भाई के साथ बनाई सेक्स मूवी
मेरी उम्र १९ साल हे, गोरा बदन, काले बाल, ५’४ की हाईट और मेरी आँखों का रंग भूरा हे. एक दिन में अपनी सहेलियों के साथ सोपिंग कर के घर पहोंची, अपने कमरे में पहोंच कर मेने अपनि मेज की दरितेश खोली तो पाया की मेरी ब्लू रंग की पेंटी वहां रख्खी हुई थी. मेने अपनी पेंटी कभी भी वह रख्खी हो ये मुझे याद नही आ रहा था. इतने में मेने कदमो की आवाज मेरे कमरे की और बढ़ते सुनी. मेरी समज में नहीं आया की में क्या करू, में दौड़ कर अलमारी में जा छुपी. देखती हु की मेरा छोटा भाई पिंकू जो १८ साल का हे अपने दोस्त रितेश के साथ मेरे कमरे में दाखिल हुआ, प्रीति…,”पिंकू ने आवाज़ लगाईं.
में चुपचाप उनको देख रही थी, अच्छा हे वो घर पर नहीं हे, रितेश में ये पहली और आखरी बार तुम्हारे लिए कर रहा हूँ, अगर उसे पता चल गया तो वो मुझे जान से मार डालेगी.
पिंकू ने कहा, शुक्रिया दोस्त, तुम्हे तो पता हे तुम्हारी बहन कितनी सुन्दर और सेक्सी हे.
पिंकू ने मेरा ड्रावर खोला और वो ब्लू पेंटी निकल कर रितेश को पकड़ा दी. रितेश वो पेंटी हाथ में लेकर सूंघने लगा, पिंकू तुम्हारी बहिन की चूत की खुसबू अभी भी इसमें से आ रही हे. पिंकू जमीन पर नजरे गड़ाए खामोश खड़ा था.
यार ये धूलि हुई हे अगर न धूलि होती तो चूत के पानी की भी खुसबू आ रही होती. रितेश ने ये पेंटी को चाटते हुए कहा.
तुम पागल हो गए हो, पिंकू हस्ते हुए बोला.
कम ओन पिंकू, माना वो तुम्हारी बहन हे लेकिन तुम इस बात से इनकार नहीं कर सकते की वो बहोत ही सेक्सी हे, रितेश ने कहा.
में मानता हु की वो बहोत ही सुन्दर और सेक्सी हे, लेकिन मेने ये सब बाते अपने दिमाग से निकाल दी हे. पिंकू ने जवाब दिया. अगर वो मेरी बहन होती तो.
रितेश कहने लगा, क्या तुम उसके नंगे बदन की कल्पना करते हुए मुठ नहीं मारते हो ?
पिंकू कुछ बोला नहीं और खामोश खड़ा रहा.
शरमाओ मत यार अगर में तुम्हारी जगह होता तो यही करता.
रितेश ने कहा, क्या तुम्हारी बहन की बिना धूलि हुई पेंटी यहाँ नहीं हे.
जरूर यही कहीं होगी, में ढूँढता हूँ तब तक खिड़की पे निगाह रख्खो अगर प्रीति आती दिखे तो बताना. पिंकू कमरे में मेरी पेंटी ढूंढने लगा. पिंकू और रितेश को ये नहीं पता था की में घर आ चुकी थी और अलमारी में छिप कर उनकी हरकते देख रही थी.
वो रही मिल गयी, पिंकू ने गंदे कपडे के ढेर में से मेरी लाल पेंटी की और इशारा करते हुए कहा. रितेश ने कपडे के ढेर में से मेरी पेंटी उठाई जो मेने दो दिन पहले पहनी थी. पहले कुछ देर तक उसे देखता रहा, फिर मेरी पेंटी पे लगे दाग को अपनी नाक के पास ले ले जा कर सुंगने लगा.
म्मम्मम क्या सेक्सी सुगंध हे पिंकू, कहकर वो पेंटी को अपने गालों पे रगड़ने लगा.
मुझे अब भी उसकी चूत और उसकी गांड की खुसबु आ रही हे इसमें से, रितेश बोला.
तुम सही में पागल हो गए हो, पिंकू बोला.
क्या तुम सूंघना चाहोगे ? रितेश ने पूछा.
किसी हालत में नहीं पिंकू ने शर्माते हुए बोला.
में जानता हूँ तुम इसे सूंघना चाहते हो, पर मुझे कहते हुए शर्मा रहे हो, रितेश बोला. चलो यार इसमें शर्माना क्या आखिर हम दोस्त हे.
पिंकू कुछ देर तक सोचता रहा, तुम वादा करते हो की इसके बारे में कभी किसी को कुछ नहीं बताओगे.
पक्का वादा करता हूँ, रितेश ने कहा.
आओ अब और शरमाओ मत, सूंघो इसको कितनी मादक खुसबू हे. पिंकू रितेश के नजदीक पहुंचा और उसने हाथ से मेरी पेंटी ले ली. थोड़ी देर उसे निहारने के बाद वो उसे अपनी नाक पे ले जा के जोर से सूंघने लगा जेसे कोई परफ्यूम की महक निकल रही हो. मुझे ये देख के विश्वास नहीं हो रहा था की मेरा भाई मेरी ही पेंटी इस तरह से सुन्घेगा.
सही में रितेश बहोत ही सेक्सी स्मेल हे. मानना पड़ेगा, पिंकू सिसकते हुए बोला, मेरा लंड तो इसे सूंघते ही खड़ा हो गया हे.
मेरा भी,रितेश अपने लंड को सहलाते हुए बोला. क्या तुम अपना पानी इस पेंटी में छोड़ना चाहोगे ?
क्या तुम सीरियस हो पिंकू ने पूछा.
हाँ, रितेश ने जवाब दिया.
मगर मुझे किसी के सामने मुठ मारना अच्छा नहीं लगता, पिंकू ने कहा.
अरे यार में कोई पराया थोडा ही हूँ, हम दोस्त हे और दोस्ती में शरम केसी, रितेश बोला.
ठीक हे अगर तुम कहते हो तो.
रितेश ने अपनी पेंट के बटन खोले और उसे निचे खसका दी, पेंट निचे खसकते ही उसका खड़ा लंड उछल कर बहार निकल पड़ा. उसने उस पेंटी को अपने लंड की चारो और लपेट लिया और दूसरी को अपनी नाक पे लगा ली. फिर पिंकू ने भी अपनी पेंट उतारी रितेश की तरह ही करने लगा. दोनों लड़के उत्तेजना में भरे हुए थे और अपने लंड को हिला रहे था. दोनों को इस हालत में देखते होए मेरी भी हालत ख़राब हो रही थी.
में अपना हाथ अपनी पेंट के अन्दर डाल अपनी चूत पे रखा तो पाया की मेरी चूत गीली हो गयी थी और उससे पानी छुट रहा था. अलमारी में खड़े हुए मुझे काफी दिक्कत हो रही थी पर साथ में ही अपने भाई और उसके दोस्त को मेरी पेंटी में मुठ मारते देख में भी पूरी गरमा गयी थी.
मेरा अब छुट ने वाला हे, मेरे भाई पिंकू ने कहा.
मेने साफ़ देखा की मेरे भाई का शरीर थोडा अकड़ा और और उसके लंड से सफ़ेद वीर्य की पिचकारी निकल के मेरी पेंटी में गिर रही थी. वो तब तक अपना लंड हिलाता रहा जब तक की उसका सारा पानी नहीं निकल गया. फिर उसने अपने लंड को अच्छी तरह मेरी पेंटी से पूछा और अपने हाथ भी पूछ लिए. थोड़ी देर में रितेश ने भी वेसा ही किया.
इससे पहले की तुम्हारी बहन आ जाए और हमें ये करता हुआ पकड़ ले, मुझे यहाँ से जाना चाहिए. रितेश अपनी पेंट पहनते हुए बोला.
दोनों लड़के मेरे कमरे से चले गए. में भी खिड़की से कूद कर घूमते हुए घर के मैन दरवाजे से अन्दर दाखिल हुई. तो देखा पिंकू डाइनिंग टेबल पे बता सेंडविच खा रहा था.
हाय प्रीति, पिंकू बोला.
हाय पिंकू केसे हो? मेने जवाब दिया.
आज तुम्हे आने में काफी लेट हो गयी?
हाँ फ्रेंड्स लोग के साथ शोपिंग में थोड़ी देर हो गयी.
मेने जवाब दिया में किचन में गयी और अपने लिए कुछ खाने को निकालने लगी. मुझे पता था की मेरा भाई मेरी और कितना आकर्षित हे. जेसे ही में थोडा झुकी ओर मेने देखा की वो मेरी झांकती पेंटी को ही देख रहा था.
दुसरे दिन में सो कर लेट उठी, मुझे काम पर जाना नहीं था. पिंकू कॉलेज जा चूका था और मम्मी पापा काम पे जा चुके थे में अपने खुले बिस्तर पे पड़ी थी. अब भी मेरी आँखों के सामने कल वाला द्रश्य घूम रहा था. मेने अपने कपड़ो के ढेर की तरफ देखा और कल जो हुआ उसके बारे में सोचने लगी. किस तरह मेरा भाई और उसके दोस्त ने मेरी पेंटी में अपना वीर्य छोड़ा था. पता नहीं ये सब सचते हुए मेरा हाथ कब मेरी चूत पे चला गया और में अपनी ऊँगली से अपनी चूत की चुदाई कर रही थी. थोड़ी ही देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेने बिस्तर से खड़ी हो के अपने सारे कपडे उतार दिए अब में आईने सामने खड़ी हो के अपने बदन को निहार रही थी. मेरा पतला जिस्म, गुलाबी चूत सही में सुन्दर दिख रही थी. में घूम कर अपनी चूत पर हाथ फिरने लगी, मेरे भाई और उसके दोस्त ने सही कहा था की में सही में सेक्सी देख रही थी. मे अपने कपड़ो के पास पहोची ओर लाल पेंटी को उठा लिया. रितेश के वीर्य के धब्बे उसपे साफ़ दिखाई दे रहे थे. में पेंटी को अपनी नाक पे लगा के जोर से सूंघने लगी रितेश के वीर्य की महक मुझे गरमा रही थी. में अपनी जीभ निकाल उस भाग को चाटने लगी. मेरी चूत में जोरो की खुजली हो रही थी, एसा लग रहा था की मेरी चूत से अंगारे निकल रहे हो.
पिंकू ने जो पेंटी में अपना वीर्य छोड़ा था उसे भी उठा सूंघने और चाटने लगी. मेने सोंच लिया था की जिस तरह पिंकू ने मेरे कमरे की तलाशी ली थी उसी तरह में भी उसके कमरे में जा कर देखूंगी. बहोत सालो के बाद में उसके कमरे में जा रही थी. मेने उसके बिस्तर के निचे झाँक के देखा तो पाया बहोत से गन्दी मेगेजिंस पड़ी थी. फिर उसके कपड़ो को टटोलने लगी उसके कपड़ो में मुझे उसकी शर्ट मिल गयी. मेरी पेंटी की तरह इस पर भी धब्बो के निशान थे में उसकी सर्ट को अपनी नाक पे ले जाके सूंघने लगी. उसके वीर्य की खुसबू आ रही थी शायद एसी हरकत मेने जिंदगी में नहीं की थी. उसकी शर्ट को जोर से सूंघते हुए में अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी. उत्तेजना में मेरी साँसे उखड़ रही थी. थोड़ी देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मेने तय कर लिया था की आज शाम को जब पिंकू कॉलेज से वापस आएगा तो में घर पर ना होने का बहाना कर छुप कर फिर उसे देखूंगी. और मुझे उम्मीद थी की वो कल की तरह मुझे घर पर ना पाकर फिर मेरी पेंटी में मुठ मारेगा.
