Thursday, December 12, 2013

मैं हेमा अपनी और अपनी जुड़वाँ बहिन की सेक्स की कहानी ले कर आयी हूँ 
मेरी जुड़वाँ बहिन का नाम सीमा है 

मैं बहुत ही सेक्सी हू लेकिन वो सेक्स मे ज़्यादा रूचि नही लेती. हम दोनो दिखने मे एक जैसे हैं कोई भी हम दोनो को देख कर नही बता सकता की कौन सीमा है और कौन हेमा  हम दोनो की आवाज़, बोलने की स्टाइल, सारा बदन, सब एक जैसा है. हम दोनो की शादी 5 महीने पहले ही हो चुकी है.

हम दोनो को कोई भी बात एक दूसरे से  chhupee नही है. मेरे पती का नाम धरम है और सीमा के पती का नाम राज है.
मेरे पती धरम और सीमा के पती राज, दोनो ही बहुत ज़्यादा सेक्सी हैं. दोनो मे फरक केवल लंड के साइज़ का है. धरम का लंड 8″ लंबा और बहुत मोटा है लेकिन राज का लंड 5″ ही लंबा है. धरम मेरी खूब चुदाई करते हैं. सनडे को तो वो मुझे पूरे दिन मे काई बार चोद्ते है. राज भी सीमा को खूब चोद्ते हैं लेकिन सीमा को सेक्स करना ज़्यादा पसंद नही है. राज भी सनडे को धरम की तरह ही सीमा की खूब चुदाई करते है लेकिन सीमा चुड़वते समय चुप चाप पड़ी रहती है.
एक बार मैं 7 दिन के लिए सीमा के घर गयी. मैं अपना कोई भी समान नही ले गयी थी इस लिए मैं सीमा के ही कपड़े पहनती थी. जीजू भी मुझे नही पहचान पाते थे. कभी कभी वो मुझे सीमा समझ कर मुझे पकड़ लेते थे. मेरे मन मे एक दिन शरारत सूझी. मैं बहुत ही सेक्सी हू इस लिए मैने सोचा एक दिन जीजू से चुड़वा कर मज़ा लेना चाहिए. सनडे का दिन था. राज अभी सो रहे थे और सीमा को अपने एक फ्रेंड के घर जाना था. सीमा ने मुझसे कहा.
“राज को जगा देना और नाश्ता करा देना. मैं 2-3 बजे तक वापस आ जौंगी. कोई शरारत मत करना.” मैने कहा.


“ठीक है.” इतना कहने के बाद सीमा अपने फ्रेंड के घर चली गयी. सीमा के जाने के बाद मैं नहाने चली गयी. नहाने के बाद मैने अपने बदन पर एक टवल लपेट लिया और जीजू को जगाने के लिए उनके रूम मे पहुच गयी. मैने जीजू को जगाया तो वो उठ गये. उन्होने मुझे सीमा साँझ कर पुचछा.
“हेमा सो रही है क्या.” मैं मान ही मान खुश हो गयी और कहा. “वो अपने एक फ्रेंड के पास गयी है. 2-3 बजे तक वापस आ जाएगी.” इतना सुनते ही उन्होने मुझे बेड पर खीच लिया और मुझे चूमने लगे. मैं भी राज को चूमने लगी. थोड़ी देर बाद वो बोले.
“हेमा बहुत ही सेक्सी है और तुम हो की तुम्हे सेक्स मे मज़ा ही नही आता.” मैं चुप रही. उन्होने मेरे बदन पर का टवल खीच लिया तो मैं एक दम नंगी हो गयी. राज ने भी कपड़े उतरने शुरू कर दिए. अब हम दोनो एक दम नंगे हो चुके थे.
राज ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और मेरे उपर 69 की पोज़िशन मे हो गये. उन्होने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मुझसे अपना लंड चूसने को कहा. मैने जीजू का लंड मूह मे ले लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी. आज पहली बार कोई दूसरा मेरी चूत को छत रहा था. मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था. थोड़ी ही देर बाद जीजू का लंड खड़ा हो गया. मैने उनका लंड अपने मूह के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो जीजू बोले,
“सीमा, लगता है की आज तुम मूड मे हो.” मैने कहा.
“हन राज, आज मैं चूत चुड़वाने के मूड मे हूँ. हेमा सुबह मुझे धरम और अपना किस्सा बता रही थी इस लिए मुझे भी आज थोड़ा जोश आ गया. आज मेरा मान भी काई बार चुड़वाने का हो रहा है.” राज बोले, “तब तो आज खूब मज़ा आएगा.” राज अभी भी मेरी चूत छत रहे थे और मैं बहुत ज़्यादा जोश मे आ चुकी थी. थोड़ी ही देर मे मैं झाड़ गयी तो राज ने कहा.
“आज तो तुम्हारी चूत ने पानी भी छ्चोड़ दिया.” मैने कहा.
“हन, आज मैं भी जोश मे हूँ.” उसके बाद राज मेरे उपर से हट कर मेरे पैरो के बीच आ गये. उन्होने मेरे पैरो को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच मे बीच मे रख दिया. मेरी चूत पर आज पहली बार किसी दूसरे आदमी ने अपना लंड रखा था इस लिए मैं जोश के मारे एक दम पागल सी होने लगी. मेरे सारे बदन मे सनसनी सी दौड़ गयी. तभी राज ने एक धक्का मारा तो उनका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मे समा गया. वो बोले.
“क्या बात है. आज तुम्हारी चूत एक दम ढीली लग रही है. मेरा पूरा का पूरा लंड बिना किसी रुकावट के अंदर चला गया.” मैं तो धरम के 8″ लंबे लंड से चुड़वाने की आदि थी और राज का लंड केवल 5″ का था. मैने कहा.
“आज मैं ज़्यादा जोश मे हू और एक बार झाड़ भी चुकी हू इसलिए तुम्हे मेरी चूत ढीली लग रही होगी.” राज कुच्छ नही बोले और उन्होने मुझे तेज़ी के साथ चॉड्ना शुरू कर दिया. वो एक दम धरम की तरह मेरी चुदाई कर रहे थे. अंतर केवल इतना था की राज का लंड धरम के लंड से छ्होटा था.
मैं बहुत ज़्यादा जोश मे थी इसलिए 5 मिनिट मे ही झाड़ गयी. मेरी चूत से पानी निकलता देखकर राज बहुत ज़्यादा जोश मे आ गये और उन्होने अपनी स्पीड बढ़ा दी. वो मुझे एक दम आँधी की तरह चोदने लगे. पूरा बेड हिलने लगा और रूम मे फ़च फ़च की आवाज़ होने लगी.
लगभग 15 मिनिट बाद राज के लंड ने पानी छ्चोड़ दिया और मेरी चूत भरने लगी. राज के साथ ही साथ मैं भी फिर से झाड़ गयी. पूरी तरह से झाड़ जाने के बाद राज ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और हट गये. मैने राज को अपनी तरफ खीच लिया और उनका लंड चाटने लगी. वो बहुत खुश हो गये और बोले.
“तुम तो मेरा लंड झड़ने के बाद अपने मूह मे नही लेती थी लेकिन आज तो तुम मेरा लंड भी छत रही हो. आज तो चुदाई मे मज़ा आ गया.” उसके बाद मैं राज के साथ फिर से बातरूम मे नहाने चली गयी. हम दोनो ने एक दूसरे के बदन पर खूब साबुन लगाया और नहाने लगे. हम दोनो बट्रूम से नहा कर नंगे ही बाहर आ गये. मैने कहा,
“मैं नाश्ता बनाने जाती हू.” मैं कपड़े पहन ने लगी तो राज बोले “घर मे तो कोई भी नही है. आज तुम ऐसे ही नाश्ता बना लो.” मैं एक दम नंगी ही नाश्ता बनाने चली गयी. थोड़ी देर बाद मैं नाश्ता लेकर आई तो मैने देखा की राज भी एक दम नंगे ही सोफे पर बैठ कर नाश्ते का इंतेज़ार कर रहे थे. हम दोनो नाश्ता करने लगे. नाश्ता करने के बाद राज ने मुझे अपनी तरफ खीच लिया और मुझे सोफे पर लिटा दिया. उन्होने प्लेट से ढेर सारा बटर उठाया और मेरी चूत मे भरने लगे. धरम ने मेरे साथ आज तक ऐसा कभी नही किया था इस लिए मुझे मज़ा आ रहा था.
मैं जोश मे आने लगी. उन्होने ढेर सारा बटर मेरी चूत मे भर दिया और फिर मेरी चूत से बटर चाटने लगे. मैं एक दम पागल सी होने लगी. फिर उन्होने दो ब्रेड लिए और मेरी चूत मे उंगली दल दल कर बटर निकालने लगे. उन्होने वो बटर ब्रेड पर लगाना शुरू कर दिया. उसके बाद राज ने एक ब्रेड मुझे दिया और दूसरा खुद खाने लगे और बोले.
“बहुत ही स्वाद है इस ब्रेड मे.” मैं भी मुस्कुराते हुए ब्रेड खाने लगी. ब्रेड खाने के बाद उन्होने मुझे ज़मीन पर डॉगी स्टाइल मे कर दिया और अपना लंड एक ही झटके से मेरी चूत मे दल दिया. बटर लगा होने की वजह से उनका लंड मेरी चूत मे एक दम जड़ तक घुस गया. उसके बाद राज ने मेरी चुदाई शुरू कर दी. बटर लगा होने की वजह से उनका लंड स्लिप करते हुए मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे कुच्छ भी पता नही चल रहा था. मुझे बहुत क़म मज़ा आ रहा था. वो मुझे लगभग 30 मिनिट तक छोड़ने के बाद बोले, “तुम जानती हो की मैने तुम्हारी चूत मे बटर क्यों लगाया.” मैने कहा.
“नही.” राज बोले.
“मैं इस बार बहुत देर तक छोड़ना चाहता था. इस बटर की वजह से मेरा लंड तुम्हारी चूत मे स्लिप करते हुए अंदर बाहर हो रहा है. इस वजह से हम दोनो जल्दी नही झाड़ पाएँगे.” अब जाकर मैं समझ पाई की राज ने मेरी चूत मे बटर क्यों लगाया. वो मेरी चुदाई बहुत ही तेज़ी के साथ कर रहे थे. लगभग 20 मिनिट तक और छोड़ने के बाद राज ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और बोले.
“अब मैं तक गया हू. लाओ तुम्हारी चूत को साफ कर डू.” उसके बाद उन्होने टवल से मेरी चूत को एक दम साफ कर दिया और फिर अपना लंड सॉफ करने लगे. उसके बाद उन्होने फिर से मेरी चूत मे एक झटके से अपना लंड घुसा दिया. चूत ड्राइ हो जाने की वजह से इस बार मुझे थोड़ा दर्द हुआ तो मेरे मूह एक सिसकारी सी निकल पड़ी. उसके बाद उन्होने तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी. 10 मिनिट छुड़वाने के बाद मैं झाड़ गयी लेकिन वो रुके नही. मुझे चोद्ते रहे. लगभग 20 मिनिट तक और छोड़ने के बाद राज भी झाड़ गये. उनके साथ ही साथ मैं भी फिर से एक बार झाड़ गयी. उसके बाद उन्होने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और बोले.
“चतोगी या मैं टवल से सॉफ कर डून.” मैने कहा.
“नही, अपना लंड इधर करो. मैं इसे छत छत कर सॉफ करूँगी.”
उन्होने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया और मैं उनका लंड छत छत कर सॉफ करने लगी. अब तक दोपहर के 11 बाज चुके थे. 2-3 बजे सीमा आने वाली थी. . मैने सोचा अब राज को मालूम हो जाना चाहिए की वो सीमा को नही अपनी साली हेमा को चोद रहे थे. मैं एक दम नंगी ही खाना बनाने चली गयी. खाना बनाने के बाद हम दोनो ने खाना खाया. फिर आराम करने लगे. जब दोपहर के 1 बाज गये तो मैने राज से कहा.
“राज, अब एक बार मैं तुम्हे छोड़ना चाहती हू.” वो बोले.
“इसमे पुच्छने की कौन सी बात है. आज ही तो तुम्हे छोड़ने मे मज़ा मिला है.” मैने राज लंड मूह मे ले लिया और चूसने लगी. जब उनका लंड खड़ा हो गया तो मैं उनके उपर आ गयी. मैने उनका लंड अपनी चूत मे दल लिया और धक्के लगाने लगी. 5 मिनिट बाद मेरी चूत से पानी निकालने लगा लेकिन मैने धक्का लगाना ज़ारी रखा. लगभग 15 मीं बाद जब राज का बदन अकड़ने लगा तो मैं समझ गयी की अब वो झड़ने वेल हैं. मैं भी दूसरी बार अब झड़ने ही वाली थी. मैने सोचा अब यही मौका है की राज को मालूम हो जाना चाहिए की मैं सीमा नही हेमा हू. मैने और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और जोश मे आ कर कहने लगी.
“ओह जीजू, आज मज़ा आ गया आप से छुड़वा कर.” वो बोले.
तुम पागल तो नही हो गयी हो. मुझे जीजू कह रही हो. मैने धक्के लगते हुए ही कहा.

