Tuesday, January 28, 2020

मेरे पापा की छोटी बहन बिनिता इनदिनो कानपुर मे थी बिनिता बुआ के बारे मे बता दु, वो 28-29 साल की मस्त औरत है, लम्बाई 5’5′ फ़ीट तो फ़िगर 32-28-36 के, माड़ेर्न सोच की औरत है. बिनीता  और मेरे बीच 4 साल से सेक्स सम्बंध हैं जब भी हमें मौका मिलता है हम मस्त चुदाई करते हैं।  बिनीता और कई लोगों का लंड  ले चुकी है और सेक्स के खेल मैं पूरी एक्सपर्ट है

बिनीता बुआ को खुल कर छोड़ने का मौका तब मिला जब हम दोनों को एक साथ मुंबई जाना था।   हमदोनो मुम्बई के लिये दो टिकट एक ट्रैन के प्रथम वातानुकुलित मे लिये थे!  बिनिता यात्रा के लिये तैयार हो रही थी ! वो मम्मी के कमरे से तैयार होकर निकली तो मै सोफ़ा पर बैठ्कर चाय पी रहा था, मम्मी रास्ते के लिये खाना पैक करके दे दी और फ़िर हमदोनो औटो से ट्रैन पकड़ने के लिए निकल गये! बुआ बिनिता लम्बा सा स्कर्ट और टोप्स मे मस्त माल दिख रही थी तो हमदोनो की यात्रा शाम 7:15 बजे ट्रैन खुलने के साथ ही शुरु हो गयी !
प्रथम वातानुकुलित के कुप मे हमदोनो के सिवा और दो यात्री थे, हम दोनो का बर्थ एक ही तरफ़ का था तो हमदोनो निचे के बर्थ पर बैठ्कर बाते करने लगे, सामने के दोनो यात्री बर्थ पर लेट्कर अपने तरफ़ के पर्दा को खिंच चुके थे तो मै बुआ को अब चुमने लगा और उसके बुब्स को टोप्स पर से ही दबाने लगा ! कुप का दरवाजा बंद था तो भी बिनिता मेरे हरकत का विरोध कर रही थी, मै अब निचे के बर्थ का पर्दा खिंचा और बिनिता को अपने बाहो मे जकड़ लिया, वो अब मेरे जाँघों पर अपने चूतड़ों को रखकर मुझ्से चिपक गयी तो मै उसके रसीले होंठ  को चुसने लगा ! बुआ के पीठ पर हाथ फ़ेरते-2 हाथ को टोप्स मे घुसा दिया तो बिनिता मेरे मुह्न मे अपना जीभ घुसा दी, मै उसके जीभ को चुसता हुआ पीठ सहलाने लगा, बुआ की चूचियां मेरी छाती से दब रही थी तो मै उसकी जीभ चुसता हुआ ब्रा के हुक को खोल दिया ! बिनिता जीभ को मुंह से बाहर करके बोली……. “मै अपनी  ब्रा और पेंटी खोल देती हु और तुम भी बरमुड़ा पहन लो"
(राहुल) नही जान। ..आज मै तुम्हे पुरी तरह से नंग़ा कर के चदूंगा 
(बिनिता) अरे ये ट्रैन है ना की घर वैसे भी मैने ये कपड़े इसलिये पहन रखे है ताकि मजे लेने मे दिक्कत ना हो. ” 

