Friday, April 29, 2016

Salee kee Gift

मुग्धा किचन में पानी पीते हुए अपने जीजा कुमार से बोली, “जीजू मुझे भी आना हैं प्लीज़. मैं आप की गाडी के पास बैठी हूँ.” कुमार की उलझन बढ़ गई क्यूंकि मुग्धा के सरप्राइज़ बर्थ-डे की प्लानिंग में अब सिर्फ केक आना बाकी था जिसे लेने के लिए ही वो निकल रहा था. मुग्धा एक हसीन लड़की हैं जो आज रात को 12 बजे के बाद वो 18 साल की होने वाली थी. कुमार बिजली खाते में डिप्टी इजनेर हैं और उनकी बीवी सुधा एक टीचर हैं. साली और सास के अलावा ससुराल में और कोई हैं नहीं इसलिए छोटे बड़े काम कुमार अपने कंधो पे ही ले लेते हैं. लेकिन उन्हें यह कतई अंदाजा नहीं हैं की आज रात को साली मुग्धा उनके ऊपर जो जिम्मेदारी डालनी वाली हैं उसका भार कुछ ज्यादा ही हैं.

कुमार मुतने के बाद कुमार गाडी के पास आये और मुग्धा वही खड़ी थी. कुमार ने गौर नहीं किया लेकिन आज मुग्धा का स्कर्ट कुछ ज्यादा ही ऊपर था जैसे वो अपनी गोरी जांघे जीजा जी को दिखा रही हो. कुमार ने ड्राइविंग सिट पे बैठते हुए कहा, “मुग्धा आ जाओ अंदर. चलो चलते हैं. मुझे कुछ काम हैं और भी इसलिए मैं तुम्हें केम्पस ड्राप कार दूंगा.”

मुग्धा, “आप केक लेने जाओंगे क्या?”

कुमार यह सुन के समझ गए की मुग्धा को सरप्राइज़ बर्थडे के बारे में सब पता हैं. वो हंस के मुग्धा की तरफ देख के बोले, “अच्छा तो तुम्हे सब पता हैं. चलो अब पता ही हैं तो अपना गिफ्ट भी बता दो क्या लोगी?”

मुग्धा हंस के बोली, “गिफ्ट तो मैं आप को केक काटने के बाद बताउंगी. और घबराए नहीं ऐसी चीज मांगूंगी जो बाजार से नहीं लानी हैं.”

दिमाग में सवालों का घोडापुर ले के कुमार ने गाडी को बेकरी के पास ली. केक को पीछे की सिट पे डाल के दोनों ही फिर पिज़ा पार्लर गए जहाँ शाम की छोटी से पार्टी का ऑर्डर देना था. बाद में गुब्बारे, कोल्ड ड्रिंक और बाकी सब जगह पे मुग्धा कुमार के साथ ही आई. घर वापसी के समय मुग्धा ब्यूटी पार्लर उतर गई और कुमार अपनी गाडी ले के घर आ पहुंचे. देखते ही देखते सूरज ने अपनी सवारी को ले के पश्चिम की और रुख कर लिया. शाम के बाद रात होने में जरा भी समय नहीं लगा. 10-12 महमानों को आना था जो लोग 11:30 तक घर में आ गए. मुग्धा ने ब्लेक स्कर्ट के ऊपर रेड टी-शर्ट डाली थी जो हलकी ढीली थी और उसके छोटे चुंचे उसमे झूल रहे थे. कुमार और उसकी सास ने महमानों से बातें की और फिर घडी की बड़ी सुई ने छोटी सुई को जैसे पेल रही हो वैसे उसके ऊपर आसन जमा लिया.

साली को अलग गिफ्ट लेनी थी

मुग्धा ने केक काटी और सब ने टुकड़ा टुकड़ा अपनें मुहं में डाली. सब महमानों ने चीज़ और मशरूम पिज़ा के साथ पनीर टिक्का और कोल्डड्रिंक की ज्याफत की. 12:30 होने तक तो सभी महमान निकल चुके थे. कुमार की बीवी और सास ने होल को साफ़ किया. सुधा को भी नींद आई थी इसलिए अपनी माँ के साथ वो भी कमरे की और निकल गई. कुमार के दफ्तर में दुसरे दिन छुट्टी थी इसलिए उन्होंने भी अपनी व्हिस्की की बोतल को निकाला और ग्लास बनाने लगे. सुधा एक बार आके उन्हें सोने  के लिए बुलाने लगी लेकिन कुमार ने सुधा को कह दिया की उन्हें लेट होंगा और वो सो जाएँ.

