Friday, April 29, 2016

सविता की देसी चूत

सविता की देसी चूत

उस दिन आशानगर का हर एक लडका ख़ुशी के मारे पागल हो रहा था क्यूकि बात ही कूछ ऐसी थी उस दिन सुंदर सविता आशा नगर मे आयी हुई थी ! सविता को दो बहने थी उनमें से सविता ही सबसे सुंदर और सेक्सी थी! उसके अंग अंग से मादकता का रस टपकत था अभी अभी जवानी मे उतरी एक सुंदर ललना थी उसे देखने वाला हर आदमी अपने मूह मे उंगली डालता था ! उसके उभरे शरीर मे ऐसी मांसलता थी की उसके शरीर का हर एक अंग मादकता के साथ उभर आया था ! उसके स्तन और नितंब की उभारता देख कर हर कोई पगला जाता था,
हर एक आदमी उसकी चुद देखने को तरस जाता था ! उसकी सुंदरता पर लोग मरते है यह सविता को पता था उसे बहोत ही नाज था अपने सुंदर शरीर पर, इस कारण वो खुद पे बहोत गर्व करती थी ! वो अपने आप को श्रीदेवी की तरह सुंदर समजती थी और नखरे करती थी यह बात को गाँव के लडके समजते थे इसीलिए तो सब लडको ने उसके उपर डोरे डालने शुरू किए थे, मानो जैसे सविता को पटा कर उसकी देसी चूत की चुदाई करने की हर लडके मे रेस चालू थी ! वनिता सविता की बहन बिलकुल उसके विरुध्द स्वभाव की थी वो सिर्फ अपने घर के काम काज मे ध्यान देती थी सारा दिन अपनी माँ को घर के काम मे मदत करती थी और सविता अपना सारा वक्त सजने सवरने मे बिताती थी ! उन्नीस की सविता पर उसकी स्तनो की उभरी मांसलता तो बहोत ही आकर्षक थी ! चलते समय उसके स्तन हिलने लगते थे, उसे देखकर कोई भी अपने आप पे काबू नही रख पाता था !