जुड़वा बहनो की जुड़वा चुदाई -२


“जीजू, मैं सीमा नही हेमा हू. सीमा तो अपने फ्रेंड के पास गयी है. आप जानते हैं की मैं बहुत सेक्सी भी हू. मैं आप से छुड़वाना चाहती थी इस लिए झूठ बोल दिया था.” वो मुझे अपने उपर से हटाना चाहते थे की तभी उनके लंड से पानी निकलना शुरू हो गया. वो चाह कर भी ना तो मुझे अपने उपर से हटा पाए और ना ही अपने लंड का पानी रोक पाए. उन्होने अपनी आँखे बंद कर ली. उनके साथ ही साथ मेरी चूत से भी पानी निकालने लगा. जब हम दोनो पूरी तरह झाड़ गये तो मैं राज के उपर से हट गयी और उनके बगल मे लेट गयी. थोड़ी देर बाद राज ने अपनी आँखे खोली और बोले.
“मैं सुबह से ही सोच रहा था की आज सीमा को क्या हो गया है. वो मुझसे खूब छुड़वा रही है. मैं नही जनता था की मैं सीमा को नही हेमा को चोद रहा हू. तुम बड़ी शैतान हो. खैर अब जाने दो. जो हुआ सो हुआ. अगर सीमा को पता चल गया तो क्या होगा.” मैने कहा, “कुच्छ भी नही होगा. वो जानती है की मैं बहुत ही नटखट और सेक्सी हूँ और कुच्छ भी कर सकती हूँ. मैं सीमा को भी सेक्सी बना सकती हूँ. अगर आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो आप सीमा को 10 दिन के लिए मेरे साथ भेज दो. मैं उसे 10 दीनो मे ही बहुत जायद सेक्सी बना दूँगी. लेकिन आपको एक बात बर्दस्त करनी पड़ेगी.” राज ने पुचछा.
“वो क्या.” मैने कहा.
“सीमा को सेक्सी बनाने के लिए मुझे शायद उसकी चुदाई धरम से करवानी पड़े.” राज ने कहा.
“मुझे मंज़ूर है. लेकिन धरम से छुड़वा कर वो सेक्सी कैसे बन जाएगी. आख़िर मैं भी तो उसे खूब छोड़ता हूँ.” मैने कहा.
“मैं सीमा से पूरी तरह वाकिफ़ हू. मैं ये अच्च्ची तरह जानती हू की उसे कैसे सेक्सी बनाया जा सकता है.” राज ने कहा.
“मुझे तो सेक्सी बीवी ही चाहिए जो मुझसे खूब चुडवाए. तुम सीमा को अपने साथ ले जाना.” मैने कहा.
“ठीक है, मैं उसे अपने साथ ले जौंगी लेकिन आप सीमा से कुच्छ मत बताना. नही तो वो कभी भी मेरे साथ जाने के लिए तैयार नही होगी.” राज ने कहा.
“ठीक है.” तभी कल्लबेल्ल बाजी. मैं अपने रूम मे चली गयी और रूम का डोर अंदर से लॉक कर लिया. राज ने एक टवल लपेट लिया और डोर खोला. सीमा ने राज से पुचछा.
“हेमा कहा है.” राज ने कहा.
“वो सो रही है.” 7 दीनो मे मैने मौका पा कर राज से काई बार चुडवाया और जब वापस अपने घर आने लगी तो राज ने सीमा से कहा.
“तुम बहुत दीनो से बाहर नही गयी. तुम भी 10 दीनो के लिए हेमा के साथ चली जाओ. तुम्हारा मान बहाल जाएगा.” सीमा बहुत खुश हो गयी. मैं सीमा के साथ अपने घर आ गयी. मैं अपने घर पहुचि तो सीमा बट्रूम चली गयी. मौका पाकर मैने धरम को सारी बात बता दी. मैने ये भी बता दिया की मैने राज से चुडवाया है. धरम पहले तो नाराज़ हुए फिर मान गये. मैने धरम को ये भी बता दिया मैं सीमा को उस से छुड़वा कर सेक्सी बनाना चाहती हू और इसी लिए सीमा को साथ लाई हूँ. मैने धरम से ये भी वाडा ले लिया की वो सीमा को तब तक नही चोदेन्गे जब तक वो उनसे चुड़वाने के लिए तड़पने ना लगे. धरम ने कहा.
“ठीक है. जैसा तुम कहोगी मैं वैसा ही करूँगा.” हमारा घर केवल एक ही रूम का था. रात मे जब सोने का वक़्त आया तो सीमा ने कहा ,
“मैं तो भूल गयी थी की तुम्हारा घर केवल एक ही रूम का है. अगर मुझे याद होता तो मैं यहाँ कभी नही आती. तुम बहुत सेक्सी हो. मेरे यहा रहने पर तुम दोनो को बड़ी दिक्कत होगी. तुम जीजू से कैसे चुद्वओगि.” मैने कहा.
“तू तो जानती है की मुझे बिना चुडवाए नीड नही आती. जब धरम मुझे चोदेन्गे तो तुम अपना सिर दूसरी तरफ कर लेना.” सीमा बोली. “मुझे शरम नही आएगी.” मैने कहा.
“इसमे शरम की कौन सी बात है. आख़िर वो भी तो तुम्हारे जीजू हैं.” रूम मे एक ही बेड भी था. सोने का वक़्त हो चुका था. सीमा ये भी जानती थी की हम दोनो नंगे ही सोते हैं. मैने अपने कपड़े उतरने शुरू कर दिए तो वो बोली.
“तुझे शरम नही आती. कम से क़म मैं जब तक यहा पर हूँ तब तक तो कपड़े पहन कर सो जाओ.” मैने कहा.
“तुम्हारे सामने कैसी शरम. तू तो मेरी जुड़वा बहन है और मेरी दोस्त भी. तुझसे मेरी कोई बात च्छूपी भी नही है. अभी तो धरम भी अपने सारे कपड़े उतार कर एक दम नंगा हो जाएगा, तब क्या करेगी.” वो बोली.
“तुम दोनो बड़े बेशरम हो.” उसके बाद वो चुप हो गयी. जब धरम भी अपने कपड़े उतरने लगा तो सीमा ने अपना मूह दूसरी तरफ कर लिया. धरम बोला.
“साली जी, क्या मैं इतना बदसूरत हूँ की आप ने अपना मूह फेर लिया.” सीमा ने बड़े प्यार से कहा.
“नही जीजू, ऐसी बात नही है. आप नंगे हो रहे हैं, इस लिए मुझे शरम आ रही है.” कपड़े उतरने के बाद धरम ने मुझसे कहा.
“सीमा से कहो की वो भी अपने कपड़े उतार दे. तब ही साथ साथ सोने मे मज़ा आएगा. मैं उस के साथ कुच्छ नही करूँगा, आख़िर वो मेरी साली है.” मैने सीमा से कहा.
“सुना तू ने, तेरे जीजू क्या कह रहे हैं. तू भी अपने कपड़े उतार दे.” सीमा बोली.
“मैं जीजू के सामने अपने कपड़े नही उतरुँगी. मुझे शरम आएगी.” मैने कहा.
“कैसी शरम, सीमा. आख़िर हम दोनो भी तो तेरे सामने एक दम नंगे हैं.” सीमा बोली.
“तुम दोनो बड़े बेशरम हो. तुम दोनो को शरम नही आती. मुझे तो आती है.” मैने आयेज बढ़ कर सीमा की सारी खीच कर निकल दी. उसके बाद मैने बटन खोल कर उसका ब्लाउस भी उतार दिया. फिर मैने उसका पेटिकोट भी उतार दिया. अब सीमा केवल ब्रा और पनटी मे थी. मैने जब उसकी ब्रा और पनटी भी उतरनी चाही तो वो बोली.
“बस, अब रहने दे. मैं एक दम नंगी नही हो सकती.” धरम ने सीमा के देखते हुए कहा.
“तुम दोनो तो एक दूसरे की कॉपी हो. तुम दोनो को देख कर ये बता पाना मुश्किल है की कौन सीमा है और कौन हेमा.” उसके बाद धरम बेड पर लेट गये. उनके बगल में मैं लेट गयी और उसके बाद सीमा. मैने धरम का लंड सहलाना शुरू कर दिया. जब उनका लंड खड़ा हो गया तो मैं बेड पर डॉगी स्टाइल मे हो गयी.
