Wednesday, June 18, 2014

त हूँ और कॉलेज में पढता हूँ. मेरे क्लास में एक नई प्रोफेसर आई थी उसका ट्रान्सफर किसी दुसरे शहरसे हुआ था उसकी उमर 33-34 साल थी उसके शादी के 5 साल हो गए थे पर उसको कोई बच्चानहीं हुआ था. उसका पति प्राइवेट नौकरी में था और वो अक्सर टूर पर रहता था. (कितना बेडलक था उसका, घर में फटके जैसे बीवी चूत फैला के सोती होंगी और वो होटलों में गांड अकेला सोता होगा) मेरी प्रो...फेसर सलमा का पति बाहर आफिस के काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था. सलमा को एक खाली मकान की जरुरत थी जिसे वो किराये पर लेना चाहती थी, कॉलेज ज्वाइन करने के बाद वो होटल में रहरही थी. हमारे पड़ोस में एकखाली मकान नया बना था जो काफ़ी अच्छा और हवादार था। जब मेम ने मुझसे पूछा तो मैने उस खाली मकान के बारे में और उस मकान का पताबता दिया. अगले दिन सलमा मेरे साथ घर आई और मकान देखने मेरी मां को साथ लेकर चली गई
मेरे घर के बाजू में मैंने मेडम को मकान किराये पे दिलवाया
मेडम को मकान काफ़ी अच्छा लगा और किराया भी काफ़ी ठीक -ठाक था, सो सलमा ने मकान मालिक को आने वाले महीने में शिफ्ट करुँगी कहा और एडवांस में किराया दे दिया. जून महीने की पहलीतारीख को सलमा अपने सामान के साथ आई और उस मकान में शिफ़्ट कर गई. मेडम का हमारे पड़ोस में आने के बाद हमारे यहाँ कुछ ज्यादा ही आना -जाना हो गया,धीरे-धीरे उसने मेरी मां से दोस्ती कर ली. एक दिन मेडम ने मेरी माँ को कहा कीमुझे कुछ सब्जेक्ट में ज्यादा पढ़ाई की जरुरत है और वो मुझे पढ़ा देगी और ट्यूशन फीस भी नहीं लेगी, बस मेरी मां को और क्या चहिये था. मेडम अब मुझे घर पर पढने आने के लिए बोल दिया और मैं जाने लगा, मैं वहां पढने वाला अकेला ही
पहले ही दिन ट्यूशन पढने मैं उसके घर गया तो देखा किउसने ढीली टॉप और जीन्स पहन रखा था, लग रहा था उसने टॉप के अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी और टॉप का बटन भी खुला हुआ था. मेडम ने मुझे पढने के लिए दिया और मेरे सामने बैठ कभी-कभी वो अपनी चूचियां अपने हाथ ठीक करती रहती थी ,उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों जैसे बाहर आने के लिए मचल रही होमैं उसकी ये सब देख कर के मस्ती में भर जाता और मन में हो रहा था कि मैं सलमा की मस्त चूचियां दबा दूं और उसकी चूत में लंड दे दूँपर ऐसा करने की हिम्मत नहीं हो रही थी. मेरा लंड तन कर मुसल की तरह सख्त हो गया था और मेरी पैंट से बाहर निकलने को मचल रहा था,पर मैं मैडम को कुछ कह नहींपा रहा था. कोई २ घंटे पढ़ाने के बाद मेडम ने मुझे कहा उदित तुम अपनी माँ से पूछ कर आ जाओ मैं सोच रही थी की तुम यहीं सो जाते तो अच्छा रहता. मैंने कहा ठीक है मैडम मैं माँ सेपूछ कर आता हु ,जब मैं चलने लगा तो मेडम ने कहा उदित तुम रहने दो यहीं रुको ,मैंही पूछ कर आती हूं.
तभी मैंने मेडम के चुंचे उनके टॉप के अंदर से देखे, मेरा मन बहुत सेक्सी हुआ था. मेडम ने देखा की मैं उनके चुंचे देख लिये हैं, वोह हंसी और बोली, घबरा मत उदित…मैं तेरी माँ को बोलके आती हूँ फिर खोल के देख लेना…ओह तो इसका मतलब मेडम ने इसीलिए यह सब नाटक रचा हुआ था
सलमा ने साडी पहना और मेरे यहाँ चली गई. काफी देर बाद वो मेरा पैजामा और शर्ट ले कर आ गई. मेरे घर से आते ही सलमा ने कहा- यार तेरी माँ तो कपडे दे ही नहीं रही थी वो बोल रही थी की उदित केवलपैजामा और बनियान में सोता है ,फिर भी मैं तेरी माँ से बोल कर तेरा पैजामा और शर्ट ले आई ताकि हमदोनो के बारे में किसी को कोई शकन हो. सलमा अपने कपडे खोलनेलगी उसने अपनी साडी और ब्लाउज को खोल लिया ,अब वो पेटीकोट और ब्रा में थी. पेटीकोट में उसकी भरी हुई चौड़ी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा , मैंने हिम्मत करके सलमा से बोला -मैडम जब मेरे सामने आप अपना कपडा खोलती हो तो लगता है मैं आपका ही पति हूँ.
