Wednesday, April 19, 2017

साधू नागा बाबा मेरे पिताजी Sadhu Baba Mere PitaJi

साधू नागा बाबा मेरे पिताजी Sadhu Baba Mere PitaJi

मेरी माँ बहुत धार्मिक विचारो की थी. गाँव से बाहर एक पुराना शिव मन्दिर था. वो लगभग हर रोज़ वहा जाती थी. मन्दिर में एक नागा साधू रहता था. वो हर मौसम में भबूत लगाये रहता और लंगोट ही पहनता था. उसके साथ एक साध्वी भी रहती थी. साधू कोई 50 बरस का था और साध्वी शायद 45 साल की होगी. मेरी माँ की उमर तब 38 साल की थी और में उनका इकलौता बेटा था, मेरी उम्र कोई २1 साल थी. कई बार मै भी माँ के साथ वहा जाता था. 

साधू कई दफे बिल्कुल नंगा ही मिलता था और तालाब में भी नंगा ही नहा लेता था. साध्वी लुंगी पहनती थी और उपर कुरता जिस पर सर्दी में shawl लपेट लेती थी. माँ मदिर में अकेले जाती थी लेकिन वहा गाँव की दूसरी कई औरते भी जाती थी. आदमी वहा बहुत कम नज़र आते थे. गाँव के लोग उस साधू को नागा बाबा कहते थे. में कई बार माँ से पूछता माँ तुम वहा क्यों जाती हो तो वे या तो हस देती या फ़िर कहती बेटा उनका आशीर्वाद कीमती होता है. मेरे पिताजी की उम्र कोई ४२ साल थी और वे माँ के वहा आने जाने पर कुछ नही बोलते थे, पापा माँ उस मदिर में उस नंगे साधू के पास क्यों जाती है?’ एक दिन मैंने पूछा तो पिताजी बोले,’ बेटा तू भी उन्ही के आशीर्वाद से हुआ है.’ 

उस मदिर में शिवरात्रि को कई लोग आते थे, हर शिवरात्रि से पहले माँ कोई 10 दिन पहले ही वहा तय्यारियो के लिए चली जाती और शिवरात्रि के हफ्ते दस दिन बाद ही वापस लौटती. एक बार शिवरात्रि से पहले माँ जैसे ही वहा जाने को हुई मैंने कहा माँ में भी चलूँगा तो माँ बोली,’ बेटा तेरा वहा मन नही लगेगा तू गाँव में ही खेल,’ मगर मैंने जिद पकड़ ली तो माँ बोली,’ ठीक है मगर सिर्फ़ दो दिन वहा रुकना और सोमवार की सुबह आ जाना ताकि स्कूल जा सके.’ मै भी उनके साथ चल दिया.

हम मन्दिर शाम को पहुचे आरती तो साध्वी ने ही की. मन्दिर के उपर ही पहाड़ पर २-३ कमरे बने हुए थे और वही साधू की गुफा भी थी, माँ की तरह वहा २-३ औरते और भी थी जो खाना बनती थी और सफाई वगेरह के काम करती थी. खाना खाने के बाद माँ साधू की गुफा में जाने लगी,’ नागा बाबा का भोजन आज मै ले जाउंगी, उसने कहा. में भी साथ जाने की जिद करने लगा माँ ने मना किया तो मै रोने लगा दूसरी औरतो ने कहा, ले जाओ सरिता बच्चा ही तो है, आखिर माँ को मुझे ले जाना पड़ा. 

अन्दर गुफा में गए तो साधू हुक्का पी रहा था "आ जा सरिता आ जा, क्या ले आई?’ उसने पूछा, ‘कुछ नही स्वामी आपका भोजन लाई हू,’ कह कर माँ ने उसके सामने भोजन की थाली परोसी,’ अभी रुक अभी थोड़ा सोमरस पी ले फ़िर भोजन करेंगे, साधू बोला. उसके हाथ में एक ग्लास था जिससे वो कुछ पी रहा था, ‘ तू पीयेगी?’ उसने माँ से पूछा, माँ शर्मा गई, ‘अछा बेटा साथ है इसलिए? कह कर साधू हसने लगा.

साधू उकडू बैठा था और उस वक्त तो उसने लंगोट पहन रखी थी. ” जा इस बच्चे को सुला दे और खाना भी ले जा बाद में गरम कर के ले आना,’ वो बोला. मै ये सुनते ही रोने लगा,’ में माँ के साथ ही सोऊंगा,’ माँ परेशां तो थी मगर बोली,’ बच्चा है ५-१० मिनट मै सो जाएगा, ‘ 

अछा तो इसको यही सुला दे साधू ने कहा. ‘ ले चल यहाँ सो जा मै भी तेरे साथ ही सो उंगी ,’ माँ ने कहा और साधू की गुफा मै पड़े एक गद्दे पैर मुझे लिटा दिया,’ मुझे नीद तो नही आ रही थी मगर मुझे लगा सोने की एक्टिंग करू तो ही बेहतर है.

कोई २-४ मिनट बाद माँ को लगा की मै सो गया हु तो वे साधू से सट कर बैठ गई. साधू के प्याले से वे भी बीच बीच में घूंट लेने लगी. साधू उपर बैठा था, माँ निचे बैठी थी. माँ का मुह ठीक उसकी लंगोट के सामने था. साधू अब माँ के स्तन उनके blouse के उपर से ही दबा रहा था. मेरी माँ अछी थी, कोई ५ फीट २ इंच ऊँची थी, गोरा रंग था. उनके स्तन मोटे और भरे भरे थे, निप्पल्स गुलाबी रंग के थे और ज़्यादा बड़े नही थे. वे काख के बाल कभी साफ़ नही करती थी. उन्होंने उस वक्त आसमानी रंग का blouse पहना हुआ था. साधू अब उनके स्तन आटे की तरह मसल रहा था. कोई २ मिनट बाद उसने माँ का blouse खोल दिया, माँ ने ब्रा नही पहनी थी, उनके स्तन को वो बड़ी बेरहमी से दबा रहा था, माँ ऊह्ह ऊऊओह्ह कर रही थी.’
 ले अब मेरी लंगोट ढीली कर दे, साधू बोला. साधू खड़ा हो गया माँ ने कुशलता से एक मिनट में उसकी लंगोट उतार दी. वो वापस वैसे ही उकडू हो कर बैठ गया.

अब उसका गुप्तांग साफ़ दिखाई दे रहा था. उसका लंड एकदम काला था और नीचे लटका हुआ था. उसके अंडकोष भी काले थे और किसी गधे के अंडकोष की तरह भरी थे और नीचे लटक रहे थे. साधू ने अपने पुरे गुप्तांग की सफाई कर रखी थी, एक भी झांट नही था. मेरी माँ अब पुरी तरह उत्तेजित थी. उसने साधू के गुप्तांग को मसलना शुरू कर दिया, जिस तरह साधू ने माँ के स्तन मसले थे ठीक उसी तरह साधू के लंड को माँ मसल रही थी. अब माँ थोडी उपर हुई और साधू के लंड के आगे का हिस्सा मुह में ले कर चुसना और चाटना शुरू कर दिया, साधू को यह सब बहुत अच्छा लग रहा था, वो अपनी गांड उपर नीचे करने लगा. कोई दो मिनट की चटाई के बाद साधू का सुपाडा मोटा होने लगा था, अब वो किसी आलू के आकार का लगने लगा था, माँ उसके सुपाडे को होटों और दांतों से उपर नीचे कर रही थी. धीरे धीरे साधू पुरा उत्तेजित होने लगा था, उसका लंड विकराल रूप धारण कर चुका था, अब वो कोई १० इंच का हो चुका था और एकदम सीधा खड़ा था मुझे उसके लंड को देख कर किसी गधी के पीछे लगे गधे की याद आ रही थी, माँ ने अब अपने होत उसकी गोलियो पैर रखे और एक एक गोली को मुह में लेकर बारी बारी से चूसने लगी, 
सरिता तू मेरे अंडकोष को बहुत अच्छी तरह चूसती है, साधू बोला,

हा स्वामी इनकी वजह से ही तो मै माँ बन पाई, ये नही होते तो अनिल ( मेरा नाम) कैसे पैदा होता?’ वो बोली और कुतिया की तरह उनको चूसने लगी.

माँ ने अपना petticoat खोल दिया और सीधी खड़ी हो गई, साधू उनके बूब्स चूस रहा था और पीछे हाथ ला कर माँ के गोल और मोटे चूतड दबा रहा था, माँ के हिप्स बहुत मोटे और गोल थे, साधू उनको बड़ी बेरहमी से दबा रहा था, साधू का खड़ा लंड माँ की दोनों जांघो को चीरता हुआ बाहर आ रखा था, उसका सुपाडा माँ की गांड के बीच से चमक रहा था. माँ अपनी गांड को थोड़ा आगे पीछे कर रही थी इसी बहाने शायद उनकी चूत के होटों और जांघो की चुदाई हो रही थी. अब माँ और साधू एक दूसरे को चूम रहे थे. थोडी देर बाद साधू ने माँ को उपर किया , माँ ने अपने दोनों पाव उसकी कमर पर लपेटे और गांड उसकी गोद में रख दी, साधू ने माँ की विशाल गांड को पकड़ कर ऊँचा किया और अपने मोटे और कड़क लंड का मुह उनकी चूत के मुह पर रख दिया. साधू का लंड अब माँ की चूत को चीर रहा था, उसने माँ की गांड हाथ में पकड़ी हुई थी, माँ अब ऊँची नीची हो कर उसके मोटे लंड को अपनी चूत में एडजस्ट कर रही थी,’ स्वामी इसको छोटा कर दो, ये तो चूत फाडू लंड है, ‘ वो हँसते हुए बोली.
माँ की कोशिशों और साधू की गांड के adjustment से धीरे धीरे साधू का लगभग पूरा लंड माँ की चूत में समां गया. साधू ने माँ की गांड tight पकड़ रखी थी. माँ अब उसके लंड के उपर अपनी गांड ऊँची नीची कर रही थी, साधू को वो मज़े से चोद रही थी. 

” ओह सरिता चोदती जा मुझे रुक मत, बहुत आनंद आ रहा है, साधू ने कहा. 

‘ मुझे भी मज़ा आ रहा है स्वामी आपके लंड ने मेरी पुरी चूत को घेर रखा है, चूत की एक एक दरार में आपका लंड घर्षण पैदा कर रहा है, मेरी चूत फाड़ दो स्वामी, कह कर माँ ने स्पीड बढ़ा दी, स्वामी भी अब माँ के साथ साथ अपनी गांड भी नीचे से तेज़ी से हिला रहा था, कोई ५ मिनट दोनों की ऐसी ही चुदाई चली, मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था, में कई बार माँ की मोटी गांड देख कर सोचता था की वो इसके साथ चल भी कैसे पाती होंगी मगर यहाँ तो वो गांड राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड से चला रही थी और उछल उछल कर साधू का लौड़ा ले रही थी.

थोडी देर इसी मुद्रा में चोदने के बाद साधू ने माँ को घोडी बना दिया और ख़ुद पीछे आ गया, उसने पीछे से अपना लंड एडजस्ट किया और माँ को चोदने लगा, माँ भी गांड उछाल उछाल कर मज़ा ले रही थी, ‘ ऐसा लगता है जैसे किसी हथनी को चोद रहा हूँ, तेरी गांड पीछे से इतनी मोटी लगती है सरिता, कह कर साधू तबियत से स्ट्रोक्स लगाने लगा,’ 
हा स्वामी आपका लौडा भी तो हाथी जैसा ही है चोदो इस हथनी को, वो बोली, साधू गरम था और उसका लंड भी, चोदे जा रहा था बिना रुके.

माँ की चूत के दोनों पपोटे अब फूले हुए थे और अन्दर से गुलाबी मांस साफ़ दिखा रहा था, साधू का मोटा काला लंड अब आसानी से अन्दर बाहर आ जा रहा था, माँ अपनी गांड साथ साथ हिला रही थी, साधू ने एक हाथ से माँ की मोटी कमर tight पकड़ी हुई थी और दुसरे हाथ से वो उनके झूलते हुए मम्मे दबा रहा था, माँ को बहुत मज़ा आ रहा था और वो किसी पक्की चुदक्कड की तरह साधू के लौडे का स्वाद ले रही थी, मेरा सोते सोते लंड हरकत कर रहा था, मगर मुझे पता था अगर में हिल भी गया तो यह दृश्य नही देख पाउँगा. अब साधू भी पुरा गरम था और बोले जा रहा था,

’ ले रंडी ले ये चोट,’ कह कर वो अपने लंड को ज़ोर से माँ की चूत में ठूंस देता,’ माँ ज़ोर से चीखती और कहती ओह माँ फट गई रे मेरी चूत,’ ले रंडी और ले मेरे केले का स्वाद, आह क्या रसीली है तेरी चूत, वो बोला,’ स्वामी आपका लंड भी कमाल है ऐसा लगता है जैसे चूत में कोई मुसल फस गया हो, इसको अन्दर ही रहने दो बाहर मत निकलना,’ माँ बोली, भोसड़ी की अगर तेरी चूत में ही एंड को फस के रखूँगा तो इतनी सारी और चुते कहा जाएँगी?’ साधू ने कहा और फचफच कर के चुदाई की स्पीड बढ़ा दी, उनको आपके शिष्यों से चुदवा दो स्वामी आपका लंड मेरी चूत के अलावा किसी दूसरी चूत को मत दो स्वामी,’ माँ ने कहा और गांड को और उपर कर दिया, साधू अब माँ की गांड के छेद में ऊँगली डाल  रहा था.
माँ को बहुत मज़ा आ रहा था, साधू ने अब मेरी माँ को गन्दी गन्दी गालिया देना शुरू कर दिया था और वो अब मेरी माँ की गांड की पिटाई कर रहा था, उसके थपडो से माँ की गांड एकदम लाल हो गई थी, मगर वो रुका नही, उसने अब माँ की गांड में उंगलिया डालना शुरू कर दिया, 
भेन्चोद रंडी शिव का प्रसाद लेने चली थी, तेरी गांड और चूत का आज में कचूमर निकाल दूंगा भोसड़ी वाली, कह कर उसने माँ की गांड को तीन उंगलियो से चोदना शुरू कर दिया , माँ अब चीख रही थी,’ स्वामीजी रहम करो इतनी चुदाई से मुझे तृप्ति मिल गई, अब माई को या दूसरी स्त्रियो को तृप्त करो महाराज, वो बोली. ‘ तेरी चूत और गांड हमेशा गरम रहती है रंडी तुझे इतना चोदुंगा आज की रात की तू दुबारा हमारा लंड मांगने लायक नही रहेगी, कह कर उसने अपना पुरा लंड माँ की चूत में घुसा दिया. साधू ने उसके बाद माँ की चूत से अपना मोटा और कड़क लंड निकाला और माँ की गांड के छेद पर रख दिया, ले भेन्चोद रंडी अब तेरी गांड में प्रसाद खा, कह कर उसने इतना मोटा लौडा माँ की गांड में एक ही धक्के में आधा पेल दिया,’ 

मर गई महाराज, मर गई, गांड में इतना मोटा औजार मत डालो स्वामी, दया करो, माँ बोली, जब मेरा लौडा चूस कर गरम कर रही थी तब क्यों नही सोचा की ये तेरी गांड को और चूत को फाडेगा?’ साधू बोला. ‘ महाराज दया करे बस इतना ही अंडर डाले पुरा लंड अंडर नही डाले मेरी गांड फट जायेगी, माँ ने कहा, मगर साधू रुका नही उसने माँ की गांड की खुदाई जारी राखी.

माँ की गांड का छेद अब मोटा हो चुका था साधू का मोटा काला लंड अन उसमे ऐसे आ जा रहा था जैसे हाइवे पर कोई ट्रक आ जा रहा हो, ‘ ओह स्वामीजी आपने मेरी गांड को चोद चोद कर उसको चौडा कर दिया, छोटा लंड तो अब इसको पसंद ही नही आता, ‘ माँ बोली, हमें पता है तेरी चुदक्कड़ गांड और भोसड़ी हमारा मोटा लंड ऐसे खाती है जैसे भूका रोटी खता हो, इनको फाड़ कर ही हमे संतुष्टि मिलेगी रांड, साधू ने कहा और फचफच माँ की गांड मरने लगा. ‘ स्वामी अपना अमृत गांड में दाल कर नष्ट मत करना उसको तो मेरे भोसड़े में ही गिराना, माँ बोली,’ अरे रंडी इतना जल्दी तो हिजडो का पानी निकलता है साधुओ का नही अभी तो खूब चोदना है तुझे , कह कर साधू ने अब माँ को गद्दे पर लिटाया, माँ ने अपने पाव उपर कर साधू की कमर के उपर और कंधे के पास लपेट लिए इस से उसकी चूत एकदम खुल गई, साधू ने निचे से अपना पुरा लंड एक ही शोट में माँ की चूत में सरका दिया,’ ओह स्वामी, एकदम गरम गरम लौडा है मेरी चूत की मस्त सिकाई हो रही है, चोदो ज़ोर से, और ज़ोर से, फाड़ के रख दो मेरी चूत,’ माँ बोली और निचे से गुदाज नितम्ब ऊँचे निचे करने लगी,

 तेरी जैसी चुदकड़ रंडी दुनिया में दूसरी मिलनी मुश्किल है, दूसरी रंडिया तो हमारी दो मिनट की चुदाई में पानी छोड़ देती है और तू है की आधे घंटे से चुदे जा रही है पर रंडी को चोदने का मज़ा जी अलग है, कह कर साधू माँ को घिस्से लगाने लगा, मुझे उसके उचलते हुए गुलाब जामुन साफ़ दिखाई दे रहे थे इस से पहले इतने बड़े अंडकोष मैंने किसी गधे के ही देखे थे, साधू की लंगोट में भी उसके बड़े गुलाबजामुन साफ़ उभरे हुए नज़र आते थे, मुझे लगा की शायद औरते इसीलिए उसकी तरफ़ आकर्षित होती है, माँ इस मुद्रा में चुद रही थी और साधू गालिया बोल रहा था, मादरचोद रंडी मोटी भोसड़ी वाली ये ले मेरा लंड, कह कर वो और तेज़ी से माँ की मारने लगा, माँ अब एकदम मस्त हो गई थी, ‘ ओह राजा मारो मेरी फाड़ दो मेरी, खाली करो अपना रस मेरी बच्चेदानी में, भरो मेरा भोसड़ा अपने रास से , ऊऊह्ह्ह आआआह्ह्ह, कह कर माँ और तेज़ी से गांड उछालने लगी, 
ओह स्वामी मेरा तीसरी बार पानी छूट रहा है, कह कर उसने साधू की गांड कस कर पकड़ ली, उधर इस भयंकर चुदाई की गूंज शायद सव जगह सुनाई पड़ रही थी, 

साध्वी इस आवाजो को सुन भीतर आई, ओह ये चुदक्कड़ रंडी आपको ध्यान भी नही करने देती, इसकी चूत फाड़ के रख दो ताकि इसको शान्ति पड़े गुरूजी, कह कर वह निर्वस्त्र हो गई, उसके स्तन माँ जितने मोटे नही थे और टाइट भी नही थे, लटके हुए से थे मगर आकार अछा था, कमर उसकी कसी हुई थी, गांड बाहर निकली हुई, चूत एकदम साफ़ थी, सारे बाल साफ़ थे, वह झुकी और साधू की गांड के निचे अपना मुह ले आई, अब वो साधू की गांड और अंडकोष चाटने लगी साथ ही दोनों हाथो से उसके लंड के बाहरी हिस्से गांड और आंड को दबाने सहलाने लगी, 

तू मादरचोद मेरे पानी से इस रंडी की चूत भर के मानेगी,’ साधू बोला और पागलो की तरह माँ को चोदने लगा,’ दोनों औरते उसको उत्तेजित कर रही थी, हा गुरूजी आपके सांड जैसे आंड इसके पेट में खाली कर दो, साध्वी बोली,’ हा स्वामी भरो मेरा भोस , माँ ने कहा, और ज़ोर से चोदो स्वामी रुको मत कर दो अपने पानी से मेरी चूत ठंडी, माँ बोली, 
‘ ले रंडी ले मेरा वीर्य, साधू का कीमती वीर्य,’ साधू बोला और गर्र गर्र करने लगा ऐसा लगा जैसे कोई शेर माँ को चोद रहा था ,’ 
डालो गुरूजी डालो अपना बीज इसकी भोसड़ी में डालो आपके आंड फूले हुए हें, इनका रस खाली कर निकाल दो भरो इस रंडी की चूत , साध्वी बोली, 

‘ ले रंडी ले मेरे बीज ले ऊओह्ह्ह आह्ह कर के साधू की गांड स्थिर हो गई, माँ को उसने अपने लंड से चिपकाये रखा था माँ भी अपने पावो से साधू को कस कर पकड़ी थी ताकि उसका वीर्य बाहर न आ जाए, 

‘ साली रंडी मेरी सारी  ताक़त निचोड़ कर मानी बोल कर साधू ने अपना गीला और लटका हुआ लंड माँ की चूत से बाहर निकाला, साध्वी तुंरत आई और उसको आइसक्रीम की तरह चाटने लगी, 