खैर मै उपर के बर्थ पर गया और अपना जिंस खोलकर चड़्ही भी निकाल दिया, फ़िर बरमुड़ा पहनकर निचे उतरा तो बुआ अपने ब्रा को पर्से मे रख रही थी ! वो अब मेरे सामने खड़ी हो गयी तो मै उसके चुत्तर को सहलाने लगा और इसारे मे बर्थ पर लेट्ने को बोला, अब बिनिता बर्थ पर लेटी हुई थी तो मै उनके पैर के पास बैठा ! बुआ के टोप्स को गर्दन तक कर दिया और झुककर स्तन को चुमने लगा, उनकी बड़ी-2 गठीली चुचि को चुमता रहा तो बुआ मेरे मुह्न मे चुचि ड़ाल दी ‘ले चुस मेरी चुचि’ और मै एक स्तन को चुसता हुआ दुसरे स्तन को मसलने लगा, वो मुझे अपने छाति से लगाकर दुध पीला रही थी तो मै अब बुआ के दुसरे स्तन को चुसने लगा और वो सिसक रही थी”आह्हह ऊम्मम्मम राहुल मेरी बुर मे गुदगुदी हो रही है ‘और मै अब दोनो स्तन को चुस-चुसकर लाल कर दिया ! बिनिता की चुचि के निपुल किस्मिस की तरह दिख रहे थे तो मै जिभ से निपुल को चाट्ने लगा और अब मै बुआ के स्तन को जोर-2 से मसलते हुए उनके सपाट पेट को चुम रहा था, कमर तक पहुंचकर उनके बदन पर से उतरा और बाथरूम चला गया ! अभी रात्रि के 8:25 हो रहे थे और मै फ़्रेश होकर आया और बिनिता पुछी…… “बियर पीयोगे
(राहुल) जरुर लेकिन मेरे बैग मे तो मात्र एक ही केन है
(बुआ मुस्कुराने लगी) मेरे बैग मे चार केन बियर है. ” अब दोनो एक-2 केन बियर हाथ मे लिये और पीने लगे, बुआ मेरे लंड़ के उभार को बरमुड़ा पर से ही सहला रही थी तो मै बिनिता के स्कर्ट के अंदर हाथ घुसा दिया और धीरे-2 स्कर्ट को उसके कमर तक कर दिया ! बुआ की चिकनी मोटी-2 जङ्हा पर हाथ फ़ेरने लगा तो वो मेरे लंड़ को बरमुड़ा के उपर से ही पकड़ ली और इसारे मे अपनी रुचि ब्यक्त की !
प्रथम वातानुकुलित का बर्थ चोड़ा होता है और अब दोनो निचे के बर्थ पर पर्दा खिंचकर काम क्रिया मे लीन हो गये! मै बर्थ पर सो गया तो बिनिता मेरे उपर कुत्तिया की तरह हो गयी, लेकिन दोनो का चेहरा एक दुसरे के विपरीत था, मेरे मुह्न के ठीक उपर बुआ का निचला हिस्सा था तो मै उनके स्कर्ट कमर तक कर दिया और काले रंग़ के पेंटी की ड़ोरि को खोल दिया ! मेरा चेहरा उनके दोनो जङ्हा के बिच मे लेकिन बुर के थोड़े निचे थे तो बुआ मेरे बरमुड़ा को उतार दी, मै उनके चिकने चुत से लेकर नग्न चुत्तर और जङ्हा को देखने लगा तो बुआ मेरे लंड़ को थाम कर सुपाड़ा को अपने रसिले ओंठ पर रगड़ने लगी, फ़िर वो मेरे लंड़ को मुह्न मे भरकर चुसने लगी तो मै बुआ के कमर को थाम कर चेहरा उपर किया और बुर को चुमने लगा, उनके चुत को फ़ल्काकर जिभ से बुर कुरेदने लगा तो बिनिता मेरे लंड़ को मुह्न से निकाल कर जिभ से चाट्ने लगी! दोनो एक दुसरे के योनि को चुम चाट रहे थे तो मेरा ध्यान अब चुदाई पर था, बुआ बिनीता गाऊन पहन बाथरूम भागी तो मै उनके आने का इंतज़ार करने लगा ! .
