एक फैक्ट्री का मालिक हूँ, मेरी कपड़े की फैक्ट्री है, मैं किसी को भी माल उधार में नहीं देता हूँ। लेकिन मेरा एक पुराना ग्राहक जो कई सालों से मुझ से माल ले जाता था, उसे मैं काफी उधार भी दे देता था। वह वैसे मेरा दोस्त जैसा हो गया था। उसकी बीबी नीलम काफी सुन्दर थी, करीब 5'6", दुबली-पतली, लम्बी, गोरी थी। उसे देख कर मेरा मन करता था कि किसी दिन अगर यह चोदने को मिले तो जन्म सफल हो जाये।
एक बार उसके ऊपर मेरे 5 लाख रुपया बाकी हो गया। वो मेरे पास रोते हुए आया।
मैंने पूछा- क्या बात है राजू? रो क्यूँ रहे हो?
राजू बोला- मैं लुट गया ! बर्बाद हो गया ! अब तुमसे क्या कहूँ अशोक भाई !मेरी दुकान में कल आग लग गई और मेरा करीब 20 लाख का माल सारा जल गया।
मैं बोला- तो क्या है, बीमे से पैसा मिल जायेगा, रोने की क्या बात है?
राजू बोला- यही तो तकलीफ है कि मेरी दुकान का बीमा अभी 15 दिन पहले ख़त्म हो गया था और काम में इतना व्यस्त था कि रिन्यू कराना भूल गया। समझ नहीं आता कि अब क्या करूँ !
मैं बोला- कितना उधार देना बाकी है? राजू बोला- सब जनों का मिला कर करीब 15 लाख।
मैं बोला- अपना घर बेच कर सबकी रकम चुका दो। वो बोला- मेरा घर किराये का है, नहीं तो उसको बेच कर सबकी उधारी चुका देता।
मेरे मन में उसी समय शैतान जाग उठा और नीलम की शक्ल मेरी आँखों के सामने घूमने लगी। वैसे मुझे 5 लाख से इतना कोई फर्क नहीं पड़ता।
मैं बोला- यह तो बड़ी परेशानी की बात है। हाँ भई, राजू एक रास्ता है जिससे तुम्हारी परेशानी हल हो सकती है और फिर से तुम अपनी दुकान भी चालू कर सकते हो।
राजू खुश होते बोला- भाई साहब, मेरी मदद करो, मैं तुम्हारा एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगा।
मैं बोला- एहसान वाली बात नहीं है, मुसीबत में दोस्त ही दोस्त के काम आता है। तुम मेरी मदद करो, मैं तुम्हारी मदद करूँगा।
राजू बोला- मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?
मैं बोला- देखो, बुरा मत मानना ! तुम्हारी बीबी नीलम बड़ी ही सेक्सी है और मैं उसे चोदना चाहता हूँ।
यह सुनते ही राजू आग बबूला हो गया, बोला- मैं तुम्हारा खून पी जाऊँगा !
तुमने यह बात कैसे कही? मैं बोला- बेटा शांत ! खून तो तुम बाद में पिओगे, उससे पहले मैं पुलिस को बुला कर तुम्हें अन्दर करवाता हूँ। तुम्हारे पास बस एक यही रास्ता है। घर जाओ और शांत दिमाग से सोचो। तुम्हें क्या मंज़ूर है- पुलिस या नीलम की मेरे साथ चुदाई?
राजू अपने घर गया तो नीलम ने पूछा- क्या हुआ? राजू- तुम मुझे सौ रुपये दे दो, मैं जहर खाकर मर जाना चाहता हूँ।
नीलम- क्या पागल जैसी बात कर रहे हो? मर्द हो ! हिम्मत नहीं हारते। लेकिन बताओ तो सही अशोक जी से क्या बात हुई?
राजू ने सारी बात नीलम को बताई। नीलम एकदम से भड़क गई- उसकी ये मजाल !