ले अब तेरी प्यास भी बुझानी है क्या,’ साधू बोला, 

हा गुरूजी मेरा भोसड़ा भी इस रंडी की चुदाई देख कर गरमा गया है, साध्वी ने कहा,’ आज तो तू बालक साधुओ से चुद कर उनको सम्भोग का अभ्यास करा में तुझे बाद में चोदुंगा, कह कर साधू वापस गद्दी पर बैठ गया, २- ३ औरते आई और साधू के लंड को गीले कपड़े से पोछने लगी, माँ अभी भी टंगे चौडी कर के नंगी ही लेटी हुई थी, उसकी चूत में से साधू का गाढा वीर्य बह कर बाहर आ रहा था.
साध्वी ने एक साधू के उपर उठ रहे लंड को हाथ में कस कर पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसके अंडकोष सहलाने लगी, वो साधू एकदम से उत्तेजित हो गया, और साध्वी के मुह को चूत की तरह चोदने लगा, साध्वी ने पीछे से अपनी मोटी काली गांड उपर उठा दी थी, दूसरा साधू पीछे आया और उसकी गांड चाटने लगा और चूत की उंगलियो से चुदाई करने लगा, साध्वी अब एकदम गरम थी, उसने पहले साधू को नीचे लिटाया और उसके मीनार की तरह सीधे खड़े लंड पर अपनी मोटी चूत के होट रखे, धीरे धीरे उसकी चूत के होट नन्हे साधू के गरम और पत्थर जैसे कड़क लंड को खाने लगे, कोई ५-७ मचको में उसकी चूत ने पुरा लंड खा लिया, नन्हे साधू की गोलिया ही बाहर दिखाई दे रही थी, उधर जो दूसरा साधू पीछे से साध्वी की गांड चाट रहा था, उसने भी अपना लौड़ा हाथ में लिया और साध्वी की गांड के छेद पर व्यवस्थित करने लगा, उसने कोई आधे मिनट में अपने लंड का सुपाडा गांड में सरकाया
उसके बाद उसने पुरा लंड बाहर निकाला और वापस लगभग आधा अन्दर घुसा दिया, कोई २-३ मिनट तक लगे रहने के बाद लगभग पुरा लंड साध्वी की गांड में घुस चुका था. अब उसके दोनों छेदों में दो दो गरम और जवान लंड थे. साध्वी बीच में मज़े से चुद रही थी, उधर यह देख कर साधू भी ताव में आ गया, वो खड़ा हुआ और अपना लंड साध्वी के मुह पर लगा दिया, वो उसको चूसने लगी, अब उसके तीनो छेदों में तीन लंड थे,
साध्वी दो कi sandwich हो रखी थी. वो अपनी मोटी गांड कुछ इस तरह हिला रही थी की दोनों साधुओ का पूरा पूरा लौड़ा उसके दोनों छेदों में जा सके, उधर बड़े साधू के लटके हुए लंड को उसने अपने थूक से गिला कर दिया था, उसका काला लंड अब फ़िर से तनने लगा था और दीपक की रौशनी में चमक रहा था, उसने अब साधू के लंड को उसके पेट से चिपका दिया और उसके लटके हुए बड़े बड़े अंडकोष को रसीली टोफियो की तरह चूसने लगी, साधू अब दुबारा गरम होने लगा था, 

‘ तेरा लंड बड़ा मस्त है, ये बच्चे झड़ जाए फ़िर तुझे चोदूंगी,’ साध्वी साधू से बोली. उधर दोनों साधुओ की चुदाई चल रही थी, उपर वाला साधू तबियत से उसकी गांड मार रहा था और पीछे से उसके उचलते हुए बूब्स दबा रहा था, निचे वाला साधू स्थिर लेटा हुआ था साध्वी उसके लंड को फचा फच चोद रही थी, दोनों साधू साध्वी को माँ कह रहे थे,’

 माँ तेरी गांड कितनी मोटी और मस्त है, ऐसा लगता है जैसे किसी हथनी को चोद रहा हु,’ पीछे वाला साधू बोला,’ 

