Monday, April 10, 2017

दोस्त की बहन





मेरे दोस्त की बहन रश्मि की शादी थी और अगले दिन उसको उबटन लगना था। रश्मि की दोनों सिस्टर शन्नो और प्रीति और रश्मि की फ्रेंड्स.. रश्मि को उबटन लगाने के लिए अंदर वाले आँगन में ले गयी और साथ में कुछ आंटीयां भी थी। फिर ब्यूटीशियन और उसकी सिस्टर, फ्रेंड्स और उसकी रिश्तेदार लेडिस रश्मि को उबटन लगा रही थी। में ऊपर छत पर जाकर जमीन पर लेट गया और जाली से नीचे झाँककर रश्मि को उबटन लगते हुए देख रहा था.. क्योंकि अंदर किसी भी जेंट्स का जाना मना था। उबटन लगने के टाईम पर रश्मि ने केवल पेटीकोट और ब्लाउज पहना हुआ था और उसकी कमर पूरी खुली हुई थी और पेटीकोट भी जाँघ तक ऊपर उठाया हुआ था।
फिर सभी लेडिस उसकी गोरी गोरी गोल गोल जाँघो पर और उसके हाथ और उसकी नंगी कमर पर उबटन लगा रही थी। मैंने पहली बार किसी लड़की को उबटन लगते हुए देखा था और रश्मि की गोरी गोरी जाँघो को और उसकी सुंदर कमर को देखकर मेरा लंड बहुत टाईट और कड़क हो गया। मेरा लंड मुझे परेशान करने लगा तो मैंने ऊपर छत पर ही अपना लंड निकाल लिया। मेरा लंड लोहे की रोड की तरह कड़क हो चुका था और इतना गरम था जैसे कि लोहे के सरिये को अभी अभी आग की भट्टी से निकाला हो और फिर मैंने वहीं पर मुठ मारकर अपने लंड की तड़प को ठंडा किया और फिर से छिपकर नीचे देखने लगा। फिर सब लोग रश्मि को अंदर उसके रूम में ले गये और उसकी सिस्टर प्रीति और एक दो फ्रेंड्स को रश्मि के पास छोड़कर बाकी लोग बाहर आ गये और वो लोग दूसरे कामो में व्यस्त हो गये। रश्मि के रूम का दरवाजा बंद था और रूम के अंदर से सब लड़कियों के हंसने की आवाज़ आ रही थी। फिर में भी रूम के पास ही एक परिचित अंकल के पास खड़ा था कि तभी रश्मि की मम्मी ने दरवाजा बजाकर रश्मि को बोला कि जल्दी से नहा ले.. क्योंकि थोड़ी देर के बाद शाम होने वाली थी और मेहन्दी की रस्म अदा करनी है। रश्मि और उसकी बड़ी बहन प्रीति का एक ही रूम था और रश्मि के भाई संजू और रोमी का दूसरा रूम था.. लेकिन दोनों रूम के बीच में एक ही टॉयलेट था जिसका दरवाजा दोनों ही रूम से था। फिर मैंने जैसे ही सुना कि रश्मि नहाने जा रही है तो मेरा शैतानी दिमाग़ हरकत में आया और में धीरे से वहाँ से खिसक कर रोमी के रूम में चला गया और बाथरूम के दरवाजे का लॉक खोलकर के रश्मि के बाथरूम के अंदर आने का इंतज़ार करने लगा और जैसे ही रश्मि अपने रूम से बाथरूम के अंदर आई तो में भी रोमी के रूम से दरवाजा खोलकर बाथरूम के अंदर चला गया.. लेकिन इससे पहले की रश्मि कुछ बोलती मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और उसे चुप रहने को कहा। फिर वो धीरे से बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? और किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तो मैंने धीरे से उसके पास आ कर बोला कि सभी लोग अपने अपने कामो में व्यस्त है और किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा क्योंकि सभी को पता है.. कि तुम बाथरूम में हो और बालों को शेम्पू करने और उबटन उतारने में वैसे भी बहुत टाईम लगता है बस तुम थोड़ा हिम्मत से काम लो।