जब पिंकू का आने का समय हो गया तो मेने अपनी दिन भर पहनी हुई पेंटी कपड़ो के ढेर पर फेंक दी. और कमरे के बहार जा कर खिडकी के पीछे छुप गई. मेने पिंकू के लिए एक नोट लिख कर छोड़ दिया था की में रात को देर से घर आउंगी. पिंकू जेसे ही घर आया तो उसने घर पर किसी को ना पाया. वो सीधे मेरे कमरे पहुंचा और मेरी छोड़ी हुई पेंटी उठाकर सूंघने लगा. उसने अपनी पेंट खोली और अपने खड़े लंड के चारो और मेरी पेंटी को लगा मुठ मारने लगा. दुसरे हाथ से उसने दूसरी पेंटी उठा कर सूंघ रहा था. में पागलो की तरह अपने भाई को मुठ मारते देख रही थी. मेने सोच लिया था की में चुपचाप कमरे में जाकर पिंकू को ये करते हुए रंगे हाथो पकड़ लुंगी. में चुपके से खिड़की से हटी और दबे पांव चलते हुए अपने कमरे के पास पहुंची. कमरे का दरवाज़ा थोडा खुला था, में धीरे से कमरे में दाखिल होकर उसे देखने लगी. उसकी आँखे बंध थी और वो मेरी पेंटी को अपने लंड पे लपेटे हुए जोर जोर से हिला रहा था.
पिंकू ये क्या हो रहा हे? मेने जोर से पूछा.
उसने मेरी और देखा, ओह मर गया. यह कहकर वो बिस्तर से उछल कर खड़ा हो गया. जल्दी से अपनी पेंट ऊपर कर के बंध की और मेरी पेंटी को मेरे कपड़ो के ढेर पे रख दी. उसकी आँखों में डर और शरम के भाव थे. हम दोनों एक दुसरे को घूरे जा रहे थे.
आई ऍम सॉरी, में इस तरह कमरे में नहीं आना चाहती थी, पर मुझे मालुम नहीं था की तुम मेरे कमरे में होंगे मेने कहा.
पिंकू मुह खोल कुछ कहना चाहता था पर शायद डर के मारे उसकी जबान से एक सब्द भी नहीं निकला.
तुम ठीक तो हो ना? मेने पूछा.
मुझे माफ़ कर दो… वो इतना ही कह सका.
मुझे उस पर दया आ रही थी, में उसे इस तरह शर्मिंदा नहीं करना चाहती थी.
कोई बात नहीं अब यहाँ से जाओ और मुझे नहाकर कपडे बदलने दो. मेने शांत भरे स्वर में कहां जेसे खुछ हुआ ही नहीं हे. उसने अपनी गर्दन हिलाई और चुप चाप वह से चला गया. रात तक वो अपने कमरे में ही बंद रहा. जब मम्मी काम पर से वापस आई और खाना बनाया तो हम सब खाना खाने डाइनिंग टेबल पर बेठे थे. पिंकू लेकिन शांत ही बैठा था.
बेटा पिंकू क्या बात हे आज इतने खामोश क्यों बेठे हो? मम्मी ने पूछा.
कुछ नहीं माँ बस थक गया हूँ. उसने मेरी और देखते हुए जवाब दिया.
में उसे देख कर मुस्कुरा दी और वो भी मुस्कुरा दिया. खाना खाने के बाद रात में मेने उसके कमरे पर दस्तक दी, उसने दरवाज़ा खोला.
हाय, क्या बात हे आज बात नहीं कर रहे, तुम ठीक तो हो? मेने पूछा.
ठीक हूँ बस आज जो हुआ उसकी शर्मिंदगी हो रही हे, उसने जवाब दिया.
शर्मिंदा होने की जरुरत नहीं हे, ये सब होते रहता हे. पर ये कब से चल रहा हे मुझे सच सच बताओ? मेने कहा.
वो एसा हे ना मेरा दोस्त रितेश, तुम तो उसे जानती ही हो. वो तुमसे प्यार करता हे. उसने मुझे १०० रूपये दिए की अगर में तुम्हारे कमरे में लाकर तुम्हारी पेंटी दिखा दूँ.
तो क्या तुम उसे ले कर आए? मेने पूछा.
मुझे कहते हुए शर्म आ रही हे, पर मैं उसे लेकर आया था और उसने तुम्हारी पेंटी को सुंघा था. उसने मुझे भी सूंघने को कहा और में अपने आपको रोक नहीं पाया. तुम्हारी पेंटी को सूंघते हेमे इतना गरम हो गया की में आज अपने आप को ये वापस करने से रोक ना पाया.
वैसे तो बहोत गन्दी हरकत थी तुम दोनों की. फिर भी मुझे अच्छा लगा. मेने हँसते हुए कहा.
तुम्हारा जब जी चाहे तुम ये कर सकते हो.
सही में ! क्या में अभी कर शकता हूँ? मम्मी पापा सो रहे हे, उसने पूछा.
एक ही शर्त पर जब में ये सब देख सकती हूँ तभी, मेने कहा.
हम लोग बिना शोर मचाये मेरे कमरे में पहुंचे. मेने टीवी ऑन कर दिया और कमरा बंद कर लिया जिससे सब यही समझे हम टीवी देख रहे हे.
पिंकू मेरे कपड़ो के पास पहुँच कर मेरी पेंटी को ले कर सूंघने लगा. मुझे देखने दो हंसते हुए उसके हाथ से अपनी पेंटी खिची और जोर से सूंघने लगी. म्मम्मम अच्छी स्मेल हे. हम दोनों धीमे से हँसे और बेड पर बेठ गए. तो तुम दिन में कितनी बार मुठ मारते हो? मेने पूछा.
दिन में कम से कम ३ बार, उसने जवाब दिया.
क्या तुम ये रितेश को बताओगे की मेने तुम्हे ये सब करते हुए पकड़ लिया? मेने फिर पूछा.
अभी तक इसके बारे में सोंचा नहीं हे.
मेने रितेश को कई बार तुम्हारे साथ देखा हे. देखने में स्मार्ट लड़का हे. मेने कहा.
वो तुम्हे पाने के लिए तड़प रहा हे. उसने कहा.
तुम्हे क्या लगता हे मुझे उसके साथ सोना चाहिए ? मेने पूछा.
हाँ इससे उसका सपना पूरा हो जाएगा, उसने कहा.
हम दोनों कुछ देर तक युही खामोश बेठे रहे फिर में उसकी आँखों में जांकते हुए मुस्कुरा दी. आज अगर तुम मुझे अपना लंड दिखाओ तो में तुम्हे अपनी चूत दिखा सकती हूँ. मेने कहा.
पिंकू ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए हाँ कर दी. हम दोनों कुछ देर तक चुप चाप एसे ही बेठे रहे आखिर उसने पूछा, पहले कौन दिखाएगा?
मुझे नही पता, मेने शरमाते हुए कहा.
तुम मेरा लंड दिन में देख चुकी हे इस लिए पहले तुम्हे अपनी चूत दिखानी होगी, वो बोला.
ठीक हे पहले में दिखाती हूँ, लेकिन तुम्हे दुबारा से अपना लंड दिखाना होगा. पहली बार में अच्छे से देख नहीं पाई थी. मेने कहा.
उसने गर्दन हिला कर हाँ कर दी.
में बिस्तर से उठकर उसके सामने जा खड़ी हुई. मेने अपनी जिन्स के बटन खोल कर उसे निचे खिसका दी और अपनी काली पेंटी भी निचे कर दी . अब मेरी गुलाबी चूत ठीक उसके सामने थी. पिंकू १० मिनट तक मेरी चूत को घूरता रहा. मेने अपनी जिन्स के बटन बंद किये और बिस्तर पर बेठ गई, अब तुम्हारी बारी हे.
पिंकू बिस्तर से खड़ा हो कर अपनी जिन्स और शोर्ट को निचे खिसका दी. उसका ७ इंच का लंड उछल कर बाहर आ गया. में काफी देर तक उसे घूरती रही फिर उसने अपना लंड अपनी शोर्ट में कर लिया और जिन्स पहन ली. कल मम्मी पापा बहार जाने वाले हे और रात को लेट घर आने वाले हे. तो क्या में कल रितेश को साथ ले आऊ ? उसने पूछा.
हाँ जरूर ले आना, मेने कहा.
में उसे जब बताऊंगा की मेने तुम्हारी चूत देखी हे तो वो जल जाएगा, उसने कहा.
उससे कहना की चिंता ना करे कल तुम दोनों साथ में मेरी चूत देख सकते हो मेने कहा.
दुसरे दिन में जब काम पर थी तो पिंकू का फोन मेरे सेल फोन पे आया. हाय क्या कर रही हो ?उसने पूछा.
कुछ ख़ास नहीं तुम कहो की फोन किया ?
अगर रितेश अपने एक दोस्त को साथ ले कर आये तो तुम्हे बुरा तो नहीं लगेगा ? उसने पूछा.
अगर सब कोई इस बात को रितेश रखते हे तो मुझे बुरा नहीं लगेगा, मेने जवाब दिया.
दोनों किसी से कुछ नहीं कहेंगे ये में तुम्हे विश्वास दिलाता हूँ. ठीक हे शाम को मिलते हे. कहकर पिंकू ने फोन रख दिया.
जब में शाम को घर पहोंची तो थोडा परेशान थी. पता नही क्या होने वाला था. में टीवी चालु करके शान्ति से उनका इन्तेजार कर ने लगी. थोड़ी देर में पिंकू घर में दाखिल हुआ. उसके पीछे रितेश और एक सुन्दर लम्बा सा लड़का था. उसने कंधे पे विडिओ केमेरा लटका रख्खा था. में शरमाई से सोफे पे बेठी हुई थी.
प्रीति ये रितेश और प्रशांत हे. पिंकू ने मेरा उनसे परिचय करवाया.
हेलो! मेने धीमी आवाज में कहा.
क्या हम सब तुम्हारे कमरे में चले? पिंकू ने पूछा.
हाँ यही ठीक रहेगा. कहकर में सोफे से खडी हो गेई. जब हम मेरे कमरे की और बढ़ रहे थे तो मेने पिंकू से पूछा, क्या तुम्म इन्हें सब बता चुके हो?
हाँ क्यों ? क्या कोई परेशानी हे ?
नहीं एसी कोई बात नहीं हे, मेने का.
जब हम कमरे में पहोंचे तो प्रशांत ने अपना केमेरा बिस्तर पे रख दिया. पिंकू कह रह था की अगर हम यहाँ आयेंगे तो हम अपनी चूत हमें दिखाओगी रितेश ने कहा.
अगर पिंकू कह रहा था तब तो दिखानी पड़ेगी, मेने हस्ते हुए जवाब दिया.
अगर तुम्हे बुरा नहीं लगे तो क्या में तुम्हारी चूत क फोटो ले सकता हूँ ? प्रशांत ने पूछा.!
बुरा तो नहीं लगेगा. पर तुम इसे किसे दिखाना चाहते हो? मेने पूछा.
अगर तुम नहीं चाहोगी तो किसी को नहीं दिखाएंगे. पर में अपनी एक वेबसाईट चालू करना चाहता हूँ. और में इस फोटो को अपनी उस साईट पे डाल दूंगा. तुम्हारा चेहरा तो दिखेगा नहीं इसलिए किसी को पता नहीं चलेगा की तुम कौन हो. प्रशांत ने जवाब दिया.
लगता हे इससे मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं आनि चाहिए, मेने जवाब दिया.
