैं पहले भी बता चुकी हूँ और फिर बोल देती हूँ कि मुझे गांड नहीं मरवानी है. तुम मेरी चुत को चाहे जितना चोद लो, मुझे कोई इतराज़ नहीं, लेकिन गांड में मैं लंड नहीं लूँगी. लगता है तू भी मेरे पति जैसा गांड का शौकीन है.
तब मैंने पूजा की गांड को छोड़ दिया और उसकी चुत के मुहाने से अपने लंड का सुपारा लगा दिया. लंड का सुपारा लगते ही पूजा अपनी कमर आगे पीछे हिलाने लगी और बोली- हां, इधर पेलो मेरी चुत को.. राजा.. जोर से पेलो मेरी चुत में अपना लंड पेलो.. आह.. जोरदार धक्कों के साथ लंड पेलो और मेरी चुत को रगड़ कर चोदो.
मैं भी पूजा की कमर पकड़कर उसकी चुत में दनादन अपना लंड घुसेड़ने लगा और बाहर खींचने लगा. पूजा भी अपनी कमर हिला हिला कर मेरे लंड को अपनी चुत को खिलाने लगी.
वो बोली- आह.. मार लो आज, मार लो मेरी चुत को.. साले इसकी धज्जियां उड़ा दो.. अपने लंड की चोटों से.. साली को बहुत गुमान है कि मोटे से मोटा लंड भी इसकी झांट का बाल भी नहीं बांका कर सकती.. आह.. चोदो मेरी चुत को और और तेज चोदोओ.. और समझा दो मेरी चुत को कि मोटे लंड से चुदवाने का मतलब क्या होता है. हां चूत बहुत फैल गयी, हां मेरी चूत चरचरा रही है. अब मैं कल सुबह अपने पति के आते ही उसे अपनी पूरी की पूरी खुली चूत दिखलाऊँगी कि कैसे मैं बेरहमी से चुदी.
मैं पूजा की बात को सुनता जा रहा था और उसकी कमर पकड़ कर उसे चोदता जा रहा था.
थोड़ी देर के बाद मैं पूजा की पीठ पर झुक गया और उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों से मसलने लगा. पूजा और मस्त हो गयी और अपनी कमर को जोर जोर से हिलाने लगी.
तब मैंने अपने एक हाथ की उंगली पर थोड़ा थूक लगा कर पूजा की गांड के छेद से भर दिया और गोल गोल घुमाने लगा.
पूजा कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने पूजा की पीठ पर जम कर फैलते हुए उसकी एक चूची जोर से पकड़ लिया और अपनी उंगली पूजा की गांड में घुसेड़ दी. पूजा छटपटाई लेकिन मैंने भी जोर से पकड़ रखा हुआ था और इसलिए वो कुछ नहीं कर पाई.
मैं अब अपनी उंगली को पूजा की गांड की अन्दर बाहर करने लगा. थोड़ी देर में पूजा शांत हो गयी और चुपचाप अपनी चूत चुदवाने लगी.


काएक मैंने अपना लंड पूजा की चुत में से निकाल कर पूजा की गांड के छेद पर रखा और एक झटके के साथ लंड को पूरा का पूरा पूजा की गांड में पेल दिया. पूजा एकाएक चौंक उठी और चिल्लाने लगी- ओह अहह मरर गईईईई. निकालोऊओ मेरी गाअंड से अपना लन्न्न्ड.. मैं मररर जाऊंगीईई.. हायईई मेरी गाआंड फट गईईई.. ओह अहह ओह ओह..
मैं पूजा की बातों पर ना ध्यान देते हुए उसकी गांड में अपना लंड पेलता रहा.
पूजा चिल्ला रही थी- हाय मार डाअला, अरेए.. निकालऊऊओ अपना लौड़ाआआ मेरी गाअंड सेईई.. सालेईई मादरचोद.. मुफत का माअल मिलाआआ है तभीईई.. मेरी गाअंड फ़ाड़ रहा है.. हायईईईई.. अभीईईईई मादरचोद अपना लंड मेरी गाआअंड से जलदीईईई निकाआलो.
मैं पूजा की बातों को ना सुनते हुए अपना लंड उसकी गांड में पेले जा रहा था और थोड़ी देर के बाद पूछा- पूजा मेरी जान, तेरी गांड बहुत प्यारी है. इतनी टाईट है कि मेरा लंड फँस फँस कर अन्दर घुस रहा है.
इतना कह कर मैंने अपने एक हाथ से पूजा की चुत में अपनी एक उंगली पेल दी और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा और धीरे धीरे पूजा का चिल्लाना कम हो गया. अब वो मेरे हर धक्के के साथ साथ ओह ओह अहह अहह हाईईईईई..कर रही थी.