राजू- उसने कहा है कि आज शाम तक जवाब दे दो, वरना कल पुलिस तुम्हें पकड़ कर ले जाएगी।
नीलम- हे राम, अब क्या करें? राजू- मैं अन्दर हो गया तो तुम्हारा क्या होगा नीलम? दोनों थोड़ी देर सोचते रहे।
नीलम- राजू अगर मुझे तुम्हारी जान बचाने के लिए मरना भी पड़े तो भी मैं तैयार हूँ। आप उस कुत्ते को बोल दो कि मैं तैयार हूँ अपनी चूत की बलि देने को !
राजू- नहीं नीलम तुम मेरी जान हो। मैं ऐसा सोच भी नहीं सकता।
नीलम- तो फिर जहर खाने के सिवा और कोई रास्ता है तुम्हारे पास तो बताओ? लेकिन मरने की बात मत करना। हिम्मत रखो, मैं झेल लूँगी। अपनेआप को संभालो। मर्द की तरह मुसीबत का सामना करो।
राजू ने बड़े दुखी मन से अशोक को फ़ोन मिलाया और कहा- ठीक है, नीलम तैयार है। बोलो, कब मिलना चाहते हो?
मैं- देखा ? मैंने कहा था न कि हर परेशानी का हल है। आज शनिवार है, मैं शाम को आऊंगा और फिर हम तीनों मेरी गाड़ी में फार्म हाऊस जायेंगे और सोमवार की सुबह में तुम दोनों को वापस घर छोड़ दूंगा। और हाँ नीलम रानी को बोलना जरा सेक्सी कपड़े पहन कर आये। जितना नीलम मुझे प्यार से चोदने देगी उतनी ही मैं तुम्हारी मदद करूँगा।
शाम को मैं अपनी गाड़ी से राजू के घर गया और राजू को मोबाइल पर बोला- जल्दी नीचे आ जाओ ! मैं आ गया हूँ !
राजू और नीलम नीचे आये। नीलम एकदम घबराई हुई राजू के पीछे थी। लेकिन जैसे मैंने कहा था, नीलम वैसे ही बड़ी सेक्सी ड्रेस पहन कर आई थी- लो-कट टॉप और नीली कैपरी ! नीलम को देख कर मेरा लंड वहीं फुफकारने लगा। बड़ी बड़ी चूचियाँ जो उसके कसे टॉप में से बाहर निकलने को तड़फ रही थी और पतली कमर, मोटे चूतड़ ! ऐसे लग रही थी जैसे ऐश्वर्या राय खड़ी हो।
मैंने मन ही मन सोचा 5 लाख में सौदा घाटे का नहीं है, दो दिन तक इसकी खूब चुदाई करके पैसे वसूल करूँगा। रंडियाँ खूब चोदी हैं लेकिन घरेलू माल का मज़ा पहली बार मिलने वाला है।
मैं- राजू, तुम पीछे की सीट पर बैठो और नीलम जान को आगे बैठने दो। वो मेरी हर बात मानने को मजबूर थे और मैं राजा की तरह उन दोनों पर हुक्म चला रहा था। नीलम आगे बैठ गई और अपनी कैपरी को नीचे सरका कर अपनी जांघें ढकने की असफल कोशिश करती रही। उसे इस हालत में देख कर मुझे और भी मज़ा आ रहा था और सोच रहा था क्यूँ छिपाने की कोशिश कर रही हो?थोड़ी देर बाद तो तुम्हें इसे दो दिन तक के लिए उतार कर नंगी ही रहना है।
रास्ते में दारू की दुकान पर गाड़ी रोकी, नीलम से पूछा- तुम क्या पिओगी? नीलम बोली- मैं नहीं पीती हूँ।
मैं बोला- आज तक क्या तुमने किसी और से चुदवाया है? नहीं ना ! लेकिन आज चुदवाओगी। ऐसे ही आज पी भी लेना।