हा पुत्र तुझे चोद चोद कर तेरा लंड हाथी जैसा बनाना है मुझे,’ साध्वी बोली. उधर निचे वाला लड़का भी ताव में था, माँ तेरी चूत ने मेरा लंड एकदम टाइट पकड़ रखा है, जैसी मुठी में बंद हो,’ उसने कहा,’ पुत्र लंड को टाइट पकड़ना सिर्फ़ तंत्र क्रिया जानने वाली स्त्री ही जानती है, तुझे मज़ा भी दूंगी और तेरा लंड भी मज़बूत करुँगी, तू बस चुदाई का मज़ा ले,’ साध्वी ने कहा और अपनी स्पीड बढ़ा दी, पीछे वाले साधू ने भी गति बढ़ा दी थी, गुफा में फच फच फचा फच की आवाजे गूंज रही थी, मै चुप चाप लेटा हुआ देख रहा था और दो औरते भी, हम तीन ही दर्शक थे क्युकी माँ अभी भी मस्त हो कर लेटी थी.
मैंने अपनी कोहनी अपने मुह पर रखी हुई थी और साइड में से देख रहा था. उधर गुफा में काम उत्सव सजा हुआ था. तीन लंड एक औरत के तीन छेदों को चोदे जा रहे थे, अब साध्वी शायद झड़ रही थी, हां फाड़ दो मेरी चूत मेरा पानी छूटने वाला है भड़वों, ओह्ह्ह आह्ह ऊऊऊऊह्ह्ह ,’ कह कर वो ज़ोर से पानी छोड़ रही थी, तीनो साधुओ का नियंत्रण भी छूट रहा था, चूत चोद रहे साधू का पानी उसी वक्त निकलने को था,’ माँ मेरा वीर्यपात हो रहा है,’ वो बोला,’ हा मादरचोद छोड़ अपना वीर्य मेरे भोसड़े में पिचकारी की तरह,’ साध्वी बोली. वो साधू भी गर्र गर्र आह्ह अहह करने लगा, उसका पानी छूट रहा था, गांड चोद रहे साधू का पानी भी साथ ही निकला,’ माँ में भर दू तुम्हारी गांड?’ उसने पूछा,’ लवडे पानी छोड़ने की भी अनुमति लेगा क्या? भर मेरी गांड तेरे वीर्य से,’ साध्वी ने कहा, साधू गांड में झड़ गया, उधर बड़ा साधू भी साध्वी के मुह को कस कर पकड़े हुए था,’ ले असली ताक़तवर वीर्य रंडी,’ उसने कहा, ले ले ले ये वीर्य मादरचोद रंडी ये ले ले ये गरम पानी, कह जर उसने कोई आधा कप पानी उसके मुह में छोड़ दिया, साध्वी सारा चाटने लगी, साधू ने उसके बाल कस कर पकड़े हुए थे. गुफा में वीर्य की गंध फ़ैल चुकी थी. साध्वी वीर्य से स्नान कर चुकी थी.  
उधर वो दोनों अधेढ़ अवस्था की औरते मेरे पास आ गई, ‘ देखे ये लौंडा सोया है या जग रहा है? एक ने दूसरे से कहा. उनके पास आते ही में सोने का अभिनय करने लगा, ‘देख लेते है बच्चा ही है या बड़ा हो गया, हमारे काम का है या नही? कह कर दोनों पास आ गई, मैंने घुटनों से पाव मोडे हुए थे और पावो को आपस में सटाया हुआ था मगर उसमे से एक औरत ने मेरे पाव चौडे कर दिए , अब मेरा तना हुआ लंड छुप नही सकता था ,’ लड़का तो हमारे काम का है नींद में लंड खड़ा होना शुरू हो गया इसका तो, ‘ एक ने कहा,’ चल इसका निक्कर उतर देते है देखते है लंड में दम है या नही नही तो ऊँगली करके ही सोना पड़ेगा,’ दूसरी बोली. अब मेरा निक्कर उतर रहा था, में डर के मरे सोने की एक्टिंग जरी रखे हुए था, जैसे ही उन्होंने मेरा निक्कर उतरा मेरा तना हुआ लंड उनको नज़र आ गया था,’ लड़के का लंड आज की रात तो मस्ती दे देगा, एक औरत बोली,’ हा मगर चोदे कैसे? मुआ तो सोया हुआ है,’ चल थोडी मस्ती करते है, जग जाएगा, कह कर वो दोनों मुझसे चिपट गई, उनके मुह से भी शराब और गांजे की गंध आ रही थी, शायद दोनों नशे में थी. उन्होंने मेरा शर्ट भी उतर दिया और मुझे किस करने लगी, अब मुझे आँखे खोलनी पड़ी. देखा तो उनमे से एक मेरी बुआ थी जो मेरे पिताजी से भी उम्र में बड़ी थी, उनकी उम्र कोई ५५ साल थी, उनकी ५ बेटिया थी और उनके बाद एक लड़का. वो कसे हुए बदन की थी, कोई ५ फ़ुट २ इंच ऊंचाई थी. दूसरी औरत मेरे सहपाठी अमित की माँ थी, अमित हमारा पड़ोसी भी था. अमित की माँ ५ फ़ुट से भी कम थी और ज़्यादा मोटी थी, उनके स्तन किसी तरबूज की तरह नज़र आते थे और नितम्ब भी बड़े तरबूज जैसे लगते थे, वे माँ से उम्र में थोडी बड़ी थी, अमित के अलावा उनके एक और लड़का था जो अमित से बड़ा था और दोनों भाइयो के बीच में एक बहन भी थी. बुआ का नाम सीमा था और अमित की माँ का रेनू. दोनों औरते मेरी गर्दन पर किस कर रही थी,’ बुआ क्या कर रहे हो?’ मैंने कहा,’ अबे भड़वे तुझे जवान बना रहे है और क्या,’ कह कर उन्होंने अपने होटों में मेरे होट दबा दिए.
उधर दोनों औरतो ने अपने कपड़े उतर दिए थे, मेरा लंड पहली बार इतना सख्त हुआ था, आगे की चमड़ी खिच रही थी मगर तनाव भयंकर था. शायद कोई ६ इंच लंबा हो चुका था मेरा लौडा. उधर अमित की मम्मी मेरा लंड मुह में लेकर उसको कुल्फी की तरह चूस रही थी जबकि बुआ मुझे चूमे जा रही थी, धीरे धीरे बुआ निचे आई और मेरे लंड को आगे से पकड़ कर उस पैर बैठ गई, मुझे उनकी गरम चूत में लंड सरकता हुआ महसूस हो रहा था, अमित की मम्मी ने मेरा लंड निचे से कास कर पकड़ा हुआ था ताकि निशाना न चूक जाए, ‘ अब खा लिया तेरी चूत ने इसका पुरा जवान लौडा अब चोद, अमित की मम्मी बोली, यह सुनते ही बुआ गांड हिलाने लगी मगर में उतना उत्तेजित था की कोई ३-४ झटको में ही मेरे लंड में से कुछ गरम पानी निकल पड़ा, मगर मेरा लंड अभी भी कड़क था,’ अरे इसका लंड तो पानी छोड़ने के बाद भी हथोडे जैसा गरम है, बुआ बोली और धीरे धीरे मुझे दुबारा चोदने लगी, में उनकी चूत की पकड़ को महसूस कर रहा था, कोई ४-५ मिनट बाद मैंने फ़िर पानी छोड़ दिया,’ साले ने फ़िर पानी छोड़ा है इसका लंड है की पानी का नल,’ बुआ बोली, मगर कोई २-३ मिनट में में बुआ की चूत में ही दुबारा गरम हो गया, उन्होंने फ़िर मेरी चुदाई शुरू कर दी,’ चोद मादरचोद गांडू भड़वे चोद तेरी बुआ की गरम भोस, कह कर बुआ ज़ोर से चीख कर झड़ गई. उनकी चीख सुन कर सबकी आंखे खुल गई, मेरी माँ की भी आँख खुली, वो नज़ारा देखने मेरे पास चली आई, तब तक अमित की माँ ने मुझे अपने उपर ले लिया था, में उनकी चूत में अपना पुरा लंड घुसा चुका था,’ चोद मेरे बेटे चोद ऐसा लगेगा जैसे अमित ही अपनी माँ को चोद रहा है, चोद दे मेरी गरम चूत बेटा,’ कह कर अमित की माँ ने मेरी गांड कस कर पकड़ ली.
में अब धीरे धीरे अमित की माँ को चोदने लगा था, बुआ पीछे से मेरी पीठ सहला रही थी, माँ अब मेरे पीछे आ चुकी थी और झुक कर अमित की माँ के भोसड़े में आ जा रहे मेरे लौडे को देख रही थी, उन पर नशा अभी भी छाया हुआ था, ‘ देख तेरे बेटे का लौड़ा इसकी चूत को सेक रहा है,’ बुआ ने कहा,’ अरे ये तो पुरा चोदू बन गया है, मुझे तो पता ही नही चला,’ माँ ने कहा और नीचे आ कर मेरी गोलिया चाटने लगी,’ क्या कर रही है तू?’ बुआ ने पुचा,’ अरे इसकी बच्चे बनने की मशीन चख रही हु इसके गुलाबजामुन बड़े रसीले है,’ माँ बोली,’ तेरा बेटा है और साधू बाबा के आंड से निकला है चोदू तो होगा ही मादरचोद,’ बुआ बोली,’ देखना इसको इसके बाप से भी बड़ा चोदू बना कर मानूंगी,’ माँ ने कहा और मेरे आंड अपने थूक से पूरे गीले कर दिए. उधर अमित की माँ पुरा मज़ा ले रही थी,’ ओह्ह मेरे लाल मेरे बेटे चोद अपनी माँ को अपने जवान लौडे से,’ वो बोली. ये सब सुन कर में पूरा गरम था, मैंने स्पीड बढ़ा दी, अब अमित की माँ का भोसड़ा गिला हो कर फच फच की आवाजे कर रहा था, और माँ की आंड चटाई से में भी झड़ने वाला था,’ बेटा भर मेरा भोसड़ा अपने जवान रस से, अमित की माँ ने कहा और नीचे से गांड हुमच हुमच कर हिलाने लगी, ‘ हा मम्मी में खाली हो रहा हू,’ में बोला. ‘ कर खाली अपना थेला,’ बुआ बोली, माँ ने अंडकोष की चटाई जारी राखी, मेरी गांड एकदम तेज़ हुई फ़िर ठहर गई, ‘ साले का फ़िर पानी निकल गया, बुआ बोली, उधर माँ ने अपनी जीभ थोडी आगे की और वो ओटी की चूत से जहर रहे मेरे पानी को मेरे लंड और आंड के साथ साथ चाटने लगी.
माँ अब पुरी गरम थी,’ अब तुम दोनों रंडिया चुद ली, अब मेरी बारी है, कह कर उन्होंने बुआ और अमित की माँ को दूर हटा दिया,’ तो तू क्या अपने ही बेटे को चोद लेगी?’ बुआ ने पूछा. ” अपने भतीजे का लंड लेते वक्त तुने ख्याल नही किया अपनी बूढी चूत का ! माँ ने कहा,’ ठीक है हमे क्या जिस चूत से ये निकला उसी चूत में जाने दो, हम भी देखते है इस मादरचोद की चुदाई,’ बुआ ने कहा. माँ ने अब बिना समय जाया किए मेरा गीला लंड चुसना शुरू कर दिया, थोडी देर में वे मेरे उपर आ गई ६९ की मुद्रा में और अपनी गीली और गरम चूत मेरे मुह से सता दी, में माँ की चूत के अन्दर के होटों को चाटने लगा, मैंने अब एक हाथ से माँ की चूत के अन्दर के दोनों होठो को चौडा किया और जीभ अन्दर डाल कर उनकी चूत को जीभ से चोदने लगा, एक ऊँगली से में माँ की फूली हुई क्लिटोरिस सहला रहा था, माँ को मेरी चटाई अच्छी लग रही थी,’ ओह्ह्ह मादरचोद तू तो चूत का चटोरा है, चोद माँ की चूत अपनी जीभ से भड़वे, माँ न कहा और अपनी मोटी गांड मेरे मुह पर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी, इसी उत्तेजना में माँ की लंड चटाई तेज़ हो गई थी, उन्होंने अपने होटों को चूत बना लिया था और मेरे लौडे को चोद रही थी, एक हाथ से वे मेरे लंड का सुपाड़े से नीचे का हिस्सा हिला रही थी और दूसरे से मेरी गोलिया दबा रही थी, उधर कोई ३-४ मिनट बाद माँ की चूत से रस निकलने को था,’ बेटे तेरी माँ की चूत पानी छोड़ने वाली है, मुह खोल कर रख और सारा पी जा, माँ की चूत का रस बेटे के लिए अमृत होता है, पी जा मेरे चोदू बेटे पी जा इसको, कह कर उनकी रफ्तार और तेज़ हो गई, हा माँ बड़ी रसीली है तेरी चूत छोड़ दे सारा रस मेरे मुह में , मैंने कहा और अपने लंड से माँ के मुह की चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी. ‘ ओह्ह्ह बेटा इतनी बढ़िया चूत मेरे लाल के अलावा कोई नही खा सकता, ले मेरे बेटे ले तेरी रंडी माँ का चूत रस, ओह्ह्ह्ह अआः ऊऊऊऊ ,’ कह कर माँ ने अपना पानी मेरे मुह में छोड़ दिया, उधर मेरा लौदा भी चट्टान की तरह हो रहा था, माँ ने एक मिनट तक तो गांड को शांत रखा फ़िर मुद्रा बदली और मेरे उपर आ गई, उन्होंने अपनी गांड को मेरे लौडे पर रखा, बुआ ने पीछे से मेरा लंड पकड़ कर माँ की चूत के मुह पर उसका गरम और फुला हुआ सुपाडा रख दिया, माँ एक नम्बर की चुदक्कड़ थी, गांड को थोड़ा बहुत एडजस्ट कर के कोई ३-४ मचको में उन्होंने मेरा पुरा लंड खा लिया और गंद हिला कर अपने बेटे को चोदने लगी,’ ओह मेरे बेटे फाड़ दे तेरी माँ की चूत अपने कुंवारे लंड से.
मै माँ के साथ साथ निचे से अपनी गांड भी हिला रहा था. उधर माँ ने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी थी, बुआ ने पीछे से आकर मेरी छोटी छोटी गोलिया सहलानी शुरू कर दी थी, तेरे बेटे के आंड सहला रही हू ताकि ये धीरे धीरे मोटे होते जाए और तुझे ताक़तवर वीर्य दे,’ कह कर उन्होंने मेरी गोलियो पैर थूक लगाया और उंगलिया फिराने लगी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मै मेरी माँ से चुद रहा था वही मेरे पिता की बहन चुदाई मै सहयोग कर रही थी,’ रहने दे भोसड़ी की तुझे मुझसे ज़्यादा अपने भोसड़े की चिंता है, तू चाहती है तेरा भतीजा तुझे चोदे और तुझे बच्चा दे इसीलिए तुझे इसके आँडियो की चिंता पड़ी है, साधू के आंड मै इतनी तो ताक़त है की मुझे एक दर्ज़न बच्चे और दे दे,’ माँ बोली और ज़ोर से चोदने लगी, उधर मेरे दोस्त की माँ ने माँ की गांड में ऊँगली करनी शुरू कर दी, ये क्या कर रही है रंडी मेरी गांड में क्यों आग लगा रही है?’ माँ ने कहा मगर तब तक माँ की गांड की आग बुझाने फायर ब्रिगेड आ चुकी थी, जवान साधू पीछे से आया, अमित की माँ ने उसके लंड को चूस कर गिला किया और माँ के गुदा द्वार पैर लगा दिया, उसने एक शोट मारा और माँ की गरम गांड में उसके लंड का सुपाडा घुस गया, अरे फट जायेगी मेरी गांड, माँ बोली मगर जवान साधू माँ की गांड में अपना लंड एडजस्ट करता रहा, उधर दूसरा जवान साधू अपना गरम लौड़ा माँ के मुह के सामने ले आया, माँ उसके लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगी, उसने माँ के मुह को चूत बना कर चोदना शुरू कर दिया, माँ के तीनो छेदों में तीन जवान लंड थे, और माँ पागलो की तरह तीनो से चुद रही थी, बीच बीच में उनके मुह से ऊऊऊऊऊओ आआआआआआआह ईईईईई की आवाजें आ रही थी, ओह मादरचोदों तुमने मुझे रंडी बना दिया फाड़ के रख दो मुझे अपने जवान लौडों से, कह कर माँ चुद रही थी, में झड़ने को था, माँ मेरा पानी छूट रहा है, ‘ हा मादरचोद भर तेरी माँ के गरम भोसड़े को, सारा निकाल मुझे तेरे पानी की एक एक बूँद पीनी है, कह कर माँ ने स्पीड बढ़ा दी, उधर बुआ मेरे आँडियो पर अब हल्का दबाव दे रही थी ताकी अन्दर वीर्य की एक भी बूँद नही बचे ,’ ले बहु तेरे बेटे के आँडियो का रस निकाल रहा है, बुआ बोली, माँ थोडी देर स्थिर हो गई ताकि मेरा वीर्य्य पुरा अन्दर चला जाए, उधर जवान साधू भी झड़ने को थे, पहले ने गर्रर गर्र करते हुए माँ की गांड में ढेर सारा पानी छोड़ दिया, उधर अब दुसरे साधू ने माँ का मुह कास कर पकड़ लिया था, वो सर्र सर्र कर के माँ के मुह में पानी की धार छोड़ रहा था और माँ प्यासों की तरह उसको गटक रही थी, ‘ ऐसी मादरचोद रंडी हमने आज तक नही देखि,; बुआ बोली. अब बुआ की बारी थी, माँ नशे की हालत में नगी वही सो गई उनकी गांड और चूत से बहता हमारा वीर्य साफ़ नज़र आ रहा थ.
बुआ अब गरम थी, मुझसे बोली,’ भड़वे अब खड़ा कर अपना ये लौड़ा दुबारा और चोद मुझे जम के,’ उधर अमित की माँ ने मेरी बुआ की चुदाई के लिए मेरा लंड फ़िर से तैयार करना शुरू कर दिया, ‘ बुआजी तुम्हारे भतीजे के लंड में तो इस उम्र में भी दम है, ये बड़ा चुद्दक्कड़ बनेगा देख लेना, वो मेरा लंड चूसते चूसते बोलीं. ‘ अरे अच्छा है न घर में ही चुदाई हो जायेगी, गों के दुसरे लौंडों के लंड की तरफ़ बुरी नज़र नहीं डालनी पड़ेगी, ‘ बुआ बोलीं,’ और हाँ अब मेरी चूत एकदम गरम है और भतीजे का लंड खाने को बेताब है, तू बातें बंद कर और इसके लंड को चुदाई के लिए तैयार कर रंडी,’ बुआ बोलीं. ‘ कर तो रही हूँ, कितनी बार चोद चुका है बच्चा थोड़ा टाइम तो लेगा ही गरम होने में,’ अमित की माँ ने कहा और मेरे लंड का सुपाडा चाटने लगीं, मै अब गरम हो कर कड़क हो रहा था, ‘ लो बच्चे का लंड मोटा हो रहा हे, तैयार हो जाओ चूत की सिकाई के लिए,’ अमित की मम्मी बोलीं,’ हा रे मेरी चूत तो आधा लीटर पानी छोड़ चुकी डाल दे अंडर लौड़ा, ‘ कह कर उन्होंने अपनी चूत की दोनों फांके फैला दीं.  
मै गरम था और बुआ की खुली चूत मुझे न्योता दे रही थी, मैंने अपना सुपाडा उसकी चूत पर रखा और एक ही शोट में पुरा लंड अन्दर पेल दिया. ” ओह्ह मेरे बेटे तेरे गरम लंड से बुझा मेरी चूत की प्यास,’ कह कर बुआ ने अपनी दोनों टांगे उपर कर मेरी गांड को कस कर दबा दिया, मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी, ‘ हा बुआ ऐसा लग रहा हे जैसे कोई गरम पाइप में लंड ठूस दिया हो,’ मैंने कहा. ” चोद भड़वे रुक मत, तेरे लंड से फाड़ दे मेरी भुंड , बुआ बोली और मेरे साथ साथ निचे से गांड हिलाने लगी, हमारी चुदाई की आवाजे अब गुफा में सुनाई दे रही थी. कोई पॉँच मिनट की चुदाई के बाद में बुआ के भोसड़े में झड़ गया और थक कर सो गया. पुरी गुफा में सिर्फ़ वीर्य की गंध फैली हुई थी.
अगले दिन सुबह में माँ बुआ अमित की माँ और बाकी सब औरते मन्दिर से घर चले आए. मेरे घर में में था, माँ, पिताजी, बुआ और शुद्ध दूध की लिए घर में माँ ने दो गए पाली हुई थी, दिन में चाय वगेरह के लिए दो बकरिया भी थीं. अमित का घर हमारे घर से ज़्यादा दूर नही था. में पढ़ाई में ज़्यादा अच्छा नही था इसलिए माँ ने मेरा टुइशन लगा दिया. गों के सरकारी स्कूल में इंग्लिश पढाने वाली एक क्रिश्चियन teacher के यहाँ मै शाम को अंग्रेज़ी पढने जाता उनका नाम एनी था वहा से छूट कर कर मै गणित पढने अजित सर के यहाँ जाता.
एनी मैडम गाँव में अकेली रहती थीं, उनके हसबंड शहर में पीटीआई थे और दो बच्चे थे वो भी शहर के इंग्लिश स्कूल में पढ़ते थे. वे ४० के करीब थीं, उनका रंग सावला था, और वे बहुत लम्बी थीं, मेरी लम्बाई कोई ५फीट २ इंच थी जबकि वे ५फीट ६ इंच आराम से होंगी. स्कूल में वे ज्यादातर साडी पहनती थीं जबकि घर में वे हमेशा गाउन में रहती थीं. उनकी कमर पतली थी और फिगुर आकर्षक था, मगर वे बहुत गंभीर किस्म की थी इसलिए बच्चे उनसे डरते थे, शुरू शुरू में में भी उनसे घबराता था, मगर धीरे धीरे मै उनसे खुलता गया. मैं उनके छोटे मोटे काम भी कर देता था जैसे चाय शक्कर लाना, दूध लाना वगेरह, हालाँकि वे मुझसे ज़्यादा काम नहीं करवाती थीं. वे पन्द्रह दिनों में एक बार शहर जाती थीं. धीरे धीरे वे मुझे अपने घर भी रोकने लग गयीं. ” बेटा उनको अकेले में डर लगता हे जब भी वे कहें उनके घर रुक जाया कर,’ माँ ने मुझे कहा.
