Friday, December 6, 2013

पति का छोटा लंड - ड्राइवर से चुदाई

पच्चीस साल की एक हसीन लड़की हूँ मैंने पैसों के लालच में आकर फुद्दू बन्दे से शादी कर ली।

अपने पति के गाँव के एक बाकें जवान से चुदकर मेरी वासना कुछ दिन शांत रही। पति का पास होना, न होना एक बराबर है। मैं सोचने लगी कि किसको बिस्तर का साथी बनाऊँ, कहीं इनको मालूम पड़ा तो घर से निकाल देंगे और मैं फिर से वही छोटे से घर में चली जाऊँगी।

मेरा जन्म दिन था, इन्होंने दोनों ऑफिस और कम्पनी मेरे नाम कर दी। मैं खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी।

रात को ढीली लुल्ली से मुझे आधी अधूरी चोद कर अगले दिन शुक्ला जी फिर चले गए।

मैं जब अकेली घर में रूकती हूँ, रोज़ खाने के बाद छत पर टहलने, हवा खाने जाती हूँ सिर्फ ब्रा शॉट्स पहन कर ! मैंने अचानक से नीचे ध्यान दिया, शायद कोई मुझे देख रहा था। मैंने सैर ज़ारी रखी और फिर वो लड़का गली में सैर करने लगा, बार बार मुझे देख रहा था। मैं सैर छोड़ किनारे पर खड़ी उसको ताकने लगी। मैंने दोनों हाथों से ब्रा के ऊपर से सहलाया उसको उकसाने के लिए, उसने इधर उधर देखा और पजामा नीचे करके अपने लुल्ले को सहलाने लगा।

उसका विकराल लुल्ला देख कर मेरी चूत मचलने लगी। उसने अपने  लौड़े को सहला सहला कर खड़ा कर दिया। उसने वापस पजामे में डाला और सैर करने लगा।
मैं एक रण्डी की तरह चुदक्कड़ बन चुकी हूँ मुझे सिर्फ वासना दिखती है ! मैंने अपनी ब्रा उतारी और दोनों हाथ से अपने मस्त मम्मों को उठा उठा मसलने लगी।

वो फिर से रुक गया, मुझे चोदने का गंदा इशारा करने लगा, अंगूठे और साथ वाली उंगली से मोरी बना कर दूसरे हाथ की उंगली उस मोरी में अन्दर बाहर करने लगा।
मुझे उसकी यह गंदी हरक़त बहुत पसंद आई। वो हमारे गेट पर ही खड़ा हो गया, मैंने उसको दिखा मम्मे खूब सहलाए, मैंने भी होंठ काटते हुए चबाते हुए चुदने का गंदा इशारा उसकी तरफ किया।
03[1].jpgउसने उसको अंदर आने को कहा। मैं नीचे गई, इधर उधर देख वो जल्दी से मेरे घर में घुस गया और उसको अंदर लेकर मैंने दरवाज़ा लॉक किया और उसने मुझे बाँहों में समेट लिया।

हाय भाभी ! बहुत दिनों से तुझे पसंद करता था ! रोज़ रात को तू नंगी कैसी दिखती होगी सोच सोच कर मूठ मारता हूँ "

ओह हो ! अब मूठ मारना बंद अब चूत और गांड मारने को मिलेगी " मुझे अपनी बना लो !"

ओह भाभी तेरे जैसी मिल जाए तो दिन रात चोदता ही रहूँ

उसने मेरी ब्रा खोल शॉर्ट्स उतार दिया और पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को चूमने लगा। तभी उसने पैंटी सरका दी, मुझे बिस्तर पर लिटा  कर जम कर मेरी चूत चाटी और मैंने बराबर उसका लुल्ला चूसा।

वो भी पागल हुए जा रहा था, उसका नौ इंच का लुल्ला काफी मोटा भी था, चूसने में तब थोड़ी परेशानी हुई, जब पूरा तन गया तो !

उसने मेरे मम्मे बारी बारी मुँह में लेकर खूब चूसे ! उस लड़के की उम्र तो चाहे कम थी, 18 का ही होगा लेकिन जान बहुत थी, उसने मुझे जम कर मसला और फिर उसने मुझे घोड़ी बना लिया, पहले मेरी चूत को और चाटा और फिर लंड घुसाने लगा। उससे घुस नहीं पाया, वो अनजान राही था, मंजिल हासिल करने में कच्चा था, मैंने हाथ ले जा कर उसके लुल्ले को पकड़ सही जगह टिका दिया और उसने झटका दिया, सर सर करता चीरता लंड घुसता चला गया मेरे !
दर्द से मेरी एक बार जान निकल गई लेकिन फिर उसी मोटे लुल्ले ने मुझे स्वर्ग दिखाया।
उसने अपने घर फ़ोन किया और बोला- मुझे सुनील मिल गया था और मैं उसके साथ हॉस्पिटल में हूँ, उसकी माँ बीमार है।

पूरी रात उसने मेरी चूत बजायी और पूरी तरह तृप्त कर सुबह चला गया। मैं फिर से हल्की हल्की सी महसूस कर रही थी। उस के बाद जब भी मुझे मौका मिलता मैं उस को फ़ोन कर के बुला लेती और उस की जवानी का पूरा आनंद लेती

लेकिन जब मुँह को खून लग जाता है तो वो नये नये शिकार ढूंढने निकलता है।

अब मुझे अपने पति के ड्राइवर से चुदने का मन करने लगा काफी गठीला बदन था उसका, कड़क जवान था ! वह पति को ऑफिस छोड़ कर वापिस घर आता और मुझे  पूछता की कहीं जाना तो नहीं है ?

मैं ने इसी वक्त उस को फंसाने की योजना बनायी

अगले दिन जब वह चाभी देने आया तो मैं ने सिर्फ एक टॉवल लपेट राखी थी जिस से मेरे बूब्स और चूतड़ बड़ी मुश्किल से ही ढक पा रहे रहे थे

जब उस ने मुझे दरवाजे पर ऐसी हालात मैं देखा  कहना भूल गया

मैं ने ही उस को कहा "आओ राकेश थोड़ी देर बैठो मैं नहाने जा रही हूँ उस के बाद मुझे बाजार ले चलना"

ठीक है में साब कह कर राकेश जैसे तैसे सोफे पर बैठ गया

मैं नहाने चली गयी

मैं ने जान बूझ कर अपनी ब्रा और पैंटी बिस्तर पर छोड़ दी और नहाने के बीच उस को बुलाया

"राकेश सुनो ज़रा मेरे कपडे बिस्तर पर हैं उन को उठा कर मुझे दे दो

जब वह कपडे पकड़ा रहा था तब मैं ने उस को अपने आधे से ज्यादा शरीर को दिखा दिया

राकेश ने मुझे बाहों मैं भर लिया और बेतहाशा चूमने लगा

तौलिया बदन से अलग हो गयी और मैं नंगी उस की बाहों मैं थी

फिर उस ने मुझे बिस्तर पर ले गया और पूरी दोपहर चुदाई करी

अब लगभग हर दोपहर राकेश के साथ बिस्तर पर गुजरती हूँ और हम इन्टरनेट पर देख देख कर  नए नए आसन मैं चुदाई करते हैं  

पति के पैसा और ड्राइवर की जवानी पा कर मैं धन्य हो गयी





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