फिर वो थोड़ा नॉर्मल हो गयी और मैंने उससे कहा कि क्या तुम कभी किसी मर्द के हाथ से नहाई हो? तो वो बोली कि नहीं.. फिर मैंने उससे कहा कि चलो में आज तुम्हे नहलाता हूँ.. तुम्हे आज नहाने में जन्नत का मज़ा आएगा। तो रश्मि मुझसे बोली कि सबने मेरी जाँघो पर और कमर पर वैसे भी इतना उबटन लगा लगाकर मसाज की है.. में वैसे ही बहुत गरम हो गयी हूँ। फिर मैंने रश्मि का ब्लाउज उतार दिया और उसने अपना पेटीकोट और पेंटी भी उतार दी। मैंने भी अपने कपड़े उतारकर दरवाजा के हेंगर पर डाल दिए। अब मैंने अपने दांतो से उसकी कमर पर काटते हुए उसकी ब्रा के हुक खोले वो सिसक उठी। फिर मैंने उसके पूरे जिस्म पर पानी डाला और उसके उबटन को धोने लगा और वो बिल्कुल शांत खड़ी हुई मजे कर रही थी। मैंने जल्दी जल्दी उसका उबटन साफ किया और फिर उसे स्टूल पर बैठा दिया और मैंने साबुन लेकर उसके जिस्म पर हल्के हल्के नरम नरम हाथों से लगाया और रश्मि के पीछे से जाकर उसके दोनों बूब्स की मसाज करने लगा और उसके जिस्म को मैंने ठंडे ठंडे पानी से नहलाया था.. लेकिन फिर भी उसके जिस्म से आग निकल रही थी और ऊपर से शावर की ठंडे पानी की धार उसके जिस्म में डबल आग लगा रही थी।
मैंने अपने हाथों में साबुन लिया और उसके पीछे से जाकर अपने दोनों हाथों से उसकी चूत पर सोप लगाने लगा। मैंने आज दिन के उजाले में उसकी चूत देखी तो मस्त हो गया और उसकी चूत ऐसी लग रही थी जैसे कि किसी नारंगी के दो टुकड़े आपस में जुड़े हो और उनके बीच की नरम चमकती हुई लाईन मेरे लंड को न्योता दे रही थी.. में उसकी चूत पर मसाज कर रहा था और धीरे धीरे रश्मि का बदन अकड़ता जा रहा था। फिर मैंने उसकी चूत पर मसाज करते करते धीरे से अपनी सीधे हाथ की छोटी ऊँगली को उसकी चूत के अंदर डाल दिया और अपने सीधे हाथ की छोटी ऊँगली से उसकी चूत के अंगूर को धीरे धीरे सहलाने लगा और उसकी पीठ को अपनी जीभ से चाट रहा था और कभी कभी उसकी कमर पर और उसकी गर्दन और कान पर अपने दाँतो से काट रहा था। फिर मैंने उसे सीधा किया और लिप किस करने लगा.. वो मेरा लंड पकड़कर हिलाने लगी और मेरी गोलियाँ सहलाने लगी। फिर में उसका एक बूब्स चूसने लगा और दूसरे को हाथ से मसलना शुरू कर दिया और फिर रश्मि की सिसकियाँ निकल रही थी और वो गरम गरम साँस छोड़ रही थी। मैंने उसे फिर से स्टूल पर बैठाया और में अपने घुटनो पर बैठ गया और रश्मि के दोनों पैरों को फैलाकर अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा और 1-2 मिनट के बाद ही रश्मि अपना सर हिलाने लगी और उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत से चिपका दिया और अपनी गांड उठा उठाकर अपनी चूत जल्दी जल्दी मेरे मुहं पर रगड़ने लगी और जल्दी ही उसकी चूत से गरम गरम क्रीम निकल कर मेरे चहरे पर लग गया और वो शांत हो गयी और उसका बदन बिल्कुल ढीला हो गया।
