हेलो दोस्तो !
मेरा नाम राज है। मैं मेरठ का रहने वाला हूँ। यह मेरी पहली कहानी है। मेरी उमर 22 साल की हैं, यह बात लगभग चार साल पुरानी है जब मैं गर्मियों की छुट्टी में एक ऑफिस में काम सीखने के लिए लगा था। वहाँ पर एक लड़की काम करती थी जो बहुत ही सुंदर थी। उसे देखकर मुझे पता नहीं क्या हो गया, मैं उससे किसी न किसी बहाने से बात करना चाहता था पर डर लगता था। कुछ ही दिनों में हमारी दोस्ती हो गई। उसका नाम आंचल था पर मैं उसे अनु कहा करता था। उसकी उमर मेरे जितनी ही थी। अनु बहुत सेक्सी थी, मैं जब भी उसे देखता तो जी करता था कि उसके होंट चूम लूँ !
हम बॉस के जाने के बाद बहुत मस्ती करते थे। एक दिन मैंने मजाक-मजाक में उसके होंटों को चूम लिया तो वह रोने लगी। मैं डर गया कि कहीं किसी से कह न दे !
उस दिन शाम को ऑफिस बंद करके हम चले गए पर मैं रात भर सो नहीं पाया, डरता रहा, पर डर से ज्यादा उसके होंटों को चूमने की ख़ुशी थी।
अगले दिन मैं ऑफिस गया, वह कुछ नहीं बोली, शायद नाराज थी, मैं भी कुछ नहीं बोला, पर बॉस के जाने के बाद मैंने उसे सॉरी कहा, पर वह तब भी कुछ नहीं बोली।
मैंने कहा- नहीं बोली तो फिर किस कर दूँगा !
इस पर उसने गुस्से से मुझे देखा पर बोली कुछ नहीं !
मैं भी उसकी आँखों में देखता रहा, कुछ देर तक ऐसा लगा जैसे वक्त रुक गया हो !
फिर मैंने उसकी जांघों पर हाथ रख दिया, वह मुझे देखती रही पर कुछ नहीं बोली।
मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैं उसकी जान्घों को सहलाने लगा। उसने मुझे देखा और बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा अनु में तुम से प्यार करता हूँ, आई लव यू !
कुछ देर हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे, फिर मैंने अपने होंट उसके होंटों से मिला दिए और चूसने लगा। करीब दस मिनट तक उसने भी मेरा साथ दिया। चूसते-चूसते मेरा एक हाथ उसकी चूचियों को और दूसरा हाथ उसकी गांड को सहलाने लगा। मेरा लंड पैंट के अंदर तूफान मचा रहा था, ऐसा लग रहा था कि पैंट फाड़ कर बाहर निकल आएगा।
मैं कुछ देर उसके बदन की खुशबू लेता हुआ वहीं पड़ा रहा ....
उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो ...
फ़िर मैंने उसके टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से उसके कपड़े उतार रहा था और उसे चूमे जा रहा था ..
अब उसके बदन पर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी ही थी ....
मैंने उसके बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था ! इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि मुझे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगाड़ना सा लगता था ....
तो मैं फ़िर से उसे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, उसके समतल पेट को चूमा और अब उसकी नाभि की ओर बढ़ा।
अपनी जीभ को घुमाया उसकी नाभि में और चाटना शुरू किया ! हौले-हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था ...उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ....वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही थी और उसका गोरा सा बदन मचल रहा था। मगर अब भी वो चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी ....
मैं चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब मेरा मुँह उसकी पैंटी के ऊपर था ...पैंटी से ही उसकी चूत को चूमा और मुँह को दबाया उसकी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है ....
मैंने धीरे से उसकी पैंटी को नीचे सरकाया ...वाह क्या गुलाबी चूत थी उसकी ... बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है उसकी चूत जो उसकी गोरी सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है ...
मैंने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए उसकी चूत को चूमने लगा ...बहुत ही मीठी खुशबू उसकी चूत से आ रही थी और मैं पागल हुए जा रहा था ...उसकी चूत के बीच के हिस्से में मैं चूम रहा था ...चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी ...बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी ....