सविता के आते ही लड़के गली में रहने लगे

एक दिन सविता के घर के सामने बहोत सारे लडके बैठे थे वो रामभाऊ ने देखा, तो उनको आश्चर्य हुआ, उन्होने गल्ली मे से गुजरते हुए श्याम को देखके आवाज दी… “अरे श्याम इधर आ, आज गल्ली मे बहोत फर्क नजर आ रहा है ना?.. कैसा फर्क काका जी?….. अरे श्याम तुम्हे मेरी बात का मतलब समझ मे नही आया क्या?….. ओ हां काका जी “आज गल्ली बहोत सुंदर दिखाई दे रही है, वो क्या है ना दिवाली नजदीक आयी है ना तो सब कूछ साफ सुथरा नजर आना चाहिए ! काका जी उसकी बातो से परेशान रह गये.. श्याम की कसेट शुरू हो गई… रामभाऊ ने परेशान होकर श्याम से कहा “अरे दिवाली नजदीक आई तो क्या हुआ?”…  श्याम बोला दिवाली के नाम पर पैसे मांगने आयेंगे ना तो उस दिन लोग शिकायत नही करे इसीलिये सब कूछ साफ सुथरा रखा है ! तब रामभाऊ परेशान होके बोले “हो गया तेरा बोल के?” मेरी भूल हो गई और तुम्हे प्रश्न पुछा.. मै क्या कहना चाहता था और तुम क्या कह रहे हो?” बिना सोचे समझे तुम्हारा पट्टा शुरू हो जाता है ! एक कान के नीचे दुंगा ना … अरे सामने सविता नाम की लडकी बहोत ही सुंदर है वो रहने आई है इसीलिए लडको की इतनी भीड गल्ली मे दिखाई दे रही है !.. हां हां काका अब बात समझ मे आयी वैसा कूछ नही पहले मै भी उस रेस मे था.., मन मे बोला की “मै तो उसकी चूत की चुदाई करने को बेताब हो गया हुं..!” तब काका बोले “अबे तू भी उस रेस मे था ? तू कितना तुम्हारी उंचाई कितनी और तू भी रेस मे था? काका ने आश्चर्य से पुछा.. मेरे से वो थोडी लंबी है इसीलिए तो लफडा हो गया ना ! पर काका तुम इतना उनके बारे मे क्यू पुछ रहे हो? क्या तुम भी….? एक लगाउंगा ना कान के नीचे श्याम बोलने से पहले काका बोले अरे तुम क्या बोल रहे हो समझ आता है या नही? हर रोज नये नये बंदरो के मूह देखने को पडते है इसलिए मैने पुछा ! तब श्याम बोला “जाने दो ना काका… मैने तो उस रेस को छोड दिया है..! काका बोले “वैसे तो तुम्हे वो छोडनी ही थी नही तो उन लडको के भीड मे तुम दिखाई कब देते? हा..हा…हा.. करते काका अंदर चले गए इतने मे सविता अपने दरवाजे मे खडी दिखाई दी.. श्याम ने अपनी नजर सविता की नजर से मिलाई और देखने लगा… उसने अपनी नजर न हटाने की ठान ली थी.. सविता भी उसकी नजर मे नजर मिलाकर देखने लगी… जैसे सविता करती वैसे ही श्याम करने लगा.. सविता को वो सब अच्छा लगने लग रहा था.. सविताने खुश होकर श्याम को हाथ हिलाकार इशारा किया.. श्याम तो जैसे ये देखकर होश ही खो बैठा.. उसे इस बात विश्वास नही हो रहा था उसकी तो जैसे लॉटरी लग गई थी ! एक ब्युटी क्वीन ने हाथ हिलाकार जैसे उसे स्वीकृती दे दी थी !

सविता ने श्याम को इशारा किया

श्याम को वो दिन असल मे सच नही लग रहा था पर गले दिन से हर रोज ऐसे इशारे चालू होने लगे तो श्याम को विश्वास हो गया की सविता अपने को पटी है ! अब मुझे सविता के चूत की चुदाई करने को मिलेगी..! तब उसने आगे का कदम उठाने कि ठान ली..! दुसरे दिन उसने एक चिट्ठी लिखकर दे दी .. ! उसमे लिखा की “सविता तुम आज रात को दिन ढलने के बाद स्कूल के आंगन मे मिलने के लिए आ जाओ, तुमसे जरुरी बात करनी है !” सविता ने हस के उसकी बात मान ली और इशारे से मिलने का वादा किया ! अंधेरा होते ही श्याम सविता की राह देखने लगा ! तब अंधेरे मे उसे सविता आती दिखाई दी उसका दिल धडकने लगा मन ही मन मे खुश हो रहा था ! सविता आते ही वो दोनो स्कूल के आंगन मे किसीको नही दिखाई पडे ऐसी जगह आकर बैठ गये ! श्याम ने सविता से कहा “कितनी प्यारी हो तुम सही टाईम पे आयी हो” सविता हसके बोली “हम तो वादे के पक्के है ! ऐसा कहते ही श्याम ने उसका हाथ पकडा और उसे नजदीक खींच कर अपनी बाहो मे ले लिया ! दोनो का रोमान्स शुरू हो गया ! सविता के नाजूक होठो पर अपने होठ रखकर चुमने लगा ! धीरे से उसने अपना हाथ नीचे सविता के बडे बडे स्तन हाथ से दबाने के लिए लिया, उसका हाथ सविता के बडे बडे स्तनो को लगते ही श्याम झूम उठा ! उसका आनंद सचमुच दुगुना हो गया ! धीरे से सविता को नीचे लीटाया और उसका उपर का कुर्ता निकाल कर उसके बडे बडे स्तन हाथो से दबाने लगा चुसने लगा ! दोनो हाथो मे लेके स्तनो से खेलने लगा, ऐसा करने मे उसे बहोत मजा आ रहा था, वो अपने आप को बहोत ही खुश नशीब समझ रहा था !