मैंने दो-चार और धक्के मार कर पूजा से पूछा- पूजा रानी, अब कैसा लग रहा है? अब तुम्हारी गांड में मेरा लंड घुसा हुआ है, तेरी चुत में मेरी उंगली घुसी हुई है और तेरी एक चूची मेरे हाथों से मसली जा रही है. बोल अब कैसा लग रहा है. मज़ा आ रहा है कि नहीं?
तब पूजा ने अपना चेहरा मेरी और घुमा कर बोली- साले मादरचोद, पहले तो मेरी गांड फाड़ दी अपना लंड घुसा कर और अब पूछ रहा है कि कैसा लग रहा है? साले, चल जल्दी जल्दी से मेरी गांड में अपना लंड से जोर जोर के धक्के लगा और मेरी गांड को भी मेरी चूत जैसी फाड़ दे. हाय अब बहुत अच्छा लग रहा है. अब मार ना मेरी गांड, चोद साले, चोद मेरी गांड.
इतना कह कर पूजा अपनी कमर चला कर मेरे लंड को अपनी गांड के अन्दर बाहर करने लगी.
तब मैं बोला- अब क्या हो रहा है पूजा? अब तो तुम खुद ही मेरे लंड को अपनी गांड से खा रही हो. अब सब दर्द खत्म हो गया है?
पूजा तब मुस्कुरा कर बोली- पहले तो तुमने मेरी गांड में अपना मोटा गधे जैसा लंड घुसा कर मेरी गांड फाड़ दी और अब पूछते हो कि अब कैसा लग रहा रहा है? चलो अब बातें बाद में करना अब मेरी बची खुची गांड को और फाड़ दो और मेरी गांड क़ायदे से मारो. मुझे तुमसे गांड मरवा कर बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने तब पूजा की कमर को अपने दोनों हाथों से कस कर पकड़ ली और उसकी गांड में दनादन अपना लंड पेलने लगा. मैं पूजा की गांड मारते हुए कहने लगा- हाय पूजा रानी, तेरी गांड बहुत ही मस्त है.. आह.. बहुत टाईट गांड है और मुझे गांड में लंड पेलने में बहुत मज़ा आ रहा है. हाय तेरी चूत और गांड दोनों को चोद कर आज मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.
पूजा भी अपनी कमर मेरे साथ साथ चलाते हुए बोली- मार लो आज मेरी गांड. मुफ्त में मिली है आज तुमको मेरी गांड, इसमें अपना लंड पेल पेल कर तुम भी मज़े लो और मुझे मज़े दो. हाय बहुत अच्छा लग रहा है. हां ऐसे ही मारते रहो, पेलते रहो अपना लंड मेरी गांड में.. ऑह ओह अहह मेरी चुत में अपनी उंगली डालो. मैं अब झड़ने वाली हूँ.
मैं भी पूजा की चुत को अपनी उंगली से चोदता रहा.
थोड़ी देर के बाद पूजा झड़ गई और हांफने लगी. थोड़ी देर के बाद पूजा बोली- तुमने मेरी गांड को क्यों चोदा? मैंने तुम्हें मना किया था ना? जाओ अब मैं तुमसे अपनी चूत नहीं चुदवाऊँगी.
मैंने तब पूजा की चुत को सहलाते हुए बोला- अरे मेरी जान, क्यों गुस्सा कर रही हो? तुम्हारी गांड इतनी प्यारी है कि मैं अपने आप को रोक नहीं सका. क्या छलकते हुए भारी भारी चूतड़ और उनके बीच में तुम्हारी गांड का छेद, किसी का भी कत्ल कर सकती है. वैसे सच सच बताना कि तुम्हें मज़ा आया या नहीं? क्या शानदार तुम्हारी गांड है. मुझे तुम्हारी गांड मारने में बहुत मज़ा आया.
तब पूजा मेरे मुरझाए लंड को अपने हाथों से सहलाते हुए बोली- हां मुझे गांड मरवाने में बहुत मज़ा आया, लेकिन पहले लग रहा था कि मेरी गांड फट ही जाएगी.
मैं पूजा से बोला- अरे मेरी जान, लंड डालने से ना तो चूत फटती है और ना ही गांड ही फटती है. अब देखो ना तुम्हारी चूत और गांड दोनों ने मेरा लंड पूरा का पूरा खा लिया और कुछ नहीं हुआ. अच्छा अब चलो बाथरूम नहा लो. मुझे अपना लंड धोना है और तुम्हारी गांड भी धोनी है.
मेरी बातों को सुन कर पूजा उठ कर खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर मुझे भी उठा दिया. हम दोनों बाथरूम में जाकर पहले मैंने अपने हाथों से पूजा की गांड को साबुन लगा कर धोया और फिर पूजा ने मेरे लंड को पकड़ कर मसल मसल कर धोया.