बिनीता बेशर्म औरत की तरह आकर बर्थ पर लेट गई और मै उसके पैर के पास बैठकर गाऊन को कमर तक किया और बुआ की रसीली चुत्त को निहारने लगा! अब घुटने के बल होकर लंड को बर के मुहाने पर रखा और सुपाड़ा को बर में पेल दिया, धीरे_२ लंड को उसके चूत में पेलने लगा और कमर थामे जोर का झटका बर में दे दिया, अब बैठे_२ बुआ की बर को चोद रहा था तो वो मुस्कुरा कर बोली…… “आओ जानू मेरे जिस्म पर लेटकर मजे लो. ” फिर क्या था मै बिनीता के जिस्म पर सवार होकर चुदाई करने लगा और वो अपने चूत्तर को ऊपर नीचे करने लगी, उसके रसीले ओंठ को चूमता हुआ उसके तन पर से उतरा और उसके गाऊन को जिस्म पर से निकाल दिया! अब बुआ बिनीता पूरी तरह से नग्न थी तो मै उसके गोलाई को मसलता हुआ झुका और दूध पीने लगा, वो मेरे पीठ सहलाने लगी तो मै दूसरे स्तन को भी चूसता हुआ मस्त था, अब बुआ को बोला….. ‘ जरा कोहनी और घुटने के बल हो जाओ रानी ” और मै उसके नितम्ब के सामने बैठकर लंड को बर में पेला और फिर पूरा लंड घुसाकर चुदाई करने लगा जबकि बुआ अपने चूतड़ को हिलाने लगी! ट्रेन किसी जगह पर रुकी हुई थी और मेरा लन्ड बर में दौड़ लगा रही थी तो वो चिंखने लगी…. ओह आह मेरी चूत से रस निकलने वाला है ‘ तो मै तेज गति से चुदाई करने लगा और कुछ देर बाद चूत से रज निकला तो मै चूत में जीभ पेलकर उसके रस को चाटने लगा ! दुबारा उसकी चूत में लंड पेला और चुदाई करता हुआ उसके सीने से झूलते हुए स्तन को दबाने लगा, वो अपना नितम्ब हिला_२ कर मजे को दुना कर रही थी, मै १०_१२ मिनट से बुआ को चोदता हुआ हांफने लगा और फिर लंड से वीर्य निकल गया, दोनों कुछ देर तक आराम किए फिर फ्रेश होकर सो गए !

मै आप लोगो को एक रोमांटिक कहानी सुनाने जा रहा हूं, जोकि मेरे यानी राहुल मल्होत्रा और मेरी छोटी चाची बबीता के बीच हुई थी। मेरी छोटी मौसी बबीता उन्नाव से कानपुर आती ही रहती थी और एक बार संयोग बस बबीता मेरे पापा और मम्मी की गैर हाजिरी में कानपुर आई, मै अकेले ही घर पर था और मेरे लिए नौकरानी खाना बना देती थी या फिर मै बाहर जाकर खाना खा लेता था।मौसी बबीता के आने की खबर मुझे मम्मी ने फोन कर के दी तो मै बेहद खुश हुआ।शाम के ०५:०० बजे बबीता घर आई तो मैंने उनके लिए एक कप चाय बनाया और दोनों साथ ही चाय पीने लगे, सोफ़ा पर एक दूरी बनाए दोनों बैठे थे तो मै पूछा…. “कितने दिन का ट्रीप है
(बबीता मुस्कुराते हुए बोली) अपनी दीदी से मिलकर ही जाऊंगी
(राहुल) आप स्नान करके फ्रेश हो जाइए, मै बाज़ार से कुछ लेकर आता हूं
(बबीता सोफ़ा पर से उठते हुए बोली) शरीर में काफी थकावट है हो सके तो एक दो बोतल बियर की लेते आना. ” मै बाज़ार की ओर चल दिया और कुछ सामान खरीदने के बाद दो बोतल बियर लिया, फिर वापस घर आ गया ।
चाची बबीता स्नान करके गाऊन पहन रखी थी और मै दरवाजा बंद करके डायनिंग हाल में बैठा, टेबल पर बियर की बोतल रखा, फिर किचन से ग्लास लेता आया, चाची सोफ़ा पर बैठकर मुस्कुराने लगी…… “राहुल खाना का क्या करना है ?