एक रात की बात हे उस दिन शनिवार था, रविवार की सुबह मैडम आराम से उठती थीं, में तो बरामदे में सोता था और वे बेड रूम में, में उनके बेड रूम में कभी कोई चीज़ लेने के अलावा शायद ही कभी गया था. रात में मुझे सु सु लगा और घर में बाथरूम एक ही था,जैसे ही में बाथरूम की तरफ़ जाने को हुआ, मैडम के कमरे से मुझे कुछ आवाजें सुनाई दीं, मैंने उधर कान लगाया और परदे की ओट से झाँका, अन्दर देखा तो मैं दंग रह गया, मैडम ने अपना गाउन उपर उठा रखा था और नीचे अपना मोबाइल डाला हुआ था, उनका मोबाइल vibrating मोड पर था दूसरे लैंड लाइन फ़ोन पर वे शायद अपने पति से बात कर रही थीं, हा पूरा घुसा दो अन्दर, अभी तो सिर्फ़ सुपाडा अन्दर गया हे, हाँ मैंने थोडी और गांड ऊँची की हे अब झटका मरो पूरा लंड अन्दर दाल दो जान, बहुत मज़ा आ रहा हे मेरी गरम चूत को, अब चोदो मुझे ज़ोर से हाँ चोदो रजा रुको मत, फाड़ दो मेरी चूत ओह्ह्ह्ह्ह्ह्छ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ कितना मोटा हे तुम्हारा लंड जान, ‘ कह कर मैडम अपनी गांड को ऊँचा निचा कर रही थीं. उधर शायद उनके पति भी मुट्ठी मार रहे थे, ‘ अब स्पीड बढाओ जान मेरा पानी छूटने वाला हे, तुम्हारे आंड भी खाली कर दो, भरो मेरी चूत को अपने गरम वीर्य से, डालो इसमे हाआं डालो डालो मेरी जन ओह्ह जान बहुत गरम हे ये डालो मेरी जान हां ऊऊऊऊऊऊऊह्ह हाआआआआन ,’ कह कर शायद वे झड़ गयीं, उधर मेरा लंड ये सब देख सुन कर बेकाबू हो रहा था, मैंने सोचा में अब बाथरूम में जाकर मुठी मर लू, फ़िर डर लगा कहीं अपनी सफाई के लिए मैडम बाथरूम में आ गई तो? मैंने सोचा बिस्तेर पर वापस जाने में ही भलाई हे, मैं जैसे हे हटा और परदा हिला, तो शायद पल भर के लिए मेरे होने का मैडम को आभास हो गया , मगर मैंने बिस्तेर पर लेटने का अभिनय किया. मैडम ने मेरे पास आकर मुझे देखा फ़िर वे चली गयीं. उनके जाने के बाद मैंने तुंरत मुठ मारी और उनकी चद्दर से ही पोंछ कर सो गया.
अगले दीं सुबह से मैं मैडम के रूटीन के कामो में लग गया, उन्होंने मुझे नाश्ता भी बना कर खिलाया,’ रात में तुम मेरे कमरे मैं आए थे क्या?’ मैडम ने दोपहर में अचानक पूछा तो मैं घबरा गया,’ नहीं मैडम मैं आपके कमरे में क्यूँ आऊंगा ?’ मैं बोला. लेकिन मैडम के तेवर सख्त थे,’ देखो सच बताओ तुम जानते हो मैं झूठ से नफरत करती हूँ,’ उन्होंने कहा,’ नहीं मैडम मैं तो रात में सु सु के लिए भी नहीं उठा था,’ मैंने कहा,’ सच बताते हो या मैं तुम्हारी मम्मी से कहूँ?’ मैडम बोलीं . ” हा मैडम मैं उठा था रात को सुसु के लिए,’ मैं घबरा कर बोला. ” और?’ मैडम ने पूछा, ‘ आपके रूम से कुछ आवाज़ आ रही थी तो मैं देखने लगा गया,’ मैं बोला. ‘ क्या देखा तुमने?’ मैडम ने पूछा,’ ‘मैं चुप रहा,’ बताते हो या गांड में डंडा घूसाऊँ ?’ मैडम ने गाली बोली.’ मैंने देखा की आप कुछ बडबडा रही थीं,’ क्या बडबडा रहीं थी?’ कुछ नही मैडम,’ मैं बोला,’ बताते हो या? ‘ कुछ साफ़ सुनाई नहीं दिया मैडम मगर कुछ गन्दी बात थी? ‘ क्या गन्दी बात थी?’ कुछ लंड चूत की बात थी,’ मैं बोला,’ तुम्हे इस उम्र मैं ये लंड चूत किसने सिखाया?’ उन्होंने पूछा,’ गाँव में तो छोटी उम्र मे ही हम ये सीख जाते हैं मडम,’ मैं बोला. ‘ और क्या क्या सीख जाते हो सच बताना?’ उन्होंने पूछा, मे चुप रहा बताते हो या?’ मैडम ज़ोर से बोलीं,’ मौका मिले तो असली मे भी कर लेते हैं मैडम,’ मैंने कहा,’ क्या कर लेते हो असली मे?’ मैडम ने सख्ती से पूछा,’ चुदाई मैडम, मैं डर कर बोला, ‘ओह मादरचोद तुम लोग भी,’ मैडम ने फ़िर गाली दी, ‘ अच्छा बताओ तुमने की है चुदाई,’ उन्होंने पूछा,’ हाँ मैडम,’ मैं बोला,’ इस उम्र मैं, मैं तो सोचती थी तुम्हारी नुन्नी भी खड़ी होनी शुरू नहीं हुई अच्छा बताओ किसको चोदा तुमने,’ मैं चुप रहा, बताते हो या गांड में डंडा डालु,’ मेरी माँ को बुआ को और अमित की माँ को, मैं बोला,’ ओह साले तुने अपनी माँ को भी नहीं छोड़ा, वे बोली. अब वे मुझे अन्दर ले गयीं मुझे बिस्तेर पर अपने पास बिठाया और बोलीं, सारा किस्सा सुनाओ मुझे, मैं साधू की गुफा की कहानी सुनाने लगा, सुनते सुनते मेरा लंड एकदम कड़क हो कर निक्कर के उपर से दिखने लगा,’ ओह्ह्ह तभी तेरा लंड इस उम्र में भी फनफनाने लगा हे, निकल इसको नाहर कह कर मैडम ने मेरे निक्कर की जिप खोल दी और मेरा लंड आश्चर्य से देखने लगीं,’ ओह मादरचोद तुम गाँव के लड़के भी .. इस उम्र मैं ऐसे औजार रखते हो…’
मैडम ने मेरा निक्कर नीचे सरका दिया, अब वो मेरे लंड को गौर से देख रही थीं, उन्होंने मेरे लंड के आगे के हिस्से को सहलाना और दबाना शुरू कर दिया, और धीरे धीरे मेरी चमड़ी आगे पीछे करने लगी, मेरा सुपाड़ा फूल रहा था, उन्होंने मेरे पुरे लंड को धीरे धीरे अपने दोनों हाथो से सहलाना शुरू कर दिया, उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को पेट से चिपका दिया और अन्दर के हिस्से को सहलाने लगीं, धीरे धीरे वे मेरी नरम गोलिया भी हलके हलके सहलाने लगीं, मैडम ने अपने होट आगे किए और मेरे सुपाडे को किस किया, उसके बाद वे अपने होटों से मेरी चमड़ी को आगे पीछे करने लगीं, मेरे मुह से अब अआया ऊऊ निकलने लगा था, ‘क्यों मज़ा आ रहा हे मादरचोद?’ उन्होंने पूछा. ‘ हाँ मैडम बहुत ज़्यादा, ‘ मैं बोला, ‘ तेरी उमर मैं पानी जल्दी छूटता हे, पर तू थोड़ा सबर रखना पिचकारी जल्दी मत छोड़ना,’ वो बोलीं और मेरे लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगीं, उनके चूसने की आवाजें ज़ोर ज़ोर से आ रहीं थीं. मैंने उत्तेजना में मैडम के बाल पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने मेरे लंड को ज़ोर से थप्पड़ मारा, ‘ साले अपनी मैडम के बल पकड़ता हे मादरचोद रंडी की औलाद, ले साले मार खा, कह कर उन्होंने मेरे लंड को और थप्पड़ मारे,’ ‘ मार खा कर तो तेरे लंड में और जोश आ जाता हे, तेरे आंड भी खा जाऊँ भड़वे?’ वे बोलीं, मै घबरा गया , उन्होंने ये कह कर मेरे आंड ज़ोर से दबा दिए मेरे मुह से हलकी सी चीख निकल गई,’ अगर मैंने जो कहा वो नहीं किया तो तेरे अण्डों का आमलेट बना कर खा जाउंगी,’ वे बोलीं,’ अब लेट जा सीधा भेन के लवडे, उन्होंने कहा, में सीधा लेट गया.
मैं लेट गया मैडम ने मेरी चटाई जारी रखी. मेरा लवड़ा अब मैडम के थूक से गीला था और कड़क हो कर फूला हुआ था. अब मैडम पूरी नंगी हो चुकी थीं, उनके मोटे मोटे मम्मे देख कर मेरे लंड ने और पानी छोड़ दिया, मैडम अपनी मोटी गांड को मेरे मुह पैर लायी और उन्होंने अपनी बड़ी फांको वाली चूत को मेरे मुँह पर रख दिया, ,इ उनकी चूत में जीभ डाल कर उसको चूसने लगा
कोई पांच मिनट की चटाई के बाद मैडम की गांड ऊँची नीची होने लगी ,’ मादरचोद मेरी क्लिटोरिस को अच्छी तरह चाट,’ कह कर उन्होंने मेरे बाल कस कर पकड़ लिए. मैं अब अपनी जीभ से उनकी क्लिटोरिस चाट रहा था जो फूल कर मेरी छोटी ऊँगली जितनी बड़ी हो चुकी थी, ‘ हा रे चोदू बहुत अच्छी तरह चाट रहा हे तू रुकना मत भोसड़ी के,’ कह कर मैडम ने अपनी गांड की स्पीड बाधा दी, मैं उनको पूरा मज़ा देने की कोशिश कर रहा था निचे उनकी चूत को मैं उंगलियो से चोद रहा था . मैडम की चूत एकदम गीली हो रही थी और उसके पानी से उनकी पूरी गांड गीली हो चुकी थी , मेरी चार उंगलिया आराम से उनके भोसड़े में आ जा रही थीं, मादरचोद रुकना मत मेरा पानी तेरे मुह में छूटने वाला हे, कह कर मैडम मस्त हो गयी उनके मुह से ऊऊ अह्ह्ह ऊऊऊऊओ की आवाजें आने लगी, मैंने उनकी चूत की उंगलियो से चुदाई और क्लिटोरिस की चटाई की स्पीड बढा दी. चोद गांडू चोद मुझे चोद लवडे चोद मैडम बोली और उन्होंने मेरे मुह में खूब सारा पानी चुद दिया, उनकी गांड पानी छूटने के बाद भी कोई ५ मिनट तक उत्तेजना में हिलती रही, इधर उनकी ये हालत देख मेरा लंड भी मस्त होने लगा था, मैंने अपना सुपाड़ा मैडम के होटों पर रख दिया.
मैडम ने मेरे मूत के छेद के अन्दर अपनी जीभ डाल कर उसको गरम करना शुरू कर दिया, उनके गरम हॉट मेरे सुपाड़े को उपर नीचे करने लगे. उनकी उंगलिया मेरी गोटियो को धीरे धीरे दबा रही थीं. उन्होंने अब अपने गले तक मेरा पूरा लंड ले लिया था, और मुह से मेरे लंड को चोदने लगीं. वो मेरी तरफ देखती और फिर लंड को मुह में ले लेती, इस तरह मेरा लंड आज तक किसी ने नहीं चूसा था, मेरी हालत ख़राब थी,’ कण्ट्रोल रखना भड़वे एकदम से पिचकारी मत छोड़ देना,’ वो बोलीं. ‘ मैडम इस तरह मेरा लौड़ा आज तक किसी ने नहीं चूसा कैसे कण्ट्रोल करूँ, आपका मुँह तो चूत से भी ज्यादा मज़ा दे रहा हे,’ में बोला और ऊऊ अआः करने लगा,’ तुम लड़कों में यही बुराई हे तुम साले अपनी पिचकारी पर कण्ट्रोल नहीं कर पाते हो,’ कह कर मैडम ने चुसाई जारी राखी. ‘ मैडम प्लेअसे मेरा पानी छूट रहा हे,’ में बोला. ‘ठीक हे मादरचोद भर तेरी मैडम का गला, चखूँ तेरी गोलिओं का रस,’ छोड़ दे बेटा छोड़ दे पानी, कह कर वे लंड को मुह से और जोर जोर से चोदने लगीं,’ओह्ह मैडम बहुत मज़ा आ रहा हे, मेरा गरम पानी छूट रहा है मैडम, ऊऊऊऊऊऊऊओ आआआआआआअह ये आया मैडम, ये लो पी लो मैडम, पीइऊओ,’ कह कर मैंने मेरा गाढा वीर्य मैडम के हलक के नीचे उतार दिया, और वो सारा वीर्य गटक कर मेरा लंड अपने होठो और जीभ से साफ़ करने लगीं. ” अब इसको वापस खडा कर गांडू और चोद मुझे ,’ वो बोली और फिर से मेरा लौड़ा चूसने लगीं.
कोई दो तीन मिनट में मेरे लौडे में हरकत होने लगी और वो फिर से मोटा होने लगा, मैडम उसे अपने गले तक पूरा मुँह में ले रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे में उनके मुँह को नहीं बल्कि भोसड़े को चोद रहा था, मेरा लंड उनके थूक से पूरा गीला था, और उनके थूक ने मेरे आंड भी लबालब कर दिए थे.
एन्नी मैडम अब घोडी बन गयी उनके विशाल और गोल चूतड मेरे सामने थे ऐसा लग रहा था जैसे कोई दो गोल भूरे तरबूज हों या कोई दो पहाड़. में समझ गया था वो इस पोसिशन में चुदेंगी. मैंने आवा देखा न ताव अपना गीला और गरम हथोडे जैसा लंड उनकी फूली हुई चूत के होठों पैर रखा और एक ही शोट में पूरा अन्दर पेल दिया उनकी गांड एक बार तो हिली पर एक ही पल में उनकी चूत ने मेरा पूरा लंड खा लिया , में अब दनादन उनकी चूत को चोदने लगा, मैंने उनकी गांड के छेद को भी ऊँगली से खोलना शुरू कर दिया था. मैडम को मज़ा आने लगा था वे मेरे मचकों के साथ साथ अपनी गांड भी हिला रही थी , ‘ भड़वे धीरे चोद ये क्या रेल चला रखी है तेज़ चोदेगा तो अभी एक मिनट में पानी छूट जायेगा तेरा और मेरी चूत को तू प्यासा छोड़ जायेगा गांडू,’ वे बोलीं. उन्होंने अपने पेट के निचे से हाथ ले कर मेरे आंड दबाने शुरू कर दिए थे, में एक हाथ से उनके झूलते हुए बोबे दबा रहा था, में भी मूड में था,’ मैडम इतनी जल्दी में नहीं झड़ने वाला चूत को भोसदा बना कर हे आपकी बचेदानी भरूँगा, में बोला,’ सेल मादरचोद रंडुए तुझे इतना नहीं पता की चोदते वक़्त सम्मान नहीं देते जब तू मुझे चोद रहा है तो में तेरी मैडम नहीं तेरी रंडी हूँ, साले मुझे गाली दे रांड बुला कुत्ती कह क्या मैडम मैडम लगा रखी है, चोद रहा हे की सत्संग कर रहा है, वे गुस्से से बोली और मेरे आंड जोर से दबा दिए, में समझ गया की अब गंदे से गन्दा बोलना पड़ेगा,’ हा मेरी रंडी ,तेरी चुदी हुई फुद्दी की तो में माँ चोद दूंगा कुत्ती, ये ले मेरा मूसल ये ले साली अपने अन्दर..’ कह कर में फचफच चोदने लगा , मैडम ने गांड को और तेजी से उछालना शुरू कर दिया था, हा कुत्ते कमीने भेन्चोद भड़वे चोद तेरी रंडी को बना दे मेरे भोसड़े को तेरे पानी का नाला में झड़ रही हु मादरचोद ये ले तेरे लंड से कह मेरे पानी को चखे, वे बोली.  
मेरी हालत ख़राब थी, इतनी गरम चुदाई में पानी जल्दी छूटता हे , और मुझे लग रहा था मैंने थोडी देर मैडम को और नहीं चोदा तो वो मेरी गांड मर देंगी. मगर मेरी किस्मत अच्छी थी, मैडम २-३ बार झाड़ कर पस्त हो गयी और बोली,’ ले मादरचोद अब तू भी खाली हो जा खूब सेवा की तुने तेरी मैडम के भोसड़े की, कर खाली तेरी अंडुए , वे बोली, में तो भरा हुआ था सर्र सर्र कर के मेरी पिचकारी छूट गयी उनकी गरम चूत में, में हांफता हुआ उनकी छातियों पर निढाल हो गया.
मैडम की चुदाई उसके बाद लगातार चलती रही उनके पति आते तो हम तीनो जमकर चुदाई करते. उधर अजीत सर का मामला भी कुछ ऐसा ही निकला. वे कोई ४० साल के थे उनकी पत्नी का नाम लाजवंती था, वो भी कोई ३५ की होंगीं, उनकी शादी को कोई ५ साल हो गए थे मगर कोई संतान नहीं थी. पढाते पढ़ते वे कई बार मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगते पैर मुझे लगता वो ऐसे ही आदतन हाथ फिरते हैं.
अजीत सर की पत्नी और वे मेरा खूब ध्यान रखते थे. मुझे हमेशा बौर्नविता का दूध पिलाते थे, लड्डू, मिठाई और न जाने क्या क्या.. मैं खाता तो दोनों मुझे देखते रहते थे.. अजीत सर ज्यादातर लूंगी पहनते थे और उनकी पत्नी साड़ी . कुछ दिनों से अजीत सर मेरी जांघों पर ज्यादा ही हाथ फिराने लग गए थे मुझे असहज भी लगता मगर रोमांच भी होता था. धीरे धीरे वे मेरी जांघों पर ज्यादा देर तक हाथ रखने और फेरने लग गए.. अब उनकी उंगलिया मेरे लंड के आगे के हिस्से को छूने लगी थीं. मुझे दर लगता था कभी लंड खडा हो गया तो दिक्कत आएगी.  
एक दिन पढाते पढाते अजीत सर ने मेरे लंड पर अपनी अंगुलियो का आगे का हिस्सा रख दिया, थोडी देर तो उन्होंने उनको स्थिर रखा फिर धीरे धीरे टेबल के नीचे मेरे लंड पर हाथ फेरने लगे.. इतना मैं कैसे सहन करता मेरा लंड फूलने लगा. मगर उन्होंने उसको दबाना जारी रखा. उनकी हिम्मत और खुल गयी और उन्होंने मेरे निक्कर की साइड से मेरा लगभग पूरा लंड बाहर निकल दिया और उसको दबाना मसलने और हिलाने लगे. आखी ३-४ मिनट में वे मेरा पानी निकल कर माने, मेरी पिचकारी टेबल के निचे ज़मीन पर छूट गयी, वे अन्दर गए और एक नैपकिन लेकर आये उससे उन्होंने मेरा लंड साफ़ किया और ज़मीं पर गिरा मेरा वीर्य भी.
सर्दियाँ आ गयी थीं, अजीत सर ने एक नया तरीका निकला. वे मुझे लेकर रजाई में झुस जाते और मैं अपने घुटने मोड़ देता वे एक घंटे में कम से कम दो बार मेरी मुठी मारते. एक दिन में जैसे ही उनके घर गया वे बोले, आज में अकेला ही हु ,’ और तुंरत मेरा निकर नीचे खिसका कर उन्होंने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया, उन्होंने मेरे लंड को मुठी में कास कर उसको हिलाते हुए सुपाडे को चूसना जारी रखा, दुसरे हाथ से वे मेरी गोलिओं की मालिश कर रहे थे, उनका थूक बह कर मेरी जांघों से नीचे आ रहा था, कोई ३-४ मिनट में मेरे आंड खली हो गए वे मेरे वीर्य की एक एक बूँद पी गए. ” कल रात मेरे घर ही रुकना,’ उन्होंने कहा.
अगले दिन में जैसे ही वह पहुंचा उन्होंने पहले तो मुझे पढाया फिर मेरे लिए एक ग्लास में बादाम पिस्ता केसर वगेरह मिला हुआ दूध ले कर आये, साथ में एक लूंगी भी लाये,’ इसको पहन लो,’ उन्होंने कहा और मेरे सारे कपडे उतार दिए, कमरे में हीटर जल रहा था, अब वे मेरे लौडे से प्यार करने लगे, मुझे उन्होंने बिस्तेर पर लिटा दिया और मेरे पूरे बदन को चूमने लगे. अब वे खुद भी नंगे हो गए थे. वे मोटे ताजे थे, उनके शरीर पर एक भी बाल नहीं था. वे गोरे थे और उनकी छातियाँ थोडी बाहर निकली हुई थीं, निप्पल्स भी गुलाबी और औसत आदमी से थोड़े बड़े थे. उनका लंड एकदम बच्चे जैसा था और सोया हुआ था, गोलियां भी नहीं के बराबर थीं. वे मुडे तो मैंने देखा उनकी गांड काफी भरी हुई थी, कुल्हे भी.
” आज तुझे मेरी सेवा करनी पड़ेगी,’ उन्होंने कहा, वे अन्दर से सरसों का तेल ले कर आये मुझे लिटा कर मेरे पावों के बिच उकडू बैठ गए एक हाथ से वे मेरे लंड पर तेल मालिश करने लगे और दुसरे से अपनी गांड की तेल मालिश करने लगे. धीरे धीरे वे अपनी गांड को तेल के साथ उन्गलिओं से चोदने लगे. उनकी गांड उपर निचे होने लगी. कोई दो मिनट बाद वे मेरे उपर आ गए और उसी मुद्रा में उन्होंने अपनी गांड के तेल पिलाये हुए छेद को मेरे खड़े हुए लंड पर रख दिया. उन्होंने अपने हाथ मेरी दोनों जांघों पर रख दिए थे और अब वे अपनी गांड उपर निचे करने लगे , कोई एक मिनट के बाद उनकी गांड के छेद में मेरा गरम और चिकना सुपाड़ा घुस गया, उनके मुह से ऊओछ आह निकला मगर वे रुके नहीं, धीरे धीरे उन्होंने लगभग पूरा लंड खा लिया, अब वे मुझे चोदने लगे, मेरे दोनों हाथ पकड़ कर उन्होंने अपनी छातियों पर रख दिए में उनके निप्पल्स दबाना लगा और छातियाँ मसलने लगा उनकी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी अब मेरा लंड आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था. ‘ ओह राजा चोद मुझे फाड़ दे मेरी चूत मुझे अपनी रंडी बना दे तू,’ वे बोले और गति बढा दी, मेरा भी पानी छूटने वाला था, कोई दो मिनट बाद मैं उनकी गांड में झर गया, ‘ ओह्ह मेरे सांड आज तुने मेरे गर्भ में अपने ताकतवर बीज डाले हैं, में तेरी गाय हूँ तू मेरा सांड, वे बोले. उस रात सर को मैंने ४ बार चोदा.
दो दिन बाद उनकी पत्नी लाजवंती आ गयी. अगली शाम जैसे ही में उनके घर पहुंचा वे मुझे अपने शयन कक्ष में ले गए और कहा,’ आज सर्दी बहुत है रजाई ओढ़ लो इसी में पढ़ लो,’ कोई ४५ मिनट तक उन्होंने पढाया फिर बोले,’ अब दूसरी पढाई भी ज़रूरी है इसे मेरी फीस मान लो बेटा.’ बिस्तेर के अन्दर ही उन्होंने अपने कपडे खोल दिए, वे पुरे नंगे हो गए थे, मेरे कपडे भी खोलने लगे,’ सर आपकी पत्नी घर में हैं कृपया मेरे कपडे मत खोलिए वे कभी भी आ सकती हैं और दरवाज़ा भी खुला है, में बोला,’ तू उसकी चिंता मत कर मेरी गांड में आग लगी है तेरे लंड के पानी से ही बुझेगी, तेल की शीशी उन्होंने बिस्तेर के किनारे ही रखी थी, अब में भी गांड मारने की कला सीख चुका था, अजीत सर ने अपनी गांड में कोई पाव भर तेल पेल दिया था और वे रजाई के अन्दर ही घोडी बन गए थे, में उनके पीछे आया और उन्होंने निचे से हाथ लेकर मेरा लंड पकड़ कर अपनी गांड के गीले छेद पर रख दिया, मैंने थोडा सा जोर लगाया और जैसे ही सुपाड़ा अन्दर गया वे थोडा चीखे और शायद ये चीख सुन कर उनकी पत्नी अन्दर आ गयीं, उनके हाथ में मेरे लिए दूध का गिलास था. में हटने की कोशिश कर रहा था मगर अजीत सर बोले रुको मत चोदते जाओ, लाजो ( उनकी पत्नी को वे इसी नाम से बुलाते थे), दूध स्टूल पर रख दो, उनकी पत्नी ने ऐसा ही किया और वे हमारे पीछे आ गयीं और रजाई उपर कर देखने लगीं, ‘ साले तेरी गांड की आग कब बुझेगी इतने छोटे लड़के को भी नहीं छोडा,’ वे बोली, ‘ लाजो तू कब तक मेरी गांड में मोमबत्ती केला गाजर मुली डालती अब इस लौंडे का असली लंड ही इसकी आग बुझा पायेगा, वे बोले और ओऊ अआछ ओऊ आऔऊ करने लगे. मेरी स्पीड बढ़ गयी थी और में घबरा भी रहा था घबराहट में वैसे भी पानी जल्दी छूटता है. ” हा राजा भर दे मेरी चूत तेरे अमृत से , कह कर वे अपनी गांड मेरे हर झटके के साथ हिलाने लगे. ‘ हा बेटा चोद दे सेल भड़वे गांडू को जब तक इसकी गांड तेरे रस से नहीं भरेगी इसमें खुजली चलती रहेगी,’ उनकी पत्नी बोलीं. ‘ हा लाजो इसका हथियार कितना मज़बूत हे गांड फाड़ के रख देता हे, वे बोले,’ ये सुनकर उनकी पत्नी ने पीछे से हाथ बढाया और मेरे लंड को बाहर से पकड़ लिया,’ हा काफी मोटा और लम्बा है इसका लंड इस उम्र में इतना मज़बूत लंड किसी का नहीं होता, वे बोलीं. मरे उत्तेजना के मेरा पानी सर्र सर्र कर के सर की गांड में छूट गया. मैं घर चला आया.
