मारे घर में, मेरे अलावा मेरे माँ – डेड और एक भाई है. मेरा भाई मुझसे ३ साल छोटा है और एक नौकर भी है. नौकर हमारे घर और खेत का काम देखता है. नौकर को हमने घर के पीछे के हिस्से में एक कमरा दिया हुआ है. शमशेर के साथ पहली चुदाई को काफी टाइम हो गया था. उस दिन, मुझे कॉलेज से छुट्टी थी और मैं घर में माँ की हेल्प कर रही थी. कपडे धोने और सुखाने में. मैं कपडे तार पर डाले जा रही थी. तार घर के पीछे की साइड में थी. जैसे ही मैं वहां पहुची, मैंने देखा हमारा नौकर रामू नहा रहा था. उसके काले रंग पर पानी चमक रहा था. मैंने देखा, कि गीली होके उसकी अंडरवियर, उसकी बॉडी से चिपकी हुई थी. जिसमे से उसका लंड साफ़ महसूस हो रहा था. मैं कपडे तार पर डालती और बीच में चोरी – चोरी से उसके लंड की तरफ देखती.
शायद उसने मेरी चोरी पकड़ ली थी. फिर मैं वहां से आ गयी, पर रह – रह कर मेरा मन रामू के लंड की तरह ही लगा हुआ था और वो मेरी नजरो के सामने नाच रहा था. ऐसे ही रात हो गयी और मैं अपने कमरे में लेटी थी. मुझे नीद नहीं आ रही थी. मेरे दिमाग में सिर्फ रामू का लंड था और अब मैं उससे चुदना चाहती थी. फिर, मेरे मन में पता नहीं क्या आया और मैं होले – होले कमरे से निकली और फिर घर से बाहर और फिर पीछे की साइड में चली आई.
मैंने देखा, रामू के रूम की लाइट अभी भी जल रही थी. मैं होले – होले से उसके रूम की तरफ चल पड़ी. उसके कमरे के पास आके मैंने होले से उसे आवाज़ लगायी. वो धोती – कुरता पहने हुए, आँखे मलता हुआ बाहर आया और बोला – क्या बात है बीवी जी? इतनी रात को यहाँ? मैं कुछ नहीं बोली और कमरे के अन्दर चली गयी. वो भी पीछे से अन्दर आ गया. जैसे ही वो अन्दर आया, मैंने उसे एक स्माइल दी और बोली – इस समय, एक लड़की तुम्हारे कमरे में भला क्यों आएगी? तुम समझदार हो.. वो कुछ – कुछ समझने लगा और कमरे की कुण्डी बंद करके बोला – “सब समझता हु, बीबी जी..”
फिर उसने मुझे अपनी तरफ खीचा और मेरे गालो को चूमने लगा और बोला – “आँख तो मेरी बड़ी बीबी जी पर थी, पर उम्मीद नहीं थी कि आप खुद आ जाओगे”. फिर वो मेरे होठो को चूमने लगा. वो पागलो की तरह मुझे चूम रहा था. फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी. मेरी आँखे बंद हो गयी थी. उसके हाथ मेरे बदन पर चल रहे थे. तक़रीबन ५ मिनट चूमने के बाद, उसने मुझे अलग किया और मेरी चुन्नी उतार दी और एक साइड में रख दी. सूट के ऊपर से ही मेरे मम्मे सहलाने लगा और मेरे हाथ को धोती के ऊपर से लंड के ऊपर रख दिया. उसका लंड अभी पूरा खड़ा नहीं हुआ था. पर काफी मोटा था. फिर उसने मेरा सूट उतारा और सलवार भी उतार दी. अब मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. उसने अपनी धोती और कुरता भी उतार दिया और एक छोटी सी अंडरवियर में आ गया. उसका लंड उसकी अंडरवियर को फाड़कर बाहर आने को बेताब था. उसने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे गोरे – गोरे मम्मे चूसने लगा. काफी टाइम मम्मे चूसने के बाद, उसने मुझे वही पड़ी चारपाई पर लेटा दिया. उसने मेरी पेंटी के ऊपर से चूत पर किस किया और होले – होल पेंटी भी शरीर से अलग कर दी.