फिर मुझे पूजा खींच कर बेडरूम में ले आई. बेडरूम में आकर पूजा मुझसे लिपट कर बोली- अब क्या इरादा है? वैसे रात के 2. 30 बज रहे है और मुझे तो नींद आ रही है. इतनी चुदाई से मेरी चूत और गांड भी कराह रही है. लगता है कि चूत और गांड दोनों अन्दर से छिल गयी हैं.
मैं पूजा को चूमते हुए बोला- मेरी चुदक्कड़ रानी, क्या कोई आदमी या औरत अपने सुहगरात को सोता है क्या? अभी तो मुझे तुम्हें कम से कम एक बार और चोदना है. आज रात जब तक मेरे लंड में दम है, तब तक मैं तुम्हें चोदूँगा, तुम्हारी चूत मारूँगा और तुम अपनी टांगें फैलाए मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाती रहोगी, समझी?
पूजा मुझसे बोली- तुम बहुत बड़े चोदू हो. आज रात की चुदाई से मेरी चूत ने शादी के बाद पहली बार पता नहीं कितनी बार पानी छोड़ा है कि मैं बोल नहीं सकती. शादी के बाद आज पहली बार मेरी चूत पूरी तरह से तृप्त हो गयी है और तुम अब भी बोल रहे हो कि तुम्हें और चोदना है.
मैंने पूजा से बोला- रानी आज जो भी हो जाए.. मुझे रात भर तुम्हें चोदना है. अब चाहे चूत तृप्त हो गयी हो या चूत कराह रही हो.
इतना कह कर मैंने पूजा के दोनों कंधे पकड़ लिये और उसको बिस्तर पर ले जाकर लेटा दिया. फिर उससे पूछा- अब बोलो कैसे चुदवाओगी? मैं तुम्हारे ऊपर चढ़ कर चोदूँ या फिर तुम मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदोगी?
पूजा मुस्कुरा कर बोली- क्या फर्क पड़ता है? मैंने पहले भी कहा था कि चाहे तुम ऊपर हो या मैं ऊपर हूँ, चुदेगी तो मेरी चूत ही ना? अब तुम जैसे चाहो चोदो मुझे. आज की रात मेरी चूत को फाड़ कर उसको भोसड़ा बना दो, मेरी गांड में अपना लंड पेल कर उसको भी फाड़ दो. कम से कम आज मुझे पता तो चले कि असली चुदाई क्या होती है.
मैं पूजा को बिस्तर पर बैठा कर खुद भी बिस्तर पर बैठ गया और उसकी चूची से खेलने लगा.
पूजा मुझसे बोली- क्या बात है? लगता है कि तुमने इतनी सी चुदाई में अपनी ताक़त खो दी. अरे और जोर जोर से मसलो मेरी चूचियों को.. मसल डालो मेरी इन चूचियों को. इनको भी तो पता लगे कि हां कोई मर्द इनको छेड़ रहा है, इनको मसल रहा है.
पूजा की बातों को सुन कर मैंने उसको अपनी गोद में लिटा लिया और दोनों हाथों से उसकी चूची पकड़ कर जैसे आम निचोड़ा जाता है, उसकी एक चूची को दबाने लगा और दूसरी चूची को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
पूजा गर्माती हुई बोली- वाह, मज़ा आ गया.. अब तो तुम मेरी चूची ऐसे दबा रहे हो.. जैसे कोई लंगड़ा आम को निचोड़ निचोड़ कर खा रहा हो.. आह.. मजा आ गया मेरी जान.. और जोर जोर से चूसो मेरी चूची.. सच्ची बहुत मज़ा आ रहा है.. हाय अहह ओहह..
मैं पूजा से बोला- रानी तुम्हारी चूचियां इतने दबाने के बाद अब लंगड़ा आम नहीं रहेंगी.. अब ये तो चौंसा या फ़ाज़ली आम हो गई हैं. वैसे जो भी हो, इनका रस बहुत ही मीठा है. रानी मज़ा आ गया तुम्हारी चूचियों का रस पी कर!
इसके बाद मैंने पूजा को उठा कर अपने गोद में बिठा लिया. पूजा मेरी कमर के दोनों तरफ अपने पैरों को करके मेरी तरफ मुँह करके बैठ गयी. अब मेरा लंड ठीक पूजा की चूत के सामने था. मैं पूजा की चूचियों को फिर से मसलने लगा. पूजा ने भी अपना एक हाथ बढ़ा कर मेरा लंड अपनी चूत के छेद से लगा दिया और खुद ही अपनी कमर हिला कर एक झटका देते हुए मेरा लंड फिर से अपनी चूत में घुसवा लिया.
मेरा लंड पूजा की चुत में घुसते ही पूजा ने मेरे गले में अपनी बांहों को लपेट लिया और अपनी कमर उचका कर मुझे चोदने लगी. ऐसी स्थिति में पूजा जैसे ही अपनी कमर को उठा कर अपनी चूत से मेरा लंड बाहर करती, मैं उसकी चूंची को जोर से दबा देता.