दो तीन दिन बाद अजीत सर बोले ,’ मैं तुम्हारे घर वालों से बात कर लूँगा, शनिवार रविवार की छुट्टी है तुम शुक्रवार शाम मेरे घर आ जाना सोमवार को सुबह स्कूल मैं तुम्हे साथ ले जाऊंगा,’ और उन्होंने घर में बात कर ली. शुक्रवार शाम मैं उनके घर चला आया, पहले उन्होंने मुझे पढाया फिर बोले,’ थोडी सी दारू पिओगे?’ मैंने कुछ बोला नहीं,’ अबे तू हिंजरा थोडी ही है हा या न तो बोल, नहीं तो कहेगा ज़बरदस्ती पिला दी,’ मैंने हाँ में सर हिला दिया. ‘ चलो बेडरूम में ही पियेंगे,’ उन्होंने कहा. हम कमरे में पहुचे, उन्होंने अपनी पत्नी को आवाज़ दी,’ लाजो, लुंगी ला दो इसके लिए , उनकी पत्नी लुंगी ले आई,’ अबे पहन ले तेरा सब कुछ देखा हुआ है इसने शर्मा मत, वे बोले. मैंने चड्डी नहीं पहनी हुई थी उल्टा मुह कर के तुंरत लुंगी पहन ली, दोनों मुझ पर हंस रहे थे. उन्होंने खुद भी लुंगी पहनी थी जबकि लाजो ने nightie पहन रखी थी.
heater जल रहा था मगर फिर भी हम तीनो रजाई ओढ़ कर बैठ गए. अजीत सर उनकी पत्नी और मेरे गिलास आ गए थे साथ में नमकीन मूंगफली पापड और कबाब भी थे. शायद रम ही थी. ‘ चेएर्स,’ अजीत सर ने हम दोनों के गिलास टकराते हुए कहा. थोडी देर में अजीत सर ने अपनी पत्नी से कहा,’ तुम बीच में आ जाओ लाजो हम दोनों की ठण्ड दूर हो जायेगी,’ और वे हम दोनों के बीच आ गयी. कोई दो पैग उतारते ही अजीत सर ने अपनी पत्नी के स्तन मेरे सामने ही दबाने शुरू कर दिए,’ तेरे मम्मे क्या है साले गोल मटोल खरबूजे हैं, वे बोले. उन्होंने पहले अपना एक हाथ उनकी nightie में डाला फिर दूसरा भी फिर वे उनकी nightie उपर करने लगे, अब उनकी पत्नी के स्तन मेरी आँखों के सामने थे और पति खुद अपनी पत्नी के गोल और भरी स्तन मेरी आँखों के सामने मसल रहा था, लाजवंती जी के स्तन शायद ४० के आकर के थे और एकदम भरे हुए थे उनके चुचुक भूरे रंग थे थे और छोटे छोटे थे. ‘ अरे अनिल तुम भी आ जाओ दोनों मिल कर दूध पियेंगे तो साली को ज्यादा मज़ा आयेगा देख क्या बोबे हैं इसके ,’ सर बोले और मेरा हाथ पकड़ कर उन्होंने अपनी पत्नी के स्तन पैर रख दिया, मैंने तुंरत उनके दाये स्तन को मसलना और निप्पल चूसना शुरू कर दिया, लाजवंती जी मेरे सर पैर हाथ फेरने लगीं उनका पूरा ध्यान मेरी तरफ हो गया था एक हाथ से वे मेरे बाल सहला रहीं थीं तो दुसरे से अपना स्तन पकड़ कर मेरे होटों से लगा रही थी, सर ने तब तक अपने कपडे उतर फेंके और अपनी पत्नी के पाँव चौडे कर दिए.
सर की पत्नी ने अपने घुटने मोड़ रखे थे और सर ने अब उनकी छूट के होटों पैर अपनी जीभ राखी और उसको चूसना चाटना और जीभ से ही चोदना शुरू कर दिया, मैं उनके बोबे मसल रहा था और निपल्स चूस रहा था चाट रहा था चबा रहा था, अब उन्होंने मुझे उपर लिया और मेरे होटों को चूमना शुरू कर दिया, बहुत शानदार किस कर रही थीं लाजवंती जी उनके किस से मेरा लौड़ा तनने लगा था, उधर सर की चटाई का वे मज़ा ले रही थी और उनकी गांड उत्तेजना में ऊँची नीची हो रही थी, देख अनिल तेरे सर मुझे चोद तो नहीं पते मगर मेरी चूत इतनी शानदार चाटते हैं की लंड के बराबर सुख दे देते हैं, वे चूमते चूमते बोलीं, ‘ अब तू गरम हो जा फिर तू ही मेरा सांड है और मैं तेरी गाय ,’ वे बोलीं . ‘ हा मैडम,’ मैं बोला, उन्होंने मेरे कान उमेठ लिए,’ साले भड़वे चोदने से पहले मुझे मैडम बोल रहा है मैं तेरी रंडी हू क्या? ‘ ‘ मैं बोला,’ नहीं..’ तो फिर मुझे लाजो कह चूत कह भोसड़ी कह कुछ भी बोल हरामजादे मैडम मत बोल,’ ‘ जे हा, मैं बोला और उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी. अब वो सर की चटाई से शायद पानी छोड़ने वाली थी, ‘ हाँ अनिल मेरे लंड मेरे सांड मेरा घोड़ा मेरा गधा मेरा लौड़ा ओह्ह तू ही मेरी चूत की आग बुझायेगा, ओह्ह हा में छूटने वाली हू ऊ ऊ ओऊ ऊऊऊऊऊऊह्ह आआआआआह्ह्ह्ह्ह ओह मादरचोद आआआआह भड़वे ओह रंडी के ,’ कह कर उन्होंने मेरे बल कास कर पकड़ लिए, सर ऐसे चाट रहे थे जैसे कोई कुत्ता प्याले में से पानी पी रहा हो उनकी चटाई की आवाजें जोर जोर से आ रही थीं, ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ एक जोर की चीख के बाद लाजो की चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब मेरा लंड गरम था और बेकाबू था, अजीत सर मेरे लंड को अच्छी तरह जानते थे, उन्होंने मेरी लुंगी खिसका दी तब तक उनकी पत्नी ने मेरा शर्ट निकल दिया, अब में भी उन दोनों की तरह पूरा नंगा था और मेरे पाँव भी घुटनों से मुडे हुए थे, मैंने लाजो को चूमना और उसके बोबे मसलना और चूसना जरी रखा उधर अजीत सर ने मेरे लंड को हाथ में लिया और उसकी टोपी चाटने लगे और मूत के छेड़ को जीभ से सहलाने लगे, मेरा सुपाडा फूल कर आलू हो रहा था. वे अब मेरी चमड़ी आगे पीछे करने लगे और सिर्फ सुपाडा चूसने और चाटने लगे , बचे हुए लंड को वो मुठिया रहे थे और दूसरे हाथ से आंड पैर उंगलिया फ़िरा रहे थे. मैं एकदम पत्थर हो गया था, आ जा लाजो तेरा जवान लंड तैयार है, वे बोले, मुझे सीधा लिटा कर उनकी पत्नी मेरे उपर आ गयी, मेरे लंड पैर वे बैठ गयी और सर मेरे सुपाडे को एडजस्ट करने लगे, अपनी एकदम चिकनी चूत को सर की पत्नी ने मेरे सुपाडे पैर रख दिया था सर ने मेरा पूरा लंड अपनी मुठी में पकडा हुआ था ,’ गंद निचे ला लाजो खा ले इसका पूरा लंड, वे बोले, ये सुनते ही उनकी पत्नी ने अपनी गांड का पूरा जोर मेरे लौडे पर डाल दिया मेरे मुह से ऊओछ निकल गया. कोई ३-४ झटको में उनकी गरम और गीली चूत मेरा पूरा लंड खा गयी, ‘ ओह्ह आह अज मिला है असली लंड ,’ कह कर वे मरे उतेजना नशे और ख़ुशी से रोने लगीं, और मेरे सीने पर दोनों हाथों का जोर दे कर मुझे फचफच चोदने लगीं, गीली चूत और गरम लंड की टकराहट की आवाजें जोर जोर से आ रही थीं. ‘ अजीत इस गाँव में आने के बाद पहली बार मैंने लंड खाया हे,’ वे बोलीं,’ हा जान कैसा लगा अनिल का लंड?” सर बोले,’ अरे इस उम्र में ऐसा लंड तो गधे का भी नहीं होता, ये तो साला पूरा चोदु हे चूत को सुख देगा भरपूर , वे बोलीं और गति बढा दी, ‘ तेरे भाई जैसा ही है इसका लंड या बड़ा है?” सर ने पूछा,’ इसकी उम्र में तो मेरे भाई की सिर्फ नुन्नी थी कोई १५ साल की उम्र में उसने मुझसे मुठी मरवानी शुरू की थी और चोदना कोई एक साल बाद शुरू किया था मगर उसका तो लंड था इसका तो हथोडा है ऊऊह आः ,’ कह कर वे मुझे चोद रही थी. सर ने पीछे से उसकी गांड और मेरे अंडकोष एक साथ चाटना शुरू कर दिया था. ” क्या करेगी इस सांड का?’ सर ने पूछा,’ अरे साले हिजडे मेरी कोख में इस सांड का अमृत जायेगा और मुझे माँ बनाएगा इसके कीमती वीर्य की एक बूँद भी जाया हो गयी तो तेरी गांड मरना बंद कर दूंगी हिजडे,’ वे बोलीं, ‘ हा लाजो इसी लिए तो तेरे सबसे रिस्की पीरिअड में इसको चोदने बुलाया हे ताकि तू माँ बन सके, मैं इसके आंड सहला रहा हू और दबा रहा हू ताकि खूब सारा वीर्य बने और तेरी चूत में जाये, वे बोले और मेरे आंड सहलाने लगे, अब मुझे सारा दृश्य समझ में आने लगा था, अजीत सर ने अपनी बीवी को बच्चा देने के लिए पहले मुझे जांचा था फिर सांड बना कर बुलाया था. मैं भी अब बेकाबू हो गया था पहली बार मेरे वीर्य से कोई बच्चा बनने वाला था ये सोच कर मेरा लंड तन्ना गया उधर सर की पत्नी कोई दो बार झड़ चुकी थी, ‘ अब डाल दे तेरा अमृत मेरी कोख में डाल तेरा बीज इस हिजडे की पत्नी को चोद और उसको माँ बना चोदु चोद मेरे राजा भर दे मेरा भोसड़ा भर निकाल अमृत निकाल दे बेटा निकाल भर दे प्यासी कोख भर दे मेरा गर्भ तेरे जैसे लंड वाला बच्चा डाल दे मेरे अन्दर डाल डाल डाल बीज डाल तेरा बीज डाल बेटे डाल मेरे सांड डाल मेरे पति डाल मेरे घोडे ,’ कह कर वे उछालने लगी, ‘ हा लाजो में झड़ रहा हू निकाल रहा है मेरा पानी,’ में बोला,’ अरे मादरचोद पानी नहीं अमृत हे वो मेरा , हिजडे की पत्नी के लिए मर्द का वीर्य अमृत होता हे भड़वे,’ वे बोली, में भी निचे से गांड हिलाए जा रहा था, अजीत सर ने अब मेरे आंड जोर से सहलाने शुरू कर दिए थे, उन्होंने शायद कोई ताकत वाला तेल भी मेरी दोनों गोलियो पर लगाया था, जिस से वे फूल गयी थी, ‘ लाजो ये छोड़ रहा हे वीर्य तैयार रहना ,’ उन्होंने कहा. ये सुनते ही उनकी पत्नी तुंरत मेरे उपर से हट कर नीचे आ गयी और अपने दोनों पैर हाथ से पकड़ लिए,’ अनिल ऐसे घुस जा और वीर्य छोड़ दे अन्दर तक जायेगा, वे बोली, उधर सर ने उनकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया था, मैं घचाघच चोदने लगा और वे तेजी से गांड साथ में हिलाने लगीं, ‘ हा मम्मी बेटे का अमृत आ गया है, मैं बोला, ये सुनते ही सर की पत्नी ने मुझे कास कर पकड़ लिया और मुझे चूमते हुए रोने लगी, मेरे सांड मुझे माँ बना बना दे इस गाय को ग्याभिन, वे बोली, मेरी पिचकारी सर्र सर्र कर के छूऊट गयी, सर ने मेरे आंड दबाये रखे, और मेरी गांड को दबा दिया ताकि मेरा लंड अन्दर से बहार नहीं सरके,’ हिलना मत मेरे राजा ऐसे ही रहना दो मिनट तक ताकि तेरा वीर्य मेरी बचेदानी तक नहीं पहुच जाये, कह कर उन्होंने मुझे भींचे रखा और मेरी जीभ चूसने लगी. सर ने अपनी पत्नी की गांड और उपर कर दी थी ताकि मेरा वीर्य गहरे अन्दर चला जाये. मैं ऐसे ही ३-४ मिनट तक पड़ा रहा. ‘ अब एक बार और चोद दे मेरे राजा, वे बोली, ये सुनते ही सर ने वापस मेरी गोलियो की तेल मालिश शुरू कर दी, मुझे पता था आज की पूरी रात मुझे इस रंडी को चोदना पड़ेगा और ये पति पत्नी मेरे वीर्य की एक बूँद बाहर नहीं गिरने देंगे
मेरा लंड अब लाजो की चूत में ही दुबारा फन उठाने लगा था. पीछे से सर की उंगलिओं ने भी अंड पर ग़दर मचा रखा था. उन्हें पता लग गया था की में दुबारा गरम हूँ. इस बार लाजो घोडी बन गयी. उसकी विशाल गांड का फैलाव देख कर मैं और तन्ना गया. दो गोल तरबूज थे सांवले रंग के, लाजो की गांड बहुत बड़ी और गोल थी. मैंने अपने जीवन में इतनी सुंदर और बड़ी गांड आज तक नहीं देखी थी,’ सर आपकी बीवी जितनी मोटी और सुगढ़ गांड मैंने अपने जीवन में आज तक नहीं देखी, में बोला. ‘ हा रे जो भी इसकी गांड देखता हे पागल हो जाता हे, कई बार में देखता हु कुछ स्टूडेंट्स पढ़ते पढ़ते ही इसकी मटकती गांड देख कर अपने निक्कर में पानी छोड़ देते थे, वे हंसते हुए बोले. ” ये गांड मरवाने की भी शौकीन हे मगर अभी तो इसको अभी बचेदनी में तेरा वीर्य चाहिए इसलिए जब गर्भ ठहर जाये तब इसकी गांड आराम से मरना, इसका भाई और इसका मामा बचपन में खूब गांड मारा करते थे, चुद चुद कर ही गोल हुई हे,’ सर बोले. ये सुनते ही लाजो ने अपनी गांड थोडी और उपर उठा दी, मैंने गांड को देखते देखते निचे चूत में अपना लंड घुसाना जारी रखा, वो ऊऊछ अहह कर रही थी और मेरे शोट पर गांड मचका रही थी. ‘ सर में गांड की पिटाई कर दू?” मैंने पूछा,’ अरे कुत्ते गांड चोदने की बाते कर रहा है चूत में पिला हुआ है और गांड पर थप्पड़ मरने की परमिशन ले रहा है भड़वे कहीं के,’ सर की पत्नी बोली. ये सुनते ही मैंने उनकी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मारने शुरू कर दिए वे ऊऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊओ करने लगीं. उधर तब तक अजीत सर हमारे नीचे खिसक चुके थे. वे अपनी पत्नी के नीचे उल्टे लेटे हुए थे उनके होठ लाजो की चूत के नजदीक थे और उनकी पत्नी के होठ उनके छोटे औजार की तरफ, उन्होंने पत्नी की चूत के बाहरी होटो की चटाई के साथ साथ मेरे लौडे को भी आधार से पकड़ लिया और साथ साथ मेरे आँडियो को भी चाट रहे थे मैंने गति बढा दी फच फच की आवाजें गूंजने लगी, चोद राजे चोद मुझे चोद तेरी रंडी को , लाजो बडबडा रहीं थीं, उधर सर बोल रहे थे, ‘सांड महाराज अपने अंडकोष से इस रंडी की कोख भर दो भर दो राजा, इसी उत्तेजना में मैं गर्र गर्र करता हुआ फिर से झड़ गया, उस रात मैंने सर की पत्नी यानि मेरी गुरुमाई को ५ बार चोदा. आधा कप वीर्य उनकी गरम चूत की भेंट चढ़ चुका था. अगले दो दिन और दो रातो में मैंने सिर्फ और सिर्फ चुदाई की, इतनी चुदाई की मेरा लौड़ा लाल हो गया था और अंडकोष दुखने लगे थे. सर को विश्वास था इस भयंकर चुदाई के बाद उन्होंने ज़रूर गर्भ धारण कर लिया होगा लेकिंग लाजो की नियत तारीख तक लगभग हर रोज़ वे उसको मुझसे चुदवाते रहे.
गर्भ जांच के बाद पता चला की लाजो मेरे वीर्य से गर्भवती है. एक दिन जैसे ही मई शाम को उनके घर गया तो सर बोले .’ अनिल कल शुभ मुहूर्त है तुम शाम को आ जाना पढाई के बहाने और रात में यही रुकना, मैंने हा कह दी घरवाले खुश थे मेरे अंग्रेजी में अच्छे नंबर आने लगे थे.
अगले दिन जैसे ही में पंहुचा सर के यहाँ उनकी माँ और सास दोनों आये हुए थे साथ ही सर की बहन भी थी जिनकी गोद में एक छोटा बचा था कोई ३-४ महीने का, जिसे वे दूध पिलाती रहती थी. सर के ससुर भी आये हुए थे, वे पंडित भी थे. सर ने मेरा नाप ले कर मेरे लिए एक सुंदर कुरता पजामा सिलवाया हुआ था, नयी चड्डी और बनियान भी ख़रीदे थे.
उन्होंने अपने घर के चौक में एक हवन कुंड बना रखा था, मेरे पहुचते ही सर ने कहा, अनिल आज में तुम्हे पहले नहलायुन्गा और फिर तयार करूँगा, और वे मुझे बाथरूम में ले गए. मेरे सारे कपडे उतर कर उन्होंने मुझे तबियत से नहलाया साबुन और शैंपू भी लगाया. सबसे आखिर में उन्होंने नीचे पट्टे पर बैठ कर मेरे हथियार को हाथ में लिया और बोले, अनिल तेरे लौडे और इन अन्डकोशों ने मेरी इज्ज़त रख ली गाँव के सब लोग सोचेंगे की में पिता बन गया, टी और तेरे लंड का मुझ पर और मेरे परिवार पर अहसान है, वे बोले. ‘ लेकिन सर मैं ही क्यों आपकी विफे को कोई भी आदमी प्रेग्नंट कर सकता था?” मैंने पूछा,’ तू सही कहता है लेकिन एक तो तू जवान है इसलिए तेरे वीर्य में ताक़त है, दूसरा तू विश्वसनीय है, तीसरा तेरी शकल मुझसे मिलती है इसलिए बचे की शकल में ज्यादा फर्क नहीं होगा, वे बोले. ” मेरे घर में सबको पता है की में नपुंसक हु और इसीलिए हमने फैसला किया की आज शुभ मुहूर्त में तेरी और लाजवंती की हम शादी करवा देंगे ताकि वो तेरी विधिवत पत्नी बन जाये,’ उन्होंने कहा. “लेकिन सर उन्होंने आपसे शादी की है वे आपकी पत्नी है, में बोला. ‘ देख अनिल में हिजडा हु और हिजडा किसी औरत से शादी नहीं कर सकता में मर्द ही नहीं हु इसलिए मेरा विवाह वैध नहीं है, तू विधिवत पति बन जा और पिता भी ताकि किसी को पता भी नहीं चले और सब काम हो जाये, वे बोले और उन्होंने मेरा बदन पोंछ लिया और नए कपडे पहना दिए.
मेरे सर पर नवरतन तेल और शरीर पर इतर लगाया फिर सर ने कहा, उधर तेरी दुल्हन को उसकी माँ और मेरी माँ तैयार कर रही है, फेरों के बाद सुहाग रात भी मनेगी, वे बोले. मुझे दर भी लग रहा था और उत्तेजना भी हो रही थी,’ सर घर में या किसी और को पता चल गया तो मुझे जान से मार डालेंगे और फिर मुझे उम्र आने पर खुद भी तो शादी करनी हे, में बोला. ‘ देख अनिल में ऐसी बात किसी को बता कर खुद और मेरे परिवार की इज्ज़त थोडी घटाऊंगा?’ वे बोले. बस तेरी काम उर्जा को एक माध्यम मिल जायेगा और चुप चाप मेरा और मेरी पत्नी का काम भी हो जायेगा, वे बोले.
मै अब जा कर बाहर चवरी में बैठ गया, सर की पत्नी ओह मेरी होने वाली पत्नी के पिता ने पुरी तय्यारी कर राखी थी, लाजवंती ने लाल जोड़ा पहन रखा था और वे बला की सुंदर लग रही थीं. वह चवरी में उनकी माँ और सर की बहन पीछे बैठे थे, सर सामने बैठे थे. हमने फेरे खाए, मंत्रों के बीच वर मालाएं पहनायीं,’ आज से तुम पति पत्नी हुए, सर के ससुर बोले जो मेरे भी ससुर थे. उसके बाद हम सब ने शराब पी, औरतों ने भी. फिर हम जम के नाचे. उसके बाद म्यूजिक लगा दिया और हम लोग नाचने लगे. लाजवंती और हम दोनों चिपक कर नाच रहे थे वहीँ सर की बहन उनकी सास और माँ ने नाचते नाचते अपने कपडे उतरने शुरू कर दिए थे उनकी बहन ने भी यही काम शुरू कर दिया था. सर के ससुर भी अब सिर्फ चड्डी में थे. ” रुको भाई अगर आप सब नंगे हो कर अपनी लीलाएं चालू कर दोगे तो लाजो की सुहाग रात कैसे मनेगी? सर बोले और ये सुनते ही सब ठहर गए, सब सिर्फ चड्डी में थे.