10 मिनिट में कुमार ने एक ग्लास तो अपनी हलक के निचे उड़ेल दिया था और अब वो दूसरा पेग बना रहे थे. तभी वही ब्लेक स्कर्ट और रेड टी-शर्ट में मुग्धा आ पहुंची. कुमार ने उसकी और देखा और बोले, “आओ डियर बैठो.”

मुग्धा ने अपनी गांड को कुमार के करीब सेट किया सोफे के ऊपर और वो बोली, “जीजू मेरा बर्थ-डे गिफ्ट?”

कुमार ने अपने मुहं के करीब लाये हुए ग्लास को हटाया और बोले, “बोलो क्या चाहियें तुम्हें?”

मुग्धा ने अपने मोबाइल को निकाला और उसमे कुछ निकालने लगी. कुमार को लगा की वो किसी चीज का फोटो बता के वो लाने को कहेंगी. लेकिन जब मुग्धा ने अपने मोबाइल को पलटा तो कुमार के लौड़े में आग सी लग गई. मुग्धा ने एक सेक्स सिन का फोटो निकाला था जिसमे एक जवान लड़की की चूत में एक वयस्क पुरुष ने अपना लंड डाला हुआ था. कुमार की शराब बाफ बन के जैसे उनके नाक से निकल गई. उन्होंने मुग्धा की तरफ देखा और पहली बार उन्हें लगा की मुग्धा अब सही मायनों में जवान हो गई थी. बड़े होंठ जिस के ऊपर लाल लिपस्टिक, छाती की गोलाईयां और बातो में मस्ती; सब कुछ तो था जो एक जवान लड़की के पास होता हैं. कुमार के दिल में थोड़ी बहुत झिझक थी फिर भी; लेकिन जब मुग्धा उनके पास आके खड़ी हुई तो वो झिझक भी दूर हो गई.

कुमार के पास बैठते हुए मुग्धा ने कहा, “जीजू अपने होंठो से मुझे भी दो घूंट पिला दो. मैं सेक्स और शराब दोनों के दोहरें नशे में डूबना चाहती हूँ.”

कुमार अभी कुछ हाँ या ना कह पाते उसके पहले मुग्धा ने ही शराब के जाम को कुमार के मुहं की और बढाया. कुमार ने हलकी सी सिप ली और मुग्धा ने अपने होंठ जीजा के होंठो पे रख दिए. किसी रोमांटिक फिल्म के सिन के जैसे ही अनुभूति हो रही थी कुमार को आज तो. यह सब इतनी जल्दी और सहजता से हो रहा था की उनको ये खयाली पुलाव से भी सहज लग रहा था. एक पल के लिए तो वो समझे की वो सपनों की दुनिया में आ गए हैं और उनका लंड खड़ा हुआ पड़ा हैं. मुग्धा की लिपस्टिक कुमार के होंठो पे लग रही थी और मुग्धा जीजा के मुहं से व्हिस्की की बुँदे अपने मुहं में खिंच रही थी. कुमार का हाथ मुग्धा की कमर की इर्दगिर्द लिपट गया और उन्होंने उसे अपनी और खिंच लिया. मुग्धा ने जीजा को कस के एक चुम्मा दिया और उसकी मूछों को भी जैसे की खाने लगी. कुमार ने एक और झप्पी ली और मुग्धा को जकड़ लिया. मुग्धा की चूत के ऊपर अब पसीना और चुदाई का प्रवाही दोनों निकलने लगे थे. उसे अपने 18वें बर्थ-डे पे एक लंड लेना था और उसने कुमार से चुदने के लिए बहुत समय से मन बनाया हुआ था.

जीजा का लंड साली के हाथ में

मुग्धा ने अपने हाथ को आगे बढ़ाया और कुमार की पेंट ने उपसे हुए सांप को अपने हाथ में ले लिया. कुमार को यह अहसास किसी स्वर्ग के सफर से कम नहीं लग रहा था. मुग्धा ने चुम्मे को जारी रखते हुए पेंट की ज़िप को पकड़ा. एक हाथ से ही उसने पेंट की ज़िप खोल दी. बाकि का काम कुमार ने किया. उसने अपनी अंडरवेर को हटाया और काले नाग जैसे लौड़े को बहार किया. मुग्धा ने चुम्मे के बिच ही लौड़े को देखा और वो अपनेआप को रोक नहीं पाई. उसने मुहं को कुमार के मुहं से हटाया और वो उसकी टांगो के बिच में आ बैठी. उसने अपने हाथ में कुमार के लौड़े को पकड़ा और उसकी गर्मी का अहसास किया. यह गर्मी कुछ अलग थी जिसका अहसास आज पहली बार मुग्धा को हो रहा था. उसने लौड़े को दबाया और फिर उसे पकड के हिलाने लगी. मुग्धा जैसे की लौड़े को मुठ मार के दे रही थी. कुमार के मुहं से आह आह ओह ओह निकल रहा था लेकिन उन्होंने उसे अपने होंठो के ताले में बंध कर के रखा था. अगर सुधा या सासु माँ उठ गई तो चुदाई के बदले ठुकाई हो जानी थी उनकी. उन्होंने यही सोच के मुग्धा को इशारा किया उसके रूम की और.