तो मैंने खड़े होकर अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और वो अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी और दूसरे हाथ से मेरी गांड के छेद को और मेरी गोलियों को सहलाने लगी। वो मेरे लंड की टोपी को अपनी जीभ से चाट रही थी और मेरे लंड की चमड़ी को अपने दांत से काट रही थी। फिर उसने जल्दी जल्दी मेरा लंड अपने मुहं में हिलना शुरू कर दिया और में उसके मुहं में ही झड़ गया और उसने मेरे लंड को चाट चाटकर साफ कर दिया। अब मैंने उठ कर बाथटब की ड्रेन होल पर केप लगा दी जिससे कि पानी बाहर ना जा सके और फिर मैंने बाथ टब में पानी भरकर उसमे फोम सोप मिक्स कर दिया और बाथटब में रश्मि को लेटाकर स्पंज से उसके गोरे गोरे बदन पर फोम लगाने लगा। आज में उसके गुलाबी जिस्म को देखकर पागल हो रहा था और उसके जिस्म का कलर ऐसा था मानो कि दूध में किसी ने केसर घोल दिया हो।
फिर में भी बाथटब में लेट गया और रश्मि ने मेरा लंड अपनी चूत में डाला। फिर वो मेरे ऊपर बैठ गयी और मेरे ऊपर उछलने लगी और में उसके दोनों बूब्स का मज़ा ले रहा था और उसके बूब्स को कभी चूस रहा था और कभी अपने हाथों से दबा रहा था और कुछ ही देर के बाद मेरे लंड का गरम गरम पानी उसकी चूत की मलाई के साथ मिक्स हो गया और लंड से निकली क्रीम उसकी चूत से टपकने लगी। फिर मैंने उसके बालों को शेम्पू किया और फिर हम दोनों ने एक बाथ ली और फिर मैंने उसके बदन को अच्छे से टावल से साफ किया और फिर पहले वो धीरे से बाथरूम से निकल कर अपने रूम में चली गयी और में भी सही मौका देखकर बाथरूम से रोमी के रूम में चला गया ।
फिर रश्मि की उस शाम को मेहन्दी की रस्म थी और सभी लेडीस और उसकी फ्रेंड्स और बहने गीत गा रही थी और वो सभी ख़ुशी से नाच रही थी। सभी आदमी मतलब हम सभी लोग साईड की टेबल पर रखे वेज और नॉन-वेज स्नेक्स विस्की और बियर के साथ एंजाय कर रहे थे। फिर देर रात तक सभी नाचते और गाते रहे और हम सभी ने बहुत मस्ती की और थक कर सो गये। में और रश्मि के जीजा जी सारी रात रश्मि को चोदने का मौका ढूंढते रहे लेकिन हमे कोई भी मौका नहीं मिला.. क्योंकि ना तो रश्मि नींद से उठी और ना ही हम दोनों में से कोई उसके रूम में जाने की हिम्मत कर सका.. क्योंकि रश्मि के रूम में उसकी फ्रेंड्स और उसकी दोनों सिस्टर शन्नो और प्रीति सो रही थी। तभी आख़िर हम भी अपने रूम में जाकर सो गये.. क्योंकि अगले दिन रश्मि की बारात आनी थी। फिर अगले दिन सुबह सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था और आख़िर कार रात को 08:00 बजे रश्मि की बारात आ गयी।
तभी जब रश्मि को जयमाला के लिए लेकर आ रहे थे तो में तो उसे देखकर पागल हो गया और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई परी रियल में आसमान से धरती पर उतरकर आ गयी हो.. शादी वेल दिन और स्पेशली दुल्हन की ड्रेस में तो वैसे हर लड़की ही बहुत खूबसूरत लगती है लेकिन रश्मि तो कयामत ढा रही थी और उसकी प्यारी प्यारी आँखें उसकी टाईट तनी हुई नौकदार चूचियाँ, उसके हाथों की मेहन्दी और लाल लहंगा चोली में उसकी चिकनी पतली बलखाती और लचकती कमर और उसके पास से आती