प्रशांत ने अपना केमेरा उठा एडजस्ट करने लगा. फिर उसने मुझे अपनी जिन्स और पेंटी उतारने को कहा. दोनों लड़के मुझे घूर रहे थे. जब मेने अपनी जिन्स उतार दी और अपनी पेंटी भी निचे खिसका दी. मेरी गुलाबी ओर झांटोरहित चूत खुली सबके सामने थी. प्रशांत ने केमेरा एक दम चूत के सामने कर उसका डिजिटल फोटो ले लिया. में अपने कपडे पह्न कर बिस्तर पर बेठ गई. दोनों लड़के खुर्सी पर मेरे सामने बेठे थे, हम चारो आपस में बाते करने लगे पिंकू उन्हें बताने लगा की केसे मेने उसे अपनी पेंटी सूंघते पकड़ा था और केसे एक दिन पहले वो रितेश को हमारे घर लाकर मेरी पेंटी सुंघाई थी. रितेश और प्रशांत दोनों ही अच्छे स्वाभाव के लड़के थे. प्रशांत २२ साल का था और समजदार भी था. वो दौड़ कर बाजार गया और सब के लिए बियर ले आया बाते करते करते हमारा टॉपिक सेक्स पर आ गया. सब अपने चुदाई की कहानिया सुनाने लगे. केसे ये सब लोग कॉलेज की लड़कियों को चोदते थे. बाते करते करते सब के शारीर में गर्मी बढती जा रही थी.
अचानक रितेश ने कहा, क्यों ना हम प्रशांत के केमरे से एक ब्लू फिल्म बनाते हे और उसे उसकी वेबसाइट पे डाल देते हे. हम इसका पैसा भी सब व्यूअर्स से चार्ज कर सकते हे. फिर हर महीने एक नई फिल्म एड कर देंगे.
सूनने में तो अच्छा लग रह था. मेने कहा.
देखो तुम्हारे पेरेंट्स को भी आने में अभी ३ घंटे बाकी हे अगर तुम चाहो तो हम एक फिल्म आज ही सूट कर सखते हे, प्रशांत ने कहा.
शुरुआत केसे करेंगे कुछ आइडिया हे ? रितेश ने पूछा .
प्रीति क्यों न में केमेरा तुम पर फोकस कर दूँ. और शुरुआत तुम्हारे इंटरव्यू से करते हे. प्रशांत ने कहा. सुनने में इंट्रेस्टिंग लग रह हे. मेने कहा. में एक खुर्सी पर बेठ गयी और प्रशांत ने कैमरा मेरे चेहरे पर फोकस कर दिया.
अच्छा दोस्तों ये सुन्दर सी लड़की प्रीति हे. और प्रीति तुम्हारी उम्र क्या हे ? प्रशांत इंटरव्यू की सुरुआत करते हुए पूछा. और ये तुम्हारे साथ लड़का कौन हे.? उसने कैमरा को पिंकू की और घुमाते हुआ पूछा.
ये मेरा भाई पिंकू हे.
मेने जवाब दिया अच्छा तो ये तुम्हारा भाई हे तब तो तुम इसे बचपन से जानती हो. क्या कभी इसका लंड देखा हे ? प्रशांत ने पूछा.
मेरा मुह शर्म से लाल हो गया. हां बचपन में जब हम साथ साथ नहाते थे तो कई बार देखा हे, और अभी तो मेने कल ही देखा हे. मेने इसे रंगे हाथो अपनी पेंटी को अपनी पेंट पे लपेटे हुए मुठ मार रहा था और दुसरे हाथ में दूसरी पेंटी को पकडे सूंघ रहा था. मेने कहा.
ओह और जो आप ने देखा क्या वो आप को अच्छा लगा ? प्रशांत ने पूछा.
शर्म के मारे चेहरा लाल होता जा रहा था. हाँ काफी अच्छा लगा, मेने जवाब दिया.
क्या तुम पिंकू के लंड को फिर से देखना चाहोगी ? उसने पूछा.
हाँ अगर ते अपना लंड दिखाएगा तो मुझे अच्छा लगेगा, मेने शर्माते हुए कहा.
ओके प्रीति में तुम्हारा ड्राईवर लाइसंस देखना चाहूँगा और पिंकू तुम्हारा भी.
मेने अपना लाइसंस निकाला और पिंकू ने भी. प्रशांत ने दोनों लाइसंस पर कैमरा फोकस कर दिया. दोस्तों ये इनका परिचय पत्र हे दोनों सही में बहन भाई हे. और सकल भी काफी आपस में मिलती हे. प्रशांत ने कहा.
पिंकू अब तुम अपना लंड बहार निकालो अपनी बड़ी बहन को क्यों नहीं दिखाते जिससे ये अच्छी तरह से देख सके. प्रशांत ने कहा पिंकू का चेहरा भी उत्तेजना से लाल हो रह था. उसने अपनी जिन्स के बटन खोले और अपनी शोर्ट के साथ निचे खिसका दी . उसका लंड तन कर खड़ा था. तुम्हारा लंड वाकई में लम्बा और मोटा हे पिंकू. प्रशांत ने कहा.
प्रीति तुम अपने भाई के लंड के बारे में क्या कहती हो ? प्रशांत ने कहा.
मेने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, बहुत ही जानदार और सेक्सी हे.
प्रीति अब तुम अपना मुंह पूरा खोल दो, अब तूम्हारा भाई तुम्हारे मुह में अपना लंड डालेगा ठीक हे प्रशांत ने कहा.
प्रशांत की बात सुनकर में चोंक गई. मेने ये बात सपने में भी नहीं सोंची थी, में और पिंकू एक दुसरे को घूर रहे थे. थोडा जिझाकते हुए मेने कहा, ठीक हे.
मेने पिंकू की तरफ देखा जो मेरे पास अपना लंड मेरे चेहरे पे रगड़ रहा था. मेने अपना मुह खोला और उसने अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया. पहले तो में धीरे धीरे उसे चूस रही थी फिर चेहरे को आगे पीछे करते हुए जोर से चूस ने लगी. जब उसने अपना लंड मेरे मुह से निकाला तो एक पुच्च्च्छह्ह्ह्ह सी आवाज मेरे मुह से निकली मेने पलट कर कैमरे की तरफ मुस्कुराते हुए देखा. तुम सही बहोत ही अच्छा लोडा चुस्ती हो.
तुम्हारा क्या ख़याल हे रितेश इस के बारे में ? प्रशांत ने कैमरा रितेश की ओर मोड़ दिया जो अपना लंड अपने हाथो में ले हिला रहा था. प्रशांत ने फिर कैमेरा मेरी और करते हुए कहा प्रीति हम सब और हमारे दर्शक तुम्हारी चूत देखने के लिए मरे जा रहे हे. क्या तुम अपनी जिन्स और पेंटी उतार उन्हें अपनी चूत दिखा सकती हो?
मेने अपनी जिन्स और पेंटी उतार दी.
बहोत अच्छा मुझे तुम्हारी चूत पे कैमरे को फोकस करने दो.
उसने कैमरा ठीक मेरी चूत के सामने कर दिया.
एक बाल भी नहीं हे तुम्हारी चूत पे जेसे आज ही पैदा हुई हो, प्रशांत बोला. अब हम सब के लिए अपनी अपनी चूत से खेलो.
मेने अपना हाथ अपनी चूत पे रख दिया और अपनी ऊँगली अन्दर डाल रगड़ ने लगी. म्मम्मम मेरे मुह से सिसकारी निकल रही थी. बहोत अच्छा प्रीति लेकिन क्या तुम जानती हो की हम सब क्या देखना चाहेंगे? प्रशांत ने कहा.
क्या देखना चाहोगे ? मेने पूछा.
अब हम सब तुम्हारी गांड देखना चाहेंगे. प्रशांत ने कहा, तुम पीछे घूम कर अपनी गांड कैमरे के सामने कर दो.
मेने घूम कर अपनी गांड को कैमरे के सामने कर दिया और थोड़ी झुक गई जिससे मेरी गांड ऊपर को थोडा उठ गई. पिंकू देखो तुम्हारी बहन की गांड कितनी सुन्दर हे. रितेश ने कहा.
प्रीति अब में चाहता हु की अब तुम पूरी नंगी हो कर बिस्तर पर जाकर लेट जाओ और अपनी टांगो को हो सके उतना ऊपर हवा में उठा दो. प्रशांत ने कहा.
मेने अपनी गर्दन हिलाते हुए अपनी सेंडल उतार दी फिर अपना टॉप और ब्रा खोलकर एकदम नंगी हो गयी. में बिस्तर पे लेट के अपनी टाँगे घुटनों तक मोड़ अपनी छाती पे कर ली. प्रशांत ने कैमरा मेरी चूत और गांड पे ज़ूम कर दिया.
पिंकू तुम अपनी बहन की चूत को चाटोगे, प्रशांत ने कहा.
पिंकू ने हां में अपनी गर्दन हिला दी.
प्रीति तुम्हे तो कोई प्रॉब्लम नहीं हे अगर पिंकू तुम्हारी चूत को चाटे. प्रशांत ने पूछा.
मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हे बल्कि में तो कब से इन्तेजार कर रही हूँ की कोई मेरी चूत को चाटे. मेने हस्ते हुए कहा.
पिंकू घुटने के बल मेरी जांगो के बिच बेठ गया. और धीरे से अपनी जीभ मेरी चूत पे रख दी वो धीरे धीरे मेरी चूत को चाट रहा था. थोड़ी देर मेरी चूत को चाटने के बाद वो अपनी जुबान मेरी चूत से ले के मेरी गांड की छेद तक चाटता और वापस आके मेरी चूत को मुह में ले चूसने लगा.
पिंकू क्या तुम्हे तुम्हारी बहन की चूत का स्वाद अच्छा लग रहा हे. प्रशांत ने पूछा.
बहोत ही अच्छा स्वाद हे मज़ा आ गया. पिंकू मेरी चूत को और जोर से चूसते हुए बोला कौन सा स्वाद अच्छा हे चूत का या गांड का ? रितेश ने पूछा. वो अब भी अपने लंड को हिला रहा था.
पहले मुझे चखने दो फिर बताता हूँ कहकर पिंकू ने अपनी एक ऊँगली पहले मेरी चूत में डाल दी और फिर उसे निकाल अपने मुह में डाल के चूसने लगा. वेसे तो दोनों ही स्वाद अच्छे हे पर मुझे तो चूत ज्यादा अच्छी लग रही हे.
मुझे भी मेरी चूत का स्वाद चखाओ ना, मैंने पिंकू से कहा.
पिंकू ने अपनी दो उंगलिया पूरी की पूरी मेरी चूत में डाल गोल गोल घुमाने लगा. मेरी चूत की अन्दर से खुलने लगी. मेने अपनी चूत की नसों द्वारा उसकी उँगलियों को भीच लिया. थोड़ी देर में उसने अपनी ऊँगली मेरी चूत में से निकाल मेरे चेहरे के सामने कर दी. मेने कैमरे की और देखते हुए उसकी उंगलिया झपटकर अपने मुह में ले चूस ने लगी. जेसे में किसी लौड़े को चूस रही हूँ. पिंकू ने दुबारा अपनी उंगलिया मेरी चूत में डाल दी और अन्दर बहार करने लगा. फिर उसने झुक कर अपनी नुकीली जीभ मेरी चूत में डाल दी. उसकी जीभ काफी लम्बी थी और करीब ३ इंच मेरी चूत में घुसी हुई थी.
फिर वो निचे की और होते हुए मेरी गांड के छेद को चूसने लगा.
केसा लग रहा हर प्रीति? प्रशांत ने पूछा.
बहुत मज़ा आ रहा हे, मेने सिसकते हुए जवाब दिया.