(मै उसके करीब बैठा) आप को थकावट है, खाना ऑर्डर कर देते है
(बबीता मेरी ओर खिसकर मेरे कंधे पर बाहें रखी) ठीक है जैसा तुम ठीक समझी. ” और फिर दोनों बियर पीना शुरू कर दिए, दो दो ग्लास बियर पीने के बाद बबीता मेरे ओंठ और गाल को चूमने लगी, उसको मै अपने जांघ पर बिठाकर पीठ सहलाने लगा तो बबीता बियर के नशे में मस्त थी, वो मेरे ओंठ को चूसते हुए अपना जीभ मेरे मुंह में डाल दी तो मै उसके गर्दन के पीछे हाथ लगाकर उसका जीभ चूसने लगा, उसकी एक चूची मेरे छाती से दब रही थी तो ३०-३१ साल की मदमस्त माल मेरे से लिपटकर जीभ चुसवा रही थी, कुछ देर बाद वो जीभ को निकाल ली तो मै उसके गोलाई को मसलने लगा और बबीता मेरे जिंस को खोलने लगी, मेरे बदन पर पल भर बाद सिर्फ एक कच्छा था तो वो अब बेशर्म औरत की तरह मेरे सामने खड़ी हो गई, मै उसके गाऊन को कमर की ओर करने लगा तो वो खुद ही गाऊन को उतारकर अपने खूबसूरत जिस्म का नुमाइश करने लगी, चाची एक पेंटी से अपने चूत को ढक रखी थी, अब मै उनको अपनी ओर किया और सोफ़ा पर बैठे हुए उनके कमर की चूमने लगा जबकि मेरा हाथ उसके गान्ड को सहला रहा था, फिर उनके मोटे जांघों को चूमने लगा और अंत में उसके सामने खड़ा हुआ, अब उनके चूची को मसलता हुआ गाल और ओंठ चूमने लगा, फिर अपना चेहरा उनके सीने से लगाकर चूची चूसता हुआ दूसरा स्तन मसलने लगा, वो सिसकने लगी…. “ओह आह युम राहुल तेजी से चूची चूस ना आह मेरी बुर में कितनी खुजली हो रही है. ” मै उसके दोनों स्तन को चूसा और फिर चाची को सोफ़ा के किनारे बिठाया, उसके दोनों जांघ दो दिशा मै थे तो मै पेंटी के डोरी को खोला और बुर दर्शन करने लगा, शायद वो बुर को हाल में ही बार से मुक्त की थी, उनके गुलाबी चूत को चूमता हुआ चूची मसलने लगा, तो वो साली उंगली की मदद से बुर फ़लका दी, मेरा जीभ बुर के अंदर घुसकर चाटने लगा और वो तड़पने लगी…. “ऊई आह ओह राहुल बुर अब चोद दो ना, वैसे भी लंड बुर में गए २-३ हफ्ते हो चुके है. ” तो मै बुर के दोनों फांक को मुंह में लेकर छुभलाने लगा और कुछ देर तक बुर चूसकर बाथरूम गया ।
बबीता चुदाई को तड़पने लगी, मै उसे लेकर अपने बेडरूम आया और फिर उसे बिस्तर पर सुला दिया, वो टांग फैलाए लेती थी तो मै घुटने के बल उनके जांघों के बीच बैठे और लंड को थामकर उसकी चूत में पेलने लगे, धीरे धीरे आधा लंड बुर के अंदर था तो आगे का रास्ता जाम था, मै उनके कमर को थामकर जोर का धक्का बुर में दे दिया तो वो चींख़ पड़ी….. “उई मां कितना मोटा और कड़ा लंड है तेरा, मेरी तो बुर ही फट जायेगी. ” सही मै चाची की बुर का लौच सिकुड़ चुका था, शायद वो महीने भर से नहीं चुदाई थी, खैर मेरा मूसल लंड अब पूरे गति और ताकत के साथ बुर चुदाई कर रहा था, पल भर बाद मै बबीता के बदन पर सवार हो गया और ओंठ चूमते हुए चोदने लगा….. “जबतक तेरी दीदी नहीं आ जाती तुझे चोदता ही रहूंगा. ” वो अब अपने गान्ड को ऊपर नीचे करने लगी…. “और लंड की जुगाड करो ना
