Monday, April 10, 2017

छत पर झांटे साफ करवाई


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छत पर झांटे साफ करवाई


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम निशा है. यह मेरी पहली कहानी है. में दिल्ली से हूँ और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही हूँ. मेरी उम्र 21 साल है.. मेरी बॉडी का शेप बहुत अच्छा है.. जिससे कॉलेज के सारे लड़के मुझ पर लाईन मारते है.. तो दोस्तों में आपका टाइम ख़राब किये बिना सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ. मेरा फर्स्ट सेक्स एक्सपीरियन्स मेरे बॉयफ्रेंड लकी के साथ हुआ.
लकी बहुत सुन्दर लड़का है और वो मेरी क्लास में ही पढ़ता था. ये बात 15 जनवरी की है.. दिल्ली में बहुत सर्दी होती है. में लकी से लगभग 2-3 घंटे रोज़ रात को फोन पर बात करती थी और वो बोर होता रहता था. उसको सेक्स की बातें करना बहुत पसंद था.. पसंद तो मुझे भी है.. लेकिन में शर्माती थी कि वो मेरे बारे में क्या सोचेगा. 15 जनवरी को उसका जन्मदिन था.
उस दिन हमने फुल मस्ती की और रात को फोन पर बात करते करते उसने सेक्सी बातें करनी शुरू कर दी. फिर मैंने सोचा कि चलो उसके जन्मदिन के दिन जो वो चाहता है करने दो.. मुझे भी अच्छा लगता.. जब वो मेरे बारे में पूछता कि तुम्हारा साइज़ क्या है? तुमने क्या क्या पहना है.. लेकिन उसके आगे हमारी कभी बात नहीं हुई.. लेकिन उस रात को उसने पूछा कि तुम कभी शेव करती हो? पहले तो मैंने नाटक किया कि क्या पूछ रहे हो.. लड़कियां भी कभी शेव करती है.. लेकिन बाद में उसके बार बार पूछने पर मैंने कह दिया कि नहीं.. मैंने आज तक कभी शेव नहीं की है. उसने कहा कि शेव नहीं करने से इन्फेक्शन हो जाता है. शेव तो हर 1-2 महीने में करनी चाहिये.
में तो एकदम डर गई कि कहीं मुझे कोई बीमारी ना हो जाये.. क्योंकि मैंने तो कभी नहीं की थी. मैं ने लकी को बोला "यार मुझे डर  लगता है कहीं कट न जाए "

इस पर लकी बोला "कोई बात नहीं.. में कर दूँगा " तुम मेरे घर की  छत पर आ जाओ.. में भी तुम्हारी छत पर आ जाता हूँ और फिर तुम्हारी शेव कर दूँगा.

फिर मैंने हाँ कह दी और लगभग 1 घंटे बाद में लकी के घर की छत पर गई. लकी भी वहां आ चुका था.. वहाँ एक कमरा था जिस  मैं एक बेड पड़ा रहता था 
मुझे देखते ही उसने मुझे अपनी और खींचा और स्मूच करने लगा. फिर मैंने भी उसका साथ दिया और हमने लगभग 2-3 मिनट तक स्मूच किया. फिर उसने मुझे रेज़र दिखाया और बोला "चलो.. जो काम में करने आया हूँ.. वो कर लेते है.

मुझे बहुत शर्म आ रही थी यह देख कर उसने कहा "बीमारी हो जायेगी.. तो फिर क्या करोगी? इसीलिये कुछ होने से पहले बाल साफ करवा लो. 
मैंने कहा "प्लीज  दर्द मत करना. 

फिर उसने मेरी स्कर्ट खोल दी और नीचे गिरा दी और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और टाँगे फैलाने को कहा मैं ने शर्म से आँखें बंद कर ली और जैसे उस ने कहा था बिस्तर पर लेट गयी 

फिर उस ने मेरी पैंटी खींचनी शुरू की. मैं नंगी होती जा रही थी।  शर्म तो बहुत आ रही थी फिर भी मैं ने अपने चूतड़ उठा कर पैंटी निकाले जाने मैं उस की हेल्प की।  बेड  के सामने दीवार पर एक शीशा था जिस मैं यह सब नजारा मुझे दीख रहा था 

जल्दी ही में मेरी पूरी तरह से  नंगी चूत उस के सामने थी तो झांटों के गुच्छे से ढँकी  हुयी थी।  उस ने झांटों को हटा कर मेरी चूत के छेद को देखा और उस पर उंगली फेराई।  इस से मेरे शरीर मैं बिजली का करंट सा दौड़ गया और मेरे चूतड़ हिलने लगे।  मेरे कांपने से वह समझ गया की मुझे इस खेल मैं मजा आ रहा है।  फिर उस ने मेरी चूत के छेद को चूमा और जीभ घुसाने लगा। . 