क्या तुम अब अपने भाई के लंड को अपनी गांड में लेना चाहोगी ? प्रशांत ने कैमरा मेरी गांड की और करते हुए पूछा.
हाँ उसे कहो की जलदी से अपना मेरी गांड में पेल दे, मेने कहा.
मेरा भी उठ कर खड़ा हो गया. मेने भी अपनी टाँगे सीधी कर थोडा उन्हें आराम दिया और फिर टांगो को मोड़ छाती पे रख ली.
पिंकू क्या तुम ने कभी सोंचा था की तुम अपना लंड अपनी बाहें की गांड में डालोगे ? प्रशांत ने पूछा.
हाँ सपने देखते हुए मेने कई बार अपने लंड का पानी छोड़ा हे, पिंकू ने जवाब दिया.
देखो तुम्हारी बहेन अपनी गांड को ऊपर उठाए तुम्हारे लंड का इन्तेजार कर रही हे. में रितेश और हमारे सभी दर्शक इसका बेताबी से ये देखना चाहते हे. प्रशांत ने कहा. आज में डायरेक्टर हूँ इस लिए में बोलता हूँ वेसा ही करो. पहले अपने लंड के सुपाडे को इसकी गांड पे रगडो. पिंकू ने वेसा ही किया. अब धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड में डाल दो. उसने कहा पिंकू बड़े प्यार से अपना लंड मेरी गांड में घुसाने लगा. उसका सुपाडा घुसते ही मेरी गांड अन्दर से खुलने लगी. उसका लंड काफी मोटा था और वो अपने ७ इंच लंड को एक एक इंच करके घुसाता रहा. जब तक की उसका पूरा लंड मेरी गांड में नहीं घुस गया. पिंकू अब कस कास कर धक्के मारो और अपना पूरा पानी इसकी गांड में उढल दो प्रशांत ने कहा.
पिंकू अब मेरी चुतड पकड़ कर तूफानी रफ़्तार से मेरी गांड मार रहा था.
हम दोनों पसीने से तरबतर हो गए थे. में अपने हाथ से अपनी चूत घस्ते हुए अपनी उन्गली अन्दर बाहर करने लगी. मेरे मुह से सिसकियाँ फुट रही थी हाआआन ऐसे ही किया जाओ और जोर से पिंकू हाँ चोदो मुझे फाड़ दो मेरी गांड को आह में तो गयी. मेरा चूत में उबाल आना सुरु हो गया था. और दो धक्को में ही मेरी चूत ने सारा पानी छोड़ दिया था.
मेरा भी छुट रहा हे, कहकर पिंकू के लंड ने अपने वीर्य की बोछार मेरी गांड में कर दी.
हम दोनों के बदन ढीले पड़ गए थे गहरी साँसे ले रहे थे. उसका लंड अब ढीला पड़ने लग गया था मेने मुस्कुराकर उसे बाहों में लिया और चूम लिया प्रशांत अपने कैमरे से सूट कर रहा था. उसने कैमरे को बंद करते हुए कहा, प्रीति ये हमारा आज का आखरी सिन था. उम्मीद हे हम जल्द ही मिलेंगे. ओके बाय. बाय बाय सब कोई. मेने जवाब दिया में खड़ी हो कर अपने कपडे पहनने लगी. तीनो लड़के मुझे देख रहे थे.
क्या तुम सब कोई फिर से कुछ सिन सूट करना चाहोगे? में चाहता हूँ की हमारी वेब साईट सबसे अच्छी पोर्न साईट बन जाए.
रितेश ने कहा. हाँ जरुर करना चाहेंगे.
पिंकू बोला. हाँ मुझे भी अच्छा लगा.
में तैयार हूँ. मेने जवाब दिया.
थोड़ी देर में रितेश और प्रशांत चले गए.
मेरे मम्मी डेडी भी घर आ गए थे रात को हम सब खाना खाने डाइनिंग टेबल पर जमा थे. में और पिंकू खामोशी से खाना खाके अपने अपने कमरे में सोने चले गए. दो हफ्ते गुजर गए. मेरे और पिंकू के बिच इस दौरान किसी तरह की बातचित नहीं हुई थी. मुझे लगा की पोर्न साईट के लिए सिन सूट अब एक कहानी बन कर रह गयी हे. शायद सब कोई इससे बहोत चोके हे. लेकिन हर रात सोने से पहले में उस शाम के बारे में सोचते हुए अपनी चूत की गर्मी को अपनी उंगलियों से शांत करती थी. फिर एक दिन कॉलेज जाने से पहले पिंकू मेरे कमरे में आया. रितेश और प्रशांत पूछ रहे थे की क्या तुम दूसरी फिल्म करना चाहोगी ?
में खुद यही सोंच रही थी की तुम लोग ये फिल्म कब करोगे ? मेने कहा.
मम्मी डेडी दो दिन के लिए बहार जा रहे हे. पिंकू ने कहा.
क्या तुम लोग फिर आना चाहोगे ? मेने पूछा.
अगर तुम हाँ कहोगी तो, पिंकू ने जवाब दिया.
उस दिन में काम पर चली गयी और पुरे दिन शाम होने के इन्तेजार करती रही. सिर्फ सोच सोच के में इतना गरमा गयी थी की मेरी चूत से पानी छूटने लगा था. आखिर शाम को ठीक ५;०० बजे में घर पहोंच गयी. घर में घुसते ही मेने तीनो को सोफे पर बेठे हुए देखा.
हाय सब कोई केसे हो ? मेने पूछा.
हम सब ठीक हे. तुम केसी हो ? रितेश ने कहा.
मेने वहा जमीन पर कुछ सामन पड़ा देखा, ये सब क्या हे ? ये मेरे कैमरे का सामान हे. स्टैंड, ट्राईपेड़ वगेरह इससे मुझे कैमरा पकड़ कर सूट नहीं करना पड़ेगा. आटोमेटिक सूट होता रहेगा. प्रशांत ने कहा.
ठीक हे, अब क्या प्रोग्राम हे? सूटिंग कहा करना चाहोगे? मेने पूछा.
हम यहाँ भी कर सकते हे, प्रशांत ने कहा.
प्रशांत ने अपना केमेरा ओन किया और मुझ पर केन्द्रित कर दिया. दोस्तों हम आज फिर सुन्दर प्रीति के साथ बेठे हे. मेने अपना हाथ कैमरे के सामने हिलया. और ये पिंकू हे प्रीति का भाई. इससे तो प सभी मिल चुके हे. पिंकू ने भी अपना हाथ हिलाया. चलो तुम दोनों अब सुरु हो जाओ. प्रशांत एक डिरेक्टर की तरह निर्देश देने लगा. मेने और पिंकू ने मुस्कुराते हुए देखा. पिंकू आगे बढ़ मेरे होंठो पे अपने होंठ रख चूमने लगा.
मेने अपनी जीभ बहार निकाली और पिंकू मेरी जीभ को चूसने लगा. फिर उसने अपनी जीभ मेरी मुह में डाल दी हम दोनों की जीभ एक दुसरे के साथ खेल रही थी.
ओके प्रीति अब हमारे दर्शक तुम्हारी सुन्दर और आकर्षक गांड एक बार फिर देखना चाहेंगे. क्या तुम दिखाना पसंद करोगी ? प्रशांत ने कहा.
क्यों नहीं, इतना कहकर मेने अपनी पेंट और टॉप उतार दिया. फिर ब्रा का हुक खोल उसे भी निकाल दिया. फिर में अपनी पेंटी को निकाल के सूंघने लगी. और उसे अपने भाई की और उछाल दिया. उसने मेरी पेंटी को पकड़ लिया और सूंघने लगा. फिर में सोफे पर लेट गयी और अपनी टाँगे अपने कंधे पर रख ली जिससे मेरी गांड उठ गई. प्रशांत ने कैमरा मेरी गांड पर ज़ूम कर दिया.
मेने इतनी गुलाबी और सुन्दर गांड आज तक नहीं देखी, प्रशांत ने कहा.
पिंकू अब अपनी बाहें की गांड को चोदने के लिए तैयार करो. पिंकू ने अपनी दो ऊँगली मुह में ले ली गीली की और मेरी गांड में अन्दर तक घुसा दी. अब वो अपनी ऊँगली को मेरी गांड में गोल गोल घुमा रहा था. प्रशांत ने कैमरे को स्टैंड पे लगा के उसे आटोमेटिक सिस्टम पे कर दिया. मेने देखा की प्रशांत भी अपने कपडे उतार नंगा हो चूका था.
प्रशांत अब मेरे पास आया और मुझे गोद में उठा लिया. ठीक कैमरे के सामने आ वो सोफे पर लेट गया. और मुझे अपनी पीठ के बल अपनी छाती पे लिटा लिया. मेरा चुतोड़ो को उठा उसने अपने खड़े लंड को मेरी गांड के छेद पे लगा मुझे निचे करने लगा. कैमरा में उसका लंड मेरी गांड में घुसता दिखाई पड़ रहा था. अब वो निचे से धक्का लगा रहा था. साथ ही मेरे चुतड को अपने लंड के ऊपर निचे कर रहा था.
पिंकू आओ और अपने लंड को अपनी बहन के चूत में डाल दो तब तक में निचे से इसकी गांड मारता हूँ. प्रशांत मेरे मोमो को भिचते हुए बोला.
पिंकू ने तुरंत अपने कपडे उतारे नंगा हो कर एक जटके में अपना लंड मेरी चूत में डाक दिया. मेरे मुह से सिसकारी निकल पड़ी. मुझे बहोत ही मजा आ रहा था. एसी चुदाई मेने सिर्फ ब्लू फिल्म में ही देखि थी. लेकिन आज खुद करवा रही थी. एक लंड निचे से मेरी गांड मार रहा था और दूसरा लंड मेरी चूत का भरता बना रहा था. जब पिंकू अपना लंड मेरी चूत में जड़ तक पलता तो उसके बदन के दबाव से पूरी तरह प्रशांत के लंड पर दब जाती जिससे उसका लंड भी मेरी गांड की जड़ तक जा घुसता. दोनों खूब जोरो से धक्के लगा रहे थे. और मेरी साँसे उखड रही थी. हाँ छोड़ो मुझे और जोर से हां अमाआआर ऐसी ही चोद्द्द्दते जाओ. रुको मत हां और तेज हाँ प्रशांत ने मुझे थोड़े से ऊपर से उठा के घोड़ी बना दिया. पिंकू ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल पीछे होकर खड़ा हो गया. प्रशांत अब मेरे चुत्तड पकड़ कर जोर के धक्के मार रहा था. उसके भी मुह से सिसकारी निकल रही थी. इतने में मेने उसके वीर्य की बोछार अपनी गांड में महसूस की. वो तब तक धक्के मारता रह जब तक की उसका सारा पानी नहीं छुट गया.
प्रशांत खड़ा हो कैमरा को अपने हाथ में ले मेरी गांड के छेड़ पे ज़ूम कर दिया. प्रशांत का वीर्य मेरी गांड से छुट रहा था. अपनी गांड को अपने हाथो से फेलाओ, उसने कहा.
मेने अपने दोनों हाथो से अपनी गांड और फेला दी. एसा करने उसका वीर्य मेरी गांड से टपकने लगा.
पिंकू देखो तुम्हारी बेहेन की गांड से केसा मेरा पानी टपक रहा हे, प्रशांत कैमरा को और मेरी गांड के नजदीक करते हुए बोला.
अच्छा हे मुझे लंड घुसाने में परेशानी नहीं होगी. पिंकू ने हस्ते हुए कहा.
पिंकू मेरे चेहरे के पास आ अपना लंड थोड़ी देर के लिए मेरे मुह में दिया.