अब मेरी चूत उसके सामने थी. उसने मेरी चूत को किस किया और मैं तो जैसे अन्दर तक हिल गयी. आज तक किसी ने मेरी चूत को किस नहीं किया था. फिर वो होले – होले मेरी चूत पर अपनी जीभ का जादू चला रहा था. मेरी हालत ख़राब हो गयी और मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया. अब मैं बस चुदना चाहती थी. पर वो कुछ और ही करने के मूड में था. मैंने उससे कहा – मुझे चोद दो रामू. बुझा दो अपनी मालकिन की प्यास. वो बोला – ऐसे नहीं बीबी जी, आप खुद चुदोगी मैं नहीं चोदुंगा.
फिर उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया और सहलाने को कहा. मैं उसका लंड आगे – पीछे करने लगी. उसका लंड एकदम कड़क हो चूका था. वो अभी भी कोई जल्दी नहीं दिखा रहा था. मैं उसको फिर से कहा – चोद दो, मुझे राजा अब. फिर उसने मुझे चारपाई पर लिटा दिया और अपना लंड मेरी चूत पर सेट करने लगा. फिर उसने एक जोरदार झटका लगाया. उसका आधा लंड मेरी चूत में था. मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी. बहुत ही मोटा लंड था उसका. फिर उसने एक और धक्का दिया और उसका पूरा लंड मेरी चूत में समां गया.
मेरे मुह से चीख निकली. उसने अपने होठ मेरे होठो से लगा दिए. फिर होले – होले वो मुझे चोदने लगा. मुझे उसके मोटे लंड से चुदकर काफी मज़ा आ रहा था. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद, उसने मुझे गोद में उठाया और चोदने लगा. इस तरह चोदने से उसका लंड साइड में मेरी बच्चेदानी तक पहुच रहा था. मेरी एक्स्सित्मेंट के कारण जान निकले जा रही थी. उसके धक्के में काफी स्पीड थी. मेरी आहे की आवाज़े उची हो चुकी थी. कमरे में आवाज़े गूंज रही थी.
फिर उसने मुझे गोद से उतारा और खुद चारपाई पर लेट गया. मुझे उसने अपने पर बैठने को कहा. मैंने उसके लंड को अपनी चूत पर सेट किया और उसपर बैठ गयी. कुछ देर तक, उसकी तरफ से कोई भी मूवमेंट नहीं हुआ. फिर, मैं खुद ही उसके लंड पर ऊपर – नीचे होने लगी. सेक्स का खुमार मेरे सिर पर था. मैं पता नहीं क्या – क्या बोले जा रही थी. कुछ देर, ऐसे ही करने के बाद, उसने मुझे जमीन पर पटक दिया और घोड़ी बनने को कहा. मैं घोड़ी बन गयी. फिर वो डौगी स्टाइल में आके मुझे पीछे से चोदने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसके लंड में बड़ा दम था. मैं ४ – ५ बार झड़ चुकी थी. पर उसका होने का नाम ही नहीं ले रहा था. फिर उसने मुझे बालो से पकड़ा और अपनी जीभ से लगा दिया और स्मूच करने लगा. ३ – ४ मिनट तक करने के बाद, उसने मुझे जमीन पर पेट के बल लेटने को कहा. फिर उसने मेरी टांगो को हवा में उठा दिया और मेरी चूत पर अपना लंड सेट करने लगा और मुझे चोदने लगा. हमे चुदाई करते हुए लगभग ४५ मिनट हो चुके थे. मैं बुरी तरह से थक चुकी थी. मेरी आँखे कमरे का हाल बया कर रही थी.
फिर उसके धक्को की स्पीड तेज हो गयी. फिर उसने एकदम अपना लंड चूत से निकाला और अपना सारा माल, मेरे मम्मो और पेट पर गिरा दिया. गरम – गरम वीर्य की बुँदे गिरते ही, मुझसे शांति मिली और वो मेरे ऊपर गिर पड़ा. हमारी साँसे तेज चल रही थी. कुछ देर वैसे ही रहने के बाद, हमने अपने कपडे पहने और मैं अपने रूम की तरफ चलने लगी. रामू ने मुझे चूमा और बोला – “वैसे आपको भेजने का मन नहीं कर रहा है, पर अगली बार इससे भी ज्यादा मज़ा आएगा”.
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