लेकिन नीलम चुप रही। मैंने राजू को पाँच हजार रुपये दिए और कहा- जाओ दुकान से ब्लैक लेबल की बोतल लेकर आओ और साथ में ३ सोडा और कुछ खाने को जो भी हमारी नीलम रानी को पसंद हो, लेकर आओ।
राजू गाड़ी से उतरा और मैंने नीलम की जांघों पर अपना हाथ रखा। वो अपने हाथ से मेरे हाथ को हटाने लगी। उसकी गोरी-गोरी मक्खन जैसी चिकनी जांघों और हाथ को छूकर मेरे पूरे बदन में करंट सा लग गया।
मैं बोला- नीलम रानी, राजू के ऊपर करीब 15 लाख का कर्जा है। तुम जितने प्यार से मुझसे चुदवाओगी उतनी ही राजू की परेशानी कम होगी। मैंने रंडियाँ बहुत चोदी हैं लेकिन तुम्हारी तो बात ही कुछ अलग है। मुझे जबरदस्ती करना पसंद नहीं। और देखो मैं कोई काला मोटा भैंसे जैसा तो दिखता नहीं हूँ। राजू से ज्यादा गोरा हेंडसम हूँ। मज़ा लो और मज़ा दो।
लेकिन बहन की लौड़ी नीलम कुछ नहीं बोली और शीशे से बाहर की तरफ देखती रही।
मैं बोला- डरो नहीं नीलम ! मैं तुम्हें राजू के सामने ही चोदूँगा और प्यार से। यह सुनकर नीलम और उदास हो गई कि राजू उसको चुदते हुए कैसे बर्दाश्त करेगा। और मैं जान बूझ कर राजू के सामने ही नीलम चोदने वाला था।
राजू सामान लेकर आया और मैंने गाड़ी फार्म-हाऊस की तरफ बढ़ा दी। फार्म-हाउस पहुँच कर मैंने नौकर को बढ़िया खाना बनाने के लिए बोला। मैं नीलम और राजू सोफे पर जाकर बैठे। तीन ग्लास में व्हिस्की डाली और जबरदस्ती नीलम और राजू को पीने के लिए दी।
राजू बोला- मैं बाहर अलग बैठ जाता हूँ। मैं- राजू यहीं बैठो हमारे साथ ! और एकदम निश्चिंत होकर तुम भी मज़े लो यार। आज तक मैंने बलात्कार नहीं किया है, जिसको भी चोदा है बड़े प्यार से, आराम से चोदा है। अगर नखरे करने हों तो तुम दोनों जा सकते हो। वरना नीलम रानी ! जैसे राजू से चुदवाती हो वैसे ही आज मुझे भी अपना पति समझ कर चुदवाओ। राजू देखो आज मैं तुम्हें तुम्हारी बीबी को नए अंदाज़ में दिखाऊंगा, आज तक तुमने भी नीलम जान को इस तरह नहीं देखा होगा।
राजू चुप रहा, मैं उसके सामने ही उसकी बीबी को चोदने वाला जो था। नीलम रानी, जरा कैबरे डांस करके एक एक कपड़ा उतार कर अपनी जवानी हमें भी दिखा दो। काफी देर से तड़फा रही हो ! मैंने एक सेक्सी गाना लगाया और कहा- नीलम, शुरु हो जाओ। नीलम ने डांस चालू किया पर कपड़े नहीं उतारे।
मैंने राजू को कहा- राजू, अब तुम नीलम का टॉप निकालो और मेरी तरफ फेंको ! अभी इसकी शर्म ख़त्म नहीं हुई है। राजू उठा और नीलम के पास जाकर उसका टॉप निकला और मेरी तरफ फेंक दिया। मैं उसके टॉप को चूमने लगा। उसके शरीर की नशीली सुगंध उसके टॉप से आ रही थी। फिर मैंने राजू को नीलम की कैपरी उतारने को कहा और उसको भी सूंघ कर नीलम से कहा- जियो मेरी नीलम जान ! मज़ा आ गया !