मेने दो चार बार ही चूसा था की उसने अपना लंड निकाल लिया. मेरे पीछे आ उसने एक ही जटके अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया और धक्के मारने लगा.
थोड़ी देर मेरी गांड मारने के बाद उसने अपना पानी मेरी गांड में छोड़ दिया. मेने अपनी उँगलियों को उसके पानी से भिगोने लगी. और फिर कैमरे के सामने देखती हुई अपनी ऊँगली चूसने लगी. अगली बार जल्द ही मिलेंगे. कहकर मेने अपना हाथ कैमरे के सामने हिला दिया.
में चुपचाप उनको देख रही थी, अच्छा हे वो घर पर नहीं हे, रितेश में ये पहली और आखरी बार तुम्हारे लिए कर रहा हूँ, अगर उसे पता चल गया तो वो मुझे जान से मार डालेगी.
पिंकू ने कहा, शुक्रिया दोस्त, तुम्हे तो पता हे तुम्हारी बहन कितनी सुन्दर और सेक्सी हे.
पिंकू ने मेरा ड्रावर खोला और वो ब्लू पेंटी निकल कर रितेश को पकड़ा दी. रितेश वो पेंटी हाथ में लेकर सूंघने लगा, पिंकू तुम्हारी बहिन की चूत की खुसबू अभी भी इसमें से आ रही हे. पिंकू जमीन पर नजरे गड़ाए खामोश खड़ा था.
यार ये धूलि हुई हे अगर न धूलि होती तो चूत के पानी की भी खुसबू आ रही होती. रितेश ने ये पेंटी को चाटते हुए कहा.
तुम पागल हो गए हो, पिंकू हस्ते हुए बोला.
कम ओन पिंकू, माना वो तुम्हारी बहन हे लेकिन तुम इस बात से इनकार नहीं कर सकते की वो बहोत ही सेक्सी हे, रितेश ने कहा.
में मानता हु की वो बहोत ही सुन्दर और सेक्सी हे, लेकिन मेने ये सब बाते अपने दिमाग से निकाल दी हे. पिंकू ने जवाब दिया. अगर वो मेरी बहन होती तो.
रितेश कहने लगा, क्या तुम उसके नंगे बदन की कल्पना करते हुए मुठ नहीं मारते हो ?
पिंकू कुछ बोला नहीं और खामोश खड़ा रहा.
शरमाओ मत यार अगर में तुम्हारी जगह होता तो यही करता.
रितेश ने कहा, क्या तुम्हारी बहन की बिना धूलि हुई पेंटी यहाँ नहीं हे.
जरूर यही कहीं होगी, में ढूँढता हूँ तब तक खिड़की पे निगाह रख्खो अगर प्रीति आती दिखे तो बताना. पिंकू कमरे में मेरी पेंटी ढूंढने लगा. पिंकू और रितेश को ये नहीं पता था की में घर आ चुकी थी और अलमारी में छिप कर उनकी हरकते देख रही थी.
वो रही मिल गयी, पिंकू ने गंदे कपडे के ढेर में से मेरी लाल पेंटी की और इशारा करते हुए कहा. रितेश ने कपडे के ढेर में से मेरी पेंटी उठाई जो मेने दो दिन पहले पहनी थी. पहले कुछ देर तक उसे देखता रहा, फिर मेरी पेंटी पे लगे दाग को अपनी नाक के पास ले ले जा कर सुंगने लगा.
म्मम्मम क्या सेक्सी सुगंध हे पिंकू, कहकर वो पेंटी को अपने गालों पे रगड़ने लगा.
मुझे अब भी उसकी चूत और उसकी गांड की खुसबु आ रही हे इसमें से, रितेश बोला.
तुम सही में पागल हो गए हो, पिंकू बोला.
क्या तुम सूंघना चाहोगे ? रितेश ने पूछा.
किसी हालत में नहीं पिंकू ने शर्माते हुए बोला.
में जानता हूँ तुम इसे सूंघना चाहते हो, पर मुझे कहते हुए शर्मा रहे हो, रितेश बोला. चलो यार इसमें शर्माना क्या आखिर हम दोस्त हे.
पिंकू कुछ देर तक सोचता रहा, तुम वादा करते हो की इसके बारे में कभी किसी को कुछ नहीं बताओगे.
पक्का वादा करता हूँ, रितेश ने कहा.
आओ अब और शरमाओ मत, सूंघो इसको कितनी मादक खुसबू हे. पिंकू रितेश के नजदीक पहुंचा और उसने हाथ से मेरी पेंटी ले ली. थोड़ी देर उसे निहारने के बाद वो उसे अपनी नाक पे ले जा के जोर से सूंघने लगा जेसे कोई परफ्यूम की महक निकल रही हो. मुझे ये देख के विश्वास नहीं हो रहा था की मेरा भाई मेरी ही पेंटी इस तरह से सुन्घेगा.
सही में रितेश बहोत ही सेक्सी स्मेल हे. मानना पड़ेगा, पिंकू सिसकते हुए बोला, मेरा लंड तो इसे सूंघते ही खड़ा हो गया हे.
मेरा भी,रितेश अपने लंड को सहलाते हुए बोला. क्या तुम अपना पानी इस पेंटी में छोड़ना चाहोगे ?
क्या तुम सीरियस हो पिंकू ने पूछा.
हाँ, रितेश ने जवाब दिया.
मगर मुझे किसी के सामने मुठ मारना अच्छा नहीं लगता, पिंकू ने कहा.
अरे यार में कोई पराया थोडा ही हूँ, हम दोस्त हे और दोस्ती में शरम केसी, रितेश बोला.
ठीक हे अगर तुम कहते हो तो.
रितेश ने अपनी पेंट के बटन खोले और उसे निचे खसका दी, पेंट निचे खसकते ही उसका खड़ा लंड उछल कर बहार निकल पड़ा. उसने उस पेंटी को अपने लंड की चारो और लपेट लिया और दूसरी को अपनी नाक पे लगा ली. फिर पिंकू ने भी अपनी पेंट उतारी रितेश की तरह ही करने लगा. दोनों लड़के उत्तेजना में भरे हुए थे और अपने लंड को हिला रहे था. दोनों को इस हालत में देखते होए मेरी भी हालत ख़राब हो रही थी.
में अपना हाथ अपनी पेंट के अन्दर डाल अपनी चूत पे रखा तो पाया की मेरी चूत गीली हो गयी थी और उससे पानी छुट रहा था. अलमारी में खड़े हुए मुझे काफी दिक्कत हो रही थी पर साथ में ही अपने भाई और उसके दोस्त को मेरी पेंटी में मुठ मारते देख में भी पूरी गरमा गयी थी.
मेरा अब छुट ने वाला हे, मेरे भाई पिंकू ने कहा.
मेने साफ़ देखा की मेरे भाई का शरीर थोडा अकड़ा और और उसके लंड से सफ़ेद वीर्य की पिचकारी निकल के मेरी पेंटी में गिर रही थी. वो तब तक अपना लंड हिलाता रहा जब तक की उसका सारा पानी नहीं निकल गया. फिर उसने अपने लंड को अच्छी तरह मेरी पेंटी से पूछा और अपने हाथ भी पूछ लिए. थोड़ी देर में रितेश ने भी वेसा ही किया.
इससे पहले की तुम्हारी बहन आ जाए और हमें ये करता हुआ पकड़ ले, मुझे यहाँ से जाना चाहिए. रितेश अपनी पेंट पहनते हुए बोला.
दोनों लड़के मेरे कमरे से चले गए. में भी खिड़की से कूद कर घूमते हुए घर के मैन दरवाजे से अन्दर दाखिल हुई. तो देखा पिंकू डाइनिंग टेबल पे बता सेंडविच खा रहा था.
हाय प्रीति, पिंकू बोला.
हाय पिंकू केसे हो? मेने जवाब दिया.
आज तुम्हे आने में काफी लेट हो गयी?
हाँ फ्रेंड्स लोग के साथ शोपिंग में थोड़ी देर हो गयी.
मेने जवाब दिया में किचन में गयी और अपने लिए कुछ खाने को निकालने लगी. मुझे पता था की मेरा भाई मेरी और कितना आकर्षित हे. जेसे ही में थोडा झुकी ओर मेने देखा की वो मेरी झांकती पेंटी को ही देख रहा था.
दुसरे दिन में सो कर लेट उठी, मुझे काम पर जाना नहीं था. पिंकू कॉलेज जा चूका था और मम्मी पापा काम पे जा चुके थे में अपने खुले बिस्तर पे पड़ी थी. अब भी मेरी आँखों के सामने कल वाला द्रश्य घूम रहा था. मेने अपने कपड़ो के ढेर की तरफ देखा और कल जो हुआ उसके बारे में सोचने लगी. किस तरह मेरा भाई और उसके दोस्त ने मेरी पेंटी में अपना वीर्य छोड़ा था. पता नहीं ये सब सचते हुए मेरा हाथ कब मेरी चूत पे चला गया और में अपनी ऊँगली से अपनी चूत की चुदाई कर रही थी. थोड़ी ही देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मेने बिस्तर से खड़ी हो के अपने सारे कपडे उतार दिए अब में आईने सामने खड़ी हो के अपने बदन को निहार रही थी. मेरा पतला जिस्म, गुलाबी चूत सही में सुन्दर दिख रही थी. में घूम कर अपनी चूत पर हाथ फिरने लगी, मेरे भाई और उसके दोस्त ने सही कहा था की में सही में सेक्सी देख रही थी. मे अपने कपड़ो के पास पहोची ओर लाल पेंटी को उठा लिया. रितेश के वीर्य के धब्बे उसपे साफ़ दिखाई दे रहे थे. में पेंटी को अपनी नाक पे लगा के जोर से सूंघने लगी रितेश के वीर्य की महक मुझे गरमा रही थी. में अपनी जीभ निकाल उस भाग को चाटने लगी. मेरी चूत में जोरो की खुजली हो रही थी, एसा लग रहा था की मेरी चूत से अंगारे निकल रहे हो.
पिंकू ने जो पेंटी में अपना वीर्य छोड़ा था उसे भी उठा सूंघने और चाटने लगी. मेने सोंच लिया था की जिस तरह पिंकू ने मेरे कमरे की तलाशी ली थी उसी तरह में भी उसके कमरे में जा कर देखूंगी. बहोत सालो के बाद में उसके कमरे में जा रही थी. मेने उसके बिस्तर के निचे झाँक के देखा तो पाया बहोत से गन्दी मेगेजिंस पड़ी थी. फिर उसके कपड़ो को टटोलने लगी उसके कपड़ो में मुझे उसकी शर्ट मिल गयी. मेरी पेंटी की तरह इस पर भी धब्बो के निशान थे में उसकी सर्ट को अपनी नाक पे ले जाके सूंघने लगी. उसके वीर्य की खुसबू आ रही थी शायद एसी हरकत मेने जिंदगी में नहीं की थी. उसकी शर्ट को जोर से सूंघते हुए में अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी. उत्तेजना में मेरी साँसे उखड़ रही थी. थोड़ी देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मेने तय कर लिया था की आज शाम को जब पिंकू कॉलेज से वापस आएगा तो में घर पर ना होने का बहाना कर छुप कर फिर उसे देखूंगी. और मुझे उम्मीद थी की वो कल की तरह मुझे घर पर ना पाकर फिर मेरी पेंटी में मुठ मारेगा.