अब हम दोनों को ज़बरदस्ती बिस्तेर पर फेंक दिया, वह गुलाब की पंखुडियां बिछीं थीं, शराब के बाद दूध पीना संभव नहीं था, ‘ देख भोजाई अब दारू के बाद गाय का दूध तो पी नहीं सकते लेकिन तेरी छातियों का दूध तो तेरा नया नवेला पति पी ही सकता है, सर की बहिन बोली और हंसने लगी, ‘ एक काम करें?’ सर की माँ ने पूछा,’ क्या?’ उनकी बेटी ने जानना चाहा,’ तेरे तो वैसे ही दूध आ रहा है बाकि हम तीनो औरतों के दूध तो नहीं आ रहा मगर छातियाँ तो हैं ही, क्यों न आज सुहाग रात के वक़्त हम चारो औरतें मिल कर इस नए दुल्हे को दूध पिलायें ?” उन्होंने पूछा. ‘ओह हाँ ज़रूर,’ ये कह कर चारों औरतें बिस्तर पर आ गयीं. ‘ पहले कौन पिलाएगा? ‘देख आज तो इसकी दुल्हन का ही हक है इस पर इसकी हर चीज़ पर मगर सबसे पहले दुल्हन की माँ को मौका मिलना चाहिए, सर ने सुझाव दिया, ये सुनते ही सर की सास जो अब मेरी भी सास थी ने मुझे अपने गोद में लिटाया और अपनी छातियाँ मेरे मुह से लगा दीं, उनके स्तन ५० से ज्यादा की उम्र में भी भरे हुए थे और कसे हुए भी, थोड़े भरे हुए मोटे निप्पल्स थे जो लगभग काले रंग के थे, ‘ ले बेटा पी ले मैं किस्मत वाली हूँ की मेरी बेटी का पति भी उसी स्तन को चूस रहा है जिसको बचपन में मेरी बेटी ने चूसा था, चूस बेटा खा जा मेरे निप्पल्स,’ वे बोलीं. मैं चप चप करके उनकी स्तन चूसने और दबाने लगा, उनको बहुत मज़ा आ रहा था और मारे उत्तेजना के उनके मुह से सी सी की आवाजें निकल रही थीं. कोई ३ -४ मिनट बाद सर की माँ बोलीं, अब हट रंडी मुझे भी चूसने दे मेरे बेटे के सौत को निप्पल, सर की सास के हटते ही वे आयीं और मुझे अपनी गोद में लिटा दिया, उनके स्तन छोटे थे मेरी मुट्ठी में आयें जितने और निप्पल्स भी छोटे छोटे थे भूरे रंग के, मैं उनके स्तन आटे की तरह मसल रहा था और उनके निप्पल्स लगभग चबा रहा था, ‘ ओह बेटा जग जग जियो तेरी वजह से मेरे स्तन बुढापे में भी एक जवान लोंडा चूस रहा है, वे सर से बोलीं. उनके बाद बारी आई मेरी खुद की नयी नवेली दुल्हन की , उसने भी मुझे अपनी गोद में लिटाया और छातियाँ मेरे होटों से लगा दी, ‘ पी लो थोड़े दिन बाद में अपने बेटे को इर्ष्या से देखोगे मेरा दूध पीते हुए, वे बोलीं, ये सुन कर मेरा लौड़ा चड्डी में ही तन गया. सबसे आखिर में सर की बहन की बारी आई, लो जी मेरे बचे के हिस्से का दूध पिला रही हूँ तुम्हारी सुहाग रात की खातिर, कह कर उन्होंने अपने मोटे और भरे हुए थन मेरे मुह से सटा दिए, मैं पहली बार किसी स्त्री का दूध पी रहा था बड़ा होने के बाद, में सर्र सर्र कर के चाटने और चूसने लगा, थोडा धीरे मेरी जान, वे बोलीं. तब तक सब औरतें नंगी हो चुकी थीं,’ देख अनिल दूध चाहे जिसका पी ले मगर चुदाई आज सिर्फ अपनी पत्नी की करेगा, सर बोले.
सब ने मिल कर मेरा पजामा ढीला कर दिया मेरा लौड़ा छत को देख रहा था,’ इस उम्र में तेरे खसम का लंड इतना मज़बूत है तो आगे जाकर ये कितनी चूतों को सुख देगा? सर की माँ बोलीं. उधर मेरी नयी दुल्हन भी नंगी हो गयी थी लाजो सीधी लेट गयी और उसने टाँगे चौडी कर ली थी उनकी खुली हुई चूत की फांके साफ़ दिख रही थीं. उधर बाकि तीनो औरतो ने मेरे लंड का इंस्पेक्शन चालू कर दिया था, एक मेरा सुपाडा चूस रही थी तो दूसरी मुझे मुठिया रही थी तीसरी ने मेरी गोलिया चूसनी शुरू कर दी थी. मेरा लंड अब चट्टान सा सख्त हो चूका था, ‘ अब इसको अपनी बीवी को चोदने दो, वे बोलीं. नीचे लेटी हुई लाजो पर मैं चढ़ गया फक्क से मेरा लंड उसकी गीली चूत में घुस गया उसने मुझे कस के पकड़ लिया और में फचाफच उसको चोदने लगा बाकि औरतें और दोनों आदमी हमारी चुदाई देखने लगे उधर सर ने अपने ससुर का लंड चूसना शुरू कर दिया था उनके ससुर यानि मेरे ससुर का लंड एकदम काला था मगर बहुत मज़बूत था मोटाई बच्चे की कलाई जितनी थी देख मेरे बाप का लंड कितना भयंकर है, मैं बचपन में इसको देखती तो डर जाती थी की ये मेरी चूत फाड़ देगा मगर अब आराम से चुदुंगी , लाजो बोली . चोद लू अपने बाप को और तुम्हारे ससुर को? उसने पूछा , मैंने कहा ,’ हा चोद लेना अभी तो मुझे चोदो , कह कर मैंने स्पीड बढा दी ,
में जब लाजो को चोद रहा था तो सर कि बहन मेरे सर पर हाथ फेर रही थी, उनकी माँ मेरे चूतड सहला रही थी तो उनकी माँ मेरे अंडकोष चाट रही थी. मैंने नज़र घुमा कर देखा तो सर को उनके ससुर घोडी बना कर घचाघच चोदे जा रहे थे, सर ओऊ अआछ कर रहे थे. उधर मेरा वीर्य मेरी नयी मगर गरभवती पत्नी कि चूत में छूटने वाला था,’ मेरी रानी बीवी तेरा पति तेरे भोस में पानी छोड़ रहा है, में बोला,’ अरे मादरचोद कितनी बार बोला ये पानी नहीं अमृत हे, पानी तो मेरे हिजडे पति के लंड से निकलता था मूत के रूप में, वो बोली. में गर्र गर्र कर के झड़ने लगा सर कि माँ ने मेरा आंड दबा दिए. उस रात मैंने ४ बार मेरी पत्नी को चोदा. ससुर ने एक बार सर कि गांड मारी और एक बार सर कि बहन को चोदा.
अगले दिन सुबह उठते ही सर कि बहिन उनकी माँ और सास ने कह दिया,’ आज कि रात नयी दुल्हन को तो उसका बाप चोदेगा और नए दुल्हे का लंड हम तीन औरते लेंगी. दिन में में स्कूल गया और घर भी शाम को सर के यहाँ आने से पहले मैंने किसी को पता नहीं चलने दिया कि रात को मेरी शादी हुई है और मेरी सुहाग रात भी मनी है. रात को खाने के बाद हम सब कमरे में आ गए. सर के ससुर ने अन्दर घुसते ही अपनी बेटी कोचूमना और दबाना शुरू कर दिया, उधर उनकी बेटी यानि मेरी पत्नी और नयी दुल्हन अपने बाप का लंड चूस रही था काला भयंकर लंड वो कुल्फी कि तरह चाट रही थी, आज बेटिचोद बन जाऊंगा में, उसके पिता बोले, ‘और में बाप चोद,’ कह कर वो हसने लगी,’ बेटी तेरे बाप का लंड खडा होने में थोडा टाइम लेता है मगर एक बार खडा हो गया तो तुझे कम से कम २ घंटे चोदेगा और तेरी चूत का कचूमर निकल देगा, मेरी सास बोली. मेरे ससुर अब लेट गए उनका लौड़ा सुस्त सा पड़ा हुआ था मगर सुया हुआ भी कोई ६ इंच का आराम से था सामान्य लड़के का लंड जितना खडा होने पर होता है उतना उनका सोया हुआ था, मेरी पत्नी ने अब मेरे ससुर कि गोलियो को एक एक कर के मुह में घुमाना शुरू कर दिया और उनके लंड को उनके पेट से सटा दिया और सर्र सर्र कर के आंड से लेकर लंड के मुह तक जीभ फिरने लगी. ससुर भी साथ साथ गांड हिला रहे थे. मेरी पत्नी ने अपनी एक ऊँगली उनकी गांड में डाल दी और अन्दर बहार करने लगी, ‘ कैसी चुदक्कड़ रंडी बेटी है ये, इसको पता है इस उम्र में लंड को ज्यादा कड़क करने के लिए गांड से छेड़छाड़ ज़रूरी है, मेरी सास ने कहा.
अब ससुर का लंड साँप की तरह फन फैला चुका था, और मेरी पत्नी उनके उपर बैठ कर उनकी चुदाई चालू कर चुकी थी. अजीत सर भी अपनी पत्नी के पिता के अंडकोशों से खेल रहे थे जो उचल रहे थे, ससुर ने अपनी बेटी की मोटी गांड कस कर पकड़ी हुई थी. उधर मेरी बारी भी आ चुकी थी. तीनो औरतों ने कपडे खोल दिए थे, , देख बेटा मेरे बेटे ने तुझे अपनी पत्नी और अपनी पत्नी की कोख दी है बदले में सबसे पहले तू मुझे चोद कर संतुष्ट करेगा, सर की माँ बोली, मैंने कहा हा मम्मी में तो जन्मजात मादरचोद हु, वे टांगे चौडी कर के लेट गयी, मेरा लंड अपनी पत्नी की अपने बाप से चुदाई देख कर उत्तेजना में पहले ही तन्नाया हुआ था मैंने घच से उसको उनके भोसड़े में पेल दिया,’ ऊओई माआया, उनके मुह से निकला. उनका भोसड़ा अभी भी टाइट था और मेरे लंड को उसने कस कर पकड़ लिया था, में उनके स्तन मसल रहा था और दूसरी तरफ सर के बहन और उनकी बेटी को चूम रहा था, चोद बेटा चोद मुझ रंडी को, पता नहीं किस किस के लंड लिए तो ये दोनों बच्चे हुए, ये जो मेरी बेटी है ये मेरे घर में काम करने वाले नौकर से हुई जब ये मेरे पेट में पड़ी तब वो नौकर ६० साल का था मगर था ज़बरदस्त चोदु, चोद राजा चोद बुझा मेरे प्यासे भोसड़े की प्यास हा राजा रुक मत चोदे जा ओह चोदु चोद चोद भड़वे चोद रे रुक मत भोसड़े को बहुत मज़ा आ रहा है फच्क्फाच चोद मेरे राजा ऊऊऊऊऊ आआआआअह कह कर वे झड़ गयीं. मगर में अभी भी गरम था मैंने तुंरत उनकी बेटी को साइड में पटका और उस पर चढ़ गया, उसने अपने पैर मेरी कमर पर फसा दिए और नीचे से गांड हिलाने लगी, ‘ चोद मादरचोद माँ के बाद बेटी को चोद हम दोनों रंडियां हे तेरी चोद हमको , वो बोली, में उनके गोल स्तन से दूध पीने लगा, और चोदता रहा दूध पीते हुए चोदने का ये मेरा पहला अनुभव था, ‘ ओह रानी तेरी चूत गद्दीदार है और आन्दियों को सहला रहे हैं, मेरा पानी छूट जायेगा जान , में बोला. ‘ छोड़ दे इसकी चूत में पानी अभी ३ महीनो तक सुरक्षित है, बाद में ये बच्चा बड़ा हो जायेगा तब तुझे इसका भी सांड बनायेंगे , उसकी माँ बोली, मेरा सर्रर्र सर्र कर के पानी छूट गया मै उसकी गोल और दूधभरी छातियों पर निढाल हो गया.
अभी भी तीसरी औरत की चुदाई बाकी थी , और अजीत सर को पता था की मैं अभी तो आराम से तीन चार राउंड कर लूँगा लिहाज़ा उन्होंने मेरे लंड को फिर से कसना शुरू कर दिया और उसको खडा करने लगे, अब मेरी सास को भी चोद राजा, वे बोले, हा सर,’ और हा उनको ज़बरदस्त चोदना ताकि उनको विश्वास रहे की मैंने उनकी बेटी के लिए सही सांड चुना है, सर बोले.
अब मेरा लंड तैयार था, मैंने सर की माँ को घोडी बना दिया और उनको बिस्तेर के कोने पर ले आया, उनकी मोती गांड मेरी आँखों के सामने थी मैंने हथियार को पकडा और उसका मुह उनके खुले होटों के आगे टच कर दिया, ‘ में आपको आंटीजी कह दू? मैंने पूछा, ‘ तू आंटी कह या माताजी या दादीजी बस ऐसे चोदना की मुझे याद रहे ये चुदाई, वे बोली, ‘ ओके आंटीजी, में बोला और अपना गरम सुपाडा उनके भोस में सरका दिया, वे अपनी गांड को हिला डुला कर बचा हुआ लंड भी खाने लगी, अब मेरा पूरा औजार उनकी चूत में था और वे मेरे हर स्ट्रोक के साथ साथ गांड हिलाए जा रही थीं, ‘ मादरचोद बड़ा मोटा ताज़ा है तेरा हथियार चूत के रोम रोम को रगड़ मिल रही है इसकी चोद ऐसे ही चोद मेरे लाल, वे बोलीं, ‘ हा आंटी आपकी चूत बड़ी टाइट है, मैंने कहा और उनकी कमर पकड़ कर चुदाई तेज़ कर दी, उनको बहुत मज़ा आ रहा था वे ऊओछ ऊऊऊऊऊउई आआआआआअह कर रही थी मैंने गति और बढा दी. ‘ आंटीजी को अब बहुत मज़ा आ रहा था, वे झड़ने वाली थी, उनके पति उनके बूब्स दबा रहे थे, ‘ कैसा लग रहा है? उन्होंने पुछा, अरे जवान और मोटा लुंड चूत में हो तो जन्नत का मज़ा मिलता है, ऊऊऊऊऊऊऊ , कह कर उन्होंने पानी छोड़ दिया, उस चुदाई में कोई तीन बार उन्होंने चूतरस निकला, फिर हम सब थक हार कर सो गए.
अनिल की माँ को पता चल गया था की टूशन के कारन मेरे अच्छे नंबर आने लगे थे , ‘ अब हफ्ते में दो रातो के लिए अपने लड़के को मेरे घर भेज दिया करो अमित को मदद भी कर देगा दोनों दोस्त खेल कूद भी लेंगे फिर वही सो जाया करेगा,’ उसकी माँ ने मेरी माँ से कहा, ‘ सच बता रे खाली अपने बेटे के खेल कूद की चिंता है या अपने खेल कूद की भी?’ मेरी माँ ने पुछा , ‘ तू तो सब जानती है तुझे पता है न छूट की खुजाल कैसे मिटती है? अमित की माँ बोली,’ लेकिन अपनी खुजाल के चाकर में मेरे बेटे को पूरा मत निचोड़ लेंना उसको खिलाती पिलाती रहना, मेरी माँ बोली और दोनों औरते हंसने लगी ,’ चिंता मत कर गन्ने का जितना रस निकालूंगी उससे ज्यादा उसको खाद पानी दूंगी, अमित की माँ बोली. में चोरी छुपे ये बात सुन रहा था.
अगले दिन से माँ बोली,’ बेटा हफ्ते में एक दो शाम अमित के घर चला जाना खेल लेना और उसको थोडा पढ़ा भी देना उसकी माँ आयी थी तुझे लेने, ‘ हा माँ,’ मैंने कहा, उसी दिन शाम को मैं अमित के घर चला गया, हम खूब क्रिकेट खेले फिर खाना खाया दूध भी पिया. उसके घर के सब लोग आँगन में सोते थे. उसके पिता असम में एक सेठ के यहाँ काम करते थे और होली दिवाली ही घर आते थे. अमित की सात बड़ी बहने थीं और वो आठवे नंबर की संतान था, सात बहनों के बाद एक लड़का हुआ था( और वो भी बाबा की कृपा से). सबसे बड़ी बहन २२ साल की थी और सबसे छोटी १५ की. हर खाट पर दो बहने सोती थीं अमित सबसे बड़ी बहिन के साथ सोता था ‘ बेटा तू मेरे साथ सो जाना,’ अमित की माँ ने कहा.
मैंने निकर पहना था और शर्ट जबकि अमित की माँ ने गाउन पहना हुआ था, मैं खाट की दूसरी तरफ मुह कर के सो रहा था. थोडी देर बाद अमित की मम्मी ने अपना मुह मेरी तरफ कर दिया उनकी साँसे मेरी गर्दन को छू रही थीं और उनकी छातियाँ मेरी पीठ को , थोडी देर बाद उन्होंने मेरे शर्ट के बटन खोल दिए और मेरे निप्पल्स सहलाने लगीं, ‘ आंटी कोई देख लेगा, मैं बोला, ‘ अबे भड़वे देख लेगा तो क्या हुआ चुदाई से ही तो ये सब पैदा हुए, इनकी माँ की चूत में कोई लंड गया तभी तो ये सब बाहर आये तेरी क्यों फट रही है भड़वे ,’ वो बोलीं. अब उन्होंने मेरे निकर के उपर से ही मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया. मरे उत्तेजना के मेरा लंड पत्थर हो रहा था, उन्होंने मुझे सीधा कर दिया और मेरा निक्कर उतरने लगीं, ‘ आंटी..’ मैं बोला, चुप कर आंटी के चोदू, वे बोलीं. अब उन्होंने मेरे निक्कर की चेन खोली और उसको निचे खिसका दिया मेरा फनफनाता हुआ लंड आसमान की तरफ देख रहा था , मादरचोद लंड तो तेरा चूत फाड़ है मस्त लौड़ा है तेरा तेरे बाप पर गया है, कह कर उन्होंने मेरा लौड़ा चूसना शुरू कर दिया. उनके चूसने की आवाजें आ रही थीं और मुझे डर लग रहा था मगर वे चूसे जा रही थीं, थोडी देर में वे मेरे उपर चढ़ गयी और मेरा लंड अपनी चूत में सरकाने लगीं. उन्होंने अपना गाउन उतर दिया था चाँद की रौशनी में उनके मोटे मोटे स्तन हिल रहे थे मैंने उनको मसलना शुरू कर दिया था धीरे धीरे मेरा पूरा लंड उनकी भोसड़े में था और मेरे आंड उनकी गीली चूत के होटो को छू रहे थे , अब आंटी हीट में थीं और गति बढ़ गयी थी फचफच चोद रही थी मेरे को, ‘ कैसे चोद रही हु में?’ उन्होंने मुझे पुछा,’ जैसे कोई रंडी चोद रही हो नए ग्राहक को , में बोला, उन्होंने हाथ नीचे ले जा कर मेरे अंडकोष पर एक थप्पड़ मरी और बोली ‘ अच्छा में तुझे रंडी लगती हु?’ ‘ चुदाई में जो औरत रंडी लगे उससे अच्छी चुदाई कोई नहीं करता, मैंने कहा,’ हा रे सही बोला चुदना तो रांड की तरह ही चाहिए, कह कर वे जोर जोर से चोदने लगी.
थोडी देर में वे मेरे उपर उकडू बैठ गयी, और हाथो को मेरे सीने पर टिका कर चोदने लगी, मुझे चाँद की रौशनी में उनकी चूत के रसों से गीला मेरा चमकता लंड साफ़ दिखाई दे रहा था और उनकी चूत मस्ती से उसको पूरा खा रही थी. अब गीली चूत आवाजें भी करने लगी थी, आंटी की साँस जोर जोर से चल रही थी, वे थोडी देर में निढाल हो गयी, और मेरे कान में बोली, ‘ तेरे बाप( यानि साधू बाबा) के बाद आज तुने मुझे चरमसुख दिया है, और ये कह कर वे मुझे चूमने लगी, थोडी देर बाद वे फिर से चालू हो गयी, अब मेरी बारी थी, सुन आराम से पानी छोड़ मेरी चूत में ये इतनी प्यासी है की तेरा जवान पानी पी कर तृप्त हो जायेगा, सारा रस डाल दे तेरी आंटी के भोसड़े में,’ उन्होंने कहा और फिर से चोदने लगीं. मैंने उनकी विशाल और गोल गांड को कस कर पकड़ लिया और निप्पल्स चूसते चूसते झड़ गया, वो कोई ५ मिनट तक ऐसे ही पड़ी रही उसके बाद उठ कर अन्दर बाथरूम में गयी मेरी नज़र पास वाले बिस्तेर पर पड़ी तो मैंने देखा अमित को दो बहने मेरी तरफ देख कर मुस्करा रही थीं.
उस रात तीन बार मुझे अमित की माँ ने चोदा और मुझे लग रहा था ये नज़ारा अमित की दोनों बहने देख रही थीं. अगले दिन स्कूल से आने के बाद अमित की वे दोनों बहने मेरे पास आयीं, और मेरे कान में बोलीं,’ रात में क्या कर रहे थे?’ और भाग गयीं. थोडी देर बाद मैं जैसे ही बाथरूम की तरफ जा रहा था उनमे से एक ने मेरा हाथ पकडा और बोली,’ एक गणित का सवाल हमें भी समझा दो न,’ कह कर वे अपने कमरे में ले गयी. ‘ सुनो रात में तुमने हमारी माँ के साथ क्या किया, सच बताना नहीं तो हम घर में सब को बता देंगे,’ वे बोली. ‘ कुछ नहीं, में बोला, अच्छा ठीक है कह कर एक बहन बाहर जाने लगी, रुको रुको मैंने वो ही किया जैसा एक आदमी एक औरत के साथ करता है, मैं बोला. ‘ आज हमारे साथ भी करना नहीं तो हम सबको बता देंगे,’ लेकिन मैं कैसे करूँगा?’ रात में तो मैं आंटी के साथ सोता हू, मैं बोला, वो तुम हम पर छोड़ दो, कह कर वे दोनों हसने लगीं.
रात में दोनों लड़कियो ने अपनी माँ के दूध में नींद की गोली मिला दी, आंटी बिस्तर पर पड़ते ही खर्राटे खेंचने लग गयी, दोनों बहने अब मुझे अपनी खात पर ले गयी, उधर अमित अपनी बड़ी दीदी को चूम रहा था, वो देखो साली दीदी अमित को छोड़ती ही नहीं हमारा नंबर ही नहीं आने देती, वे दोनों बोली, ‘ दोनों रोज़ छोड़ते हे? मैंने पुछा, ‘रोज़ नहीं पूरी पूरी रात चोदते हे, उनमे से एक बहन बोली. दोनों में से बड़ी बहन नोर्मल थी, कोई ५ फ़ुट एक इंच की हाईट होगी, बूब्स कसे हुए थे ज्यादा बड़े नहीं शायद ३४ इंच के, कमर पतली थी, गांड आगे की और निकली हुई थी और छूट पर झांटे थी. उसका वज़न औसत से कुछ ज्यादा था, छोटी बहन दुबली थी, स्तन ३०-३२ के होंगे, रंग गोरा था कमर एकदम पतली और चूत सफाचट थी. उनके नाम थे टीना और मोना.