मुझे अचानक एक फिल्म का सीन याद आ गया। नीलम सिर्फ ब्रा और चड्डी में थी, मैंने राजू को कहा- अब तुम बैठ जाओ। नीलम, तुम अपने दोनों हाथ ऊपर उठा कर पूरे हॉल का एक चक्कर लगाओ। जैसे ही नीलम मेरे पास आई और आगे बढ़ी मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी ब्रा को हाथ में लेकर सूंघने और चूमने लगा।
फिर मैंने ब्रा राजू की तरफ फेंक दी और कहा- सूंघो और चूम कर देखो। आज तक तुमने कभी अपनी बीबी की ब्रा नहीं सूंघी और चूमी होगी। बोलो- चूमी है क्या ? राजू ने नहीं में गर्दन हिलाई।
नीलम वहीं खड़ी थी और मुझ से रुका नहीं गया। मैंने उसकी चड्डी में हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाया और एक झटके में चड्डी नीचे खींच कर निकाल दी। अब नीलम पूरी नंगी हो गई थी। वाह ! क्या बला की खूबसूरत संगमरमर की मूर्ति है। उसके पूरे शरीर पर बाल नहीं थे नीलम की पूरी काया एक दम गोरी रुई की तरह मुलायम, हाथ लगाओ तो मैली हो जाये।
मैंने राजू से कहा- तुम इसकी चूचियों पर व्हिस्की डालो और मैं पिऊंगा। राजू मरता क्या न करता ! एक चम्मच से व्हिस्की डाल रहा था और मैं पी रहा था। और धीरे धीरे उसकी चूचियों को चूस रहा था। जरा जोर से चूची पर दांत लगाने से नीलम कसमसा पड़ी, बोली- प्लीज ! धीरे धीरे कीजिये न ! दर्द हो रहा है।
मैंने पूछा- कहाँ दर्द हो रहा है? वो चुप रही। मैंने फिर उसकी चूची को काटा और कहा- भोंसड़ी की ! जब तक नहीं बोलोगी, काटता रहूँगा। नीलम बोली- मेरी चूची में आपके काटने से दर्द हो रहा है। फिर नीलम की चूत पर व्हिस्की डालने को कहा। अब राजू चम्मच से व्हिस्की नीलम की चूत में डाल रहा था और मैं उसकी चूत के पानी के साथ मिली हुई व्हिस्की का आनंद ले रहा था।
दोस्तों कभी आजमा कर देखना एक दम सोमरस जैसा मज़ा आएगा। और मैंने उसकी चूत के पट को भी मुँह में ले कर चूसते चूसते काट लिया। नीलम फिर बोली- दर्द हो रहा है। मैंने पूछा- कहाँ ? और जब तक नहीं बोलोगी काटता रहूँगा, खा जाऊंगा तेरी माँ की चूत को !