जब पिंकू का आने का समय हो गया तो मेने अपनी दिन भर पहनी हुई पेंटी कपड़ो के ढेर पर फेंक दी. और कमरे के बहार जा कर खिडकी के पीछे छुप गई. मेने पिंकू के लिए एक नोट लिख कर छोड़ दिया था की में रात को देर से घर आउंगी. पिंकू जेसे ही घर आया तो उसने घर पर किसी को ना पाया. वो सीधे मेरे कमरे पहुंचा और मेरी छोड़ी हुई पेंटी उठाकर सूंघने लगा. उसने अपनी पेंट खोली और अपने खड़े लंड के चारो और मेरी पेंटी को लगा मुठ मारने लगा. दुसरे हाथ से उसने दूसरी पेंटी उठा कर सूंघ रहा था. में पागलो की तरह अपने भाई को मुठ मारते देख रही थी. मेने सोच लिया था की में चुपचाप कमरे में जाकर पिंकू को ये करते हुए रंगे हाथो पकड़ लुंगी. में चुपके से खिड़की से हटी और दबे पांव चलते हुए अपने कमरे के पास पहुंची. कमरे का दरवाज़ा थोडा खुला था, में धीरे से कमरे में दाखिल होकर उसे देखने लगी. उसकी आँखे बंध थी और वो मेरी पेंटी को अपने लंड पे लपेटे हुए जोर जोर से हिला रहा था.
पिंकू ये क्या हो रहा हे? मेने जोर से पूछा.
उसने मेरी और देखा, ओह मर गया. यह कहकर वो बिस्तर से उछल कर खड़ा हो गया. जल्दी से अपनी पेंट ऊपर कर के बंध की और मेरी पेंटी को मेरे कपड़ो के ढेर पे रख दी. उसकी आँखों में डर और शरम के भाव थे. हम दोनों एक दुसरे को घूरे जा रहे थे.
आई ऍम सॉरी, में इस तरह कमरे में नहीं आना चाहती थी, पर मुझे मालुम नहीं था की तुम मेरे कमरे में होंगे मेने कहा.
पिंकू मुह खोल कुछ कहना चाहता था पर शायद डर के मारे उसकी जबान से एक सब्द भी नहीं निकला.
तुम ठीक तो हो ना? मेने पूछा.
मुझे माफ़ कर दो… वो इतना ही कह सका.
मुझे उस पर दया आ रही थी, में उसे इस तरह शर्मिंदा नहीं करना चाहती थी.
कोई बात नहीं अब यहाँ से जाओ और मुझे नहाकर कपडे बदलने दो. मेने शांत भरे स्वर में कहां जेसे खुछ हुआ ही नहीं हे. उसने अपनी गर्दन हिलाई और चुप चाप वह से चला गया. रात तक वो अपने कमरे में ही बंद रहा. जब मम्मी काम पर से वापस आई और खाना बनाया तो हम सब खाना खाने डाइनिंग टेबल पर बेठे थे. पिंकू लेकिन शांत ही बैठा था.
बेटा पिंकू क्या बात हे आज इतने खामोश क्यों बेठे हो? मम्मी ने पूछा.
कुछ नहीं माँ बस थक गया हूँ. उसने मेरी और देखते हुए जवाब दिया.
में उसे देख कर मुस्कुरा दी और वो भी मुस्कुरा दिया. खाना खाने के बाद रात में मेने उसके कमरे पर दस्तक दी, उसने दरवाज़ा खोला.
हाय, क्या बात हे आज बात नहीं कर रहे, तुम ठीक तो हो? मेने पूछा.
ठीक हूँ बस आज जो हुआ उसकी शर्मिंदगी हो रही हे, उसने जवाब दिया.
शर्मिंदा होने की जरुरत नहीं हे, ये सब होते रहता हे. पर ये कब से चल रहा हे मुझे सच सच बताओ? मेने कहा.
वो एसा हे ना मेरा दोस्त रितेश, तुम तो उसे जानती ही हो. वो तुमसे प्यार करता हे. उसने मुझे १०० रूपये दिए की अगर में तुम्हारे कमरे में लाकर तुम्हारी पेंटी दिखा दूँ.
तो क्या तुम उसे ले कर आए? मेने पूछा.
मुझे कहते हुए शर्म आ रही हे, पर मैं उसे लेकर आया था और उसने तुम्हारी पेंटी को सुंघा था. उसने मुझे भी सूंघने को कहा और में अपने आपको रोक नहीं पाया. तुम्हारी पेंटी को सूंघते हेमे इतना गरम हो गया की में आज अपने आप को ये वापस करने से रोक ना पाया.
वैसे तो बहोत गन्दी हरकत थी तुम दोनों की. फिर भी मुझे अच्छा लगा. मेने हँसते हुए कहा.
तुम्हारा जब जी चाहे तुम ये कर सकते हो.
सही में ! क्या में अभी कर शकता हूँ? मम्मी पापा सो रहे हे, उसने पूछा.
एक ही शर्त पर जब में ये सब देख सकती हूँ तभी, मेने कहा.
हम लोग बिना शोर मचाये मेरे कमरे में पहुंचे. मेने टीवी ऑन कर दिया और कमरा बंद कर लिया जिससे सब यही समझे हम टीवी देख रहे हे.
पिंकू मेरे कपड़ो के पास पहुँच कर मेरी पेंटी को ले कर सूंघने लगा. मुझे देखने दो हंसते हुए उसके हाथ से अपनी पेंटी खिची और जोर से सूंघने लगी. म्मम्मम अच्छी स्मेल हे. हम दोनों धीमे से हँसे और बेड पर बेठ गए. तो तुम दिन में कितनी बार मुठ मारते हो? मेने पूछा.
दिन में कम से कम ३ बार, उसने जवाब दिया.
क्या तुम ये रितेश को बताओगे की मेने तुम्हे ये सब करते हुए पकड़ लिया? मेने फिर पूछा.
अभी तक इसके बारे में सोंचा नहीं हे.
मेने रितेश को कई बार तुम्हारे साथ देखा हे. देखने में स्मार्ट लड़का हे. मेने कहा.
वो तुम्हे पाने के लिए तड़प रहा हे. उसने कहा.
तुम्हे क्या लगता हे मुझे उसके साथ सोना चाहिए ? मेने पूछा.
हाँ इससे उसका सपना पूरा हो जाएगा, उसने कहा.
हम दोनों कुछ देर तक युही खामोश बेठे रहे फिर में उसकी आँखों में जांकते हुए मुस्कुरा दी. आज अगर तुम मुझे अपना लंड दिखाओ तो में तुम्हे अपनी चूत दिखा सकती हूँ. मेने कहा.
पिंकू ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए हाँ कर दी. हम दोनों कुछ देर तक चुप चाप एसे ही बेठे रहे आखिर उसने पूछा, पहले कौन दिखाएगा?
मुझे नही पता, मेने शरमाते हुए कहा.
तुम मेरा लंड दिन में देख चुकी हे इस लिए पहले तुम्हे अपनी चूत दिखानी होगी, वो बोला.
ठीक हे पहले में दिखाती हूँ, लेकिन तुम्हे दुबारा से अपना लंड दिखाना होगा. पहली बार में अच्छे से देख नहीं पाई थी. मेने कहा.
उसने गर्दन हिला कर हाँ कर दी.
में बिस्तर से उठकर उसके सामने जा खड़ी हुई. मेने अपनी जिन्स के बटन खोल कर उसे निचे खिसका दी और अपनी काली पेंटी भी निचे कर दी . अब मेरी गुलाबी चूत ठीक उसके सामने थी. पिंकू १० मिनट तक मेरी चूत को घूरता रहा. मेने अपनी जिन्स के बटन बंद किये और बिस्तर पर बेठ गई, अब तुम्हारी बारी हे.
पिंकू बिस्तर से खड़ा हो कर अपनी जिन्स और शोर्ट को निचे खिसका दी. उसका ७ इंच का लंड उछल कर बाहर आ गया. में काफी देर तक उसे घूरती रही फिर उसने अपना लंड अपनी शोर्ट में कर लिया और जिन्स पहन ली. कल मम्मी पापा बहार जाने वाले हे और रात को लेट घर आने वाले हे. तो क्या में कल रितेश को साथ ले आऊ ? उसने पूछा.
हाँ जरूर ले आना, मेने कहा.
में उसे जब बताऊंगा की मेने तुम्हारी चूत देखी हे तो वो जल जाएगा, उसने कहा.
उससे कहना की चिंता ना करे कल तुम दोनों साथ में मेरी चूत देख सकते हो मेने कहा.
दुसरे दिन में जब काम पर थी तो पिंकू का फोन मेरे सेल फोन पे आया. हाय क्या कर रही हो ?उसने पूछा.
कुछ ख़ास नहीं तुम कहो की फोन किया ?
अगर रितेश अपने एक दोस्त को साथ ले कर आये तो तुम्हे बुरा तो नहीं लगेगा ? उसने पूछा.
अगर सब कोई इस बात को रितेश रखते हे तो मुझे बुरा नहीं लगेगा, मेने जवाब दिया.
दोनों किसी से कुछ नहीं कहेंगे ये में तुम्हे विश्वास दिलाता हूँ. ठीक हे शाम को मिलते हे. कहकर पिंकू ने फोन रख दिया.
जब में शाम को घर पहोंची तो थोडा परेशान थी. पता नही क्या होने वाला था. में टीवी चालु करके शान्ति से उनका इन्तेजार कर ने लगी. थोड़ी देर में पिंकू घर में दाखिल हुआ. उसके पीछे रितेश और एक सुन्दर लम्बा सा लड़का था. उसने कंधे पे विडिओ केमेरा लटका रख्खा था. में शरमाई से सोफे पे बेठी हुई थी.
प्रीति ये रितेश और प्रशांत हे. पिंकू ने मेरा उनसे परिचय करवाया.
हेलो! मेने धीमी आवाज में कहा.
क्या हम सब तुम्हारे कमरे में चले? पिंकू ने पूछा.
हाँ यही ठीक रहेगा. कहकर में सोफे से खडी हो गेई. जब हम मेरे कमरे की और बढ़ रहे थे तो मेने पिंकू से पूछा, क्या तुम्म इन्हें सब बता चुके हो?
हाँ क्यों ? क्या कोई परेशानी हे ?
नहीं एसी कोई बात नहीं हे, मेने का.
जब हम कमरे में पहोंचे तो प्रशांत ने अपना केमेरा बिस्तर पे रख दिया. पिंकू कह रह था की अगर हम यहाँ आयेंगे तो हम अपनी चूत हमें दिखाओगी रितेश ने कहा.
अगर पिंकू कह रहा था तब तो दिखानी पड़ेगी, मेने हस्ते हुए जवाब दिया.
अगर तुम्हे बुरा नहीं लगे तो क्या में तुम्हारी चूत क फोटो ले सकता हूँ ? प्रशांत ने पूछा.!
बुरा तो नहीं लगेगा. पर तुम इसे किसे दिखाना चाहते हो? मेने पूछा.
अगर तुम नहीं चाहोगी तो किसी को नहीं दिखाएंगे. पर में अपनी एक वेबसाईट चालू करना चाहता हूँ. और में इस फोटो को अपनी उस साईट पे डाल दूंगा. तुम्हारा चेहरा तो दिखेगा नहीं इसलिए किसी को पता नहीं चलेगा की तुम कौन हो. प्रशांत ने जवाब दिया.
लगता हे इससे मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं आनि चाहिए, मेने जवाब दिया.