मुग्धा का रूम पहले माले पे था और बाकि के लोग निचे सोये थे. कुमार ने अपनी पतलून को हाथ में ली और मुग्धा ने उनके लौड़े को पकड के उन्हें अपने रूम की और खिंचा. मुग्धा के रूम में आते ही कुमार ने अपनी शर्ट के बटन खोलने चालू कर दिए. इधर मुग्धा ने भी अपनी टी-शर्ट को ऊपर उठा दी . मुग्धा के जवान चुंचे देख के कुमार की आँखे चौंधिया गई. चुंचो के ऊपर की छोटी निपल्स भी काफी सेक्सी दिख रही थी अपने गुलाबी रंग में. कुमार ने अपना हाथ बढ़ा के चुन्ची को पकड़ा और उसे सहलाने लगे. मुग्धा के बदन में इस टच से जैसे की करंट दौड़ गया. उसने जीजा के हाथ को अपने स्तन के ऊपर दबा दिया और आँखे बंध कर दी. कुमार के मन में लड्डू फुट रहे थे; उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था की उनकी वर्जिन साली की चूत की झिल्ली वही तोड़ेंगे.

कुमार ने गले में फंसी हुई टी-शर्ट को उतार फेंका और मुग्धा की गांड पकड के उसे अपनी और खिंच लिया. स्कर्ट बटन के माध्यम से शरीर से चिपका हुआ था. वही बटन कुमार ने बिना एक पल गवाएं खोल दिए. मुग्धा का स्कर्ट हटते ही उसकी लाल पेंटी बहार आ गई. कुमार अब सातवें आसमान पे थे. उन्होंने एक झटके से उस पेंटी को भी उतार दिया. मुग्धा की एक भी बाल बिना की चूत को देख के किसी का भी मन मचल सकता था; तो कुमार का क्यों नहीं. कुमार का लौड़ा अब किसी गिरगिट की माफिक खड़ा हुआ था और उसके रंग भी बदल रहे थे. उसका सुपाड़ा चमड़ी हटा के बहार आ चूका था अब तो. मुग्धा अब चूत में गर्मी महसूस कर रही थी लौड़े के इस बदलते हुए रंग को देख के. उसे अब किसी भी तरह इस लंड को अपने चूत के बिल में भरना जो था. कुमार ने मुग्धा को अपनी और खिंचा और उसके मुहं के पास अपने लौड़े को रख दिया.

मुग्धा, “क्या हुआ जीजा जी. कुछ करियेगा नहीं क्या?”

कुमार: मेरी रानी करने को तो बहुत कुछ हैं पहले मेरे सुपाडे को और गोटों को तू अपनी जबान से साफ़ कर दे. आज का तेरा पहला लेसन हैं लंड चुसाई का और फिर मैं तेरी चूत चाट दूंगा.

मुग्धा आगे कुछ बोली नहीं और उसने लौड़े को अपने मुहं में भरने की कोशिश की. लेकिन लंड के सुपाडे से आगे वो बढ़ ही नहीं पाई. कुमार ने उसके माथे को पकड के लौड़े को मुहं में पेल देने की कोशिश की लेकिन उसे लगा की इस से मुग्धा को बहुत दर्द हो रहा हैं. तभी उसके दिमाग में कुछ ख्याल आया. कुमार ने हाथ बढ़ा के अपनी जेब से मोबाइल निकाला और 3G कनेक्शन पे एक ब्ल्यू फिल्म की साईट खोली. उन्होंने मुखमैथुन की एक विडिओ निकाली और मुग्धा को बताते हुए कहा, “देखो ऐसे लंड चूसते हैं पूरा मुहं खोल के. और फिर गले तक आराम से लंड लिया जा सकता हैं.”

