Tuesday, January 28, 2020

पापी घर

विशाल आपनी मोटरसाइकल पर तेज़ी से आपने घर की तरफ आ रहा था. जब से उसने कॉलेज मे प्रिन्सिपल अनुज सर ओर पिंकी मेडम की चुदाई देखी थी तब से उस का लोडा टाइट हो गया था. मादरचोद  उसकी गर्लफ्रेंड शिल्पा भी तो नही आई थी, वरना उसकी चूत मार लेता. घर पर आते ही फटाफट मेन गेट खोल कर विशाल अंदर आया ओर सोफे पर बैठ गया. सामने उसकी मम्मी सविता बैठि थी. “मम्मी आज बहुत गर्मी है, एसी की कूलिंग भी कम लग रही है”. विशाल को देख कर उसकी मम्मी रोने लगी. “क्या हुआ मम्मी?” विशाल ने पूछा.
“तेरे पापा आज भी उस काम वाली दीपा की गाड़ मार रहे है, मेरी तो कोई फिकर ही नही है. सुबह से मेरी चूत प्यासी है.” मम्मी ने रोते हुए कहा, और विशाल के पास आ के बैठ गयी. सविता ने विशाल के लोड्‍े को जीन्स के उपर से सहलाना शुरू कर दिया. “मे अभी पापा ओर दीपा को बताता हू. कितनी बार पापा को कहा है पहले घर की चूत फिर बाहर की.” विशाल गुस्से से बोल रहा था.
विशाल ने अपनी जीन्स खोल दी और नंगा हो गया. “क्या बात है आज तेरा लौड़ा बहुत सख्त  है.” मम्मी ने पूछा. “क्या बताऊँ  मम्मी आज कॉलेज मे प्रिन्सिपल ओर मेडम की चुदाई देख ली. तब से मेरा लॉडा खड़ा है.” विशाल ने भी मम्मी का ब्लाउस खोल दिया. सविता की 48 साइज़ के पपीते लटक गये. विशाल ने आपनी मम्मी के निपल चूसने चालू कर दिए. “बस तू ही मेरा सच्चा  बेटा है, तू ही अपनी मम्मी का ध्यान रखता है. अगर तू ना होता तो मेरी चूत प्यासी रहती.” विशाल ने आपनी मम्मी को सोफे पर लेटा दिया और उस की टाँगे खोल दी. “मम्मी मुझे बहुत प्यास लगी है. ज़ल्दी से मूत, मेरा गला सुख रहा है.”, इतना कह कर विशाल ने आपना मूह मम्मी की चूत पर लगा दिया. “तू मेरा कितना ध्यान रखता है” और मम्मी मुतने लगी. विशाल आइसे मम्मी की चूत पर मूह लगा कर बेता था की एक बूँद भी वेस्ट ना हो.
पूरा मूत ख़तम होने के बात विशाल चूत को चाटने लगा. आपनी पूरी जिब चूत मे घुसा दी. “बस बेटा बस, उऊः उउहा बहुत मज़ा आ रहा है. इस तरह बस इसी तरह. थोडा और अंदर, थोडा और अंदर, हा इसी तरह. उऊः उउहा उूुउउ.” मम्मी ऐसे मचल रही थी जैसे सालो से ना चुदी  ना हो. विशाल अपनी मम्मी सविता की चूत ऐसे चाट रहा था जैसे कुता पानी पीता है. “बस बेटा बस उूउउ उहाआ आआहा बस मज़ा आ गया. बिल्कुल अपने मामा पर गया है. मै झड़ने वाली हू. आहा हहा उउहा मज़ा आ रहा है”. 5 मिनिट की चटाई के बाद सविता झड़ गई. विशाल ने सारा रस चाट चाट कर पी लिया. “मम्मी तेरा रस पिए बगेर मन नही भरता, क्या करू.” कोई बात नही बेटा मैने तुझे कभी माना करा है, कभी भी कैसे भी तू मेरा रस पी सकता है.
चल अब मेरी बारी.” इतना कह कर मम्मी ने विशाल का लौदा मुह मे भर लिया. सविता चुसाई मे बहुत एक्सपर्ट थी. अपने बूढे ससुर का लंड भी चूस चूस कर जवान बना देती थी. (असल मे सविता को इसी वजह से पसंद करा था. डीटेल आगे के पार्ट्स मे है). “मम्मी मुझे बैठने तो दे. तुझे तो बस चूसने की पड़ी है. रुक अभी.” ये कह कर विशाल ने अपनी मम्मी को दूर करा. दरअसल विशाल सीधा चुदाई करना चाहता था. “मम्मी सुबह सुबह चुसाई करा करो, अभी सिर्फ़ चुदाई. ” इतना कहा कर विशाल ने अपनी मम्मी को फिर से सोफे पर पटख दिया और अपनी मम्मी की टाँगे खोल दी. “नही बेटा तुझे बस अपनी पड़ी है, पहले मुझे चूसने दे फिर चोद लेना.” सविता ने अपनी टाँगे बंद कर ली. “मम्मी तू चूस चूस कर मेरा माल मूह मे निकल लेगी.” विशाल ने कहा.
विशाल ने ज़बरदस्ती अपनी मम्मी की टाँगे खोल दी और सोफे पर टाँगो के बीच मे बैठ गया. विशाल अपने फन्फनाते हुआ लोडे पर थूक लगाने लगा. उधर सविता सोफे से उठने की कोशिश करने लगी. (आज सविता का मूड अपना रेप कराने का था. वो एक जबरदस्त चुदाई चाहती थी). सविता सोफे से उठ कर किचन जाने लगी. “मम्मी कहा जा रही हो” विशाल चिल्लया. “किचन मे, खाना बना है, चुदाई बाद मे करेगे”. सविता जल्दी जल्दी जाने लगी और अपने चूतड़ मटका मटका कर चलने लगी. उसके चूतड़ देख कर बूढ़े का मन भी ललचा जाए. विशाल से रहा नही जा रहा था. “तुझे दिखता नही मेरा लौदा कितना टाइट खड़ा है”. पर सविता ने  ना सुनी ओर वो किचन मे चाई बनाने लगी.

विशाल अपनी मम्मी के पीछे पीछे किचन मैं आ गया और मम्मी की साड़ी उठा दी , सविता ने पैंटी  तो पहनी ही नहीं थी 

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