प्रशांत ने अपना केमेरा उठा एडजस्ट करने लगा. फिर उसने मुझे अपनी जिन्स और पेंटी उतारने को कहा. दोनों लड़के मुझे घूर रहे थे. जब मेने अपनी जिन्स उतार दी और अपनी पेंटी भी निचे खिसका दी. मेरी गुलाबी ओर झांटोरहित चूत खुली सबके सामने थी. प्रशांत ने केमेरा एक दम चूत के सामने कर उसका डिजिटल फोटो ले लिया. में अपने कपडे पह्न कर बिस्तर पर बेठ गई. दोनों लड़के खुर्सी पर मेरे सामने बेठे थे, हम चारो आपस में बाते करने लगे पिंकू उन्हें बताने लगा की केसे मेने उसे अपनी पेंटी सूंघते पकड़ा था और केसे एक दिन पहले वो रितेश को हमारे घर लाकर मेरी पेंटी सुंघाई थी. रितेश और प्रशांत दोनों ही अच्छे स्वाभाव के लड़के थे. प्रशांत २२ साल का था और समजदार भी था. वो दौड़ कर बाजार गया और सब के लिए बियर ले आया बाते करते करते हमारा टॉपिक सेक्स पर आ गया. सब अपने चुदाई की कहानिया सुनाने लगे. केसे ये सब लोग कॉलेज की लड़कियों को चोदते थे. बाते करते करते सब के शारीर में गर्मी बढती जा रही थी.
अचानक रितेश ने कहा, क्यों ना हम प्रशांत के केमरे से एक ब्लू फिल्म बनाते हे और उसे उसकी वेबसाइट पे डाल देते हे. हम इसका पैसा भी सब व्यूअर्स से चार्ज कर सकते हे. फिर हर महीने एक नई फिल्म एड कर देंगे.
सूनने में तो अच्छा लग रह था. मेने कहा.
देखो तुम्हारे पेरेंट्स को भी आने में अभी ३ घंटे बाकी हे अगर तुम चाहो तो हम एक फिल्म आज ही सूट कर सखते हे, प्रशांत ने कहा.
शुरुआत केसे करेंगे कुछ आइडिया हे ? रितेश ने पूछा .
प्रीति क्यों न में केमेरा तुम पर फोकस कर दूँ. और शुरुआत तुम्हारे इंटरव्यू से करते हे. प्रशांत ने कहा. सुनने में इंट्रेस्टिंग लग रह हे. मेने कहा. में एक खुर्सी पर बेठ गयी और प्रशांत ने कैमरा मेरे चेहरे पर फोकस कर दिया.
अच्छा दोस्तों ये सुन्दर सी लड़की प्रीति हे. और प्रीति तुम्हारी उम्र क्या हे ? प्रशांत इंटरव्यू की सुरुआत करते हुए पूछा. और ये तुम्हारे साथ लड़का कौन हे.? उसने कैमरा को पिंकू की और घुमाते हुआ पूछा.
ये मेरा भाई पिंकू हे.
मेने जवाब दिया अच्छा तो ये तुम्हारा भाई हे तब तो तुम इसे बचपन से जानती हो. क्या कभी इसका लंड देखा हे ? प्रशांत ने पूछा.
मेरा मुह शर्म से लाल हो गया. हां बचपन में जब हम साथ साथ नहाते थे तो कई बार देखा हे, और अभी तो मेने कल ही देखा हे. मेने इसे रंगे हाथो अपनी पेंटी को अपनी पेंट पे लपेटे हुए मुठ मार रहा था और दुसरे हाथ में दूसरी पेंटी को पकडे सूंघ रहा था. मेने कहा.
ओह और जो आप ने देखा क्या वो आप को अच्छा लगा ? प्रशांत ने पूछा.
शर्म के मारे चेहरा लाल होता जा रहा था. हाँ काफी अच्छा लगा, मेने जवाब दिया.
क्या तुम पिंकू के लंड को फिर से देखना चाहोगी ? उसने पूछा.
हाँ अगर ते अपना लंड दिखाएगा तो मुझे अच्छा लगेगा, मेने शर्माते हुए कहा.
ओके प्रीति में तुम्हारा ड्राईवर लाइसंस देखना चाहूँगा और पिंकू तुम्हारा भी.
मेने अपना लाइसंस निकाला और पिंकू ने भी. प्रशांत ने दोनों लाइसंस पर कैमरा फोकस कर दिया. दोस्तों ये इनका परिचय पत्र हे दोनों सही में बहन भाई हे. और सकल भी काफी आपस में मिलती हे. प्रशांत ने कहा.
पिंकू अब तुम अपना लंड बहार निकालो अपनी बड़ी बहन को क्यों नहीं दिखाते जिससे ये अच्छी तरह से देख सके. प्रशांत ने कहा पिंकू का चेहरा भी उत्तेजना से लाल हो रह था. उसने अपनी जिन्स के बटन खोले और अपनी शोर्ट के साथ निचे खिसका दी . उसका लंड तन कर खड़ा था. तुम्हारा लंड वाकई में लम्बा और मोटा हे पिंकू. प्रशांत ने कहा.
प्रीति तुम अपने भाई के लंड के बारे में क्या कहती हो ? प्रशांत ने कहा.
मेने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, बहुत ही जानदार और सेक्सी हे.
प्रीति अब तुम अपना मुंह पूरा खोल दो, अब तूम्हारा भाई तुम्हारे मुह में अपना लंड डालेगा ठीक हे प्रशांत ने कहा.
प्रशांत की बात सुनकर में चोंक गई. मेने ये बात सपने में भी नहीं सोंची थी, में और पिंकू एक दुसरे को घूर रहे थे. थोडा जिझाकते हुए मेने कहा, ठीक हे.
मेने पिंकू की तरफ देखा जो मेरे पास अपना लंड मेरे चेहरे पे रगड़ रहा था. मेने अपना मुह खोला और उसने अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया. पहले तो में धीरे धीरे उसे चूस रही थी फिर चेहरे को आगे पीछे करते हुए जोर से चूस ने लगी. जब उसने अपना लंड मेरे मुह से निकाला तो एक पुच्च्च्छह्ह्ह्ह सी आवाज मेरे मुह से निकली मेने पलट कर कैमरे की तरफ मुस्कुराते हुए देखा. तुम सही बहोत ही अच्छा लोडा चुस्ती हो.
तुम्हारा क्या ख़याल हे रितेश इस के बारे में ? प्रशांत ने कैमरा रितेश की ओर मोड़ दिया जो अपना लंड अपने हाथो में ले हिला रहा था. प्रशांत ने फिर कैमेरा मेरी और करते हुए कहा प्रीति हम सब और हमारे दर्शक तुम्हारी चूत देखने के लिए मरे जा रहे हे. क्या तुम अपनी जिन्स और पेंटी उतार उन्हें अपनी चूत दिखा सकती हो?
मेने अपनी जिन्स और पेंटी उतार दी.
बहोत अच्छा मुझे तुम्हारी चूत पे कैमरे को फोकस करने दो.
उसने कैमरा ठीक मेरी चूत के सामने कर दिया.
एक बाल भी नहीं हे तुम्हारी चूत पे जेसे आज ही पैदा हुई हो, प्रशांत बोला. अब हम सब के लिए अपनी अपनी चूत से खेलो.
मेने अपना हाथ अपनी चूत पे रख दिया और अपनी ऊँगली अन्दर डाल रगड़ ने लगी. म्मम्मम मेरे मुह से सिसकारी निकल रही थी. बहोत अच्छा प्रीति लेकिन क्या तुम जानती हो की हम सब क्या देखना चाहेंगे? प्रशांत ने कहा.
क्या देखना चाहोगे ? मेने पूछा.
अब हम सब तुम्हारी गांड देखना चाहेंगे. प्रशांत ने कहा, तुम पीछे घूम कर अपनी गांड कैमरे के सामने कर दो.
मेने घूम कर अपनी गांड को कैमरे के सामने कर दिया और थोड़ी झुक गई जिससे मेरी गांड ऊपर को थोडा उठ गई. पिंकू देखो तुम्हारी बहन की गांड कितनी सुन्दर हे. रितेश ने कहा.
प्रीति अब में चाहता हु की अब तुम पूरी नंगी हो कर बिस्तर पर जाकर लेट जाओ और अपनी टांगो को हो सके उतना ऊपर हवा में उठा दो. प्रशांत ने कहा.
मेने अपनी गर्दन हिलाते हुए अपनी सेंडल उतार दी फिर अपना टॉप और ब्रा खोलकर एकदम नंगी हो गयी. में बिस्तर पे लेट के अपनी टाँगे घुटनों तक मोड़ अपनी छाती पे कर ली. प्रशांत ने कैमरा मेरी चूत और गांड पे ज़ूम कर दिया.
पिंकू तुम अपनी बहन की चूत को चाटोगे, प्रशांत ने कहा.
पिंकू ने हां में अपनी गर्दन हिला दी.
प्रीति तुम्हे तो कोई प्रॉब्लम नहीं हे अगर पिंकू तुम्हारी चूत को चाटे. प्रशांत ने पूछा.
मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हे बल्कि में तो कब से इन्तेजार कर रही हूँ की कोई मेरी चूत को चाटे. मेने हस्ते हुए कहा.
पिंकू घुटने के बल मेरी जांगो के बिच बेठ गया. और धीरे से अपनी जीभ मेरी चूत पे रख दी वो धीरे धीरे मेरी चूत को चाट रहा था. थोड़ी देर मेरी चूत को चाटने के बाद वो अपनी जुबान मेरी चूत से ले के मेरी गांड की छेद तक चाटता और वापस आके मेरी चूत को मुह में ले चूसने लगा.
पिंकू क्या तुम्हे तुम्हारी बहन की चूत का स्वाद अच्छा लग रहा हे. प्रशांत ने पूछा.
बहोत ही अच्छा स्वाद हे मज़ा आ गया. पिंकू मेरी चूत को और जोर से चूसते हुए बोला कौन सा स्वाद अच्छा हे चूत का या गांड का ? रितेश ने पूछा. वो अब भी अपने लंड को हिला रहा था.
पहले मुझे चखने दो फिर बताता हूँ कहकर पिंकू ने अपनी एक ऊँगली पहले मेरी चूत में डाल दी और फिर उसे निकाल अपने मुह में डाल के चूसने लगा. वेसे तो दोनों ही स्वाद अच्छे हे पर मुझे तो चूत ज्यादा अच्छी लग रही हे.
मुझे भी मेरी चूत का स्वाद चखाओ ना, मैंने पिंकू से कहा.
पिंकू ने अपनी दो उंगलिया पूरी की पूरी मेरी चूत में डाल गोल गोल घुमाने लगा. मेरी चूत की अन्दर से खुलने लगी. मेने अपनी चूत की नसों द्वारा उसकी उँगलियों को भीच लिया. थोड़ी देर में उसने अपनी ऊँगली मेरी चूत में से निकाल मेरे चेहरे के सामने कर दी. मेने कैमरे की और देखते हुए उसकी उंगलिया झपटकर अपने मुह में ले चूस ने लगी. जेसे में किसी लौड़े को चूस रही हूँ. पिंकू ने दुबारा अपनी उंगलिया मेरी चूत में डाल दी और अन्दर बहार करने लगा. फिर उसने झुक कर अपनी नुकीली जीभ मेरी चूत में डाल दी. उसकी जीभ काफी लम्बी थी और करीब ३ इंच मेरी चूत में घुसी हुई थी.
फिर वो निचे की और होते हुए मेरी गांड के छेद को चूसने लगा.
केसा लग रहा हर प्रीति? प्रशांत ने पूछा.
बहुत मज़ा आ रहा हे, मेने सिसकते हुए जवाब दिया.
क्या तुम अब अपने भाई के लंड को अपनी गांड में लेना चाहोगी ? प्रशांत ने कैमरा मेरी गांड की और करते हुए पूछा.
हाँ उसे कहो की जलदी से अपना मेरी गांड में पेल दे, मेने कहा.
मेरा भी उठ कर खड़ा हो गया. मेने भी अपनी टाँगे सीधी कर थोडा उन्हें आराम दिया और फिर टांगो को मोड़ छाती पे रख ली.
पिंकू क्या तुम ने कभी सोंचा था की तुम अपना लंड अपनी बाहें की गांड में डालोगे ? प्रशांत ने पूछा.