मैंने अपना कंट्रोल खोते हुए दोनों हाथों से चूत को फैला दी और चूत में जीभ घुसेड़ दी और चाटने लगा और चाटते हुए उसकी गांड को सहलाने लगा। उसी वक्त मैंने मेरे लण्ड पर उसके हाथ को महसूस किया और मैं जोर जोर से चूत चाटने लगा, जीभ को पूरा चूत में घुसेड़ दिया और हिलाने लगा।
मेरा लण्ड मेरी पैन्ट से बाहर आ चुका था और अब उसके हाथों में खेल रहा था। अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी, मेरी जान पूरी तरह बेताब और तैयार थी चुदाने को !
मैं अब धीरे से ६९ की पोसिशन में आ गया और अपने लण्ड को उसके मुँह के पास कर दिया ... लण्ड को इतना करीब देख के उससे भी रहा नहीं गया और चूत को चटाती रही और लण्ड को अपने मुँह में ले लिया ...ऐसे चाट रही थी मानों जन्मों की प्यासी हो और खा जाने वाली हो लण्ड को ! ....अब मैं अपनी पूरी रवानी में था, मेरा लण्ड उसके मुँह में चुदाई कर रहा था और मैं उसकी चूत को जीभ से चाट रहा था ....मैंने जीभ के साथ अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में घुसेड़ दी और चुदाई करता रहा। साथ साथ एक ऊँगली उसकी गांड में भी घुसेड़ दी।
मैं मस्ती से गांड मार रहा था, चूत चोद रहा था और लण्ड चुसवा रहा था ...मानो में जन्नत की सैर कर रहा था ....उसको चोदने की मुझे कोई जल्दी नहीं थी क्यूंकि एक दो बार ऊँगली से चोद के उसकी कंवारी चूत को मस्त बना के फ़िर चोदना था मुझे .... बहुत तेज रफ्तार से गांड और चूत की चुदाई हो रही थी और वो भी लण्ड को टट्टों से टिप तक चाट रही थी। कभी एकदम से लण्ड को मुँह में ले के आगे पीछे कर देती थी ....ऐसे ही कुछ पल गुजरे और हम दोनों झड़ गए .....
अब मैं उसकी बगल में आ गया और उसके साथ ही लेट गया। चँद मिनटों में मैंने उसके हाथ को अपने बदन को सहलाता पाया और मैं भी उसके बदन को सहलाने लगा ..मैं बहुत ही प्यार से उसके बदन को सहला रहा था। अपने पाँव मैंने उसके पाँव पर जमा दिए थे .... हम प्यार में डूबे जा रहे थे !
तभी उसने कहा- अब मैं सिर्फ़ तुम्हारी हूँ राज ! जी भर के मेरे साथ जितना प्यार करना है करो !! आई लव यू राज ....!!!
मैंने उसके बदन को जोर से सहलाना शुरू किया और उसकी ब्रा को अब निकाल दिया उसके मशरूम से बदन पर उसके स्तन क़यामत ढा रहे थे। मैं धीरे धीरे उसे सहलाने लगा, गोल गोल मालिश करते हुए उसके स्तनों को मसल रहा था।
अब उसके अनछुए होठों पर अपने गरम होठों को रख दिया और चूमने लगा, स्तन मसल रहा था और होठों का रस पी रहा था, वो भी मस्ती से साथ निभा रही थी !
हम दोनों अब होठों से होठों का रस पी रहे थे और उसके स्तनों को निचोड़ रहा था मैं ! वो भी मेरी गाण्ड को सहला रही थी। मैं उसके बूब्स और होठों पर टूट पड़ा था। धीरे धीरे बूब्स पर जोर बढ़ता गया मेरा और अब मैंने उसके चूचुकों को भी चुसना शुरू किया- चूचुकों पर जीभ घुमा रहा था, उसके बूब्स मेरे हाथो में मचल रहे थे और मैं चूचुकों के आगे पीछे गोल गोल जीभ घुमाते हुए बूब्स चाट रहा था। ....उसी दौरान मेरा लण्ड उसकी चूत पर रगड़ रहा था ...उसकी चूत का गीलापन मेरे लौड़े पर महसूस हो रहा था, लौड़ा मस्त हुए जा रहा था ... बूब्स गोरे से लाल होने चले थे ....
अब लण्ड को चूत पर पटकते हुए मैंने उसके बाएँ स्तन को मुँह में ले लिया चूसने लगा और दूसरे हाथ से दायाँ स्तन मसलने लगा ...बारी बारी ये क्रम चलाते हुए उसकी चूत को मस्त कर रहा था मैं .....