धरम ने मेरे पिच्चे आकर अपना लंड मेरी चूत मे दल दिया और मुझे छोड़ने लगे. सीमा ने अपना सिर दूसरी तरफ कर रखा था. थोड़ी देर बाद जब धरम जोश मे आ गये तो मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ छोड़ने लगे. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहे थे. मैने जान बूझ कर ऊहह… आअहह… करना शुरू कर दिया जिस से सीमा को थोड़ा जोश आ जाए लेकिन वो तो अपना सिर दूसरी तरफ किए हुए चुप छाप पड़ी थी. धरम सीमा की तरफ देखते हुए मुझे खूब ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे. पूरा बेड हिल रहा था. मैने सीमा को चिढ़ने के लिए उसे काई बार पुकारा लेकिन वो नही बोली. फिर मैने उंगली से उसको कुरेड़ा तो वो
बोली, “बेशरम, चुप छाप तू अपना क़म कर. मुझे क्यों परेशन कर रही है. मुझे सोने दे.” मैने कहा.
“तू कुच्छ ना कर. अपना सिर तो मेरी तरफ कर सकती है. देख मुझे धरम कैसे चोद रहा है.” वो कुच्छ नही बोली तो मैने फिर से उसे कुरेड़ा. उसने इस बार मेरा हाथ झटक दिया. मैने कहा.
“सीमा, कहे को शर्मा रही है. हम दोनो की कोई बात एक दूसरे से च्छूपी नही है. मैने तुझे ये भी बताया है की धरम मुझे कैसे छोड़ता है. फिर कैसी शरम.” मैने उसे 2-3 बार और कुरेड़ा तो वो नाराज़ हो कर बोली.
“तू नही मानेगी, ले मैं अपना सिर तेरी तरफ कर लेती हू. अब खुश है.” उसने अपना सिर मेरी तरफ कर लिया लेकिन उसने अपनी आँखे बंद कर ली. धरम ने कहा.
“साली जी, अपनी आँखे तो खोलिए. आप तो बस केवल ये देखिए की मैं हेमा को कैसे चोद रहा हूँ. मैं आपके साथ थोड़े ही कुच्छ करूँगा. ” वो कुच्छ नही बोली तो मैने कहा.
“मेरी ना सही, तू अपने जीजू की बात तो मान जा.” मैने उसे फिर से कुरेड़ा तो उसने अपनी आँखे खोल दी. वो शरमाई आँखो से मुझे चुड़वता हुआ देखने लगी. थोड़ी ही देर मे उसकी आँखे जोश से भर कर एक दम गुलाबी हो गयी. . अब तक धरम को मुझे चोद्ते हुए 20-25 मीं हो चुके थे. उनके लंड ने मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया और साथ ही साथ मैं भी झाड़ गयी.
धरम ने पूरा पानी निकल जाने के बाद अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे मूह के पास कर दिया. मैने बड़े प्यार से उनका लंड चाटना शुरू कर दिया. सीमा धरम के लंड को बड़े ध्यान से देख रही थी. उसने अपनी जंघे एक दूसरे पर कस रखी थी और कसमसा रही थी. जब मैने धरम का लंड छत छत कर सॉफ कर दिया तो फिर धरम ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मैने देखा की सीमा की निगाहे अभी भी धरम के लंड पर थी.
वो कुच्छ नही बोली. उसके बाद हम सोने लगे. दूसरे दिन रात मे जब हम सोने के लिए बेड पर जाने लगे तो मैने और धरम ने अपने कपड़े उतार दिए. सीमा ने भी बिना कुच्छ कहे अपने कपड़े उतार दिए लेकिन उसने आज भी अपनी ब्रा और पनटी नही उतरी. लेकिन जब मैने जब उसकी ब्रा और पनटी उतरने की कोशिश की तो उसने मुझे रोका नही. मैने उसकी ब्रा और पनटी उतार दी. अब सीमा भी एक दम नंगी हो गयी. उसके बाद हम सब बेड पर आ गये. धरम ने सीमा से कहा.
“साली जी, अगर आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो मैं हेमा की चुदाई शुरू कर डून.” वो शरमाते हुए बोली.
“जीजू, मैं कैसे माना कर सकती हूँ. आख़िर ये आप की बीवी है.” धरम ने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने धरम का लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. आज सीमा ने अपना सिर दूसरी तरफ नही किया. वो मुझे धरम का लंड चूस्टे हुए बड़े ध्यान से देख रही थी. मैं समझ गयी की अब उसे मज़ा आने लगा है.
जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो मैं लेट गयी. धरम ने अपना लंड मेरी चूत के बीच रखा और एक ही झटके मे अपना पूरा लंड मेरी चूत मे दल दिया. उसके बाद उन्होने मेरे बूब्स को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगते हुए मुझे छोड़ने लगे. सीमा बड़े ध्यान से धरम का लंड मेरी चूत के अंदर बाहर आता जाता देख रही थी. धरम ने सीमा से कहा.
“साली जी, कैसा लग रहा है. मैं ठीक से चोद रहा हूँ ना हेमा को.” वो बोली.
“आप बड़े बेशरम हैं.” सीमा को भी जोश आने लगा था और वो अपनी जाँघो को एक दूसरे पर रगड़ रही थी. धरम ने मेरी चुदाई जारी रखते हुए सीमा से कहा.
“साली जी, आप के बूब्स बहुत ही अच्च्चे लग रहे हैं. मैं हाथ लगा कर देख लून.” वो कुच्छ नही बोली. मैं समझ गयी की सीमा जोश मे है. धरम ने अपना हाथ सीमा के बूब्स पर रख दिया. सीमा के मूह से एक सिसकारी निकली. उसने धरम को माना नही किया और ना ही उसका हतने की कोशिश की. धरम की हिम्मत बढ़ गयी और उन्होने सीमा के बूब्स को मसलना शुरू कर दिया. वो सीमा के बूब्स को मसालते हुए मुझे चोद रहे थे. 20-25 मीं तक छोड़ने के बाद धरम झाड़ गये. उन्होने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सीमा की तरफ कर दिया. मैने सीमा से कहा.
“मैने तुझसे कहा था ना की धरम का लंड 8″ का है और तू नही मनती थी. तुमने धरम का लंड अपनी आँखो से देख लिया. अब तो तुझे विश्वास हो गया ना. कैसा लगा धरम का लंड.” सीमा ने शरामते हुए कहा.
“बहुत ही अच्च्छा है. लेकिन तू इतना बड़ा लंड कैसे पूरा अंदर ले लेती है. तुझे ज़रा भी तकलीफ़ नही होती.” मैने कहा.
“शुरू शुरू मे कुच्छ दिन हुई थी. लेकिन अब ये मेरी चूत मे आराम से घुस जाता है और मुझे खूब मज़ा आता है.” तभी धरम बोले.
“साली जी, ध्यान से देख लो मेरा लंड. इतना लंबा और मोटा लंड तुम्हारी बहन पूरा का पूरा अपनी चूत के अंदर ले लेती है.” वो बोली.
“क्या जीजू, आप को शरम नही आती की आप अपना लंड मुझे दिखा रहे हो.” धरम बोले.
“मैं तो केवल दिखा रहा हूँ, कुच्छ कर थोड़े ही रहा हूँ. अगर तुम कहोगी तो मैं ज़रूर इसका मज़ा तुम्हे भी दे सकता हूँ.” सीमा शरमाते हुए बोली.
“धात.” धरम का लंड अभी भी सीमा के मूह के पास था और सीमा चुप छाप धरम के लंड को देख रही थी. उसकी आँखो मे भी मस्ती दिख रही थी. थोड़ी देर बाद उसने अपनी आँखे बंद कर ली तो धरम ने अपना लंड हटा लिया. मैने धरम का लंड छत छत कर सॉफ किया और धरम ने मेरी चूत को छत छत कर सॉफ किया. उसके बाद हम सो गये. तीसरे दिन सनडे था. सुबह के 8 बजे हम सब उठ गये. धरम ने सीमा से कहा.