हाँ सपने देखते हुए मेने कई बार अपने लंड का पानी छोड़ा हे, पिंकू ने जवाब दिया.
देखो तुम्हारी बहेन अपनी गांड को ऊपर उठाए तुम्हारे लंड का इन्तेजार कर रही हे. में रितेश और हमारे सभी दर्शक इसका बेताबी से ये देखना चाहते हे. प्रशांत ने कहा. आज में डायरेक्टर हूँ इस लिए में बोलता हूँ वेसा ही करो. पहले अपने लंड के सुपाडे को इसकी गांड पे रगडो. पिंकू ने वेसा ही किया. अब धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड में डाल दो. उसने कहा पिंकू बड़े प्यार से अपना लंड मेरी गांड में घुसाने लगा. उसका सुपाडा घुसते ही मेरी गांड अन्दर से खुलने लगी. उसका लंड काफी मोटा था और वो अपने ७ इंच लंड को एक एक इंच करके घुसाता रहा. जब तक की उसका पूरा लंड मेरी गांड में नहीं घुस गया. पिंकू अब कस कास कर धक्के मारो और अपना पूरा पानी इसकी गांड में उढल दो प्रशांत ने कहा.
पिंकू अब मेरी चुतड पकड़ कर तूफानी रफ़्तार से मेरी गांड मार रहा था.
हम दोनों पसीने से तरबतर हो गए थे. में अपने हाथ से अपनी चूत घस्ते हुए अपनी उन्गली अन्दर बाहर करने लगी. मेरे मुह से सिसकियाँ फुट रही थी हाआआन ऐसे ही किया जाओ और जोर से पिंकू हाँ चोदो मुझे फाड़ दो मेरी गांड को आह में तो गयी. मेरा चूत में उबाल आना सुरु हो गया था. और दो धक्को में ही मेरी चूत ने सारा पानी छोड़ दिया था.
मेरा भी छुट रहा हे, कहकर पिंकू के लंड ने अपने वीर्य की बोछार मेरी गांड में कर दी.
हम दोनों के बदन ढीले पड़ गए थे गहरी साँसे ले रहे थे. उसका लंड अब ढीला पड़ने लग गया था मेने मुस्कुराकर उसे बाहों में लिया और चूम लिया प्रशांत अपने कैमरे से सूट कर रहा था. उसने कैमरे को बंद करते हुए कहा, प्रीति ये हमारा आज का आखरी सिन था. उम्मीद हे हम जल्द ही मिलेंगे. ओके बाय. बाय बाय सब कोई. मेने जवाब दिया में खड़ी हो कर अपने कपडे पहनने लगी. तीनो लड़के मुझे देख रहे थे.
क्या तुम सब कोई फिर से कुछ सिन सूट करना चाहोगे? में चाहता हूँ की हमारी वेब साईट सबसे अच्छी पोर्न साईट बन जाए.
रितेश ने कहा. हाँ जरुर करना चाहेंगे.
पिंकू बोला. हाँ मुझे भी अच्छा लगा.
में तैयार हूँ. मेने जवाब दिया.
थोड़ी देर में रितेश और प्रशांत चले गए.
मेरे मम्मी डेडी भी घर आ गए थे रात को हम सब खाना खाने डाइनिंग टेबल पर जमा थे. में और पिंकू खामोशी से खाना खाके अपने अपने कमरे में सोने चले गए. दो हफ्ते गुजर गए. मेरे और पिंकू के बिच इस दौरान किसी तरह की बातचित नहीं हुई थी. मुझे लगा की पोर्न साईट के लिए सिन सूट अब एक कहानी बन कर रह गयी हे. शायद सब कोई इससे बहोत चोके हे. लेकिन हर रात सोने से पहले में उस शाम के बारे में सोचते हुए अपनी चूत की गर्मी को अपनी उंगलियों से शांत करती थी. फिर एक दिन कॉलेज जाने से पहले पिंकू मेरे कमरे में आया. रितेश और प्रशांत पूछ रहे थे की क्या तुम दूसरी फिल्म करना चाहोगी ?
में खुद यही सोंच रही थी की तुम लोग ये फिल्म कब करोगे ? मेने कहा.
मम्मी डेडी दो दिन के लिए बहार जा रहे हे. पिंकू ने कहा.
क्या तुम लोग फिर आना चाहोगे ? मेने पूछा.
अगर तुम हाँ कहोगी तो, पिंकू ने जवाब दिया.
उस दिन में काम पर चली गयी और पुरे दिन शाम होने के इन्तेजार करती रही. सिर्फ सोच सोच के में इतना गरमा गयी थी की मेरी चूत से पानी छूटने लगा था. आखिर शाम को ठीक ५;०० बजे में घर पहोंच गयी. घर में घुसते ही मेने तीनो को सोफे पर बेठे हुए देखा.
हाय सब कोई केसे हो ? मेने पूछा.
हम सब ठीक हे. तुम केसी हो ? रितेश ने कहा.
मेने वहा जमीन पर कुछ सामन पड़ा देखा, ये सब क्या हे ? ये मेरे कैमरे का सामान हे. स्टैंड, ट्राईपेड़ वगेरह इससे मुझे कैमरा पकड़ कर सूट नहीं करना पड़ेगा. आटोमेटिक सूट होता रहेगा. प्रशांत ने कहा.
ठीक हे, अब क्या प्रोग्राम हे? सूटिंग कहा करना चाहोगे? मेने पूछा.
हम यहाँ भी कर सकते हे, प्रशांत ने कहा.
प्रशांत ने अपना केमेरा ओन किया और मुझ पर केन्द्रित कर दिया. दोस्तों हम आज फिर सुन्दर प्रीति के साथ बेठे हे. मेने अपना हाथ कैमरे के सामने हिलया. और ये पिंकू हे प्रीति का भाई. इससे तो प सभी मिल चुके हे. पिंकू ने भी अपना हाथ हिलाया. चलो तुम दोनों अब सुरु हो जाओ. प्रशांत एक डिरेक्टर की तरह निर्देश देने लगा. मेने और पिंकू ने मुस्कुराते हुए देखा. पिंकू आगे बढ़ मेरे होंठो पे अपने होंठ रख चूमने लगा.
मेने अपनी जीभ बहार निकाली और पिंकू मेरी जीभ को चूसने लगा. फिर उसने अपनी जीभ मेरी मुह में डाल दी हम दोनों की जीभ एक दुसरे के साथ खेल रही थी.
ओके प्रीति अब हमारे दर्शक तुम्हारी सुन्दर और आकर्षक गांड एक बार फिर देखना चाहेंगे. क्या तुम दिखाना पसंद करोगी ? प्रशांत ने कहा.
क्यों नहीं, इतना कहकर मेने अपनी पेंट और टॉप उतार दिया. फिर ब्रा का हुक खोल उसे भी निकाल दिया. फिर में अपनी पेंटी को निकाल के सूंघने लगी. और उसे अपने भाई की और उछाल दिया. उसने मेरी पेंटी को पकड़ लिया और सूंघने लगा. फिर में सोफे पर लेट गयी और अपनी टाँगे अपने कंधे पर रख ली जिससे मेरी गांड उठ गई. प्रशांत ने कैमरा मेरी गांड पर ज़ूम कर दिया.
मेने इतनी गुलाबी और सुन्दर गांड आज तक नहीं देखी, प्रशांत ने कहा.
पिंकू अब अपनी बाहें की गांड को चोदने के लिए तैयार करो. पिंकू ने अपनी दो ऊँगली मुह में ले ली गीली की और मेरी गांड में अन्दर तक घुसा दी. अब वो अपनी ऊँगली को मेरी गांड में गोल गोल घुमा रहा था. प्रशांत ने कैमरे को स्टैंड पे लगा के उसे आटोमेटिक सिस्टम पे कर दिया. मेने देखा की प्रशांत भी अपने कपडे उतार नंगा हो चूका था.
प्रशांत अब मेरे पास आया और मुझे गोद में उठा लिया. ठीक कैमरे के सामने आ वो सोफे पर लेट गया. और मुझे अपनी पीठ के बल अपनी छाती पे लिटा लिया. मेरा चुतोड़ो को उठा उसने अपने खड़े लंड को मेरी गांड के छेद पे लगा मुझे निचे करने लगा. कैमरा में उसका लंड मेरी गांड में घुसता दिखाई पड़ रहा था. अब वो निचे से धक्का लगा रहा था. साथ ही मेरे चुतड को अपने लंड के ऊपर निचे कर रहा था.
पिंकू आओ और अपने लंड को अपनी बहन के चूत में डाल दो तब तक में निचे से इसकी गांड मारता हूँ. प्रशांत मेरे मोमो को भिचते हुए बोला.
पिंकू ने तुरंत अपने कपडे उतारे नंगा हो कर एक जटके में अपना लंड मेरी चूत में डाक दिया. मेरे मुह से सिसकारी निकल पड़ी. मुझे बहोत ही मजा आ रहा था. एसी चुदाई मेने सिर्फ ब्लू फिल्म में ही देखि थी. लेकिन आज खुद करवा रही थी. एक लंड निचे से मेरी गांड मार रहा था और दूसरा लंड मेरी चूत का भरता बना रहा था. जब पिंकू अपना लंड मेरी चूत में जड़ तक पलता तो उसके बदन के दबाव से पूरी तरह प्रशांत के लंड पर दब जाती जिससे उसका लंड भी मेरी गांड की जड़ तक जा घुसता. दोनों खूब जोरो से धक्के लगा रहे थे. और मेरी साँसे उखड रही थी. हाँ छोड़ो मुझे और जोर से हां अमाआआर ऐसी ही चोद्द्द्दते जाओ. रुको मत हां और तेज हाँ प्रशांत ने मुझे थोड़े से ऊपर से उठा के घोड़ी बना दिया. पिंकू ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल पीछे होकर खड़ा हो गया. प्रशांत अब मेरे चुत्तड पकड़ कर जोर के धक्के मार रहा था. उसके भी मुह से सिसकारी निकल रही थी. इतने में मेने उसके वीर्य की बोछार अपनी गांड में महसूस की. वो तब तक धक्के मारता रह जब तक की उसका सारा पानी नहीं छुट गया.
प्रशांत खड़ा हो कैमरा को अपने हाथ में ले मेरी गांड के छेड़ पे ज़ूम कर दिया. प्रशांत का वीर्य मेरी गांड से छुट रहा था. अपनी गांड को अपने हाथो से फेलाओ, उसने कहा.
मेने अपने दोनों हाथो से अपनी गांड और फेला दी. एसा करने उसका वीर्य मेरी गांड से टपकने लगा.
पिंकू देखो तुम्हारी बेहेन की गांड से केसा मेरा पानी टपक रहा हे, प्रशांत कैमरा को और मेरी गांड के नजदीक करते हुए बोला.
अच्छा हे मुझे लंड घुसाने में परेशानी नहीं होगी. पिंकू ने हस्ते हुए कहा.
पिंकू मेरे चेहरे के पास आ अपना लंड थोड़ी देर के लिए मेरे मुह में दिया.
मेने दो चार बार ही चूसा था की उसने अपना लंड निकाल लिया. मेरे पीछे आ उसने एक ही जटके अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया और धक्के मारने लगा.
थोड़ी देर मेरी गांड मारने के बाद उसने अपना पानी मेरी गांड में छोड़ दिया. मेने अपनी उँगलियों को उसके पानी से भिगोने लगी. और फिर कैमरे के सामने देखती हुई अपनी ऊँगली चूसने लगी. अगली बार जल्द ही मिलेंगे. कहकर मेने अपना हाथ कैमरे के सामने हिला दिया.
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