Tuesday, June 10, 2014

मौसी की चुदाई

मेरा नाम राजा ठाकुर है, मेरे नाना की 4 संताने हैं, उनमें एक पुत्र तथा तीन पुत्रियाँ हैं, मेरी माँ सबसे बड़ी हैं, उसके बाद मामा, फिर बड़ी मौसी तथा उसके बाद छोटी मौसी।

मेरी छोटी मौसी की उम्र 26 वर्ष है, रंग गोरा व नैन-नक्श तथा फिगर आकर्षक है। एकदम जवान मदमस्त लौंडिया लगती हैं। जो भी उन्हें देखता है बस ‘आहें’ भरता है। उनकी चूची एकदम अनार की तरह है, गाल सेब की तरह लाल है, कमर पतली व आकर्षक है।

छोटी मौसी की शादी को हुए अभी पाँच वर्ष हुए हैं, उनके एक बेटी है। मेरे मौसा जी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। शादी के दो वर्ष बाद वे अमेरिका चले गए तथा कभी-कभी आते हैं। इस कारण मौसी के पास पैसों की बरसात हो रही है। उनके पास दो-दो बंगले तथा तीन गाड़ियाँ हैं, उनको अपने पैसों का बहुत अहंकार है।

एक तो वो बला की खूबसूरत हैं, किसी हिरोइन से कम नहीं लगती और दूसरा धन का घमंड और जिसके पास दोनों हों, वो तो अपने घमंड के नशे में चूर हो ही जाता है। ऐसा ही मेरी मौसी जी के साथ था, वो अपने सामने सबको तुच्छ समझती थीं।

मेरी गर्मियों की छुट्टी हो चुकी थीं। मैं घूमने का प्लान बना रहा था। इसके लिए मैंने अपनी माँ से विचार-विमर्श करना जरूरी समझा, मैंने माँ से बात की, तो मेरी माँ बोलीं- बेटा, तुम ऐसा करो, अपनी मौसी के घर चले जाओ, वो अकेली हैं। उनका मन भी लग जायेगा तथा तुम्हारा घूमना हो जायेगा।

मैं माँ की बात मानकर मौसी के पास दिल्ली पहुँच गया और मेरी प्यारी मौसी बहुत खुश हुईं तथा उन्होंने मेरा जोरदार स्वागत किया। मैं मौसी को देखकर दंग रह गया। क्या मस्त फिगर था उनका !

मेरे चार-छ: दिन तो बहुत अच्छे कट गए, फिर मन उचटने लगा। उधर मौसी को अपने देवर के साथ सेक्स की याद आने लगी और वो चुपचाप मौका देखकर दिन में या रात में जब समय मिलता वो अपनी प्यास बुझा लेती थीं, परन्तु मुझे शक तो पहले ही था कि दाल में कुछ काला है, परन्तु यहाँ तो पूरी दाल ही काली थी।

हुआ यों कि एक दिन मैं अकेला दिल्ली घूमने चला गया, परन्तु गर्मी अधिक होने की वजह से वापस आ गया। दरवाजे पर आकर देखा तो दरवाजा बंद था। मैंने सोचा मौसी सो रही होंगी इसलिए दीवाल के ऊपर से कूदकर अन्दर आ गया।
जब मैं मौसी के रूम के पास से होकर जा रहा था तो मैंने देखा मौसी के कमरे की लाइट जल रही थी तथा अन्दर से आवाज आ रही थीं “आह… आऊ… ऊई… सी… सीउफ़… उफ़...
मैं खिड़की के पास गया और थोड़ी सी खिड़की खोलकर देखा, बेड के ऊपर मौसी और उनके देवर बिल्कुल नंगे होकर काम-क्रीड़ा में लिप्त हैं। मौसी के देवर मौसी के ऊपर थे। मैं यह देखकर चौंक गया और तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों न इनकी पिक्चर बना लूँ और मैंने अपना मोबाइल निकालकर वीडियो रिकार्डिंग शुरू कर दी।
मौसी तथा उनका देवर 69 की पोजीशन में थे। वे एक दूसरे को चाटने में मशगूल थे। मौसी के देवर उनकी जांघों को जीभ से चाट रहे थे और मौसी 'आई… ऊ… सी… सी उफ़… उफ़ आऊ…' कर रही थीं।
वे दोनों एक-दूसरे को बड़ी तल्लीनता से चाट रहे थे। मौसी अपने देवर के लंड के रस को लॉलीपॉप की तरह चाट रही थी, कभी-कभी वो देवर के लंड को अपने मुँह में पूरा घुसा लेती थीं। उधर उनका देवर मौसी चूत को बड़ी सफाई से चाट रहा था। वह अपनी जीभ को मौसी चूत की टीट पर फिरा-फिरा के चाट रहा था। बहुत ही आकर्षक और प्यारा नजारा था।
इस चुदाई के नज़ारे को देखकर मेरा लंड एकदम पैंट में ही 9" का हो गया। अब मौसी की चूत से पानी आना शुरू हो गया था और वे अपनी चूत को देवर के मुँह पर जोर-जोर से रगड़ रही थीं तथा 'आह… उफ़… आ… ऊ… उफ़…' की आवाज कर रही थीं। थोड़ी देर में देवर का भी स्खलन होने वाला था तो वो अपने लंड को मौसी के मुँह में चूत समझकर जोर-जोर से आगे-पीछे कर रहे थे। उधर मौसी 'गों.. गों..' की आवाज कर रही थीं। उन्हें अब परेशानी हो रही थी।