जुड़वा बहनो की जुड़वा चुदाई -3


“हेमा ने तो तुम्हे बताया होगा की सनडे को क्या होता है.” सीमा ने शरमाते हुएकहा.”मुझे सब मालूम है. आप को कुच्छ बताने की ज़रूरत नही है.” हम सब अभी भी एक दम नंगे ही थे. अब सीमा ज़्यादा नही शरंटि थी. धरम मेरे उपर 58 की पोज़िशन मे हो गये. उन्होने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मैने धरम का लंड चूसना शुरू कर दिया. सीमा चुप छाप देखती रही. उसे भी जोश आ रहा था और जोश के मारे उसकी आँखे गुलाबी सी होने लगी. जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उन्होने मेरा चूतड़ सीमा के बगल मे बेड के किनारे पर रख कर मुझे लिटा दिया और खुद ज़मीन पर मेरी टाँगो के बीच कहदे हो गये. उसके बाद उन्होने मेरी चूत में अपना लंड घुसेड दिया और मुझे छोड़ने
लगे. धरम ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहे थे.
थोड़ी देर बाद उन्होने सीमा के बूब्स पर अपना हाथ रखा तो सीमा कुच्छ नही बोली. वो बड़े ध्यान से धरम का लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होता हुआ देख रही थी. धरम ने सीमा के बूब्स को मसालते हुए मेरी चुदाई ज़ारी रखी. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगते हुए बहुत ही तेज़ी के साथ मुझे चोद रहे थे. थोड़ी देर बाद धरम ने अपना हाथ सीमा के जाँघो पर फिरना शुरू कर दिया तो सीमा ने माना नही किया. धरम ने उसकी जाँघो को सहलाना शुरू कर दिया. वो भी जोश में आ गयी थी. धरम की स्पीड अब बहुत तेज़ हो गयी थी. उन्होने सीमा की जाँघो को सहलाते हुए धीरे से अपना हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ा दिया. जब सीमा ने फिर भी कुच्छ नही कहा तो धरम ने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर तक सहलाने के बाद सीमा सिसकारिया भरने लगी लेकिन उसने धरम को बिल्कुल नही रोका. धरम सीमा की चूत को सहलाते हुए मुझे चोद रहे थे. थोड़ी देर बाद जब सीमा की चूत से पानी निकालने लगा तो उसने धरम का हाथ हटा दिया. 20-25 मीं की चुदाई के बाद धरम झाड़ गये. मैं भी उनके साथ ही साथ झाड़ चुकी थी. धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सीमा के मूह के पास कर दिया और कहा.
“देखो ध्यान से, इस पर हेमा की चूत का और मेरे लंड का पानी लगा हुआ है. कैसा दिख रहा है मेरा लंड. मूह में लॉगी इसे.” सीमा बोली, “धात, जीजू, तुम बड़े गंदे हो. मैं इसे मूह में कैसे ले सकती हूँ.” धरम ने कहा.
“ठीक है, मूह मे मत लो. हाथ मे तो पकड़ सकती हो.” धरम ने सीमा हाथ पकड़ कर अपने लंड के पास कर दिया. सीमा ने शरमाते हुए धरम का लंड अपने हाथ मे ले लिए. उसके हाथ मेरी चूत और धरम के लंड के पानी से भीग गया तो वो अपना हाथ बेड के चादर से सॉफ कर करने लगी. धरम ने कहा.
“तुम्हे ये पानी अच्च्छा नही लग रहा है. लो मैं अपना लंड सॉफ कर देता हू. फिर तुम इसे हाथ मे ले लेना.” धरम ने टवल से अपना लंड सॉफ कर दिया और फिर से सीमा के हाथ के पास कर दिया. सीमा ने इस बार बिना कुच्छ कहे धरम का लंड अपने हाथ मे ले लिया और देखने लगी. थोड़ी देर बाद सीमा बोली.
“10 बाज रहे हैं, नहाना नही है क्या.” धरम बोले.
“नहाना है. पहले तुम एक बार मेरे लंड को चूम लो, फिर नहा लेंगे.” सीमा ने इनकार कर दिया तो धरम ने अपना लंड सीमा के मूह के पास कर दिया. धरम ने सीमा से फिर कहा.
“प्ल्ज़. सीमा, एक बार चूम लो.” सीमा ने शरमाते हुए धरम के लंड को चूम लिया. उसके बाद हम नहाने के लिए जाने लगे. अभी तक हम सब ने एक साथ नही नाहया था. मैने सीमा से कहा.
“तुम भी साथ मे नहाने चलो, हम सब साथ ही नहाएँगे.” वो बोली.
“नही, तुम दोनो नहा लो, मैं उसके बाद नहा लूँगी. मुझे शरम आती है.” मैने कहा.
“अब कहे की शरम. तुम धरम का लंड अपने हाथ से पकड़ चुकी हो. उसके लंड को चूम भी चुकी हो. मुझे धरम से चुड़वता हुआ भी देख चुकी हो. अब बाकी क्या बचा है. आ जाओ.” मैं उसका हाथ पकड़ कर बातरूम मे ले गयी. धरम भी मेरे पिच्चे पिच्चे बातरूम में आ गया. धरम ने सीमा का हाथ पकड़ कर उसे शवर के नीचे खड़ा कर दिया तो उसका सारा बदन भीग गया. हम सब एक दूसरे से मज़ाक करते हुए नहाने लगे.