नीलम बोली- मेरी चूत में दर्द हो रहा है ! प्लीज, धीरे धीरे चाट लो ! मैं जानबूझ कर उसकी शर्म ख़त्म करने के लिए उससे चूत, चूची लंड सब बुलवा रहा था। हाँ ! मैं एक बात बताना भूल गया कि मेरे फार्म हाउस में हर जगह मैंने छुपे कैमरे लगा रखे थे। मैं बाद में एडिट करके लड़कियों की ब्लू फिल्म दिखा कर कई बार चोदने के लिए बुला सकता था।
मैं बोला- राजू, अब तुम इसकी चूत चाटो ! राजू नीलम की चूत चाटने लगा। मैं बोला- यह तो बड़ी नाइंसाफी है, एक लड़की पूरी नंगी है और दो मर्दों ने अभी तक अपने कपड़े नहीं निकाले हैं। नीलम बेचारी को शर्म तो आएगी ही न ! नीलम तुम मेरे पास आओ और मेरे कपड़े निकालो। लेकिन नीलम खड़ी रही। मैंने गुस्से से कहा- मादरचोद ! ऐसे नखरे चोद रही है जैसे आज तक किसी मर्द को नंगा नहीं किया हो? क्यों बे राजू, तूने आज तक नीलम को चोदा नहीं है क्या? क्या यह शादी के बाद भी सीलबन्द माल है? बहनचोद ! चल निकाल मेरे कपडे ! और वो मेरे गुस्से से डर गई और मेरे पास आ कर मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी पैंट उतार कर रुक गई। मैं चिल्लाया- तेरी गांड में कुत्ते का डालूँ साली ! मेरी चड्डी क्या तेरी बहन आकर निकालेगी? हाँ, याद आया ! नीलम, तेरी एक कुंवारी बहन भी है ना ? बड़ी जोर की कड़क माल है। क्यों बे राजू, क्या नाम है तेरी साली का ? राजू बोला- उसका नाम मंजू है, लेकिन उससे क्या लेना देना ? मैं बोला- अच्छा जी ! अकेले-अकेले साली को चोदेगा? चलो मंजू को बाद में चोदेंगे, आज तो नीलम की चूत मज़ा लें ! नीलम, चलो अच्छी बच्ची की तरह मेरी चड्डी निकालो ! नीलम ने मेरी चड्डी निकाली। मेरा 10 इंच का पूरा खड़ा कड़क लंड देख कर नीलम के मुँह से चीख निकल गई। क्या हुआ नीलम रानी? डर गई क्या? चल अब राजू के भी कपड़े निकाल ! राजू जब नंगा हुआ तो देखा उसका लंड बड़ा छोटा सा था, इसीलिए नीलम ने जब मेरा लंड देखा तो चीख पड़ी। क्या नीलम ! इतने छोटे लंड से तुझे क्या मज़ा मिलता होगा? और मैंने नीलम के बाल कस कर पकड़ कर खींचे, उसका मुँह खुला और मैंने उसके मुँह में लंड घुसेड़ दिया और उसके मुँह को चोदने लगा। नीलम जरा तुम भी साथ दो और अपने मुँह से लंड चूसो ! नीलम धीरे धीरे मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा। काट साली लंड को ! धीरे धीरे काट और मज़े से लंड चूस ! आज तुझे असली लंड से चुदाई का मज़ा मिलेगा ! आज के बाद तू खुद भागी-भागी आएगी, अशोक जी मुझे चोदो ! और अब तू मस्ती में आ जा मज़ा ले और मज़ा दे ! नीलम, और जल्दी आगे पीछे कर के चूस लौड़े को ! सुपारे की खाल को अपने मुँह से आगे पीछे करके चूस और अब गोलियाँ भी मुँह में ले ले ! ये गोलियां बेचारी न चूत और न गांड का मज़ा ले सकती हैं कम से कम इनको मुँह में लेकर तो चूस नीलम ! आह चूस ! और चूस ! बस मेरा निकलने वाला है ! और मैंने पूरा लंड उसके गले तक घुसेड़ दिया और अपने रस की पिचकारी नीलम के मुँह में छोड़ दी और जब तक नीलम ने पूरा रस पी नहीं लिया मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला। फिर लंड बाहर निकाल कर नीलम को