उससे रहा नहीं गया और पहली बार वो बोली- मेरी जान ! अब मैं सहन नहीं कर पा रही हूँ ! मुझे कुछ हो रहा है कुछ करो !!
मेरे बहुत कहने पर भी वो चूत और लण्ड नहीं बोल रही थी। मैंने सोचा- कोई बात नहीं ! काम वही है प्यार से चोदने का ! चूत हो या पस्सी.....
उसके बूब्स को छोड़ के मैंने उसके पैरो को दोनों हाथो से फैला दिए ....उसकी चूत में उसकी शिश्निका मोती सी चमक रही थी जो इस वक्त सख्त हो गई थी ...
चूत से पानी निकल रहा था, मैंने इस मस्त चूत पर अपने लौड़े को रख दिया और उसको गांड से ऊपर करके धक्का दे दिया, चूत में लण्ड थोड़ा सा घुसा और रुक गया। चूत इतनी कसी हुई और रसीली थी कि मेरा लण्ड चूत की गहराई नापने के लिए उतावला हो रहा था।
मगर मुझे पता था कि कुंवारी चूत को हौले से चोदना है ...मैंने लण्ड को गहराई में ना ले जाते हुए धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया ....
लण्ड का मजा लेते हुए वो इतनी मस्त हो गई कि बोली- अब कोक को घुसेड़ ! दो मेरे दर्द की परवाह मत करो ...... !!
मैंने तुंरत लण्ड को जोर का धक्का दिया और चूत में घुसेड़ दिया ....उसका योनि-पटल फट चुका था और खून निकल रहा था।
कुछ देर मैं उसकी चूत को लण्ड से सहलाता रहा और जब लगा कि अब कोई खतरा नहीं, मैंने लौड़े की रफ्तार तेज कर दी ...
गांड से चूत को लण्ड पर दबाये रखे चूत चोदने लगा ....
बूब्स को मुँह में ले के चूसने लगा और चूत की चुदाई करता रहा .....
वो चिल्लाने लगी- फ़क मी फ़ास्ट !
और मेरा लण्ड बरस पड़ा उसकी चूत पर !
घमासान जंग शुरू हो गया ! चूत और लण्ड के बीच जैसे होड़ लगी थी कि कौन ज्यादा मस्ती देगा लण्ड या चूत ...
पहली बार चुदाने के बावजूद इतनी मस्ती से चुदाई करा रही थी कि मजा दुगना हो रहा था ... गांड को उछाल रही थी वो !
और लण्ड तेज रफ्तार से चूत फाड़ रहा था ....
हाथ अपना कमाल दिखाते हुए बूब्स को मसल रहे थे और मुँह उसके मशरूम से बदन को चाट रहा था .....
हम दोनों मंजिल की ओर बढ़ रहे थे तब मैंने लण्ड को चूत में से बाहर निकल दिया।
वो चिल्लाने लगी- चोऽऽऽऽदोऽऽऽ मुझे ! मैं मर जाउँगी बिना लण्ड के .... !!
जैसे ही उसने लण्ड बोला, मैंने उसके पैरों को अपने कंधों पर रख दिया और लोड़े को जोर का धक्का देते हुए उसकी चूत में घुसेड़ दिया ....
क्या चूत थी उसकी ! मेरा लोहे सा गरम लण्ड उसकी चूत की गर्मी को ठंडा करने को मचल पड़ा ....
लौड़े ने चूत की गहराई नाप ली थी और जोर जोर से चूत को फाड़े जा रहा था !
बूब्स हाथो में खेल रहे थे और चूत चुदाई हो रही थी ....
मंजिल करीब आ रही थी और लोड़े की रफ्तार तेज हो गई थी ....
वो उछल उछल के चुदाई करा रही थी … और लौड़ा पूरी रवानी से चूत चोद रहा था ....
आख़िर हम दोनों ने मंजिल पा ली ...निढाल सा मैं उसके बदन पर पड़ा था और वो भी निढाल सी पड़ी हुई लम्बी साँसे ले रही थी .......
हमने एक ही दिन में प्यार के साथ चुदाई का मजा लिया ......
हम दोनों एक दूसरे को सहलाते हुए चुदाई के उस स्वर्गीय आनंद को महसूस कर रहे थे .....
दोस्तों यह मेरा पहला प्यार आज उसकी शादी हो गई है अब मुझे नई चूत की तलाश है।
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