मैं धरम के बदन पर साबुन लगा रही थी और धरम मेरे बदन पर साबुन लगा रहे थे. मैने सीमा से कहा. “तुम भी अपने जीजू के बदन पर साबुन लगा दो.” उसने शरमाते हुए धरम के बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. धरम ने अपना लंड सीमा के सामने कर दिया और कहा.
“इस पर भी तो साबुन लगा दो.” सीमा कुच्छ नही बोली और चुप छाप धरम के लंड पर भी साबुन लगाने लगी. सीमा के साबुन लगाने से धरम का लंड खड़ा हो गया तो धरम ने कहा.
“सीमा, अब रहने दो. अब मैं तुम्हारे बदन पर साबुन लगा देता हूँ.” सीमा एक दम चुप रही. धरम ने सीमा के बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. धरम ने सीमा के बूब्स को साबुन लगा लगा कर खूब मसला. उसके बाद सीमा की चूत पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. वो कुच्छ नही बोली. थोड़ी ही देर मे वो जोश में आ गयी और सिसकारिया भरने लगी. धरम ने एक उंगली सीमा की चूत मे दल दी और अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. सीमा जोश के मारे एक दम पागल सी होने लगी. वो मुझे पकड़ कर मुझसे एक दम चिपक गयी और मेरे होतो को चूमने लगी. वो बहुत ज़्यादा जोश मे आ चुकी थी.
थोड़ी देर बाद सीमा की चूत से पानी निकालने लगा. पूरा पानी निकल जाने के बाद सीमा ने धरम का हाथ पकड़ा और उसकी उंगली अपने चूत से निकल दी. धरम हट गये और शवर के नीचे नहाने लगे. सीमा थोड़ी देर तक मुझसे चिपकी रही फिर उसके बाद वो बैठ गयी और नहाने लगी. जब धरम के बदन का सारा साबुन धूल गया तो उन्होने अपना लंड सीमा के मूह के पास कर दिया और कहा.
“चूसोगी इसे.” सीमा ने चुप छाप धरम का लंड अपने मूह में लिया और चूसने लगी. वो बड़े प्यार से धरम का लंड चूस रही थी. धरम ने उसके सिर पर अपना हाथ फिरना शुरू कर दिया. . वो बहुत देर तक धरम का लंड चूस्टी रही. थोड़ी देर बाद धरम ने मुझे आँख मारी तो मैं समझ गयी की वो झड़ने वाला है.
कुच्छ ही देर बाद सीमा के मूह में धरम के लंड का पानी निकालने लगा. मैं सोच रही थी की सीमा धरम के लंड का पानी थूक देगी लेकिन उसने धरम के लंड का सारा पानी निगल लिया. पूरा पानी निगल जाने के बाद उसने मेरी ही तरह धरम का लंड को चाटना शुरू कर दिया और छत छत कर एक दम सॉफ कर दिया. वो बहुत खुश थी और धरम भी बहुत खुश थे. उसके बाद हम सब नहाने लगे. नहाने के बाद हम सब बातरूम से बाहर आ गये. सीमा ने कपड़े उठाने चाहे तो धरम ने कहा.
“हमारे अलावा घर मे तो कोई नही है. सनडे को हम सारा दिन नंगे ही रहते हैं. आज तुम भी कपड़े मत पहनो.” वो माना करने लगी तो मैने सीमा से कहा.
“अब मान भी जाओ. ज़्यादा नाटक मत करो.” वो बोली.
“तू बड़ी बेशरम है और मुझे भी बेशरम बना रही है.” मैने कहा.
“अब कहे की शरम. आज तुम ऐसे ही रहो.” वो कुच्छ नही बोली. हम सब नंगे ही रहे. मैने सीमा का हाथ पकड़ा और किचन मे नाश्ता बनाने चली गयी. हम दोनो ने नाश्ता बनाया और फिर नाश्ता ले कर बेडरूम मे आ गये. बेड पर बैठ कर हम सब नाश्ता करने लगे. धरम ने सीमा को च्छेदा.
“सीमा, हेमा तो अपने बॉल सॉफ करके रखती है लेकिन तुम अपने बॉल सॉफ नही करती क्या.” वो थोड़ा शरमाते हुए बोली. “मौका नही मिला. नही तो मैं भी अपने बॉल सॉफ करके ही रखती हू.” धरम बोले.
“अगर तुमको ऐतराज़ ना हो तो लाओ मैं तुम्हारे बॉल सॉफ कर डू. मैं तो हेमा के बॉल सॉफ कर देता हू.” वो बोली. “जीजू, रहने दो, मैं खुद ही सॉफ कर लूँगी.” मैने कहा.
“अगर धरम कह रहे हैं तो आज उनसे ही अपने बॉल सॉफ करा लो.” वो कुच्छ नही बोली. नाश्ता करने के बाद मैं ड्रेसिंग टेबल से शेविंग कीट निकल कर ले आई. धरम ने सीमा से कहा.
“सीमा, अब तुम लेट जाओ.” सीमा चुप छाप लेट गयी. धरम ने सीमा की टाँगे फैला दी और उसके बॉल सॉफ करने शुरू कर दिए. सीमा को गुदगुदी होने लगी तो उसने सिसकारिया भरना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर मे धरम ने सीमा की चूत के बॉल सॉफ कर दिए. उसके बाद धरम ने उसकी चूत पर हाथ फिरना शुरू कर दिया और बोले.
“अब तुम्हारी चूत अच्च्ची लग रही है.” सीमा पहले ही बहुत ज़्यादा जोश मे आ गयी थी. धरम के हाथ फिरने से थोड़ी ही देर मे वो झाड़ गयी. उसकी चूत से पानी निकलता देख धरम ने कहा.
“साली जी, तुम्हारी चूत से तो पानी निकल रहा है.” वो बोली.
“जीजू, आज तक मेरी चूत को राज के अलावा किसी दूसरे ने नही सॉफ
किया था इस लिए मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी. मैं अपने आपको रोक
नही पाई और पानी निकल गया. मैं इसी लिए आप को माना कर रही
थी.” धरम ने कहा.
“कोई बात नही है. मैं तो हेमा के चूत का पानी रोज ही चाट लेता हू.
आज मैं तुम्हारी चूत का पानी भी चाट कर देखूँगा की उसका टेस्ट
कैसा है.” इतना कह कर धरम ने सीमा के चूत पर अपनी जीभ लगा
दी और उसकी चूत को चाटने लगे. सीमा पागल सी होने लगी. थोड़ी देर
बाद जब उसकी चूत सॉफ हो गयी तो धरम हट गये. सीमा बेड पर
पड़ी हुई अभी भी सिसकारिया भर रही थी. मैं चाहती थी की सीमा
खुद ही धरम से चुड़वाने के लिए तैयार हो जाए. तब ही उसकी आग
भड़केगी और मैं उसकी सेक्स की आग को भड़कना चाहती थी. थोड़ी देर
बाद वो शांत हो गयी. दोपहर के 12 बजे धरम ने कहा.
“रानी, चुड़वाने के लिए तैयार हो जाओ.” मैने कहा.
“मैं तैयार हू.” धरम ने कहा.
“अगर सीमा मेरे लंड को चूस कर खड़ा कर दे तो तुम्हे छोड़ने मे और
मज़ा आएगा.” मैने कहा.
“सीमा से पूच्छ लो.” धरम ने अपना लंड सीमा के मूह के पास कर
दिया. सीमा थोड़ी देर तक देखती रही. फिर उसने शरमाते हुए धरम
का लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. पहले वो थोड़ा शरमाते
हुए चूस रही थी लेकिन जब वो जोश मे आ गयी तो उसने तेज़ी के साथ
धरम का लंड चूसना शुरू कर दिया.
जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उसने अपना लंड सीमा के मूह से