कहा- अब जीभ से मेरे पूरे लंड को साफ कर ! और उसने लंड पर लगे वीर्य-रस को चाटा। फिर मैं सोफे पर बैठ गया और नीलम को अपनी गोद में बिठाया। गोद में बिठा कर उसको खूब प्यार किया, राजू को बोला- जाओ नौकर से बोलो कि खाना लगा दे ! और सुनो, नंगे ही जाना ! दो दिन तक यहाँ कोई भी कपड़े नहीं पहनेगा, सब नंगे ही रहेंगे। राजू नौकर के पास गया तब मैंने नीलम का मुँह हाथ में लेकर उसे प्यार करते हुए पूछा- नीलम, सच बताना ! तुम्हें मेरा लंड कैसा लगा और यही पूछने के लिए मैंने राजू को थोड़ी देर के लिए बाहर भेजा है। नीलम भी अब नशे में थी और मेरे लम्बे लंड का सरूर और राजू नहीं था तो उसने पहली बार मुझे चूम लिया और बोली- आपके लंड जितना लम्बा मोटा लंड तो भाग्यवान चूत को ही मिलता है ! लेकिन राजू के सामने मैं कैसे प्यार करूँ? आप कमरे में अकले मुझे चोदो ! बड़ा मज़ा आयेगा ! मैं बोला- नहीं ! राजू तो सामने ही रहेगा, और तुम देखना थोड़ी देर बाद अपने आप मज़े से चुदवाओगी, राजू की भी शर्म नहीं करोगी। यह मेरा दावा है। मुझे अपने लंड पर इतना भरोसा है। नीलम मेरे होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने-काटने लगी। मैं अपनी जीभ से उसकी जीभ को प्यार करने लगा। दोनों आलिंगन में चिपटे हुए एक दूसरे के शरीर में समाने की कोशिश कर रहे थे। राजू आया तो नीलम ने प्यार करना बंद कर दिया और यह जताने लगी कि जैसे मैं ही उसे प्यार कर रहा था, वो मज़बूरी में मेरी गोद में बैठी थी। नौकर खाना ले कर आया और वो तिरछी आँखों से नीलम के शरीर का मज़ा ले रहा था। मैंने उसको सोफे के समाने की मेज़ पर ही खाना लगाने को कहा। उसकी नज़र लगातार नीलम पर ही थी, वो ललचाई नज़रों से नीलम को मन ही मन चोद रहा था। पैंट में लंड उसका खड़ा हुआ साफ नज़र आ रहा था, मैं बोला- रामू, चुपचाप खाना लगा ! यह कोई रंडी नहीं है, राजू की बीबी है, यह तुझे चोदने को नहीं मिलेगी। अगर लौड़े में इतनी ही खुजली हो रही हो तो किसी रंडी को बुला कर चोद ले। इस प्राइवेट माल का सिर्फ में ही इस्तेमाल करूँगा। नौकर चला गया। मैंने नीलम को कहा- जब भी मैं यहाँ रंडी लाकर चोदता हूँ तब मुझे इस नौकर को भी रंडी चोदने के लिए देनी पड़ती है। नहीं तो यह मेरी बीबी को बोल देगा, इसका डर रहता है। लेकिन तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हें नौकर से नहीं चुदवाऊंगा। फिर हमने व्हिस्की के ग्लास भरे और मैंने नीलम को अपनी गोद में ही बिठा कर रखा। अपने ग्लास से उसे व्हिस्की पिलाई फिर उसको कहा कि वो अपने ग्लास से मुझे व्हिस्की पिलाये। उसने मेरी गर्दन के पीछे एक हाथ डाल कर पकड़ा और दूसरे हाथ से मुझे व्हिस्की पिलाई। व्हिस्की पिलाते समय उसकी मोटी मोटी कड़क चूचियां मेरी छाती में गड़ रही थी और मैं नीलम को जोर से पकड़ कर दबाने लगा। मैंने नीलम का एक हाथ पकड़ के अपने लंड पर रखा और कहा- जानी, जरा इसको भी खुश कर दो। नीलम ने पहली बार बड़े प्यार से मेरे लंड को पकड़ा और लंड से ऐसे खेलने लगी जैसे कोई छोटा बच्चा किसी खिलौने से खेल रहा हो। ऐसे हम दोनों एक दूसरे को व्हिस्की पिलाते