(राहुल) मेरा एक दोस्त है याकूब उससे चूदोगी, वो तेरी दीदी को भी चोदता है. ” तभी मै उसे चोदता रहा और उसकी बुर पनीया गई तो मै अब झुककर बुर को चाटने लगा, अपने जीभ को बुर में डालकर बुर को चाटने लगा, फिर दोनों फ्रेश हुए और अबकी बार चाची बेड पर कुतिया की तरह हो गई।मै उसके गान्ड के सामने बैठा था, अपना लन्ड थामे उनके बुर में पेलने लगा कि और धीरे धीरे पूरा लंड बुर में डालकर कमर थामे चोदने लगा, बबीता अपने चूतड़ को हिलाने लगी और दोनों चुदाई की दुनिया में खो चुके थे, मेरा कमर उसके गान्ड से टकरा रही थी और मेरा लंड बुर को अब आग कि भट्टी बना चुका था, वो अपने चूतड़ को हिलाते हुए हांफने लगी तो मै चाची को १०-१२ मिनट से चोद चोद कर हांफने लगा, मेरा लंड भी गरम हो चुका था लेकिन अभी रस झाड़ने मै वक़्त था।चाची बबीता अपने नितम्ब को हिलाते हुए….. “अरे मादरचोद कब बुर की आग बुझाएगा. ” और मै चोदता हुआ उनके सीने से झूलते स्तन को मसलने लगा, फिर मै चिल्ला पड़ा….. “ले बे रण्डी बुर को रस पीला आह मेरा गिरा. ” और मेरा लंड वीर्य का तेज धार बुर में छोड़ दिया, दोनों शांत पड़ गए और बेड पर ही आराम करते रहे ।

चाचि बबिता को दोपहर मे हि चोद ड़ाला, उनकी भुख फ़िल्हाल शांत नही पड़ी थी जबकि मै चाचि के साथ दुबारा मस्ती करने की सोच रहा था ! शाम को चाचा और उनके बच्चे भी घर आ गये और मै बाज़ार कि ओर घुमने चला गया, आज रात को चाचि को कैसे चोदा जाये यही सोच रहा था और फ़िर घर वापस आ गया ! रात 9:30 बजे तक चाचा और बच्चे खाना खाकर सोने चले गये और मै चाचि को अकेले मे पाकर बोला….. “चाचि रात को आओगी क्या
(चाचि) कोसिस करुंग़ी तुम खाना नही खाओगे
(राहुल) मै छत पर जा रहा हु बियर पीने के लिये तुम चाचा के सोते हि मेरे पास आ जाना
(चाचि) देखो वो कब सोते है. ” और फ़िर चाचि किचन की ओर गयी, एक ग्लास दुध लेकर आई तो मेरा दिमाग ठनका, अपने कमरे मे जाकर निंद की गोली अपने बैग से निकाला और दुध के ग्लास मे ड़ाल दिया ! चाचि दुध का ग्लास लेकर अपने बेड़रूम गयी तो मै बियर कि बोतल लेकर छत पर चला गया !
मार्च का महिना था तो गरमी अभी शुरु हुई थी और मै बियर पिकर अपने बदन को थोड़ा ठंड़ा करना चाह्ता था, छत पर बैठ्कर एक बोतल बियर पी चुका था तो चाचि वहा पहुंची और मै जमीन पर ही एक बेड़ लगाए बैठा था ! चाचि काले रंग़ के गाउन मे सुंदर और सेक्सी दिख रही थी, वो बेशर्म औरत की तरह मेरे गोद मे बैठकर मुझे चुमने लगी, मेरे गोद मे अपने दोनो पैर दो दिशा मे किये मेरे कमर से लपेटे बैठी हुई थी और मेरे ओंठ और गाल को चुम्बन देने लगी ! बबिता का दोनो स्तन मेरे छाती से चिपक रहा था तो मै उसको कसकर पकड़े उसके ओंठ को चुसने लगा, चाचि कामुक होकर अपना जिभ मेरे मुह्न मे ड़ाल दी और उनका जिभ चुसता हुआ मै उनके पिठ को सहला रहा था ! चाचि के गाउन को उपर करने कि कोशिश करने लगा तो वो मेरे गोद से अपने चुत्तर को थोड़ा उपर करके खुद हि गाउन को कमर तक कर दी !