बाहर निकाला और मेरी चूत मे घुसेड दिया. उसके बाद धरम ने मुझे
छोड़ना शुरू कर दिया. सीमा भी जोश मे आ गयी थी लेकिन कुच्छ बोल
नही रही थी. वो केवल धरम को मुझे छोड़ता हुआ ध्यान से देखती
रही. धरम ने सीमा के बूब्स को पकड़ लिया और उसके बूब्स को मसालते
हुए मुझे छोड़ने लगे. धरम ने सीमा से पुचछा .
“सीमा, कैसा चोद रहा हू हेमा को.” सीमा बोली.
“बहुत ही अच्च्ची तरह.” 20-25 मिनिट की चुदाई के बाद धरम की
स्पीड एक दम बढ़ गयी. सीमा भी जोश के मारे अपनी चूत को सहला
रही थी. थोड़ी देर बाद जब धरम झाड़ गये तो उन्होने अपना लंड मेरी
चूत से बाहर निकल कर सीमा के मूह के पास कर दिया और पुचछा.
“चतोगी इसे.” सीमा तो जोश मे थी. उसने धरम का लंड अपने हाथ मे
ले लिया और चाटने लगी. मैं मान ही मान खुश हो रही थी. मैने
सीमा से पुचछा.
“कैसा लग रहा है.” वो बोली.
“ठीक ही है.” मैने सीमा के चूत पर हाथ लगाया तो उसकी चूत एक
दम गीली हो चुकी थी. मैने सीमा की चूत मे अपनी उंगली दल दी और
अंदर बाहर करने लगी. वो अभी भी धरम का लंड छत रही थी. जोश
मे आकर वो सिसकारिया भरने लगी और थोड़ी ही देर बाद वो झाड़ गयी.
जब अन धरम का लंड छत छत कर सॉफ कर दिया तो मैने सीमा से
कहा.
“तुमने धरम का लंड तो छत कर सॉफ कर दिया. अब मैं तुम्हारी चूत
को भी छत कर सॉफ कर देती हू.” धरम ने मुझसे कहा.
“तुम क्यों तकलीफ़ करती हो. मैं ही सीमा की चूत को छत कर सॉफ
कर देता हू.” सीमा कुच्छ नही बोली. धरम ने सीमा की चूत को
चाटना शुरू कर दिया. जब धरम ने सीमा की चूत को छत कर सॉफ
कर दिया तो मैने धरम से कहा.
“मेरी चूत को कौन छत कर सॉफ करेगा.” धरम ने कहा.
“आज तुम सीमा से सॉफ करा लो.” मैने सीमा से कहा तो उसने मेरी
चूत को छत कर सॉफ करना शुरू कर दिया. उसके बाद हम सब बेड पर
लेट कर आराम करने लगे. लगभग 3 बजे धरम ने मुझसे कहा.
“हेमा, नेक्स्ट रौंद के लिए तैयार हो जाओ.” मैने कहा.
“मैं तैयार हू.” सीमा भी जाग रही थी. धरम ने सीमा से पुचछा.
“मेरा लंड चूसोगी.” उसने शरमाते हुए कहा.
“हन.” धरम ने अपना लंड सीमा के मूह के पास कर दिया और सीमा ने
उसे मूह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया. धरम मेरी चूत को चाटने
लगे. सीमा इस बार धरम के लंड को बड़े प्यार से चूस रही थी. वो
अपने हाथो से धरम के दोनो बल्ला भी सहला रही थी. जब धरम का
लंड खड़ा हो गया तो उसने अपना लंड सीमा के मूह से बाहर निकाला और
सीमा से कहा.
“मज़ा आ गया. इस बार तुमने मेरा लंड बड़े प्यार से चूसा है.”
धरम मेरे उपर आ गये और मुझे छोड़ने लगे. सीमा बैठ कर बड़े
ध्यान से देख रही थी और अपनी चूत को सहला रही थी. उसकी आँखे
एक दम गुलाबी हो गयी थी. धरम बहुत ही तेज़ी के साथ मुझे चोद
रहे थे. 10 मिनिट चुड़वाने के बाद मैं झाड़ गयी तो धरम ने अपनी
स्पीड और बढ़ा दी.
लगभग 20 मिनिट की चुदाई के बाद जब मैं फिर से झाड़ गयी तो
धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझसे डॉगी स्टाइल
मे होने को कहा. मैं डॉगी स्टाइल मे हो गयी. धरम मेरे पिच्चे आ
गये और मुझे छोड़ने लगे. वो बहुत ही तेज़ी के साथ मुझे चोद रहे
थे. 10-15 मिनिट तक और छोड़ने के बाद धरम झाड़ गये और उनके
साथ ही साथ मैं भी झाड़ गयी. धरम ने अपना लंड मेरी चूत से
निकल कर सीमा के मूह के पास कर दिया तो सीमा ने धरम के लंड को
चाटना शुरू कर दिया.
उसके बाद मैने सीमा से अपनी चूत को चाटने को कहा तो उसने मेरा
चूत भी छत छत कर सॉफ कर दिया. लगभग 5 बजे धरम फिर से
तैयार हो गये. इस बार सीमा ने बिना कुच्छ कहे ही धरम का लंड
चूसना शुरू कर दिया. धरम मेरी चूत को छत रहे थे. जब धरम
का लंड खड़ा हो गया तो धरम ने सीमा से कहा.
“लेट जाओ.” वो चुप छाप लेट गयी. धरम उसकी टाँगो के बीच आ गये
और अपना लंड सीमा की चूत पर रख दिया. सीमा फिर भी कुच्छ भी
नही बोली. मैं समझ गयी की वो चुड़वाने के लिए एक दम तैयार है.
मैने धरम से कहा.
“ये क्या कर रहे हो.” वो बोले.
“कुच्छ नही. मैं केवल अपना लंड थोड़ी देर तक सीमा की चूत पर
रागडूंगा.” मैने कहा.
“अच्च्छा ठीक है. लेकिन कुच्छ और मत करना.” वो अपना लंड सीमा के
चूत पर रगड़ने लगे. 2 मिनिट मे ही सीमा झाड़ गयी तो धरम हट
गये. सीमा ने धरम को पकड़ लिया और बोली.
“आग लगा कर भाग रहे हो. अपने लंड के पानी से इस आग को बुझा दो
प्लीज़.” धरम ने कहा.
“बाद मे बुझा दूँगा.” वो कुच्छ नही बोली. उसके बाद धरम ने अपना
लंड मेरी चूत मे दल दिया और मुझे छोड़ने लगे. 20-25 मिनिट की
चुदाई के बाद जब धरम झड़ने वेल थे तो उन्होने अपना लंड मेरी
चूत से निकल लिया और मुझसे बोले.
“इस बार मैं अपने लंड के पानी से सीमा की चूत की आग बुझा देता
हू.” वो फिर से सीमा की टाँगो के बीच आ गये. उन्होने सीमा की चूत
पर फिर से अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया. सीमा जोश से पागल हुई
जा रही थी. 2-3 मीं बाद धरम के लंड से पानी निकालने लगा तो
धरम ने सारा पानी सीमा की चूत पर और उसके आस पास गिरा दिया.
लंड का पूरा पानी गिरा देने के बाद धरम ने सीमा से पुचछा.
“मैने आग पर पानी दल दिया है. अब आग ताड़ी हो गयी.” सीमा बोली.
“इस तरह तो आप ने मेरी आग को और भड़का दिया. मेरी आग तभी ताड़ी
होगी जब आप हेमा की तरह ही मुझे भी खूब चोदेन्गे.” धरम बोले.
“मेरा लंड तुमने देख ही लिया है. इसे अपनी चूत के अंदर ले पावगी.
तुम्हारी चूत फॅट जाएगी.” वो बोली.
“जब हेमा आप का इतना बड़ा लंड अपनी चूत के अंदर ले लेती है तो
मैं भी इसे पूरा अंदर ले लूँगी. मैं अपने चूत की आग मे जल रही
हूँ. मुझे तो बस केवल आप से छुड़वाना है भले ही मेरी चूत फॅट
जाए. मेरी आग बुझा दो प्ल्ज़.” धरम ने कहा.
“अगर तू कहती हो तो मैं नेक्स्ट रौंद मे तुम्हे चोद दूँगा. तुम हेमा से
पूच्छ लो. उसको 