उन्होंने बिस्तर पर जाते ही मुझे चूमना चाटना शुरू कर दिया और मेरे कपडे खोल दिए. दोनों खुद भी नंगी हो गयी. मैं उनकी चुचिया दबाने लगा दोनों ने अपनी चूचिया मेरे होतो पर लगा दी में उनको पीने लगा, एक अपने हाथ से मेरा लौदा हिला रही थी तो दूसरी आन्दिये सहला रही थी, मैं गरम हो रहा था,’ तुम दोनों पहले चुदी हुई हो?मैंने पुछा, ‘ हमारे घर में गांड बाद में धोना सिखाते हैं चुदाई पहले, वे हस्ते हुए बोली, कितने लंड माँ को छोड़ने आते थे कई हमे भी चुपचाप चोद जाते, टीना बोली, ‘ कैसे? मैंने जिज्ञासा से पूछा,’ माँ को चोदने एक काले अंकल आते थे दोनों बियर पीते फिर हमसे नमकीन पापड़ वगेरह मंगाते फिर नशे में चालू हो जाते एक बार वे अंकल माँ को चोद रहे थे कोई एक फ़ुट से बड़ा और मोटा उनका हथियार था और मैं पहुच गयी पापड ले कर तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोले आ तुझे भी चुदाई सिखा दू, ये कह कर उन्होंने अपना लंड माँ के भोसड़े से निकल कर मेरे हाथ में पकडा दिया , अब हिला इसको, उधर माँ ने मुझे सिखाना शुरू कर दिया की लंड कैसे हिलातेहैं. कई बार उनके दोस्त भी साथ आते फिर वे हमको भी चोद जाते ज्यादातर समय माँ नशे में होती. ‘ ओह तो तुमने कई लंड खाए हुए हैं? मैंने कहा, ‘लेकिन आज तेरा खायेंगे , कह कर टीना ने मुझे चूमना शुरू कर दिया. अब मोना नीचे लेट गयी, ले डाल अपना लंड मेरी चूत में , कह कर उसने टाँगे चौडी कर दी.
मोना की फैली टांगों के बीच मैंने अपना गीला और फूला हुआ सुपाडा रखा और घच से अन्दर घुसा दिया, उसकी रसीली चूत में वो तुंरत समां गया, मैंने अपने हाथ बढा कर उसकी गांड नीचे से पकड़ ली वो उसकी चूत के रसों से एकदम गीली थी उसकी चूत एक झील बनी हुई थी. अब मैं फच फच छोड़ने लगा, ओह कुत्ते छोड़ मेरी प्यासी चूत इतने दिनों बाद इसको लौड़ा मिला है वो भी जवान बाकि अब तक तो सारे अंकल ही इसकी बजा गए,’ मोना बोली. उधर टीना सामने आ गयी और मेरे हॉट चूमने लगी मैं मोना को चोद रहा था और टीना को चूम रहा था. मोना ने अपने पाव उठा कर मेरी कमर पर लपेट लिए थे अब मेरे अंडकोष उसकी गांड पर टकरा रहे थे. मोना ने मुझे कास कर पकड़ लिया और चूमने लगी, ‘ मैं झड़ने वाली हु रे रंडुए , वो बोली और मुझे चूमते चूमते उसकी गांड तेजी से हिलते हिलते ठहर गयी. उसकी गांड जैसे ही शांत हुई टीना साइड में लेट गयी, आ भड़वे अब मेरी मार, वो बोली. मैंने मोना की चूत के रस से भरा हुआ लंड उसकी नहं की चूत में दाल दिया, वो और भी ज्यादा गरम थी, लगातार मेरे झटको के साथ नीचे से हिल रही थी, चोदू राजा फाड़ दे मेरी चूत , वो बोली, मैं अब घचाघच उसको चोदे जा रहा था, और वो भी पानी छोड़ गयी,’ दीदी पानी अन्दर मत लेना दिक्कत आएगी, मोना बोली, ‘ हा रे तू सही कह रही है, कह कर टीना भी उठ बैठी. अब दोनों बहनों ने मेरे गुप्तांग को चाटना चूसना चूमना शुरू कर दिया, टीना मेरा सुपाडा चूस रही थी किसी कुल्फी की तरह तो मोना मेरे कड़क लौडे पर जीभ फिर रही थी, दोनों बहने मेरी एक एक गोली सहला रही थी, मेरा पानी छोटने वाला था, ओह्ह रंडियो मैं झड़ रहा हु ग्र्र्र्र्र्र आआआआआआआआआआआह , कह कर मेरी पिचकारी छूट गयी दोनों बहने मिल बाँट कर हँसते हँसते मेरे वीर्य की एक एक बूँद चाट गयी.
हमारा कार्यक्रम होने के बाद दोनों बहनों ने इशारा किया, वो देखो छोटे भाई (यानि अमित) की चुदाई अब दीदी करने जा रही है, वो इसको चोदू बना कर मानेंगी,’ वे बोली. मैंने सोचा की देख ही लू मेरा दोस्त अपनी बड़ी बहन की कैसी चुदाई करता है. अमित की सबसे बड़ी दीदी का नाम सरोज था वे प्राइवेट स्कूल में पढाती थी, उनका बदन एकदम भरा हुआ था, कोई ५ फ़ुट ४ इंच की थी, और वज़न अस्सी किलो के आसपास होगा. उनके बूब्स शायद ४० के आसपास थे पेट थोडा निकला हुआ था और गांड एकदम मोटी और बाहर निकली हुई थी. उनकी झांटे थोडी उभरी हुई थी और वे नंगी ही अमित की नुन्नी चूस रही थी. अमित ने दीदी के बाल पकडे हुए थे और वे लगभग उसे अपने होटो से चोद रही थी, अमित का लंड अब कड़क था कोई ५ इंच का हो गया था, अब वे उसके उपर बैठ गयी और अमित को छोड़ने लगी, दीदी बहुत मज़ा आ रहा है कह कर अमित ने दीदी की बड़ी गांड पकड़ ली, हम सब ये चुदाई देख रहे थे. अब उन्होंने स्पीड बढा दी थी अमित कसाई के सामने खड़े बकरे की तरह चुद रहा था और दीदी घचघच उसे चोद रही थी थोडी ही देर में वे झड़ गयी, उन्होंने एक के बाद एक उसको दो बार चोदा.
बुआ को मैंने उस रात के बाद बिलकुल नहीं चोदा था, वे हालाँकि मुझे हमेशा बड़ी कामुक नज़रों से देखती थीं. उधर माँ ने भी उस रात के बाद मुझसे कोई यौन सम्बन्ध नहीं बनाये थे. पिताजी तो लगभग हिजडे ही थे, यानि कुल मिला कर घर में मैं एक ही मर्द था. शायद अमित की माँ ने मेरी चुदाई की तारीफ कर के माँ का वापस मन बना दिया था. एक दिन रात में माँ पिताजी से बोल रही थी, सुनो अब ये बड़ा हो गया है, एक बच्चा अच्छा नहीं रहता मुझे एक बच्चा और चाहिए और अब साधू के यहाँ रंडियों की भीड़ रहती है फिर कभी कभी जवान साधू भी छोड़ जाते हैं ऐसे में बच्चे के बाप का ही पता नहीं रहता तुम कहो तो मेरे बेटे से चुद लू, उसके अंडकोष वज़नी हो गए हैं अब वो मुझे माँ बना देगा, ‘ जैसी तेरी मर्ज़ी, लेकिन फिर मैं क्या करू? ‘ तुम गांड मरवाने के शौकीन हो कोई सांड ढूंढ़ लो, वो तुम को चोदेगा और मेरा बेटा मुझे, माँ बोली. ‘ तुमको पता है न किसी लौडे को घर लाऊंगा तो एक बार मेरी मार कर तुमको चोदना चाहेगा, पिताजी बोले, ‘ वो तो है, माँ ने कहा, पर तुम उसको पीछे वाले कमरे में ही रखना और चूत का मन हो तो अपनी बहन को चुदवा लेना उससे, उन्होंने कहा. ‘ हा ये सही रहेगा’, पिताजी बोले.
माँ ने अगले दिन से मेरी खुराक बढा दी जबरन दूध पिलाने लगी, और अंडे, सूखे मेवे वगेरह भी खिलाती. वे सोच रही थी मुझे कुछ भी नहीं पता. उधर पिताजी ने गाँव के श्याम पहलवान से दोस्ती कर ली थी. श्याम अब घर आना लगा था, और पिताजी उसको पीछे के कमरे में ही ले जाते थे, बुआ ही उनके लिए चाय दूध वगेरह ले जाती. ‘ देख बेटा अब तू बड़ा हो गया है लेकिन तेरे गुप्तांग को और मज़बूत बनाना है, इसलिए श्यामा (गाँव की मलिशवाली) अब हर रोज़ आएगी और तेरी मालिश करेगी, तू बगैर शरमाये अपने लिंग की मालिश करवाना इससे तुझे फायदा होगा, माँ बोली. ‘ माँ कितने दिन करवानी होगी मालिश?” मैंने पुछा,’ कोई एक महीने तक, माँ बोली. ” और हा इस एक महीने संयम रखना और बाकि सब श्यामा बता देगी, माँ ने कहा, में दोपहर में स्कूल से आ कर खाना खाता फिर थोडी पढाई करता कोई ४ बजे श्यामा आती उसकी मालिश के बाद ही में नहाता.                                          
श्यामा कोई ५२ बरस की थी, रंग उसका काला था मगर बदन कसा हुआ था. कोई ५ फ़ुट ४ इंच ऊंचाई थी, स्तन शायद ३६ के आकर के थे, कमर पतली थी, गांड भी शायद ३८ इंच की होगी. वो मालिश करने आती तो अपना पेटीकोट जांघो तक ले लेती, साडी उतर कर टांग देती और फिर तेल ले लेती. घर के चोक में पड़े पाट पर मैं लेट जाता सिर्फ तोलिया लपेट कर. पहले दिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. माँ बोली, सुन अब तू लेट जा श्यामा मौसी आती होगी. मैं उल्टा लेटा था, तभी श्यामा आ गयी. उसने मेरे पावो से मालिश शुरू की फिर जांघो पीठ और गर्दन की मालिश के बाद तोलिया हटा दिया, अब इसको क्यों लपेटा है तूने ?’ वो बोली. उसके बाद वो मेरे नितम्बो की मालिश करने लगी. थोडा सा तेल छेद में डाल कर वह भी ऊँगली कर देती , मेरे मुह से हलकी सी चीख निकल जाती, साले इतना नाज़ुक छेद कैसे हे तेरा कहीं तू गांडू न बन जाये, कह कर वो हसने लगी. ‘ अब सीधा हो, वो बोली. मैं सीधा लेट गया और शर्म से तोलिये से मुह ढक दिया.
श्यामा ने मेरी गर्दन के बाद मेरे सीने की मालिश शुरू की और निप्पल्स को छेड़ने लगी वे उतेजना से खड़े हो गए और वो फिर से हंसने लगी, उसके बाद उसने मेरे पेट और फिर जांघो और टांगो की मालिश की घुटने की भी अच्छी मालिश की , टांगो और घुटने में दम चाहिए तभी लम्बे समय तक चोद पायेगा तू, वो बोली, में तौलिया ढंके सुनता रहा. अब मेरे लंड की बारी थी, उसने कोई गरम तेल लिया और मेरे घुटने मोड़ दिए , ऐसे ही रख ताकि तेरी गोलिया बाहर निकली रहे, वो बोली. मेरे घुटने पेट से चिपके हुए थे और इस मुद्रा में उसने मेरी गांड के नीचे एक गद्दी रख दी. अब उसने मेरी एक एक गोली को धीरे धीरे तेल से मलना शुरू किया, वे उत्तेजना से सिकुड़ कर पेट की तरफ जा रही थी मगर वो फिर उन्हें हल्का सा खेंच कर नीचे कर देती. ‘ देख अच्छे चोदू के लिए मज़बूत और बड़ी गोलियां ज़रूरी है, बहुत सारी औरतों को सिर्फ बच्चा चाहिए होता है और अगर आंड बड़े और मज़बूत होंगे तो वो एक शोट में गर्भ धारण कर लेंगी. इसलिए १० मिनट तक गोलियो की मालिश होगी, एक महीने में इनको फुला कर सांड जैसी कर दूंगी, मेरे तेल और मालिश का ये ही कमाल है, वो बोली. श्यामा की मालिश से मेरा लंड खडा हो गया था आंड की मालिश भी बहुत उत्तेजित कर रही थी, तभी बुआ आ गयी, श्यामा इस उम्र में आंड तो ठेक है इसके, वे बोलीं. ‘ हा मगर अभी फिर भी छोटे हैं एक महीने बाद देखना निकर में गेंद की तरह दिखाई देंगे समझदार औरत तो बाहर से इसका संतरा देख कर ही समझ जायेगी की ये लड़का नहीं सांड है, श्यामा ने कहा. ‘ देखते हैं तेरी मालिश का जादू, बुआ बोली.’ ले अब घोडी बन जा, श्यामा बोली, मैं घोडी बन गया.
अब श्यामा पीछे से अन्डकोशों मालिश कर रही थी उनको हल्का सा थपका रही थी, और गाय के थन की तरह निचोड़ भी रही थी. दोनों को हथेली में लेकर हल्का सा खींचती, खींचने से क्या होगा श्यामा? बुआ ने पूछा. देख जैसे ही आंड बड़े होंगे इसकी थेली छोटी पड़ेगी, इसलिए थेली को पहले से ही बड़ी करनी पड़ेगी ताकि बड़ी गोलिओं का वज़न सहन कर सके, श्यामा ने कहा, तू बड़ी उस्ताद है रे आदमी के गुप्तांग के बारे में सारी चीज़ें जानती है, बुआ हंस कर बोली. ‘ मैंने कोई १० आदमियों को मालिश से मर्द बनाया है और उनकी बिविओं की कोख भरी है, श्यामा ने कहा, और चूत में कितने लंड लिए तूने?’ बुआ ने हंस कर पूछा, अब उनकी तो गिनती ही नहीं, कह कर श्यामा हंस पड़ी. अंडियो की अछी मालिश के बाद श्यामा ने मुझे सीधा कर दिया. अब वो मेरे लंड को मसल रही थी, पहले उसने सुपाडे की मालिश की उसको दबाया और सहलाया , चमड़ी को खूब उपर नीचे किया फिर लंड को सहलाया और दबा दबा कर तेल लगाया. अब वो मथनी की तरह मेरे लंड को मथ रही थी. ‘ ये क्या कर रही है तू? बुआ ने पुछा, इससे इसकी मोटाई बढेगी और चारो तरफ बराबर बेलन की तरह लौदा बन जायेगा नहीं तो कहीं से पतला रह जायेगा कहीं से मोटा, श्यामा ने कहा. फिर वो लंड जहाँ से पेट से शुरू होता है वह मालिश करने लगी, बुआजी यहाँ से लंड शुरू होता है इसलिए यहाँ मजबूती ज़रूरी है, श्यामा ने कहा. ‘ अब इस लड़के से नियंत्रण नहीं हो रहा तू इसका पानी निकल दे,’ बुआजी मुझ पर दया कर के बोली, ‘नहीं बुआजी इसको नियंत्रण भी सीखना होगा ताकि चूत की ख़ब सेवा करे और जब औरत पूरी संतुष्ट हो जाये तभी वीर्य से उसकी कोख भरे, श्यामा ने कहा. कोई दस मिनट बाद श्यामा बोली, अब नहीं भी निकालूंगी तो भी इसका पानी छूट ही जायेगा आओ बुआजी दोनों मिल कर खाली करते हैं इस मादरचोद को, वो बोली. उसने मेरे पाव वापस पेट से सटा दिए. ‘ बुआजी मैं इसका सुपाडा और एक गोली सहलाउंगी आप इसका लंड हिलाना और दुसरे हाथ से दूसरी गोली सहलाना इससे इसका पूरा गुप्तांग एक सा अहसास पायेगा और पानी पूरा निकलेगा, वो बोली, बुआजी भी पास आकर बैठ गयीं और अब दोनों औरतों ने मेरे गुप्तांग में ग़दर मचा दिया, तेल से गीले लंड का एक मिनट मैं फव्वारा छूट गया पहली बूँद उछल कर श्यामा के ब्लाऊज पर पड़ी, इसकी धार तो अछी है सीधा वीर्य बच्चेदानी में जायेगा बुआजी, श्यामा बोली. ‘इसकी माँ तो एक चुदाई में गर्भ धारण कर लेगी देख लेना, बुआजी बोली. अब कल आउंगी और कल थोडा और नियंत्रण रखना अपनी पिचकारी पर, श्यामा ने आँख मार कर बोला.
अगले दिन लगभग उसी तरह मेरी मालिश हुई. माँ मेरी मालिश के वक़्त बिलकुल नज़र नहीं आती थी मगर बुआ लगभग रोज़ आ कर मेरे लंड का विकास देखती रहती थीं. ‘ श्यामा मेरे भाई ( यानि मेरे दुनिया की नज़र में पिता) के गुप्तांग में ऐसा क्या हो गया की वो बिलकुल काम नहीं करता? बुआ ने श्यामा से पूछा,’ छोटी उम्र में वे किसी हिजडे की संगत में पड़ गए थे शायद इसीलिए उसने उनके गुप्तांग पर कुछ चोट कर के उसको नाकारा बना दिया और फिर गांड मरवाने की आदत पटक दी, श्यामा बोली. ‘ अब कुछ नहीं हो सकता? बुआ ने पूछा, नहीं इस उम्र में तो कुछ भी नहीं हो सकता. श्यामा ने कहा. ‘ श्याम पहलवान उनकी मस्त चुदाई कर रहा है, बुआ बोली. ‘ देखो पहलवानों की बॉडी तो मस्त और मज़बूत होती है मगर उनके लंड में दम नहीं होता, श्यामा ने राय दी, ‘ क्यों श्यामा?” बुआजी ने पूछा. ‘ देखो पहलवान लंगोट को कास कर बंधते हैं इससे लंड और अंडकोष कसे हुए रहते हैं और उनका विकास नहीं होता, दूसरा कुश्ती के समय बार बार दाव लगते समय वे एक दुसरे के लंड और अंड को दबाते मसलते रहते हैं इससे भी उनकी शक्ति कम होती है, श्यामा ने कहा, ‘ आप देखने एक बार इस लड़के का औजार फूल जाये पहलवान की गांड भी इसका लंड देख कर मचल उठेगी, श्यामा ने कहा. धीरे धीरे श्यामा मेरे गुप्तांग की मालिश ज्यादा देर तक करने लगी और कोई ३० मिनट तक मेरा पानी पर नियंत्रण हो गया. १५ दिन बाद मेरा लंड कोई ९ इंच से भी बड़ा हो गया था और मोटाई भी बढ़ गयी थी, अंडकोष किसी जवान सांड जितने वज़नी हो गए थे. और झूलने लगे थे. अब श्यामा ने अगला दौर शुरू कर दिया. ‘कल से चुदाई की ट्रेनिंग और मालिश साथ साथ चलेगी, श्यामा बोली.                                           
अगले दिन श्यामा ने आते ही अपने कपडे खोल दिए. उसके स्तन इस उम्र में भी मोटे थे और फुलेहुए भी. उसकी कमर ज्यादा मोटी नहीं थी शायद मेहनत के कारण चर्बी इकठ्ठा नहीं हो पाई थी. उसकी गांड बहार निकली हुई थी और सख्त थी नितम्ब एकदम आकार में थे. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसके होठ फूले हुए थे, मैंने चूत के इतने फूले हुए हॉट पहली बार देखे थे. बुआ ने भी अपने कपडे निकल दिए थे, वे अब मोटी हो चुकी थीं और श्यामा से लगभग विपरीत थीं. बुआ की ऊंचाई कोई ५ फीट ही थी, उनका पेट बहार निकला हुआ था मगर स्तन बड़े थे शयद ४२ के आकार के. उनकी चूत पर बाल थे और गांड भी मोटी थी. दोन औरतों ने मेरी अच्छी मालिश की , उसके बाद मुझे सीधा लिटा दिया, और श्यामा मेरे उपर बैठने लगी, बुआ पीछे से आकार मेरे तेल से सने लंड को सीधा पकडे हुए थी, श्यामा ने चूत का मुह मेरे सुपाडे पर रखा और घच से मेरा सुपाडा उसके अन्दर घुस गया, ऊओछ , श्यामा के मुह से निकला. अब बुआ ने निशाना साधा हुआ था और श्यामा मुझे उपर से चोद रही थी. श्यामा थोडी देर तो जोर से चोदती फिर जैसी ही मेरी उत्तेजना बढती धीरे हो कर रुक सी जाती ऐसे ही कोई १० मिनट उसने चोदा फिर बुआजी चढ़ गयी उन्होंने भी लगभग वैसे ही चोदा और श्यामा लंड पकडे रही, फिर कोई आधे घंटे की मेहनत के बाद दोनों ने हाथो से मेरा माखन निकला. कोई १० दिन बाद मैं दोनों को आराम से छोड़ने लगा और मेरा समय भी बढ़ गया. एक महिना पूरा होने को था.
एक महीने से दो दिन उपर हो चुके थे, अब मेरा लौड़ा किसी हथोड़े जैसा हो चुका था. उस दिन दिन में श्यामा बोली, ‘ अब तू पूरा चोदू बन गया है मेरे लौडे, अपनी माँ की कोख का क़र्ज़ उतार, और अपना ताक़तवर बीज उसके भोसड़े में डाल चोदू, वो बोली. उस दिन बुआ माँ को बुला कर लायी और उस वक़्त मेरे हथियार की ज़बरदस्त मालिश चल रही थी, माँ ने जैसे ही मेरा लौड़ा देखा तो ख़ुशी से चीख पड़ी, अरे इसका हथियार तो इसके साधू बाप से भी मज़बूत दिख रहा है, वो बोली. ‘ तू इसको तबियत से २-३ महीने चोद उसके बाद ये साधू को भी पीछे छोड़ देगा चुदाई और आकार में, श्यामा बोली. ‘ ३ महीने में तो मेरी चूत को फाड़ फाड़ कर ये लुगदी बना देगा उसकी, माँ बोली. तीनो औरते हंसने लगी. ‘ देख श्यामा तूने इसके हथियार पर खूब मेहनत की है जाने कौन कौन से तेल लगाये हैं कितने सांडे मारे हैं, अभी मैं वैसे भी माहवारी में हूँ, दो दिन बाद मेरी माहवारी ख़तम होगी तब तक तू इसको चोद कर अपना मेहनताना ले ले बाद में दो दिन बुआजी भी चुद लेंगी फिर मैं लूंगी मेरे लाल का लंड, माँ ने कहा. ‘ ठीक है मैं ३-४ रात यहाँ रुक लूंगी, बुआजी आप भी चूत गरम कर लो, रात मैं उसकी पिटाई होगी, कह कर श्यामा चली गयी.
पूरे दिन मैं उत्तेजित रहा कि आज रात चुदाई के मज़े लूँगा. शाम को खाना माँ ने मुझे जल्दी ही परोस दिया. बुआ बोली,’ खूब सारा घी डालना लड़के को रात में इसका तेल निकलने वाला है.’ माँ और वो दोनों हसने लगे. श्यामा भी आ गयी थी. कोई आठ बजे ही हम सब कमरे में चले गए. माँ बोली, तुम्हारे सांड को नहला धुला कर तैयार करू या ऐसी ही इसके अंडकोष खाली कर लोगी? बुआ बोली, ऐसा करते हैं हम तीनो इसको नहलाते हैं और फिर इस से खेलेंगे. ला बेटा तेरे कपडे उतार दू, माँ बोली. मैं किसी आज्ञाकारी पुत्र की तरह उनके सामने खड़ा हो गया. मैं जैसे ही नंगा हुआ मेरा लंड फनफना गया, लो रंडियो चुदाई से पहले ही इसके लौड़े की हालत खस्ता है, माँ हँसते हुए बोली. उधर बुआ और श्यामा ने भी अपने सारे कपडे खोल दिए सिर्फ पेटीकोट पहने हुए थी. उन्होंने मेरे लिए पानी गरम किया , गरम पानी से नहलाने से पहले इसकी अछी सी मालिश कर देते हैं , श्यामा बोली. मुझे उन्होंने पट्टे पर बैठा दिया, दोनों औरतें मेरे आगे पीछे आ गयी. बुआ मेरे सीने गर्दन कंधे और पेट पर मालिश कर रही थी जबकि श्यामा मेरी पीठ और हाथ पर. थोड़ी देर उपर मालिश करने के बाद उन्होंने मुझे खड़ा कर दिया. दोनों औरते अब बैठी थी, और उन्होंने अपने पेटीकोट भी उतार दिए थे. मुझे बुआ के बड़े बड़े स्तन दिखाई दे रहे थे पीछे से श्यामा के स्तन भी मेरी पीठ को छू रहे थे लंड अब सामने की दीवार की और देख रहा था, सामने बैठी माँ उसको भूखी नजरो से देख रही थी.