पूजा तब अहह ओह..करके एक झटके के साथ मेरा लंड फिर से अपनी चूत में घुसड़वा लेती. पूजा मुझको कुछ देर तक चोदती रही और फिर थक कर मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़े घुसेड़े ही मेरी गोद में शांत बैठ गयी.
मैं पूजा से बोला- क्यों रानी क्या चोदते चोदते थक गयी हो?
पूजा मेरे होंठों पर चुम्मा देते हुए बोली- हां, मेरे सैयां.. मेरे आज के बलमा.. मुझसे अब नहीं चोदा जाता. अब तुम मुझे बिस्तर पर लेटा कर जैसे मर्द कोई रंडी को चोदता है, वैसे ही चोदो. मेरी चूत से आग निकल रही है.. और जब तक इसको तुम्हारे लंड का पानी नहीं मिलेगा, मेरी चूत की ये आग नहीं शांत होगी.
यह सुनकर मैंने पूजा की कमर पकड़ कर अपनी कमर चला कर उसे चोदना चालू किया और उससे पूछा- क्यों रानी, क्या मेरी चुदाई में मज़ा आ रहा है?
पूजा मेरी छाती के निप्पल को अपने नाख़ून से कुरेदते हुए बोली- भला हो मेरे भोसड़ पति के टूर का और उस टेंकर का जो बीच रास्ते में खराब हो गया है, नहीं तो ये चुदाई का मज़ा मुझे कभी ना मिलता.
मैं पूजा की चूत चार करारे धक्के मार कर बोला- रानी, एक बात बताओ? लगती तो तुम बहुत सेक्सी और चुदक्कड़ भी, लेकिन तुम कहती हो कि तुम्हारे पति देव एक गांडू इंसान हैं. फिर तुम अपनी चूत की खुजली कैसे बुझाती हो?
पूजा बोली- हां, मेरा पति एक गांडू इंसान हैं और उसे गांड मरवाने का व मारने का बहुत शौक है. मेरे पति को चूत से कुछ लेना देना नहीं है, वैसे उसे छोड़ कर मेरी ससुराल में सब एक से एक गांडू इंसान हैं. मैं अपनी चूत की खुजली अपने पुराने फ्रेंड को बुला कर बुझवाती हूँ, पर वो भी तुम्हारी तरह मेरी प्यास नहीं बुझा सकता. तुम बहुत मस्त चोदते हो.. क्या तुम मेरे साथ मेरी ससुराल चलोगे?
मैंने पूछा- ससुराल चलूँ मतलब?
पूजा बोली- अरे मेरी ससुराल में मेरे ससुर जी, जेठ जी, देवर जी सब गांडू हैं.. यहां तक मेरे ननदोई भी पूरे गांडू हैं. मेरी जेठानी, देवरानी और ननद भी अभी तक प्यासी हैं, जब उन्हें मैं बताऊँगी कि तुम तो बहुत बड़े वाले चोदू इंसान हो. तुम्हारा लंड भी बड़ा मूसल जैसा है.. और जब मैं उनको सब बताउंगी कि तुमने आज कैसे बार बार मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी चूत और गांड की अच्छी तरह से धुनाई की है.. अपने लंड की पिचकारी से मेरी चूत की गर्मी को शांत की हैं. तो वो सब भी तुमसे बार बार चुदवाएंगी. फिर हम चारों एक साथ तुम्हें चोदेंगे.
मैंने पूछा- मैं तो पहले से ही औरतों की चुदाई का रसिया हूँ.. पर क्या तुम्हारे पति और ससुर मुझे तुम्हारे घर ऐसे ही आके तुम सबको चोदने देंगे?
तब पूजा बोली- उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए क्या करते हैं. वो सब तो एक दूसरे की गांड मारने या मरवाने में लगे हुए रहते हैं. तुम आओगे ना मेरे ससुराल में.. मेरी जेठानी, देवरानी और ननद भी मेरी तरह ही चुदक्कड़ हैं.
तब मैंने पूजा से कहा- हां.. मैं तेरे साथ चलूँगा.
यह सुनकर वो बहुत ही खुश हो गयी और मैं उसकी चूत को धकापेल चोदते रहा.
दोस्तो, कैसी लगी मेरे जीवन की एक सच्ची घटना. मैं अगली बार यह कहानी यहां से आगे बताऊँगा कि कैसे मैंने पूजा की ससुराल जा कर पूजा, उसकी जेठानी रेश्मा, देवरानी सविता और ननद शिल्पा.. उन चारों के साथ बारी बारी से कैसे चुदाई की और हम पांचों ने एक साथ कितनी मस्तियां की. अपने प्रतिभाव जरूर भेजना.