बबिता के जिभ को मुह्न से निकाल उसके गाउन को गले से बाहर कर दिया और चाचि ब्रा और पेण्टी मे मस्त माल दिख रही थी ! उनकी भारी-2 चुची बाहर आने को बेताब थी तो मै बबिता को बेड़ पर सुला दिया और उनके उपर औंध कर ब्रा को खोल दिया, उनके स्तन को जोर-2 से मसलने लगा तो वो सिसक रही थी, फ़िर वो अपने चुचि को खुद ही पकड़कर मेरी मुह्न मे घुसा दी, उनके आधे से अधिक चुचि को चुसता हुआ दुसरे स्तन को मसल रहा था ! चाचि बेड़ पर तड़प रही थी और चिंख पड़ी…… “ऊह्ह उम्मम्म राहुल मेरी बुर मे किड़े रेंग़ रहे है आह्ह दुसरी चुचि चुसकर बुर चोदो ना
(राहुल) अभी बुर चाटुंग़ा तुम मेरा लंड़ चुसोगी फ़िर होगी चुदाई. ” और चाचि के दुसरे स्तन को चुभलाता हुआ मस्त हो रहा था ! चाचि के चिकने जिस्म पर चुम्बन देता हुआ उनके पेंटी का हूक खोला और चाचि अपने दोनो जङ्हा को फ़लकाए बुर चमका रही थी, उनके मोटे-2 जङ्हा को चुमता हुआ बुर को सहलाने लगा और वो चुदने को आतुर थी ! मै चाचि को बेड़ पर खड़ा होने बोला और फ़िर उनके दोनो जङ्हा के बिच मे अपना मुह्न लगा दिया, बुर पर चुंबन देने लगा और उनके मस्त गांड़ को सहला रहा था, वो रांड़ बुर को फ़ल्का दी, फ़िर मेरा जिभ उसकी बुर मे घुसने लगा, बुर को चाटता हुआ मस्त था तो बबिता मेरे बाल को कसकर पकड़े मेरी मुह्न को अपने बुर की ओर धंसा रही थी ! मै चाचि की चुत को अपने जिभ से 5-7 मिनट तक चोदा और फ़िर चाचि बिस्तर पर बैठ गयी !