विडिओ देख के मुग्धा ने लौड़ा चूसा

मुग्धा ने विडिओ देखा और उसके नोलेज में बढ़ोतरी जरुर हुई. विडिओ देख के उसकी उत्तेजना भी थोड़ी और बढ़ गई. कुमार ने मोबाइल को साइड में रखा और इस बार मुग्धा ने बिलकुल परफेक्ट तरीके से लौड़े को अपने मुहं में लिया. कुमार के मुहं से एक हलकी आह निकल पड़ी क्यूंकि मुग्धा ने लंड को चूसा ही कुछ ऐसे अंदाज से था. कुमार ने अपने हाथो से मुग्धा के सर को पकड के अपने लौड़े के ऊपर दबा दिया. मुग्धा ने भी तने हुए लौड़े को सही अंदाज से अपने मुहं में चलाया और वो आधे लौड़े तक जोर जोर से चूसा लगाने लगी. कुमार के तो जैसे की तोते उड़े हुए थे. वो बस अपनी आँखे बंध रखे हुए मुग्धा को अपना लंड चुसवाते जा रहे थे. मुग्धा भी अपने इस बर्थ-डे प्रेजेंट को बड़े प्यार से चूसा लगाया और कुमार भी अब बर्दास्त नहीं कर पाए इस नशे को. उनके लौड़े से मख्खन निकल पड़ा जो मुग्धा के होंठो और जबान से लगा हुआ था. मुग्धा ने वही पड़े हुए एक रुमाल से अपना मुहं साफ़ किया और वो उठ खड़ी हुई.

कुमार एक मिनिट तक तो कुछ बोल ही नहीं पाया और फिर उसने खड़े होक मुग्धा को कहा, “तुम अपनी टाँगे फैला दो यहाँ बेड के ऊपर. मैं तुम्हे जन्नत की शेर कराता हूँ.”

मुग्धा पलंग के ऊपर बैठी और उसने अपनी टाँगे खोल दी. उसकी बिना बालों वाली साफ़ चूत से पानी की बूंद टपक चुकी थी. मुग्धा भी सही मायनों में उत्तेजित हुई पड़ी थी अब. कुमार ने अपने घुटनों को जमीन के ऊपर रखा और वो चूत के एकदम करीब आ गएँ. मुग्धा ने अपनी दो ऊँगली से चूत के होंठो को चौड़ा किया और अंदर की लाली को कुमार को दिखाया. कुमार का लौड़ा सन्न रह गया इस गुलाबी चूत के भीतर का नजारा देख के. उसने हलके से अपने होंठो को चूत के खड़े होंठो के ऊपर रख दिया. मुग्धा के बदन में आग लग गई और उसने जीजा के मुहं को अपने छेद पे दबा दिया. कुमार ने अपनी जीभ को जैसे ही चूत के भीतर रखा मुग्धा जैसे अंदर से पिगलने लगी. उसके हाथ पलंग की चद्दर को मरोड़ रहे थे और उसके पेट के स्नायु भी हिलने लगे थे. कुमार ने अपनी जीभ से जैसे की चूत की दीवारों को साफ़ करना चालू कर दिया था. वो अपनी जीभ को सभी तरफ रगड़ रहा था और मुग्धा को उत्तेजना के सैलाब में बहा रहा था.

मुग्धा की साँसे फूलने लगी और उसके मुहं से आह ओह आह ओह की आवाज के साथ जीजा के लिए प्यार भरी बातें भी बहार आने लगी, “ओह जीजा जी बहुत मजा आ रहा हैं मुझे. आह आप बड़े सेक्सी हैं आह ओह ओह ओह. “

कुमार के पास यह सब सुनने की जरा भी फुर्सत नहीं थी; वो अपने होंठो और जबान से चूत को सुख देने में लगा था. मुग्धा के हाथ बारी बारी कुमार के सर पे आके उसे अपनी और खिंच लेते थे. कुमार ने अब अपनी एक ऊँगली को चूत के छेद के पास रख दी और धीरे से अंदर कर दी. कुमार की ऊँगली से चुद के ही मुग्धा की माँ बहन एक हो गई. दो तिन बार ऊँगली को अंदर बहार किया की उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. कुमार ने कुत्ते की माफिक चूत के पानी की एक एक बूंद को चाट ली. मुग्धा को लगा जैसे उसके बदन से एक एक बूंद खून निकाल लिया गया हो; वो थक गई थी.