उनके देवर बोले- भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ, बताओ कहाँ पर अपना वीर्य छोड़ूँ आज?

मौसी बोलीं- अपना माल मेरे मुँह में ही छोड़ दो।

और उन्होंने अपना माल मौसी के मुँह में ही छोड़ दिया और मौसी पूरा माल रसमलाई की तरह पी गईं तथा देवर के लंड को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया। दोनों का पहला राउंड ख़त्म हो चुका था। वे दोनों पलंग पर पसर गए।

मौसी ने फिर से देवर के लंड को चूसना शुरु कर दिया और थोड़ी देर में देवर का लंड खड़ा हो गया।
अब मौसी बोलीं- मेरे प्यारे देवर जी, मेरी चूत की गर्मी को जल्दी शांत कर दो। कहीं ऐसा न हो कि राजा आ जाए और मैं प्यासी रह जाऊँ। मेरी जान, जल्दी करो।

तब देवर उनके ऊपर आ गया और अपना लंड मौसी चूत पर रखकर जोरदार किक मार दी और पूरा लंड उनकी चूत में ‘फक’ की आवाज करते हुए घुस गया और शुरू हो गया ‘आँहों और कराहों’ का दौर, जोश के कारण भीतर से “आऽऽअ.. अऽ..अ..आअ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ अहः श्श्श्श्श म्म्म्म्म ऊऊ सी सी सी की आवाजें गूंजने लगीं।

मौसी का देवर जोर-जोर से मौसी चूत में झटके दे रहा था। मौसी नीचे से चूतड़ उठा-उठा कर जोर-जोर से चुदवा रही थीं। अन्दर ऐसी मस्त चुदाई चल रही थी। मुझसे रुका नहीं जा रहा था मेरा लण्ड तनकर सलामी दे रहा था।

करीबन 8-10 मिनट के बाद मौसी बोलीं- मेरा छूटने वाला है मेरे यार, जरा जोर से चोदो। फाड़ दो मेरी चूत को, इसे भोसड़ा बना दो।

मौसी जोश में 'आऽऽऽअ..अऽ..अ..आअ अहः श्श्श्श्श् म्म्म्म्म आऊ उफ़ आ ऊ उफ़ ऊह' करने लगीं।
मौसी थोड़ी देर में शांत हो गईं। उधर उनके देवर भी 10-12 झटके मारकर मौसी से बोले- भाभी रानी, मैं झड़ने वाला हूँ अब बताओ कहाँ पर निकालूँ अपना माल?

मौसी बोलीं- डार्लिंग, डाल दो मेरी चूत में ही।

देवर ने 5-6 झटके देकर मौसी की चूत में अपना पूरा माल उड़ेल दिया तथा उनके ऊपर ही ढेर हो गए। थोड़ी देर इसी तरह पड़े रहने के बाद दोनों ने कपड़े पहन लिए और मैं अपना मोबाईल लेकर अपने रूम में आ गया।

मौसी की चुदाई देखकर मेरा लंड भी फटा जा रहा था, सो मैं उसको शान्त करने बाथरूम में घुस गया और अपने हाथ का कमाल दिखाया और शान्त हो गया।