खाला के बेटे से पहली सेक्स


यह कहानी मेरे और मेरी खाला के बेटे के साथ सेक्स की कहानी है 


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lund ko meri chut ke dwar se ragarne laga. meri chut main chitian si rengne lagi. mere aandar aag si lagi hui thi. usne lund sidh kia or dheere se dhaka mara aadha lund meri chut main enter kar gaya or sath hi meri cheekh nikal gai hi mom main mar gai. bahut dard ho raha tha. maine kaha ki asim  ise bahar nikal lo wo bole aise kaise nikal loon bahar abhi to aadha hi aandar gaya hai pura to jane do phir dekho kaise maja aata hai or usne ek or dhaka mar dia or pura lund chut main enter kar gaya. main dard se tadap uthi. maine phir kaha ki ise bahar nikal lo nahi to main mar jaungi. maine kaha bahut dard ho raha hai to wo meri chuchion ko pakad ke masalne or choosne laga. ab mujhe kuch kuch accha lag raha tha. phir usne dheere dheere lund ko aandar bahar karna shuru kia or sath hi meri chuchion ko chosne laga mujhe ab maja aane laga tha. uska mota lund meri chut ko phadta hua aandar ghusa tha lekin ab mujhe dhhere dheer wo accha lagne laga tha ab mujhe bhi josh aa raha tha. maine kaha asim pure jor se maro phad do ab meri chut ko.asim ne pure jor se lund ko aandar bahar karna shuru kar dia. aab wo bedardo ki tarhe dhake maar raha tha or main niche padi keh rahi thi aaaaaaaaaaaaaaaah hhhhhhhhhhhh oooooooooohhhhhhhhhhh mommmmmmmmmmmmmm uuuuiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii moooooooooommmmmmmmmmmmmmmmmmm chut phad doddddddddooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooo aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhhhhh phad dooooooooooooo aaj isseeeeeeeee uuuuuuuuiiiiiiiiiiiiiiiiiiii mom mujhe chodo phad do aaj meri chut ko jitna jor se chod sakte ho chodo or wo bhi keh raha tha aaj main teri chut ko aisi phadunga ki tu roj muj se hi chudna chahegi or ye sab keh ke wo or bhi jor se mujhe chodne laga. ab meri niche padi ki siskian or cheekhen sath sath nikal rahi thi wo meri chut main aapne lund ko aandar bahar bhi kar raha tha or meri chuchion ko bhi choos raha tha. or meri cheekhen or siskian sun ke khush ho raha tha keh raha tha ab mom ko kau yad karti ho cheekho or jor se cheekho aaj to main teri chut phad ke chodunga meri takreeban 1 ghante ki chudai ke baad wo bola ki main ab zhadne wala hoon. is ek ghante main main do bar zhad chuki thi wo bola main aapne mani ko kahan nikalon to may nay kaha yea mani kia hoti hay us nay jaldi say apnay lund mery pet per raka to us nay moot dia to my nay us say kaha gandy mery uper moot dia bathroom may ja kar mootna tha na to who bola yea mani hoti hay agar moot to patla n pila hota hay yea to white hay asim nay kaha agar yea tumhari choot my nikal jati to tum ko bacha hojata my nay asim ka thank kia k tum nay apni mai meri choot my nahi dali us k bad asim nay mujhay kiss kia n mery barabar my a kar let gia n meri chest (chuchiion) say khalnay laga n un ko apny mon my lay kar bachon ki tarhan chosnay laga us k bad us nay mujay phir say choda n mujay buhat maza dia may aj tak nahi bhool pai hun us k bad hum nay mil kar nashta kia n hm dono dophair my mummy market chali gain kanwal or sabahat ko lay kar asim nay mujh say kaha 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Wednesday, December 11, 2013

मैं लुच्ची होने लगी

नाम सोनिया है, 26 साल की हूँ, मेरा एक भाई है, वो मुझसे दो साल बड़ा है।
बात उन दिनों की है जब मैं 18 साल की थी, तब मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं पता था, मुझे सेक्स की बातों से भी डर लगता था।एक दिन मैं भैया की अलमारी में कुछ ढूँढ रही थी, मुझे वहाँ से कुछ सी.डी मिली। मैंने सोचा कोई फिल्म की सी.डी होगी, मैंने प्लेयर में डाल कर चला ली। पर यह क्या- यह तो ब्लू फिल्म थी।मुझे पहले तो बहुत डर लगा पर जब मैंने सेक्स-सीन देखे तो मुझमें जिज्ञासा जागृत हुई और मैं फिल्म देखती रही।

मैंने पहली बार लड़कों को पूरा नंगा देखा, उनका लंड देखा, मुझे अच्छा लगने लगा, मेरी चूत गीली हो गई। मुझे अब लगने लगा कि मैं बच्ची नहीं रही, जवान हो गई हूँ।उस दिन के बाद मेरी ज़िन्दगी में ऐसा बदलाव आया, मैं लुच्ची होने लगी। अब मैं रोज भैया की अलमारी से सी.डी लेकर देखने लगी हर रोज मुझे अलग-2 सी डी मिलती थी, शायद भैया अपने दोस्तों से लाते थे।

एक दिन जब मैं ब्लू फिल्म देख रही थी, मुझे बहुत मज़ा आने लगा। मैं अपनी उंगली चूत में डालने लगी और अन्दर-बाहर करने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मेरी चूत से सफ़ेद पानी निकलने लगा, मैं समझ चुकी थी कि अब मुझे हाथ से सेक्स करना आ गया। फिर मैं हर रोज हाथ से सेक्स करने लगी। ऐसा करने से मेरे फिगर में बदलाव आ गया, मेरी चूचियाँ बड़ी हो गई, गांड भी मोटी हो गई अब मैं पूरी जवान ही गई।