सविता की चुन्चीया अपने दातो से मसल रहा था..! धीरे धीरे सविता को पुरा नंगा किया और श्याम ने भी अपने कपडे उतार कर फैंक दिये ! अब दोनो भी नंगे बदन लिए एक दुसरे के शरीर का स्पर्श महसूस करने लगे ! सविता के मांसल शरीर से श्याम बहोत ही उत्तेजित हो रहा था.. उसने बेहोश होकर सविता को चाटना शुरू किया उसकी दोनो टांगे फैलाकर सविता की नाजूक मुलायम चूत मे अपनी जबान डाल कर चुसने लगा सविता श्याम के इस व्यवहार से और भी उत्तेजित हो गई उसे चूत चटाने मे बहोत मजा आ राहा था, सविता श्याम के बालो मे हाथ डाल कर जोर जोर से अपनी चूत की ओर दबाने लगी बहोत ही मदमस्त होके अपनी चूत चटवाई ! लगभग पांच मिनिट तक श्याम ने उसकी चूत चाट के साफ कर दी… अब दोनो इतने उतावले हो गये थे तब श्याम ने सविता को अपना लंड अपने हाथो से सहलाने को कहा .. सविता का स्पर्श उसके लंड को होते ही और भी कडक हो गया.. उसके स्पर्श मे जैसे जादू था.. !

लौड़ा गरम है डाल दो मेरी चूत में

श्याम ने सविता की जांघे फैलाई और उसकी गिली चूत मे अपना लंड डाला… जैसे ही धीरे धीरे श्याम का लंड उसकी चूत मे जाने लगा सविता को बहोत ही ख़ुशी मिलने लगी… श्याम का कडक लंड पुरा उसकी चूत मे चला गया.. धीरे धीरे करते करते उसने धक्के देना चालू किया उसकी रफ्तार बढ गई…! सविता के मूह से आह..आह..अहह. की आवाज निकलने लगी.., इस आवाज से श्याम को और मजा अने लगा.. वो जोर जोर से धक्के मारने लगा… सविता अपनी टांगे फैलाकर उसका लंड जितना हो सके अंदर घुसा लेने लगी..! थोडी देर बाद उसने सविता को अपने घुटने पर लेटने को कहा सविता घुटने पर लेटते ही उसके बडे बडे नितंब अपने हाथो से दबाकर उसे चुमने लगा.. और बाद मे अपना लंड पीछे से उसकी चूत मे डाल दिया और उसकी कमर पकड के धक्के मारने लगा.. बीच बीच मे सविता के बडे बडे झुलते हुए स्तन हाथो मे लेके दबाते दबाते धक्के मारते चुदाई करने लगा..! उसका लंड पच पच की आवाज करते हुए उसकी चूत चुदाने लगा था…! सविता के बडे बडे नितंब श्याम के पेट को लग रहे थे उसे बहोत ही मजा आ राहा था..! अब उसका वीर्य निकलने का समय होने वाला था तब उसने फिरसे उसे लेटने को कहा और टांगे फैलाकर उसकी चूत मे लंड डाला… श्याम ने अपनी बाहो मे उसे पकडा और लंड पुरी ताकत से अंदर दबा कर सारा वीर्य उसकी चूत मे छोड दिया..! तबसे लेकर वो हमेशा अकेले मे मिलने लगे और लंड चूत का खेल खेलने लगे..! श्याम का और सविता का लफडा जब गांव के लडको पता चला तब सब जलने लगे…! काका ने श्याम को कहा.”अरे श्याम, तू तो बहोत ही नशीब वाला निकला तेरी तो लॉटरी लाग गई यार….!”

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