रहे और मैं उसकी चूचियों को हाथों से, मुँह से मसलता रहा। जब उसकी चूत में उंगली डाली तो लगा उसकी चूत काफी गीली हो गई है। मैंने उंगली से उसकी चूत का रस बाहर निकल कर व्हिस्की के ग्लास में उंगली हिला कर मिला दिया, फिर उस व्हिस्की का टेस्ट ! वाह वाह ! मज़ा आ गया। मैंने नीलम की चूत में फिर उंगली डाल कर रस निकाला और राजू को अपनी उंगली चटाई- ले भड़वे ! चाट अपनी बीबी की चूत का रस ! और मैंने भी नीलम की चूत का रस चाटा। नीलम चूत के रस का स्वाद बड़ा मज़ेदार था।मैंने नीलम को गोद में आमने-सामने बैठने को कहा। वो मेरे ऊपर बैठी, अपनी टांगे मेरी गांड के पीछे करके मुझे कस के भींच कर बैठ गई। मैंने नीलम की चूत में लंड घुसेड़ दिया लेकिन लंड थोड़ा सा अन्दर जाते ही नीलम बोली- बस करो ! और मत डालो ! मेरी चूत फट जाएगी ! अब नीलम काफी नशे में थी और खुल कर बोलने लगी थी। मैंने उसे चूमना चालू किया और धीरे धीरे उसकी चूत में लंड को अन्दर घुसेड़ता रहा- मेरी रानी, डरो नहीं और मुझे प्यार करती रहोगी तो दर्द भी नहीं होगा। मैं तो आज पूरा लंड ही घुसेड़ूंगा। अगर तुम प्यार करती रहोगी तो तुम्हें दर्द के बदले मज़ा मिलेगा। मर्ज़ी तुम्हारी है तुम्हे क्या चाहिए। फिर नीलम ने राजू की शर्म छोड़ दी और मुझे कस के प्यार करने लगी और मैंने अपना पूरा दस इंच का मोटा लंड नीलम की चूत में डाल दिया। उसकी चूत राजू के छोटे पतले लंड से चुदी होने के कारण एक दम कड़क थी। कसम से ऐसा लग रहा था मैं उसकी सील तोड़ रहा हूँ। ऐसी चूत तो जिंदगी में अपनी बीवी के बाद किसी और की पहली बार चोदने को मिली। मैं नीचे था और नीलम मेरे ऊपर, मैंने उसके होंठ अपने होंठों में दबा रखे थे और उसको कहा कि जोर जोर से धक्के लगा कर चोदे। दस मिनट तक चोदने के बाद नीलम थक कर रुक गई। मैंने उसको अपनी गोदी में कस के पकड़ लिया और दोनों खड़े हो गए जिससे लंड चूत से बाहर ना आ जाये और फिर नीलम को सोफे पर लिटा कर में उसके ऊपर चढ़ गया और लगा धक्के मारने।
अब नीलम पूरी मस्ती में थी- अशोक जी चोद दो मुझे ! खूब चोद दो। आज आपके लंड से अलग ही मज़ा आ रहा है। राजू देख तेरी चूत आज फट कर भोसड़ा बन गई है। आजा तू भी पास में आ जा, अपना लंड मेरे मुँह में दे दे।
राजू ने अपना लंड नीलम के मुँह में दिया और वो उसे प्यार से चाटने लगी। मैं उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था- क्यूँ हरामी की औलादो ! करी है कभी ऐसी चुदाई? मादरचोदो, अकले चोदने से ज्यादा मज़ा दो-दो लंड के साथ आता है।
अगले दो दिन हम दोनों मिल कर नीलम की चूत बजाते रहे इस बीच उस को कपडे पहनने नहीं दिए और वह नंगी हे रही। फार्म हाउस का नौकर भी उस को नंगी देख लेता था
सोमवार की सुबह जब हम वहाँ से निकलने लगे तो वह नीलम को घूर रहा था इस पर नीलम बोली "काका क्या बात है " तुम्हे भी मजा लेना था क्या ? कोई बात नहीं मैं फिर आऊँगी तब आप की टिप का हिसाब कर दूंगी , मतलब साफ़ था नीलम जानती थी यह उस के लिए आखिरी बार नहीं है
Coll me.asmitpatil1990@gmail.com
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