अब बुआ मेरे पावो से ले कर जांघ तक मालिश कर रही थी मगर उनकी नज़ारे मेरे खड़े लंड पर ही थी मुझे शर्म भी आ रही थी. मगर बुआ के मोटे स्तन और नीचे दिख रही उनकी चूत की फांके मुझे और उत्तेजित कर रही थी. वे मेरे गुप्तांग को छोड़ बाकी सब जगह मालिश कर रही थी. उधर श्यामा ने भी पीछे से मेरे नितम्ब को छोड़ बाकी सब जगह मालिश कर दी थी. ‘ ले अब तेरे पप्पू की बारी है कब से परेशां हो रहा है बेचारा, कह कर बुआ हसने लगी. मैं सीधा खड़ा था बुआ ने मरे टांगे चौड़ी कर दी. अब श्यामा ने खूब सारा तेल ले कर मेरी गांड की दरार में पेल दिया. और वे अब मेरी गांड के छेद और दोनों चूतडों पर तेल मालिश करने लगी. उधर बुआ ने मेरे सुपाड़े पर खूब सारा तेल मला और उसको चिकना करने लगीं. सुपाडा फूल गया था. थोड़ी देर में वे मेरे पूरे लंड को आगे पीछे करने लगीं. माँ से रहा नहीं गया वे भी आ गयी और बुआ के पास बैठ गयी, मेरे लाल के अन्डुए भी तो फूल रहे है, इनको खाली मैं ही करुँगी कह कर उन्होंने मेरी गोटियाँ सहलानी शुरू कर दीं, वे बीच बीच में मेरी गांड और आंड के बीच का हिस्सा भी सहला रही थीं. मेरे पाव उतेजना में फ़ैल गए थे. पूरे गुप्तांग की तेल मालिश हो रही थी.
उधर श्यामा ने अपनी एक ऊँगली से मेरी गांड मारनी शुरू कर दी थी हालाँकि मैं गांडू नहीं था पर फिर भी वो इतने प्यार से गांड का मुह सहला रही थी की मुझे बहुत उत्तेजना हो रही थी. बुआ एक हाथ से सुपाड़े को मसल रही थी दूसरे हाथ से लौड़ा मुठिया रही थी जो लोहे की तरह गरम और सख्त हो रखा था . माँ मेरी गोलियो को बड़े प्यार से मसल रही थी. ‘ सांड अब तैयार है , माँ बोली. ‘ इसका ताज़ा और ताकतवर वीर्य व्यर्थ नहीं जाने दूंगी, बुआ बोली. ‘ कहा लेगी? माँ ने पूछा, गटक लूंगी, बुआ ने कहा.
कोई पंद्रह मिनट तक मुट्ठी मरवाने के बाद मेरे लिए अपने वीर्य की टंकी को खाली करना मजबूरी हो गया था. औरतों को ये बात पता लग गयी थी, इसके आंड tight हो रहे है ये झड़ने को है, श्यामा बोली, माँ ने कहा अब बच्चा ज्यादा कण्ट्रोल नहीं कर पायेगा, मेरा पेट और गला इसके ताज़ा और ताकतवाले वीर्य को गटकने के लिए बेताब है, दबाओ इसके अन्डुए , बुआ बोली, ये सुनते ही श्यामा ने भी अपनी गति बढ़ा दी ,आ ने भी मेरे आँडियो को धीरे धीरे संतरे की तरह मसलना शुरू कर दिया, में झड रहा हु माँ, मैं बोला, हाँ मेरे लाल आ जा आ जा अपनी बुआ के मुह में तेरी माँ ही तेरे संतरों का रस निकल रही है, माँ बोली, हा माँ हा आ रहा हु माँ खाली हो रही है मेरी गोटिया ओह्ह्ह अह्ह्ह हा लो बुआ लो लो इसको ये लो बुआ कह कर मैंने बुआ के बाल कास कर पकड़ लिए उन्होंने भी अपने गले तक मेरा पूरा लवड़ा गटक लिया था और में गर्र गर्र कर के झड गया बुआ के पेट में मेरे वीर्य का फव्वार्रा छूट गया. ‘ वह मेरे भतीजे जुग जुग जियो कितना गाढ़ा और ताज़ा वीर्य पिलाया तुने बुआ को, जवान आँडियो का वीर्य तो अमृत होता है मेरे लाल कह कर बुआ अपने होटों पर जीभ फिराने लगी. अब तीनो औरते मुझे गरम पानी से नहलाने लगी. कोई दस मिनट बाद मुझे तौलिए से पोंछ कर एक सफ़ेद लुंगी पहनाई और उपर सफ़ेद कुरता , मुझे ले जा कर बिस्तेर पर लिटा दिया. श्यामा बादाम वाला दूध लायी और माँ और बुआ मुझे उसे पिलाने लगे.
श्यामा और बुआ ने लाल साड़ी पहनी थी. माँ की साडी का भी वही रंग था. मै सफ़ेद लूंगी और बनियान में था. बिस्तेर पैर उन्होंने लाल गुलाब की खूब साडी पंखुडिया बिछा रखी थी. अगरबत्ती और मोमबत्ती जल रही थी. मैं जा कर बिस्तर पर लेट गया . माँ ने मेरा सर अपनी गोद मै रख लिया और मेरे बाल सहलाने लगी. मैं दूध भी पी चुका था लंड की तेल मालिश भी हो चुकी थी. ‘ ले अब तेरे बेटे से प्यार हो गया हो तो इसको जवान बना दे? बुआ ने पूछा. ‘ ये तो जवान ही है रे बुड्ढी रंडियो, पूछो अपनी प्यासी चूतों से, माँ ने कहा. ‘ बुआजी अब देर मत कर कपडे तो उतार ही दो लौंडे के, श्यामा बोली, ‘ हा ठीक है मैं बनियन उतारती हू तू लूंगी हटा. बुआजी ने कहा. मैंने लेटे लेटे ही हाथ उपर कर दिए, बुआ ने मेरा बनियान उतार दिया, वही श्यामा ने मेरी लूंगी हटा दी, मेरा लंड आधा खड़ा था.
‘ इसको कहते है जवानी देखा कपडे उतारते उतारते ही लवडे मै हरकत शुरू हो गयी, वही बुड्ढ़े लंडों को कोई दो घंटे चूसो मरोड़ो तो साले थोड़े से कड़क होते हैं. श्यामा बोली. ‘ याद है बुआजी वो बुड्ढा धोबी? ‘ हा वो जो हमेशा तेरे और मेरे मम्मे देखता रहता था? ‘ हा वही, श्यामा बोली, क्यों क्या हुआ उसके साथ? माँ ने जिज्ञासावश पूछा. ‘ अरे माजी होना क्या था एक दिन मैंने आधे मम्मे खुले रखे और हलकी सी आँख मार दी, पीछे पीछे कमरे मै आ गया, आते ही मेरे मम्मो को जोर जोर से पागलो की तरह मसलना शुरू कर दिया, बुआजी भी आ गयी अन्दर , उसने उनके मम्मे भी दबाना शुरू कर दिए, मैंने उसकी धोती खोली तो देखा कच्छा गीला था साला मम्मे दबाते दबाते ही झड गया मादरचोद, कह कर श्यामा हसने लगी, ‘ भूका प्यासा होगा री, बीवी नहीं होगी, माँ बोली. ‘ अरे नहीं बड़ा मादरचोद था वो, दूसरी शादी की थी बुढ़ापे मै और अपनी बहू को भी चोदता था वो चोरी छिपे, श्यामा ने कहा. ‘ अछा, माँ बोली, फिर क्या हुआ?’ ‘ होना क्या था मैंने और बुआजी ने मिल कर कोई दो घनों तक उसका धेला और गीला हथिअर चूसा और लटके हुए गोटे भी , श्यामा बोली,’ फिर?’ माँ ने पूछा,’ फिर क्या साला तीन घंटे तक चुसवाता रहा और मम्मे दबवाता रहा पर लवडे मै कोई हरकत नहीं हुई, श्यामा बोली, ‘ और फिर हमने उसको खूब गालियाँ दी और गांड मै मूसल कर दिया, उसके बाद शर्म के मारे कभी कपडे लेने नहीं आया, बेटा बहू और जवान बीवी ही आते रहे, बुआजी ने कहा. ” सुना था बाद मै गांडू हो गया था, बीवी के आशिक आते थे बीवी को चुदवाने से पहले खुद की गांड की सेवा करवाता था मादरचोद, श्यामा बोली. ये सारी बातें सुन कर मेरा लंड फनफना उठा था , लो इधर देखो ये मादरचोद तो सलाम ठोक रहा है, श्यामा ने मेरे लंड को देख कर कहा. ‘ छोड़ने से पहले थोडा सांडे का तेल मॉल दो इसके औजार पर ज्यादा देर तक चोद लेगा तुम रंडियों को, माँ ने कहा, हा मम्मीजी , कह कर श्यामा ने मेरे लंड पर तेल मलना शुरू कर दिया.
मैं माँ की गोद में लेटा हुआ था और माँ ने अपनी चुचिया निकल कर मेरे मुह में दे दी, में निप्प्ल्स चूसने लगा और माँ के स्तन भी दबाने लगा. उधर श्यामा ने मेरे अन्डकोशों के थैले को तेल लगा कर धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया और दुसरे हाथ से गुदा के बाहर और गुदा और अन्डकोशों के बीच के स्थान पर मालिश करने लगी. बुआजी ने अपनी उंगलिओं से एक फूल बनाया और उसको मेरे सुपाड़े पर रख कर उससे आगे की चमड़ी आगे पीछे करने लगीं दुसरे हाथ से मेरे लंड को धीरे धीरे मुठीयानें लगीं. बुआजी अब इच्छा है तो इस कड़क लौड़े पर बैठ जाओ पूरा ताव में है लवड़ा, श्यामा बोली, बुआजी ने ज्यादा देर नहीं लगायी और नंगी हो कर मेरे लंड के उपर अपनी चूत का मुह रख दिया.
बुआजी ने अपने दोनों हाथ घुटने पर रख दिए थे और वे मेरे लौड़े पर उकडू बात गयी थीं. मुझे उनकी चूत में जाता लौड़ा साफ़ दिखाई दे रहा था. चोदते हुए बुआजी के मोटे मोटे मम्मे उछल रहे थे जिनको मैं बीच बीच में मसल दिया करता था,माँ के मम्मे भी मैं बीचबीच में जोर से दबा देता और निप्पल भी काट लेता वे ऊह कर देती. बुआजी गरम हो गयी थीं, ओह्ह आह्ह्ह्ह लौड़ा मोटा लौड़ा जवान और तगड़ा लौड़ा मेरी भोस में फस हुआ है आआआआआ ह्ह्ह्हह चोद मुझे राजा चोद जम कर चोद , फाड़ दे अपनी बुआ की भोसड़ी , कह कर वे गांड को जोर से हिलाने लगीं, मैंने भी नीचे से उनके साथ साथ अपनी गांड को हिलाना शुरू कर दिया था, श्यामा ने बुआजी की मोटी गांड पीछे से पकड़ ली थी और उसको उपर नीचे कर रही थी शायद उसने बुआ की गांड में भी ऊँगली दे रखी थी.
थोड़ी चुदाई के बाद बुआजी ने अपना मुह उल्टा कर दिया यानि अपनी गांड मेरी तरफ करदी उनको पता था उनकी विशाल गांड देख कर मुझे ज्यादा उतेजना होगी, ‘ देख इसके चूतडऐसा लगता है जैसे मौन्ट एवेरेस्ट की पहाड़ी हो, माँ मुझसे बोली, मैंने बुआजी की गांड पर थप्पड़ मरने शुरूकर दिए और जोर जोर से उनकी मोटी व सख्त गांड दबाने लगा , ओह्ह्ह राजा ओह्ह्ह मार जोर से और जोर से मार मेरी गांड को राजा , बुआजी बोली. उधर श्यामा ने तेल लिया और मेरी गोटियों पर और बुआजी की क्लिटोरिस पर मल दिया और एक हाथसे बुआजी की क्लिटोरिस को तेल लगी ऊँगली से सहलाने लगी और दुसरे हाथ से मेरे आँडियो को मसलने लगी, बुआजी नीचे देख कर चोद रही थी , देख श्यामा इसका मूओसल कैसी मेरी चूत को फाड़ रहा है कितना मोटा लवड़ा है इस मादरचोद का,हा बुआजी ऐसा लौड़ा तो होता ही चूत फाड़ है, छोड़ो इस मादरचोद को , वोबोली, ‘ आराम से चोद बेटा पानी निकालने की जल्दिमत करना चाहे इस रंडी को दस बार चरमसुख मिलजाए , माँ बोली,हा माँ आराम से ही चोद रहा हु ,मैंने कहा. बुआजी में गज़ब की स्टामिना थी वे कोई दस मिनट से बिना रुकेमुझे घचाघच चोदे जा रही थी और तीनबार झड चुकी थी, अब माँ ने मुझे किस करना शुरू करदिया था मैं लेटा हुआ था और भयंकर चुदाई जारी थी…
पीछे से बुआजी के बेहद मोटे और भारी नितम्ब उछल रहे थे और उनके बीच में मेरा लंड ऐसे लग रहा था जैसे माँ के स्तन के बीच में नए जन्मे बच्चे की ऊँगली. पर चुदाई में मज़ा आ रहा था ,’ बुआजी इतना लालच भी ठीक नहीं इतनी बार चूत ने पानी छोड़ दिया फिर भी चोदे जा रहे हो थोडा हमे भी लेने दो इसका लौड़ा,’ श्यामा ने कहा. ‘ रुक जा चुदक्कड़ रंडी तुझे हर वक़्त तेरे भोसड़े की पड़ी रहती है अभी तो चूत पर गरम चोट पड़नी शुरू ही हुई है, ओह्ह श्यामा क्या लौड़ा है इस मादरचोद का… ओह्ह्ह पूरी चूत को अन्दर तक छील रहा है मादरचोद लंड.. ‘ बुआजी बोली. वे अब और जोर से मेरे लौड़े की चक्की पीस रही थी, ‘ मैंने अब उनकी गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मरने शुरू कर दिए, उनको और उत्तेजना होने लगी. ‘ ओह भड़वे मार इस मोटी और चुदक्कड़ गांड को छेद में ऊँगली डाल कर गांड चोद कुत्ते ‘ वे बोली. मैंने उनकी गांड के बालरहित छेद में ऊँगली घुसा दी और धीरे धीरे चोदने लगा. थोड़ी देर में बुआजी गांड की चुदाई का भी बराबर मज़ा लेने लगी, मैंने अब दो उंगलिया डाल दी ,’ बेटा ये रंडी गांड मरवाने की भी खूब शौक़ीन है, माँ ने कहा. उधर बुआजी चौथी बार झड़ने को थी. ‘ मेरे बेटे मेरे रजा बेटे जुग जुग जिए तू और तेरा लौड़ा इस लौड़े ने मेरी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दिया औरत की चूत को जो लौड़ा सुख देता है उसे पूरा आशीर्वाद मिलता है और उसके पास प्यासी चूतें आती रहती हैं, चोद राजा चोदता जा मेरी चूत तेरी गुलाम है हरामजादे. चोदद चोदद चोद कुत्ते चोद हरामजादे ओह्ह अह्ह्ह चोद रंडुए चोद चोदता जा आह्ह ओह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ‘ कह कर उनके नितम्ब थोड़े शांत हुए. मुझे लगा वे अब हट जाएँगी और श्यामा अब मेरे उपर आ जाएगी.
मगर बुआजी जैसी चोदू औरतें इतनी आसानी से लंड का मज़ा कहा छोडती हैं वे मेरे लंड के उपर से हटी और घोड़ी बन गयी राजा अब एक बार तेरे मूसल से मेरी गांड भी मार दे फिर थोड़ी आग बुझेगी फिर चाहे जितनी चुदाई इस श्यामा रंडी की कर देना कह कर उन्होंने अपनी गांड फैला दी. उनकी मोटी गांड देख कर पहले ही मेरा मूसल तन्नाया हुआ था मैंने उसका टोप उनकी गांड के गीले और खुले हुए छेद पर रख दिया मैंने सोचा थोडा सा सुपाडा अन्दर खिसकाता हु ताकि दर्द कम हो मगर मैंने जैसे ही सुपाडा छेद पर रखा बुआजी ने अपनी गांड हिलाते हुए लगभग पूरा सुपाडा गांड में खा लिया ‘ बुआजी आप तो बड़ी चुदकड़ हैं बिना मेहनत पूरा सुपाडा खा लिया. मैं बोला, अरे मादरचोद ये तो गनीमत मान की तेरे अंड नहीं खाए वरना गांड में ले जा कर उनको भी अन्दर ही मसल देती भोसड़ी के गांडू, बुआजी बोली. मैं उत्तेजित था और चुदाई से मदमस्त था, लंड भी गरम और पूरा फूला हुआ था, बुआजी की गलियां भी मुझे और उतेजित कर रही थी, रंडी बुआ आज तेरी गांड ऐसी मारूंगा की सुबह टट्टी तक नहीं उतरेगी तेरी, मैं बोला, अरे चोदू तेरी चुदाई के पीछे तो मैं पूरी ज़िन्दगी टट्टी छोड़ दू तू तो चोदे जा और घुसा अन्दर तेरा मस्त लंड, बुआजी बोली. मैंने अब थोडा सा लंड और घुसा दिया, आधा लंड अब उनकी गांड में था.
अब बुआजी की गांड में मेरा लगभग पूरा लंड घुस चूका था और आसानी से आ जा रहा था, वे साथ साथ गांड उछाल और फटकार रही थी. ‘ ओह मादरचोद फाड़ दे मेरी गांड फाड़ राजा फाड़ इसको ओह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह फ़ाआआआ , वे बोल रही थी. मैं बुआजी की गांड की पिटाई भी कर रहा था, उनको बहुत मज़ा आ रहा था उधर श्यामा पीछे से मुह लगा कर मेरी गोलियों को चाट रही थी और उसने दोनों गोटे अपने मुह में ले लिए थे लंड बुआजी की गांड में था और गोटियाँ श्यामा के मुह में. मुझे मज़ा आ रहा था, उधर माँ ने आ कर अपने स्तन मेरे मुह में दे दिए,’ ले बेटा ताकत के लिए माँ की छातियाँ चूस , वे बोलीं.
माँ के निप्पल्स चूसते चूसते मैं बुआजी की गांड मर रहा था उनकी गांड अब पूरी तरह खुल चुकी थी , ‘ बेटा मेरी छातियाँ तुझे और तेरे लंड को ताक़त देंगी चूसता जा और तेरे बाप की बहन को चोदता जा,’ माँ बोली और मैंने अब लौड़ा घचाघच बुआजी की गांड में पेलना शुरू कर दिया, मैं पूरा लंड बहार निकलता फिर अन्दर डालता बुआजी अब फिर से झड़ने को तैयार थीं, ओह्ह्ह रा जाआआआआ ohhhhhhhhhhh आआआआआआआह लौड़े ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊओ कुत्ते फाड़ दी तुने मेरी गांड ओह मादरचोद गांडू की औलाद ओह्ह ऊऊऊऊ अह्ह्ह्हह्ह्ह ऊऊऊओ , कह कर उन्होंने फिर से पानी छोड़ दिया उधर श्यामा मेरी गोलिओं का रस निकलने को बेताब थी, एक ऊँगली उसने मेरी गांड मे भी दल राखी थी जिसका दबाव भी मेरे अन्डुओं पैर पद रहा था, माँ तेरे बेटे की पिचकारी छूटने वाली है, मैं बोला,’ भर दे इसकी गांड तेरे जवान बीज से बेटा, माँ ने कहा , मैं भी अब ग्रर्र्र्र ग्र्र्रर कर रहा था,’ ओह श्यामा तेरे होटों ने मेरे आंड में आग लगा दी है पानी छूटने वाला है, मैं बोला, ‘ छोड़ दे रजा खली कर इन बड़े बड़े अंड़ों का बोझा, कह के श्यामा ने अंडकोष को लगभग मसलना शुरू कर दिया, ‘ ये ले बुआआअ ये ले पानीई ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह, कह कर मैं भी झड गया, श्यामा ने पीछे से मेरा गीला लौड़ा और आंड चाटने शुरू कर दिए,’ अब मेरी बारी है मेरे राजा, कह कर उसने आँख मारी.
माँ ने वापस मुझे अपनी छाती से लगा लिया था में उनके स्तन वापस दबाने और चूसने लगा माँ के निप्पल्स की घुन्डिया कड़ी हो गयी थीं, उधर बुआजी ने भी अपने स्तन मेरे मुह से सटा दिए थे मेरे हाथ और मुह के आसपास चार स्तन थे और चार निप्पल्स , माँ के निप्पल्स काले थे और उनका घेरा बहुत बड़ा था उनके निप्पल्स भी मोटे थे जबकि इनके पास का घेरा छोटे बच्चे की हथेली जितना बड़ा था जबकि बुआजी के निप्पल्स भूरे थे और किसी जवान लड़की जैसे छोटे छोटे थे और उनका घेरा पांच रूपये के सिक्के से थोडा बड़ा था, श्यामा ने अब अपने थूक से मेरा लंड गीला कर दिया था और वो गीले लंड को मुह से धीरे धीरे चोद रही थी, मेरा लंड अब फन फ़ैलाने लगा था बीच बीच में श्यामा मेरे आंड भी चाट लेती और होटों से चूस भी लेती. कोई ५-७ मिनट के चटाई- चुसाई के बाद मेरा लंड अब पूरा फूल चूका था और छेद से गीला रस भी बह निकला था. श्यामा को ज्यादा इंतजार नहीं था उसकी चूत में आग लगी थी , वो मेरे उपर आ गयी और मेरे सीधे खड़े लंड पर अपनी गीली और फूली हुई चूत के हॉट रख दिए , पहले झटके में ही उसकी चूत ने मेरा सुपाडा खा लिया, और फिर वो गांड हिला हिला कर दो मिनट में पूरा लंड खा गयी अब उसने अपने हाथ मेरे सीने पर रख दिए और मुझे चोदने लगी, श्यामा तेरी चूत तो बड़ी गरम और tight है रे पूरी लंड खोर है ये तो , में बोला,’ हा रे चोदू राजा तेरे जैसा जवान मूसल इसको चोदेगा तो गरम तो होगी ही, वो बोली और चोदने लगी , ओह्ह्ह हा चोदू चोद चोद चोद भड़वे चोद मादरचोद चोद कुत्ते चोद गांडू चोद चोद ओह्ह अहह फाड़ दे मेरी चूत ओह्ह aaaaaaaaahhhhh कह कर श्यामा घचाघच चोदने लगी, थोड़ी चुदाई के बाद उसने मुह उल्टा कर लिया और अपनी गांड मेरे मुह की तरफ कर ली अब उसकी मोटी गोल और काली गांड मेरे सामने थी नीचे से वो मेरे अंडकोष भी सहला रही थी , ओह्ह श्यामा तू रंडी है तू एक नंबर की चुदक्कड़ है रे चोद मेरे लौड़े को चोद रंडी निकल मेरा बीज और ले ले बछा ओह्ह रंडी आआआआआह , कह कर हम दोनों साथ साथ झड गए तीनो औरतें मुझे एक साथ चूमने लगी…
उस रत की चुदाई के बाद माँ बोली, बेटा अब बहुत हो गयी रंडियों की चुदाई अब समय आ गया है की तू माँ को ही चोदे , अगले हफ्ते बस माँ बेटे की चुदाई चलेगी, जिस चूत में से तू निकला है उसी में वापस जाना. जब तू पैदा हुआ था उतना बड़ा तेरा लंड हो गया है जब बेटे का लंड उसके जन्म के समय के आकर जितना हो जाये तो हर माँ का फ़र्ज़ है की अपने बेटे को अपनी चूत ज़रूर दे, माँ बोली. में इतंजार करने लगा अगले हफ्ते का जब तबीअत से माँ को चोद पाउँगा.

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