बबिता मेरे बरमुड़ा को खोलने लगी और मेरे मुसललंड़ को थामकर बोली……. “एक बार तेरे इस मुसल लंड़ से गांड़ मरवाना चाह्ती हु
(राहुल) जरुर अभी मै निचे से आता हु. ” मै बरमुड़ा पहनकर निचे गया और एक तकिया, मखखन कि एक टिकिया साथ मे एक बियर कि बोतल लेकर आया ! चाचि बेड़ पर लेटी हुई थी तो उनके मांसल चुत्तर के निचे तकिया ड़ालकर उनके गांड़ के मुह्नाने को चुमने लगा, साथ हि मुहाने को फ़लकाकर अपने जिभ से चाट्ने लगा, वो सिसक रही थी और मै उनके गांड़ चाटते हुए बुर मे एक साथ दो उंग़ली करने लगा ! चाची की चुत मे उंग़ली और गांड़ के मुहाने मे जिभ उनको गरम कर रहा था, अब मै उनके गांड़ के मुहाने पर मख्खन रगड़्ने लगा, बबिता को पट लिटाकर उनके चुत्तर पर चुंबन देने लगा तो वो “आह्ह ऊम्मम्म ऊह्हह “करके सिसक रही थी ! अब उनको बेड़ पर कुतिया की तरह कर दिया और उनके भारी भरकम चुत्तर के सामने बैठ्कर अपना लंड़ उनके गांड़ मे घुसाने लगा, 1/2 लंड़ घुसते हि लग रहा था मानो उसकी गांड़ चरक जायेगी, तभि मै उनके कमर को कसकर पकड़े अपने मुसललंड़ को उसके गांड़ मे पेलने लगा और वो चिंख पड़ी….. “ऊऊउईईइ बाप रे कितना मोटा लंड़ है तेरा, गांड़ फ़ाड़ कर ही रहोगे. ” और मै जोर से लंड़ का झट्का गांड़ मे दे दिया, मेरा 7-8 इंच लम्बा लंड़ उसकी गांड़ मे था और मै पुरे गति से उसकी गांड़ मारने लगा, चाची को दर्द भी था तो मजा भी आ रहा था और मै उनके मांसल गांड़ मारते हुए उनके सिने से लटकते चुचि को मसलने लगा ! छत पर हमदोनो मजे कर रहे थे और वो अपने चुत्तर को हिला ड़ुलाकर गांड़ मरवा रही थी, 5-7 मिनट मे हि गांड़ मे आग लग चुकि थी और वो चिखने लगी……. “ऊइह्हह ऊम्मम्मम राहुल गांड़ मे आग लगी हुई है बुझा दो ना
(राहुल) इतनी जल्दी क्या है. ” और फ़िर मै उनके गांड़ से लंड़ निकाल लिया !
बबिता अब बिस्तर पर सो गयी तो उनके चुत्तर के निचे तकिया ड़ालकर मै उसकी बुर को निहारने लगा ! उनके गांड़ के मुहाने पर मख्खन लगाता हुआ थोड़ा सा अंदर भी घुसा दिया, फ़िर गांड़ मे उंग़ली करते हुए उसके गांड़ को मख्खन से चिकना और ठंड़ा करने लगा ! चाचि मुस्कुराते हुए बोली…… “राहुल तब तक बुर हि चोद ड़ालो. ” मै उनके दोनो जङ्हा के बिच अपना लंड़ पकड़े बैठा और उनकी चुत मे लंड़ पेलकर चुदाई करने लगा ! छत पर खुले वातावरण मे चाचि को चोद रहा था और उनके मांसल बदन पर सवार होकर चुदाई कर रहा था तो बबिता अपने ड़नलप समान चुत्तर को उपर निचे करने लगी और मै चाचि के ओंठ और गाल को चुम रहा था, वो अब…… “आह्हह ऊम्मम्मम ओह्हह्हह्ह राहुल और तेज चोदो ना बुर से पानी निकलने वाला है. ” फ़िर बबिता कि बुर रस से भर गयी तो मै कुत्ते कि तरह उसके बुर को जिभ से चाट्ने लगा ! चाची की ढीली चुत मे पुरा जिभ घुसाकर रस का स्वाद लेने लगा और फ़िर चाचि बेड़ पर कुत्तिया कि तरह हो गयी, उनके भारी भरकम चुत्तर के सामने मै घुटने के बल बैठा हुआ अपने लंड़ को पकड़ उनके गांड़ मे पेला और पुरा लंड़ घुसते हि जोर का झट्का गांड़ मे देने लगा ! चाचि की गांड़ मारते हुए उनके सिने से लटकते चुचि को मसलने लगा, वो अपने नितम्ब हिलाकर मजा दे रही थी, उनके रसिले गांड़ मे मेरा लंड़ तेजि से अंदर बाहर हो रहा था जबकि मै उनके झुलते स्तन को मसलकर मस्त हो रहा था ! लग्भग 15 मिनट तक चाचि के गांड़ को चोदा और फ़िर….. “आह्हह्ह मेरा रस निकला. ” बबिता कि गांड़ मे विर्य गिराकर शांत हो गया !

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