हुई परफ्यूम की खुश्बू किसी की भी धड़कन बड़ा सकती थी। तभी मेरा दिल कर रहा था कि उसे उसी समय उठाकर ले जाओ और जी भरकर प्यार करूँ और उसे चोद दूँ। तभी उसकी एंट्री ने सारे शोर को पल भर के लिए खामोश कर दिया था और सभी लेडिस रश्मि को दुल्हन के रूप में देखकर उससे नज़र नहीं हटा पा रही थी और जवान लड़के तो लड़के कुछ मर्द और बूढ़े भी ललचाई नज़रों से उसे देख रहे थे और शायद अपनी जागती नजरों से उसे सपने में चोद भी रहे होंगे.. लेकिन पता नहीं कितनो ने उस रात रश्मि के ख्वाबों में ना जाने कितनी बार मूठ मारी होगी।
खैर जायमाला की रस्म धूमधाम के साथ पूरी हुई और घर वालों और रश्मि की 2-3 अच्छी फ्रेंड्स को छोड़कर बाकी सभी लोग डिनर के बाद चले गये। फिर मैंने रश्मि को टच करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा जैसे कि स्टेज से उसे उतरा और उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे रूम तक लेकर गया। फिर रात को 3:00 बजे का फेरे का टाईम था और रश्मि अपने पति के साथ मंडप में आकर बैठ गयी और आख़िर सुबह 4:30 बजे रश्मि को डोली के लिए तैयार किया गया। फिर लड़के वालों को रात की ट्रेन से जाना था इसलिए रश्मि और उसके पति के लिए एक 5 स्टार होटेल में बहुत अच्छे से एक ब्यूटिफुल रूम को सजाया गया था। डोली के वक़्त रश्मि सब से मिलकर बहुत रोई और जब वो मुझसे लिपट कर रोई और अलग होने लगी तो मुझे ऐसे लगा कि जैसे मेरी दुनिया ही लूट रही है.. मेरी कोई सबसे प्यारी और बेशक़ीमती चीज़ मुझसे छीनी जा रही है और मेरा दिल तो कर रहा था कि उसे कहीं दूर लेकर भाग जाऊँ जहाँ पर मेरे और उसके सिवा कोई भी ना हो.. लेकिन शायद अब यह मुमकिन नहीं था।
तभी रस्म के मुताबिक़ बहन की डोली के साथ कुछ दिन के लिए भाई भी जाता है इसलिए मेरा फ्रेंड रोमी भी रश्मि के साथ कार में बैठ गया और रोमी ने मुझे भी साथ चलने और कंपनी देने के लिए ज़िद की जिसके बाद उसकी मम्मी और पापा, रश्मि और उसका पति भी साथ चलने के लिए ज़ोर डालने लगे। वैसे भी अभी तो वो होटल में अपनी सुहागरात के लिए जा रही थी। फिर जब हम होटल में आए तो रूम की डेकोरेशन देखकर में तो झूम गया। कितनी प्याई और मादक फूलों की खुश्बू रूम में बिखरी हुई थी। फिर जब में और मेरा दोस्त रोमी न्यू कपल को रूम में छोड़कर जाने लगे तो रश्मि के पति ने बोला कि मुझे हल्का नाश्ता करना है और तुम दोनों भी चाय पीकर जाओ और फिर हमने मना कर दिया और कहा कि नहीं आप एंजाय करो लेकिन मेरा दिल रश्मि को छोड़कर जाने का नहीं था। फिर रश्मि भी हमसे चाय पी कर जाने का आग्रह करने लगी और आख़िर हमे वहीं पर रुकना पड़ा।