अब मैं मौसी को पटाने की सोचने लगा। एक दिन मौसी नहा रही थीं और एक गाना गुनगुना रही थीं। उनकी कोयल जैसी आवाज को सुनकर मैं बाथरूम के पास पहुँच गया। मैंने धीरे से दरवाजे को धक्का दिया, परन्तु वो अन्दर से बंद था। बाथरूम के छेद में अपनी आँख को भिड़ाया और देखा मौसी एकदम नंगी होकर नहा रही थीं। 015.jpg

मौसी आपने गोरे-गोरे स्तनों पर रगड़-रगड़ कर साबुन लगा रही थीं। काश मौसी के बदन पर मुझे साबुन लगाने का मौका मिल जाता तो मजा आ जाता। मौसी धीरे-धीरे साबुन अपने पूरे बदन पर लगा रही थीं, तभी उन्होंने साबुन अपनी जाँघों पर लगाना शुरू किया।

ओह पूछो मत ! क्या मस्त सीन चल रहा था !
यह देखकर मेरा लण्ड तनतना कर खड़ा हो गया। मौसी इस बात से बेखबर होकर अपनी चूत पर साबुन लगाने लगीं। वे बड़े आराम-आराम से अपनी मखमली चूत पर बड़े प्यार से मालिश कर रही थीं। फिर मौसी ने शावर ऑन किया और अपने मखमली शरीर को नहलाने लगीं।
मेरे पूरे शरीर में आग लग रही थी। मौसी बड़े प्यार चूचियों को धोने-सहलाने लगीं। वे चूचियों की किशमिश को मसलने लगीं। वो बाथरूम में लगे आईने में देख-देखकर अपने पूरे शरीर को मलने लगीं। उन्होंने टॉवेल लेकर अपने मखमली शरीर को पोंछने लगीं।
अब वो कपड़े पहनकर बाहर आने को थीं, तो में वहाँ से हट गया, परन्तु इस समय मेरा लण्ड फुफकार रहा था। मन तो ऐसा कर रहा था कि अभी मौसी को पटककर चोद दूँ, परन्तु में सही वक्त के इन्तजार में था।
मैंने अपने लंड को हाथ से मुठिया कर शान्त किया। शाम के वक्त मौसी नहाकर अपने कपड़े बदल रही थीं। मैं चुपके से यह देख रहा था मौसी केवल तौलिया लपेटे थीं। वो एकदम मस्त हुस्न की मलिका लग रही थीं। उन्होंने अपने आप को ड्रेसिंग टेबल में लगे शीशे में देखा और तौलिया हटाकर पैंटी पहनने लगीं। यही मौका मुझे सही लगा और मैं मौसी के कमरे में घुस गया।

मुझे देखकर मौसी सकपका गई और बोलीं- राजा बाहर जाओ, देख नहीं रहे, मैंने कपड़े नहीं पहन रखे हैं।

मैंने मौसी को अपनी बांहों में लेकर कहा- मौसी, मैं तो बहुत दिनों से इसी फिराक में था कि मुझे कब आपको चोदने का मौका मिले।
वो गुस्साने लगी- मैं तेरी मौसी हूँ, तुझे ये सब शोभा नहीं देता है !

मैंने कहा- मौसी लंड और चूत के बीच केवल एक ही रिश्ता होता है, केवल चुदाई का।

जब मौसी ने देखा कि मुझ पर कोई असर नहीं हो रहा है तो बोलीं- मैं यह सब दीदी से कह दूँगी।

तो मैंने कहा- मौसी मैं तुम्हारी यह वीडियो फिल्म मौसा को दिखा दूँगा और अपना मोबाइल निकाल कर उनके सामने रख दिया और वीडियो क्लिप चालू कर दी।

मौसी यह देखकर हैरान रह गईं। और कुछ नहीं कह सकी

फिर मैं ने मौसी को अपनी बलिष्ठ बाहों मैं उठाया और बिस्तर पर ले गया नंगी तो वह थी ही मैं ने उनकी टाँगे अपने कंधे पर रख दी और ताबड़तोड़ उन की चूत चोदने लगा मौसी का बदन इतना गदराया हुआ था कि चुदाई बड़ी मस्त रही और मेरी रंडी मौसी मस्त हो कर चुदी

इस के बाद तो मौसी मुझ से रोज़ ही चुदने लगी और अपने देवर की चुदाई भूल ही गयीं

इस तरह मैं ने मौसी के मस्त शरीर और पैसे दोनों का भरपूर मजा लिया मौसी ने भी मुझे कोई कमी नहीं होने दी


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