कुमार ने साली की चूत पेल दी

कुमार खड़ा हुआ और उसने मुग्धा को पलंग में लिटाया. उसका लौड़ा कब से फनफना रहा था चूत के अंदर जाके धूम मचाने के लिए. मुग्धा की टांगो को उसने पकड के फैला दिया और खुद आके बैठ गया उनके बिच में. उसने अपने लौड़े के सुपाडे के ऊपर थूंक लगाया और उसे चूत के मुहं पे रख दिया. लौड़े की गर्मी इस छेद और मुग्धा दोनों के लिए नया और सुखद अहसास था. मुग्धा ने अपने दोनों हाथों को जीजा जी के कंधो के ऊपर रख दिए. कुमार ने हौले से एक झटका लगाया और मुग्धा के मुहं से चीख निकल पड़ी, “ओ बाप रे मर गई…आह ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह जीजा जी बहुत दर्द हो रहा हैं.”

कुमार ने मुग्धा के मुहं पे अपना हाथ दबा दिया और हल्के से बोले, “मेरी रानी पहली बार में थोडा दर्द तो होता ही हैं. धीरे से बोलो नहीं तो सुधा और तुम्हारी माँ ऊपर आ जायेंगे. घबराओ मत अभी कुछ सेकंड्स में ही तुम्हे बहुत मजा आयेंगा.”

मुग्धा ने अपनी आँखे बंध की और उसकी आँख की साइड से आंसू की बुँदे गाल के ऊपर आने लगी. अपने जीजा का लंड उसके लिए बहुत ही बड़ा था और निचे जैसे उसे खंजर भोंक दिया गया था. कुमार ने मुग्धा को हलके हलके से पेलना चालू किया और मुग्धा की आह आह निकलने लगी. 2 मिनिट की स्लो चुदाई के बाद मुग्धा को थोडा अच्छा लगने लगा; उसे भी चूत और लौड़े की यह लड़ाई से सुख मिलने लगा. उसने अपने जीजा से कहा, “जीजा जी अब ठीक हैं. आप अपनी स्पीड बढ़ा लो.”

कुमार तो कब से इसी की राह देख रहा था. उसने अपनी गांड को अब जोर जोर से आगे पीछे करना चालू कर दिया. उसका कड़ा काला लंड गुलाबी चूत के अंदर बहार होने लगा था. मुग्धा ने अपनी गांड को झटके देने चालू कर दिए और वो भी जीजा जी के लौड़े का सामना करने लगी. कमरे में चप चप की आवाज आने लगी क्यूंकि चिकनी चूत से लौड़ा टकरा जो रहा था. मुग्धा आह आह करते हुए अपनी गांड को हिलाने लगी और लौड़े से लोहा लेने लगी. कुमार अपनी कमर को जोर जोर से हिलने लगे और लौड़े को जोर जोर से चूत के अंदर बहार करने लगे. 5 मिनिट ऐसी ही चुदाई के बाद कुमार ने अपना लौड़ा बहार निकाला.

मुग्धा को कुमार ने अब उल्टा लिटा दिया. मुग्धा की सेक्सी गांड बहुत ही मादक लग रही थी. कुमार ने उसके ऊपर प्यार से हाथ फेरा और फिर कूल्हों को चौड़ा किया. पीछे से चूत की फांक बहुत ही सेक्सी लग रही थी. कुमार ने अपने लौड़े को वहाँ सेट किया और धीरे से अंदर पेल दिया. मुग्धा को लगा जैसे की लौड़ा उसके पेट के अंदर पेल दिया गया हैं. लेकिन उसे मजा भी बड़ा आ रहा था. उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. कुमार  ने अपने दोनों हाथो से गांड को पकड़ा और चूत को जोर जोर से चोदना चालू कर दिया. मुग्धा की चूत से फचफच आवाज चालू हो गई और कुमार जैसे उसके अंदर अपने चमड़े के पम्प से हवा भर रहे थे. मुग्धा और कुमार दोनों को पसीना हो गया था और साँसे भी फुल गई थी. तभी कुमार के लौड़े ने फव्वारा छोड़ा और मुग्धा की चूत के अंदर तृप्ति का अहसास हुआ. कुमार मुग्धा के ऊपर निढाल हो के लेट गया और उसके हाथ मुग्धा के छोटे छोटे चुंचे पे चले गए.

मुग्धा हंस के बोली, “जीजा जी आप का बर्थ-डे प्रेजेंट तो बड़ा मजेदार था. लेकिन मैं चाहती हूँ की आप इस प्रेजेंट को और थोडा बहतरीन और लम्बा बनायें.”

कुमार हंस के बोला, “क्यों नहीं यह प्रेजेंट तुम्हे लम्बा और अलग अलग जगह मिलेंगा.” कुमार का इरादा अब साली की चूत के साथ साथ साली की गांड में भी लंड देने का हुआ था……!

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