तभी रोमी ने हम चारो के लिए हल्का नाश्ता ऑर्डर कर दिया और जीजा जी फ्रेश होने के लिए चले गये। रोमी अपनी बहन रश्मि से बात कर रहा था और में दिन में सपनो में खो रहा था। में उस आलीशान सजे हुए रूम और उस कोमल और गरम बेड पर रश्मि को चोदने की कल्पना कर रहा था और मुझे उसके पति से बहुत जेलसी हो रही थी.. क्योंकि उस साले को मेरे माल को चोदने का लाईसेन्स मिल गया था और में यह सोच सोचकर पागल हो रहा था कि ना जाने वो मेरी प्यारी रश्मि को कैसे चोदेगा? तभी में ईश्वर से दुआ माँग रह था कि बस एक बार मुझे आज कैसे भी थोड़ी देर के लिए रश्मि का साथ मिल जाए। खैर थोड़ी देर बाद ब्रेकफास्ट आया और हम ब्रेकफास्ट करने के बाद उन्हें अलविदा कह कर चलने ही वाले थे कि अचानक रूम के फोन की बेल बज गयी और जीजा जी हमे एक मिनट रुकने के लिए बोलकर फोन पर बात करने के लिए चले गये। तभी फोन पर बात करके वो घबरा गये दरअसल उनकी मम्मी को हाई ब्लड प्रेशर का अटेक आ गया था और सभी लोग उन्हें हॉस्पिटल ले गये थे जहाँ पर वो इमरजेंसी वॉर्ड के आई सी यू में एडमिट हो गयी थी और उनकी मम्मी बहुत टाईम से शुगर और ब्लड प्रेशर की मरीज थी खैर मैंने जीजा जी को बोला कि आप रश्मि के साथ थोड़ा आराम करो और में और रोमी हॉस्पिटल चले जाते है लेकिन जीजा जी एक मिनट के लिए भी रुकने को तैयार नहीं थे और हम रश्मि को भी अकेले होटल में नहीं छोड़ सकते थे और रोमी का भी जीजा जी के साथ जाना बहुत ज़रूरी था इसलिए उसने मुझे रश्मि के पास रुकने के लिए कहा। तभी मैंने ना रुकने का ड्रामा किया और बोला कि में बहुत थका हुआ हूँ और मुझे नींद भी आ रही है क्यों ना हम रश्मि को भी साथ में हॉस्पिटल ले चलें.. लेकिन रश्मि के पति ने मुझसे कहा कि अभी नयी दुल्हन को हॉस्पिटल ले कर जाना शुभ नहीं होता है और प्लीज़ राज तुम यहीं पर रेस्ट कर लो और फिर रश्मि को भी बोले कि तुम भी अपनी ड्रेस चेंज कर लो और फ्रेश होकर रेस्ट कर लो। फिर रश्मि के पति ने रश्मि को सॉरी बोला और उसके सर पर एक किस किया और बोला कि वो जल्दी आने की कोशिश करेगा।
तभी मुझे अपनी किस्मत पर भरोसा ही नहीं हो रहा था कि और ऐसा लग रहा था कि में जन्नत में पहुँच गया हूँ और मैंने पैर ज़मीन पर नहीं पड़ रहे थे और मन खुली वादियों में उड़ रहा था। तभी उनके जाते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर लिया और धीरे धीरे शरारती मुस्कान के साथ रश्मि की तरफ दबे पाँव ऐसे बड़ने लगा जैसे कि शेर किसी हिरण के शिकार के लिए बड़ता है फ़र्क़ सिर्फ़ इतना था कि मेरा शिकार डरने की जगह अपनी बड़ी बड़ी आँखों में मुस्कान और शरारत भरे हुए उन्हें घूमते हुए मुझे अपनी और आमंत्रित कर रही थी और उसके होंठो पर प्यारी और शरारती मुस्कान बिखरी थी और वो भाग कर बेड पर बैठ गयी। फिर मैंने जैसे ही उसे अपनी बाहों में जकड़ा और किस करने की कोशिश कि तो वो बोली कि राज ऐसे मत करो और रश्मि ने कहा कि राज मुझसे ऐसे प्यार करो जैसे कि फिल्म में सुहागरात पर दिखाते है और मुझे अपने पति से बहुत डर लग रह है पता नहीं वो मुझे कैसे चोदेगा? लेकिन अगर तुम मुझे सुहागरात की तरह एक नये मर्द की तरह प्यार करोगे और सेक्स करोगे तो मेरा डर खत्म हो जाएगा।