तो सलमा मैडम ने कहा- तो तुम मुझे अपनी पत्नी की तरह समझ कर इस्तेमाल क्यों नहीं करते. फिर क्या था इतना सुनते ही मैंने सलमा मैडम की मस्त गोल-मटोल चुन्चियों को पीछे से ही पकड़ कर मसलने और दबाने लगा. इधर मेरा 8 इंच का मुसल लंड खड़ा हो करमैडम की चौड़ी भरी हुई गांड में पेटीकोट के उपर से ही घुसा जा रहा था. चुंचियां दबाते हुए मैंनेउसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया इससे सलमा सिसक उठी और बोली -और जोर से मसलो. मैं उसकी चुंचियां जोर-जोर से रगड़ने लगा और उसने अपनी मस्त भरी भड़कम गांड का पूरा दबाव मेरे खड़े लंड पर डाल दिया. मैं सलमा के ब्रा को उपर सडरका कर उसकी नंगी चुन्चियों को एक हाथ से दबाने लगा और दुसरे हाथ से उसके पेटीकोट को उठा कर उसके चूत पर ले गया, उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी और गीली भी.
मेरा लंड रह-रह कर उसकी गांड में घुस रहा था. मेडम अचानक मेरे से अलग हो गई औरपैजामा में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकल लिया, लंड देखते ही बोल पड़ी- ये तो किसी गधे के लंड जैसा है मेरी छोटी सी चूत को तो फाड़ कर रख देगा. मैं बोला मैडम आप चिंता मत कीजिये मैं आपकी प्यारी सी चूत को आराम से चोदुंगा,मैडम मेरी तरफ कातिल निगाहों से देखने लगी और मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों से सहलाने लगी, सहलाते-सहलाते उसने अपने जीभ से मेरे लंड का सुपाड़ा चाटने लगी. कुछ देर चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और किसी लोलीपोप की तरह उसे चूसने लगी, लंड चूसते-चूसते वो मेरी तरफ भी आँख उठा कर देखती थी मैंतो आनन्द के सागर में गोते लगा रहा था मन कर रहा था ये समय कभी खत्म ही न हो. वो काफी देर तक मेरा लंड चुसती रही और मैं सिसकियाँ लेता हुआ उसके मुंह में ही झड गया, वो सारा का सारा पानी पी गई औरलंड के उपर लगे बचे-कुचे वीर्य को चाट कर लंड साफ करदिया.
मेडम अपने बाकि बचे हुए कपडे पेटीकोट और ब्रा को खोल कर बिल्कुल नंगी हो गई और मेरे पैजामा को खींच कर मुझे भी नंगा कर कर दिया. उसकी नजर जैसे ही मेरे लंड पर पड़ी वो हसने लगी मेरा लंड सिकुड़ कर आधा हो गया था. वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने बेड पर ले गई ,बेड पर वो खुद लेट गई और मुझे भी अपने बगल में सुला लिया और अपने निप्पल को मेरे मुंह में डाल कर बोली चुसो मेरी जान. मैं उसके चुन्चों को पकड़कर चूसने लगा वो मेरे जांघ पर अपना पैर चढ़ा कर मेरे गांड को पकड़ कर अपने दबा लिया जिससे मेरा लंड उसकी चूत में सट रहा था. अब वो अपने हाथों से मेरा गांड और पीठ सहलाने लगी. कुछ देर बाद वो69 की पोजीशन में आकर मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और अपनी चिकनी चूत को मेरे मुंह पर लगा दिया.
मैं उसकी चूत को फैला कर कुछ देर तक सूँघता रहा क्या मदमस्त सुगंध थी उसके चूत की और फिर उसके गुलाबी छेद को चूसने-चाटने लगा. उसके चूत से पानी बहने लगा और मेरा भी लंड अकड़ गया ,तभी सलमा अपने मुंह से मेरा लंड निकल कर चित हो कर लेट गई और मुझसे कहा -आओ जान अपना गधे जैसा लंड मेरी चूत में डाल दो. मैंने अपना मुसल लंड उसकी गीली चूत पर रखा और कुछ देर चूत पर रगड़ने के बाद सीधा एक ही झटके मेंअंदर पेल दिया. लंड के अंदरजाते ही वो दर्द से बिलबिला उठी और चीख पड़ी. मैं थोड़ी देर रुक गया जब सलमा के चूत का दर्द कम हो गया तो धीरे-धीरे धक्का मार कर चोदने लगा. सलमा को अब चुदने में मज़ा आ रहा थावो अपनी भरी हुई गांड उछाल-उछाल कर चुदवा रही थी और सिसकियाँ लेते हुए बोल रही थी -उदित मजा आ रहा है जोर से चोदो प्लीज,और चोदो ,
मैं उसको चोद रहा था मुझे लग रहा था सलमा की चूत में मेरा लंड और मोटा हो गया हैहम दोनो पसीने में भींग गए थे और जोर-जोर से सिसकी भर रहे थे, मुझे तो लग रहा था ये रात कभी ख़त्म न हो और मैं जन्नत की शैर करता रहूँ. अब तक की चुदाई में वो 2 बार झड़ गई थी, तभी मैंने अपना लंड तेजी से उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह में डाल दिया और वो उसे चूसने लगी. कुछ देर लंडचुसाने के बाद मैंने उसको पलट कर घोड़ी बन जाने को कहा उसने वैसा ही किया. अब मैं उसके भारी चुतडों को हाथ से फैलाने को कहा, उसनेअपने दोनों हाथों से अपनी चूतडों को फैला लिया अब मुझे उसका चूत दिखाई दे रहा था मैंने सीधा उसके चूत में लंड गाड दिया और जोर -जोर से धक्का मार कर चोदने लगा. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैं झड़ गया. मेरे झड़ते ही वो बेड पर लेट गई और मैं भी उसके उपर, उसकी चूत में लंड डाले ही लेट गया कुछ देर में मेरा लंड उसके चूत से सिकुड़ कर बाहर निकल गया और वो मेरे होठों को अपने मुंह में लेकर चूसने


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