उफ़  आह  सससस सससस मेरे मुंह से आवाजें निकलने लगी।  यह सब देख कर लकी भी मस्त हो गया और उस ने भी अपने शॉर्ट्स उतार दिए और नंगा हो गया।  उस का 9 इंच लम्बा लंड बाहर आ गया।  उस पर एक भी बाल नहीं था।  मैं ने उस को हाथ मैं ले कर खूब मसला जिस से उस की मस्ती दूनी हो गयी 

फिर लकी ने अपनी शेविंग फोम निकाल कर मेरी चूत के आस पास अचे से फैला दिया।  सब झांटें एक सफ़ेद झाग मैं ढँक गयी थी।  उस के बाद लकी ने मेरी टांगों को थोड़ा और फैलाया और उन के बीच बैठ गया और रेजर निकाल कर धीरे धीरे मेरी झांटें साफ़ करने लगा।  मैं ने शीशे मैं देखा मेरी गुलाबी चूत  अब साफ़ होती जा रही थी।  लकी ने आहिस्ता आहिस्ता सब  बाल साफ किये कर मेरी गीली टॉवल ले कर चूत को पूरा साफ़ किया।  अब मेरी चूत  बिलकुल 12 साल ली लड़की की चूत जैसी हो गयी। 

लकी रुका नहीं और उस ने अपने होंठ मेरी चूत  के होंठों से सत्ता दिया और मेरी गुलाबी चूत  को चाटने लगा।  मैं तो मजे से पागल हो चली थी।  मैं ने लकी का सर अपनी चूत  मैं दबा लिया और मस्ती से चूत चटवाने लगी।  लकी कुत्ते की तरह लम्बी जबान निकाल कर मेरी चूत   चाट रहा था और बीच बीच मैं अपनी जीभ मेरी चूत  मैं घुसाने के लिए गोल कर देता था।  इस  जीभ चुदाई से मेरा पूरा शरीर मस्ती से काँप रहा था और मैं "ओह्ह लकी... मेरे जानू ....ओह डालरिंग।  माय लव लकी और न जानइ क्या क्या बोल रही थी "

मेरी चूत  मैं रास की धार निकलती जा रही थी और लकी उस सब को पी लेता था।  10 -12 मिनट बाद मेरी शरीर मैं भूचाल सा आ गया और मैं  लकी के मुंह को अपनी चूत  पर तेजी से रगड़ने लगी।  अब मैं झड़  रही थी  . धीरे धीरे मेरे शरीर की लहरें शांत हुयी और मैं मजे ले कर ऐसे ही लेट गयी।  लकी का लंड अभी भी पूरा तना हुआ था। 



रात के लगभग 2 बज रहे थे.. अब लकी मेरे साथ आ कर लेट गया  और मेरे बूब्स चूसने लगा. मेरे 34 साइज़ के बूब्स उसके मुहँ में नहीं आ रहे थे.. पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. लकी ने बूब्स चूसते चूसते  मेरी चूत को भी सहलाने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरे मुहँ से आआअ आ फास्ट करो.. फक मी.. निकल रहा था.
उसने फिर मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और अपना लंड मेरी चूत पर रखा.. जैसे ही उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और मुझे पसीने छूटने लगे.. मुझे बहुत डर लग रहा था. फिर उसने धीरे से एक धक्का लगाया और उसका लंड फिसल गया. लकी ने फिर से लंड को मेरी चूत के मुँह पर सेट किया और धक्का मारा.. लंड फिर से फिसल गया.
अब मुझे भी गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने कहा कि मादरचोद कुछ नहीं कर सकता.. तो गांड मरवाने जा. ये सुनते ही उसे बहुत जोश आया और उसने ज़ोर से धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी चूत मे था. मेरे मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई.. पर उसने मेरे मुँह पर हाथ रख लिया.. और अपने लंड को धीरे धीरे मेरी चूत  मैं अंदर बाहर  करने लगा।  थोड़ी देर मैं मेरी चूत  की दर्द थोड़ी काम हुयी कर मैं  लेने लगी।  मैं लकी के धक्कों के साथ अपने चूतड़ ऊपर नीचे कर  रही थी जिस से हम दोनों का ज्यादा मजा आ रहा था अब लकी का लंड  मेरी छूट के  तक जा रहा था।  लकी के धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी और अब लकी भी मस्त मस्त आवाजें निकाल रहा था "ओह मेरी जान निशा।  नीशू डार्लिंग। .... माल है तू मेरी जान। ..तुझे ज़िंदगी भर चोदते रहूँ मेरी डार्लिंग। ...उफ्फ्फ राणो   ओह मेरी   जान 

यह सुन सुन कर मैं और मस्त होती गयी और चुदाई मैं उस के साथ पूरा सहयोग दे रही थी

अब मैं दूसरी बार मस्ती की अंतिम कगार पर जा रही थी।  कमरे मैं बस मस्त मस्त आवाजें थी और लकी तेजी से मेरी चूत मैं लंड अंदर बाहर कर रहा था और मेरे मुंह मैं जीभ घुसा कर चूसे जा रहा था।  अब की बार  साथ झड़े और लकी के लंड से पिचकारियां निकलने लगी और उस ने मेरी चूत को अपने गरम गरम माल से भर दिया।  जब हम दोनों पूरी तरह झड़  गए तब मैं ने लकी को अपने से दूर किया और बाथरूम मैं गयी।

मैंने बाथरूम में देखा कि मेरी चूत से अभी भी खून निकल रहा है।  बिस्तर पर जो चदर बिछी थी उस पर भी खून का एक गोल निशाँ बन गया था।  यह मेरी लड़की से औरत बन जाने की मस्त दास्तान का गवाह था 

फिर मेरे और लकी के बीच  सब कुछ सेट हो गया.  अब तो में बड़ी आसानी से लंड चूत में लेती हूँ और लकी से  खुलकर चुदवाती हूँ. हर सप्ताह हम एक दुसरे की झांटें साफ़ करते हैं और झांट साफ़ करने के बाद लकी मेरी चूत चाट कर  और मैं भी लकी का लंड चूस कर उस का वीर्य पीती हूँ. 

मैं सभी लड़कियों और भाभियों से कहूंगी की वह भी अपने बॉय फ्रेंड या पति से अपनी झांटे साफ़ करवाएं और उस के बाद मुझ मैथुन का मजा जरूर लें 

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