तभी मैंने उसे ठीक है कहा और वो एक नयी शर्मीली दुल्हन की तरह घूँघट निकाल कर बैठ गयी और में धीरे धीरे उसके पास गया और मैंने प्यार से घूँघट उठाकर उसके माथे पर किस किया और फिर उसके घूँघट को उसके सर तक खिसका कर मैंने उसकी दोनों आँखों और होंठ पर एक प्यारी सी किस की और फिर उसके कान के झुमके उतारकर उसके कानो पर एक सेक्सी किस दिया.. क्या मज़ा आ रहा था इस सेक्सी और प्यार भरे खेल का। आज मेरी जैसी किस्मत और ऐसा हसीन मौका करोड़ो में शायद ही किसी एक लड़के की ज़िंदगी में आए और आप सभी लोग सोचकर ही पागल हो जाओगे कि कोई इतनी हसीन और खूबसूरत लड़की जिसके आगे मॉडल और फिल्मी सुन्दरियाँ भी फैल हो.. जिसे आप बहुत अच्छे से जानते हो.. जो आपकी दोस्त की बहन और किसी और की बीवी हो चुकी हो और एक टॉप क्लास 5 स्टार होटेल के टॉप क्लास सजे धजे रूम में फूलों से सजी सुहागरात की सेज पर पहली बार तुमसे चुदवाने जा रही हो। तभी मैंने रश्मि को अपनी बाहों में भरा तो वो भी मुझसे लिपट गयी और मुझसे बोली कि राज में आज तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ। फिर रश्मि मुझसे बोली कि राज में भी तुम से बहुत प्यार करती हूँ। तभी यह सुनकर मेरी हालत दीवानो जैसी हो गयी और में रश्मि को बेतहाशा किस करने लगा और रश्मि भी किस का जवाब किस से दे रही थी। फिर वो मुझसे बोली कि राज मुझे ड्रेस चेंज करने दो और फ्रेश होने दो फिर हम मजे करेंगे.. लेकिन में उसे बोला कि मैंने पहले भी तुम्हारे साथ सेक्स किया है लेकिन आज तुम दुल्हन की ड्रेस में परी लग रही हो तो में तुम्हे ऐसे ही चोदना चाहता हूँ।
रश्मि बोली में पूरी तरह से तुम्हारी हूँ तुम जैसे चाहे प्यार करो बस एक मिनट में चूत को धोकर आती हूँ और तुम भी अपना धो लो उसने अपनी चूत को और मैंने अपने लंड को आगे पीछे से अच्छी तरह से धो लिया और हम फिर से बेड पर आ गये। फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भरकर किस करना शुरू किया और उसके ब्लाउज को ब्रा के साथ ऊपर उठा दिया और उसकी गोरी गोरी चूचियों को क़ैद से आज़ाद कर दिया। रश्मि बोली कि यार यह ब्रा बहुत टाईट है और उसकी चूचियों में दर्द हो रहा है वैसे भी उसकी चूचियाँ बहुत बड़ी थी। मैंने फिर उसकी ब्रा उतार दी.. फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.. मैंने उसे उठा कर अपनी गोद में बैठाया और उसके सर के बालों को खींच कर उसके होंठ पर किस करने लगा और उसके ब्लाउज के 2 हुक खोलकर उसकी गोल गोल चूचियों की मसाज करने लगा। तभी रश्मि भी मेरे होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और अपनी जीभ मेरे मुहं में घुसेड़ रही थी।
फिर मैंने घूमकर रश्मि को बेड पर सीधा लेटा दिया और उसकी साड़ी को पेटीकोट के साथ ऊपर घुटनो तक उठाया और उसके दोनों पैरो को घुटनो से पकड़ कर फैलाया और उसकी महंगी रेशम की लाल कलर की पेंटी पर ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा। मज़ा और ज्यादा आए इसके लिए मैंने रश्मि की कमर के नीचे दो तकिये रख दिए और अब उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से चाटने में बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। कुछ ही पल में रश्मि का जिस्म अकड़ने लगा और वो सेक्सी सिसकियां भरने