ब्लू फिल्मों में लड़कों को नंगा देखने के बाद मुझे असलियत में किसी लड़के को नंगा देखने की तमन्ना हुई, बहुत सोचने के बाद मैंने सोचा कि क्यों न भैया को ही नंगा देखा जाए।यही सोचकर मैं भैया को नंगा देखने का मौका तलाशने लगी। भैया रात को अपने कमरे में ब्लू फिल्म देखते थे। कमरे में खिड़की भी थी जो बाहर बगीचे में खुलती थी। मैं रात को उठ कर बगीचे में चली गई और भैया के कमरे की खिड़की से देखने लगी। भैया सोने की तैयारी कर रहे थे, उन्होंने टी.वी पर ब्लू फिल्म लगाई और अपने कपड़े उतारने लगे। मैं रोमांचित हो उठी, भैया पूरे नंगे हो गए थे। इतना हैण्डसम लड़का मैंने ज़िन्दगी में नहीं देखा। भैया का लंड देखा- इतना बड़ा तो कभी ब्लू फिल्म में भी नहीं देखा। मेरी चूत गीली होने लगी, मैं अपने कमरे में वापिस चली गई और हाथ से सेक्स किया।

उस दिन के बाद मुझमें भैया से चुदने की तमन्ना होने लगी। भैया तो मुझे बच्ची समझते थे, इसलिए पहले उन्हें यह दिखाना था कि मैं बच्ची नहीं रही। अब मेरी बारी थी मुझे खुद को बिल्कुल नंगा होकर भैया को दिखाना था कि मैं कितनी सेक्सी हूँ।

भैया कॉलेज से वापिस आये, मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा खुला छोड़कर कपड़े बदलने का नाटक किया। भैया जैसे ही मेरे कमरे के सामने से गुजरने लगे, मुझे देखकर वहीं रूक गए और मुझे कपड़े बदलते देखने लगे। मुझे अहसास हुआ भैया मेरी तरफ़ देख रहे हैं पर मैंने अपना नाटक चालू रखा। मैंने अपनी टी-शर्ट और जींस उतार दी और केवल पैंटी में खड़ी ही गई।भैया अभी भी देख रहे थे, मुझे मज़ा आने लगा। धीरे से मैंने पैंटी भी उतार दी और भैया को अपनी जवान गांड और चूत के दर्शन करवा दिए। अचानक किसी के आने का अहसास हुआ। मम्मी आ रही थी, मैंने तुरंत कपड़े पहनने शुरू किये, भैया भी जा चुके थे पर मैंने अपना काम कर दिया था, दिखा दिया था कि उनकी बहन कितनी जवान और सेक्सी है।

अब मैं भैया से चुदने की सोचने लगी। उस दिन के बाद भैया के मन में भी तो हलचल मची होगी। मैंने सोचा कि अब अगर मैं भैया से चुदने का प्रयास करुँगी तो शायद भैया मना नहीं करेंगे।

एक दिन मम्मी-पापा बाहर गए थे, मैंने सोचा कि आज ही अच्छा मौका है।भैया कॉलेज से वापस आये, मैं अपने कमरे में जाकर लेट गई और सोने का नाटक किया। उस दिन मैंने स्कर्ट पहन रखी थी, मैंने जानबूझ कर स्कर्ट को पूरा ऊपर उठा लिया और पैंटी भी थोड़ी सी नीचे सरका ली।भैया मेरे कमरे के सामने से गुजरने लगे तो मुझे देखकर वहीं रुक गए, देखा कि मैं सो रही हूँ और स्कर्ट ऊपर उठी है। वो कमरे में आ गए और मेरे पास बैठ गए। मैंने सोने का नाटक जारी रखा, भैया धीरे-२ मेरी जांघों को छूने लगे, पहले ऊँगली से छुआ फिर अपना हाथ फिराने लगे।मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, धीरे-धीरे भैया अपना हाथ मेरी पैंटी पर ले आये और पैंटी पर हाथ फिराने लगे। मुझे तो जैसे पूरे बदन में करंट लग गया हो, पर मैंने सोने का नाटक जारी रखा।भैया को लगा कि मैं तो बहुत गहरी नींद सो रही हूँ, उन्होंने हिम्मत जुटाई और धीरे-धीरे अपने होंठों को मेरे पास ले आये। भैया की गर्म साँसों का अहसास मुझे हो रहा था पर मैंने आँखें बंद रखी। भैया ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और बहुत हल्के हल्के मुझे चूमने लगे, मुझे बहुत मज़ा आने लगा।अब भैया धीरे-धीरे अपना हाथ मेरी चूचियों तक ले आये और उन्हें पकड़ कर दबाने लगे। मेरी चूत गीली होने लगी,

अब मुझसे नहीं रहा गया, मैंने आँखे खोल ली और बोली- अरे भैया ! यह क्या कर रहे हो?

भैया- सॉरी ! गलती हो गई !

मैं- गलती कैसी? मैं भी तो यही चाहती हूँ कि आप मेरे साथ सेक्स करें !

भैया- यह तू क्या कह रही है? तू मेरी सगी बहन है !

मैं- तब तो आपको और भी मज़ा आना चाहिए अपनी सगी बहन को चोदने में !

भैया- तू पागल हो गई है।मैं- पागल नहीं, लुच्ची हो गई हूँ ! आपने बना दिया !

भैया- मैंने क्या किया?  तो फिर मैंने भैया को सारी बात बता दी।
भैया बोले- सेक्स तो हम कर लें ! मगर किसी को पता लग गया तो ?

मैं- मैं किसी को नहीं बताउंगी।भैया-

सच ! मेरी प्यारी बहन !और भैया बहुत जोर से मुझे चूमने लगे और चूचियाँ दबाने लगे।अब मुझमें भी हिम्मत आई और मैंने भैया की जींस का बटन-ज़िप खोल कर उनका लंड पकड़ लिया।

भैया- मेरी बहन तो सयानी हो गई है ! अब इसे मुँह में भी ले !

मैं- नहीं भैया, मुझसे मुँह में नहीं लिया जाएगा !

भैया- कोशिश तो कर !मैंने पहले धीरे से लंड पर जीभ लगाई और फिर धीरे-धीरे मुँह में ले ही लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद भैया बोले- शाबाश ! अब मेरी बारी !और भैया मेरी टाँगें खोल कर मेरी चूत चाटने लगे।

चूत चटवाने से मैं पूरी गर्म हो गई, अब मुझसे रहा नहीं गया और बोली- अब डाल भी दो भैया !भैया उठे और अपना लंड मेरी चूत के पास ले आए, लंड का सुपारा मेरी गीली चूत पर टिका कर हिलाने लगे और मेरा छेद ढूंढने लगे। जैसे ही लंड छेद पर गया, भैया ने जोर से झटका मारा और लंड मेरी चूत में घुसा दिया।मैं दर्द के मारे बहुत जोर से चीखी और बोली- प्लीज़ भैया ! बाहर निकाल लो ! बहुत दर्द हो रहा है !

भैया- पहली बार चुदने पर दर्द तो होता ही है। मुझे बहुत दर्द हो रहा था,

 मैं -भैया प्लीज़ निकाल लो ना !पर भैया नहीं माने और लंड मेरी चूत के अन्दर बाहर करने लगे। मैं दर्द से चीख पड़ी। भैया ने पहले मेरे मुँह पर हाथ रख दिया, फिर हाथ हटा कर चूमने लगे और साथ में चोद भी रहे थे।उन्होंने चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी। अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

मैं- मेरे प्यारे भैया, मेरे सैंयां जी भर के चोद लो अपनी सगी बहन को !थोड़ी देर चोदने के बाद भैया का वीर्य निकल गया और मेरा भी पानी निकल चुका था।

भैया ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मुझे चूम कर पूछा- कैसा लगा?

मैं- दर्द तो हुआ पर मज़ा आया !

भैया, शायद आप पहले भी किसी के साथ कर चुके हैं?

भैया- हाँ मगर वेश्याओं के साथ ही, तेरे जैसी चूत कभी नहीं मिली !

मैं- अब वेश्याओं के पास जाने की कोई जरुरत नहीं ! मैं ही आपकी स्थाई वेश्या बन जाती हूँ !