लगी और उसकी चूत बाहर निकल रही थी जिससे उसकी पेंटी गीली होने लगी और मेरा भी स्वाद चेंज हो रहा था। रश्मि ने अपना सर पीछे की तरफ खींच लिया और वो दोनों हाथों से बेड की शीट को खींच रही थी। में थोड़ा नीचे की तरफ घुमा हुआ और उसके दोनों पैरों की जांघो को चूसने लगा तो वो तड़प कर बैठ गयी और आग्रह करने लगी कि बहुत गुदगुदी हो रही प्लीज़ छोड़ दो.. लेकिन में करता रहा और वो सेक्सी आवाज़ में हंस रही थी। फिर मैंने उसकी जांघों पर किस करना शुरू किया और उसकी चूत को फिर ऊपर से नीचे तक उसके पैरों को चाट रहा था। रश्मि बहुत गरम हो चुकी थी इसलिए मैंने उसकी पेंटी को धीरे से उतारकर अपनी एक ऊँगली से उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को अलग करके उसकी चूत के कोमल हिस्से को सहलाने लगा। रश्मि काम देवता की सेक्स की आग में जल रही थी और थोड़ा सहलाने के बाद जैसे ही मैंने अपनी जीभ टाईट करके उसकी चूत में घुसेड़ी तो उसने मेरे सर के बाल पकड़ कर खींच लिए। तभी मैंने अपनी जीभ उसकी गुलाबी चूत में 2-4 बार अंदर बाहर की और ज़रा सा उसकी चूत के अंगूर को चूसा तो उसकी चूत रो पड़ी और अपना सारा पानी उसने मेरे मुहं पर छोड़ दिया। तभी मेरे होंठ उसकी चूत से निकल रही क्रीम में डूब गये और रश्मि का जिस्म ढीला पड़ गया और मेरा चेहरा अपनी और खींचकर मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
फिर में उठा और अपना लंड रश्मि के मुहं के पास ले गया.. उसने लेटे लेटे मेरा पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया.. रश्मि बड़े प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी और कभी कभी मेरे लंड की चमड़ी को पीछे करके मेरे सुपाड़े को बड़े प्यार से चाट रही थी और कभी लंड की चमड़ी में अपनी जीभ डालकर घूमाती रही रश्मि मेरे लंड के साथ व्यस्त थी और में रश्मि के गोरे गोरे और खूबसूरत जिस्म को और उस पल को अपनी आँखों से अपने दिमाग़ में क़ैद कर रहा था और उसे देखकर में भी सातवें आसमान में उड़ रहा था और सब कुछ एक सपने जैसा चल रहा था।
तभी रश्मि मेरे लंड को बहुत एंजाय कर रही थी और में भी एक हाथ से उसकी चूचियों को दबा रहा था और अपने दूसरे हांथ की उंगली से उसकी चूत को सहला रहा था और कुछ ही देर के बाद मेरा लंड टाईट होने लगा। तभी मैंने रश्मि को बोला कि में झड़ने वाला हूँ लेकिन उसने लंड नहीं छोड़ा और उल्टा मेरा पूरा लंड अपने मुहं में डालकर अपने होंठ टाईट करके बंद कर लिए और मेरे लंड को अपने मुहं के अंदर अपनी जीभ टाईट करके जल्दी जल्दी सहलाने लगी। फिर चरम आनंद की चरम सीमा पर पहुंच कर मेरे वीर्य ने रश्मि के मुहं के अंदर फाईरिंग शुरू कर दी और रश्मि ने धीरे धीरे मेरे लंड को चूसते चूसते निकाला और फिर चाट कर साफ कर दिया। दोस्तों में जल्दी ही इस स्टोरी के अगले और फाइनल पार्ट के साथ आऊंगा तब तक के लिए मस्त रहो और मस्ती करो.. क्योंकि ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा ।

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